प्रयागराज ।
शहर समता विचार मंच के तत्वावधान में दिन गुरुवार 26 नवम्बर को शाम 4 बजे से आनलाइन काव्यगोष्ठी का आयोजन रुड़की के वरिष्ठ साहित्यकार नरेश राजवंशी की अध्यक्षता में और डा. नीलिमा मिश्रा के कुशल संचालन में सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ जिसका संयोजन रचना सक्सेना ने किया ।
इस काव्यगोष्ठी के मुख्य अतिथि अशोक स्नेही और विशिष्ट अतिथि कविता उपाध्याय थी । कार्यक्रम का शुभारंभ माँ सरस्वती को मालार्पण और दीप प्रज्ज्वलित करते हुऐ रचना सक्सेना की वाणी वंदना से हुआ ।
इस काव्यगोष्ठी में नरेश राजवंशी ने पढ़ा जन्नत में फरिश्तों की गवाही याद आती है मन्नत में जीवन की उगाही याद आती है… अशोक स्नेही नें चूमकर रात भर दीप जलता रहा.. कविता उपाध्याय ने देखो सखी मधुमास आया… ऋतन्धरा मिश्रा ने जिसको खुशी से जन्में उसी को खुशी में भाऐ नीलिमा मिश्रा ने निमंत्रण प्रीत का पाकर उसे स्वीकार करता, सुमन की बाह में आकर भ्रमर गुंजार करता है रचना सक्सेना ने कारवां गुजर गया निशानी रह गयी अब तो बस पास में कहानी रह गयी… उमेश श्रीवास्तव ने पास दर्पण है आप स्वयं देखिये… डा. रवि मिश्रा ने बहुत ही इत्मिनान से उसने मेरी नम आँखों में अपनी चमकती आँख रख दी… जया मोहन ने तेरे आने की खबर आई… मीरा सिन्हा नें देखकर नगर में दियों का प्रकाश… अभिषेक केसरवानी ने नही तुमसे कोई शिकवा न ही शिकायत है.. देवी प्रसाद पाण्डेय ने चंदन सा शीतल मन लेकर द्वार तुम्हारे आऊँ, आदि पढ़कर काव्यगोष्ठी को समृद्ध बनाया।
आभार ज्ञापन रचना सक्सेना ने किया।