प्रयागराज।
7 नवम्बर दिन शनिवार को शहर के वरिष्ठ कवि मुकुल मतवाला के आवास पर दीपावली पर्व पर आधारित डा. राज कुमार की अध्यक्षता में एक काव्यगोष्ठी का आयोजन किया गया।
इस काव्यगोष्ठी के मुख्य अतिथि दया शंकर पाण्डेय और विशिष्ट अतिथि गिरीश श्रीवास्तव थे। काव्यगोष्ठी का शुभारंभ माँ सरस्वती को मालार्पण और दीप प्रज्ज्वलित करके दया शंकर पाण्डेय की वाणी वंदना से हुआ ।
इस अवसर पर शहर के नामचीन कवि, शायर एवं कवयित्रियों ने अपनी सुंदर सुंदर रचनाओं कें द्वारा आयोजन में रंग जमा दिया जिसमें उमेश श्रीवास्तव ने पढ़ा मै उस जनपद का कवि हूँ जहाँ पंथ निराला रहते है, जहाँ सुभद्रा और महादेवी का गान रहा.… तलब जौनपुरी ने पढ़ा जज्बात जो रुठे है उनको मनाना क्या…महक जौनपुरी ने पढ़ा रास आई है मुझे खूब यह संगम नगरी, क्योंकि की तरह प्यार तेरा लगता है।…और मुकुल मतवाला ने पढ़ा ज्ञानई अमर प्रकाशा रे बंदे ज्ञानई अमर प्रकाशा ।
इस काव्यगोष्ठी में तलब जौनपुरी, देवेश सत्याशुं, कमल नारायण शुक्ला, कैलाश नाथ पाण्डेय, के के गिरि,, मोनिका गुप्ता, उमेश श्रीवास्तव एवं महक जौनपुरी आदि मुख्य थे।