एक पत्रकार की आत्मकथा
“जो झुका नहीं “
पुस्तक चर्चा
वरिष्ठ पत्रकार रामधनी द्विवेदी
केएम अग्रवाल ( कृष्ण मोहन अग्रवाल) मेरे मित्र हैं और इलाहाबाद (अब प्रयागराज) के अमृत प्रभात में हम लोगों ने साथ काम किया। अमृत प्रभात शुरू होने के पहले ही हम लोग वहां पहुंच गए थे। केएम अग्रवाल मुझसे कुछ दिन पहले पहुंच गए थे। चूंकि उन्हें रिपोर्टिंग करना था,इसलिए नए शहर को जानना जरूरी था।
केएम प्यारे व्यक्ति हैं और संबंधों को जीवित ही नहीं रखते, उसे निभाते भी हैं। पिछले दिनों दिल्ली अपनी बेटी के पास आए तो मेरे आवास पर भी आए, घंटों पुराने दिनों की बात हुई। अमृत प्रभात के निर्देशक, महाप्रबंधक और संपादक रहे केबी माथुर भी वैशाली में रहते हैं। उनदिनों कनाडा से लौटे थे। हम लोग उनके घर भी गए और वहां भी खूब चर्चा हुई। मेरे पुत्र राहुल की कविता की पुस्तक—मैं, तुम और ईश्वर- भी उन्हीं दिनों छप कर आई थी जिसे पढ कर केएम बहुत खुश हुए।
केएम अग्रवाल के पास जीवन का लंबा अनुभव है। वह लखनऊ, गोरखपुर, इलाहाबाद और गौहाटी में पत्रकारिता कर चुके हैं और इस समय अपने गृह नगर में व्यवसाय कर रहे हैं। अपने लंबे जीवन अनुभव को उन्होंने आत्मकथा के रूप में लिखा है जो – जो झुका नहीं — नाम से हाल में प्रकाशित हुई है।
पहले उन्होंने इसे घूमता आईना पोर्टल पर संस्मरण के रूप में लिखना शुरू किया और बाद में यह पुस्तकाकार रूप में आई।
इसका शीर्षक केएम अग्रवाल के स्वभाव को बताता है कि वह समझौता करने वाले नहीं हैं। उन्होंने गोरखपुर विवि में लैब असिस्टेंट की नौकरी शुरू की लेकिन वहां उनका टकराव हो गया । उन्हें तो पत्रकार बनना था तो वहां मन नहीं लगा और उसे छोड़ -हिंदी दैनिक- से शुरू कर स्वतंत्र भारत होते हुए इलाहाबाद पहुंचे। अमृत प्रभात में वह 11-12 साल ही रहे लेकिन पुस्तक का आधा हिस्सा अमृत प्रभात से ही जुड़ा है।
एक पत्रकार को क्या क्या झेलना होता है। उसके जीवन में किस तरह के लोग आते हैं। राजनीतिक लोगों के आपसी दाव-पेंच, निजी संबंध, जीवन को प्रभावित करने वाले लोग कैसे आते हैं और अपनी भूमिका निभा कर चले जाते हैं। यह सब इस पुस्तक में है। वह लिखते समय कुछ भी छिपाते नहीं और यही इस आत्मकथा की जान है। अपने संबंधों को लिखते समय कहीं-कहीं वह तल्ख होते लगते हैं लेकिन यह स्वाभाविक है।
नई दिल्ली के नमन प्रकाशन से प्रकाशित उनकी यह आत्मकथा पढ़ने लायक है। खास तौर से नए पत्रकारों को तो यह पुस्तक जरूर पढ़नी चाहिए।