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अंजित भटनागर की पुरस्कृत शॉर्ट फिल्म “काला जामुन”

अंजित भटनागर की “काला जामुन” फिल्म

पिता अपने बच्चों से कितना प्यार करता है, इसे नई पीढ़ी कभी समझ नहीं पाती है, यह शाश्वत सत्य है। बच्चों से मिलने वाली सारी खुशियां, मिठास और रिश्ते की गर्माहट सिर्फ मां के हिस्से में ही सिमट कर रह जाती हैं। यह हर युग की कहानी है, हर घर की कहानी है। पुरानी पीढ़ी अपनी आंखों के सामने ही अपने दिल के टुकड़े की आंखों से खुद को ओझल होता हुआ निःशब्द देखती ही रह जाती है। जैसे जैसे बच्चे बड़े होते जाते हैं, पिता न सिर्फ उनकी जिंदगी से दूर होता चला जाता है बल्कि तिरस्कृत होने लगता है। पिता का काम तो सिर्फ टूटते हुए रिश्तों को जोड़कर रखने की उसकी भरसक कोशिश तक ही सीमित रह जाता है। काला जामुन रसगुल्ले की तरह वह भीतर से तो नम्र होता है लेकिन संतान को सिर्फ उसका बाह्य आवरण ही दिखता है, बिल्कुल सख्त! उसकी यही छवि उसे उन तमाम सुखों से वंचित तो कर देती है लेकिन वह इन तिरस्कारों अपमानों के बीच भी अपनी संतान के होठों पर आई हल्की सी मुस्कुराहट को भी अपनी जीत मानकर संतुष्ट हो जाता है !

इसी भाव को केंद्र में रखकर अंजित भटनागर द्वारा निर्देशित “काला जामुन” नाम की लघु फिल्म जागरण फिल्म फेस्टिवल में देखने का सौभाग्य प्राप्त हुआ और आनंद आ गया। कसी हुई पटकथा के साथ मंझे हुए निर्देशन को देखकर कहीं से यह आभास तक नहीं हुआ कि यह निर्देशक के रूप में अंजित भटनागर की पहली लघु फिल्म है। अतुल श्रीवास्तव जैसे ख्यातिप्राप्त अनुभवी फिल्म स्टार को साधना अपने आप में बड़ी चुनौती थी जो अंजित भटनागर जैसे नए निर्देशक के लिए एक बड़ी उपलब्धि सदृश्य है। साथ में सपना संड और अरुष पटरेथा से भी कहानी की आत्मा के अनुरूप काम लेने में निर्देशक को सफलता मिली है। चूंकि मैं भी इस विधा से कुछ कुछ जुड़ा रहा हूं और कुछ वर्ष पूर्व शशि कपूर जी, रजा मुराद जी, बासु चटर्जी जी के साथ “इंटरनेशनल शॉर्ट फिल्म फेस्टिवल” में जूरी मेंबर बनने का सौभाग्य मिल चुका है और इस दौरान देश विदेश की करीब सवा सौ लघु फिल्में भी देखने और जज करने को मिलीं, इसलिए मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि यह फिल्म विश्व स्तर की फिल्म है। अंजित भटनागर ने रमेश सिप्पी, कपिल शर्मा, गुरदास मान, अनामिका हक्सर जैसे अनेक बड़े निर्माता निर्देशकों के साथ काम किया है। गुल्लक और हॉस्टल डेज जैसे लोकप्रिय और चर्चित सीरियल बनाने वाली ओटीटी प्लेटफार्म की सबसे बड़ी कम्पनी द वायरल फीवर (टीवीएफ) में एसोसिएट डायरेक्टर के रूप में भी काम किया है।

इतने प्रोडक्शन हाउसेज से जुड़े होने के बाद भी इसके इतर एक फिल्म का निर्देशन कर उसे अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोहों में पुरस्कृत करा लेना, उनके सुनहरे भविष्य की ओर एक बड़ा कदम माना जाएगा। विशेषकर वरिष्ठ पत्रकार डॉक्टर प्रदीप भटनागर और श्रीमती कल्पना सहाय जी के पुत्र होने के कारण उनकी उपलब्धियां देखकर सीना चौड़ा हो जाता है कि आने वाले दिनों में प्रयागराज से एक नए सितारे का बॉलीवुड की आकाश गंगा में स्थान निश्चित हो गया है। अंजित भटनागर के उज्ज्वल भविष्य की ढेर सारी शुभकामनाएं!!!
Sneh Madhur
#Anjitbhatnagar #Kaalajamun #अंजितभटनागर #काला जामुन 2024-12-20
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