Home / Slider / Know Your Judge: “कम शब्दों में मुकदमे के बिन्दु न्यायालय के सामने रखें”

Know Your Judge: “कम शब्दों में मुकदमे के बिन्दु न्यायालय के सामने रखें”

प्रयागराज ।

पूर्व निर्धारित कार्यक्रमानुसार आज दिनांक 20.03.2025 (बृहस्पतिवार) को सायंकाल 04:00 बजे हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के ऐतिहासिक लाइब्रेरी हाल में “Know Your Judge” श्रृंखला की अगली कड़ी में सम्पन्न हुए कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में माननीय न्यायमूर्ति श्री मंजीव शुक्ला जी उपस्थित रहे।

उक्त कार्यक्रम में हाईकोर्ट बार एसोसिएशन, इलाहाबाद के अध्यक्ष श्री अनिल तिवारी, सीनियर एडवोकेट की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ, जिसका संचालन महासचिव, श्री विक्रान्त पाण्डेय एवं उपाध्यक्ष श्री सुभाष चन्द्र यादव द्वारा संयुक्त रूप से किया गया।

कार्यक्रम के आरम्भ में मुख्य अतिथि, मा० न्यायमूर्ति श्री मंजीव शुक्ला जी को हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री अनिल तिवारी, सीनियर एडवोकेट, महासचिव श्री विक्रान्त पाण्डेय सहित समस्त पदाधिकारियों द्वारा संयुक्त रूप से माल्यार्पण, पुष्पगुच्छ व स्मृति चिन्ह भेंटकर स्वागत व अभिनन्दन किया गया।

महासचिव श्री विक्रान्त पाण्डेय ने माननीय मुख्य अतिथि का आभार एवं कार्यकारिणी के सभी पदाधिकारियों एवं कार्यक्रम में उपस्थित सभी अधिवक्ताओं का धन्यवाद प्रकट करते हुए कहा कि “Know Your Judge” श्रृंखला कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य यह है कि एक अधिवक्ता को किस प्रकार से तैयारी करके माननीय न्यायालय के समक्ष बहस हेतु उपस्थित होना चाहिए। मुझे आशा ही नही बल्कि पूर्ण विश्वास है कि आज माननीय मुख्य अतिथि माननीय न्यायमूर्ति श्री मंजीव शुक्ला जी इस बारे में अपना विचार रखेगें, जो हम लोगों को कुछ न कुछ आत्मसात करने का अवसर है।

मुख्य अतिथि माननीय न्यायमूर्ति श्री मंजीव शुक्ला जी ने कार्यकारिणी के सभी पदाधिकारियों एवं कार्यक्रम में उपस्थित सभी अधिवक्ताओं का धन्यवाद प्रकट करते हुए अपने उ‌द्बोधन में कहा कि इस कार्यक्रम में आने का अवसर प्राप्त हुआ, मुझे अत्यधिक प्रसन्नता हो रही है। न्यायिक कार्य के सम्पादन में कभी-कभी न्यायमूर्ति का उत्तेजित / चिड़चिड़ाहट होना स्वाभाविक है लेकिन वह कुछ क्षणों के ही होता है।

उन्होनें जूनियर अधिवक्ताओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि न्यायिक कार्य सम्पादित करने के दौरान एक न्यायमूर्ति के कई बार एक ही बात को पूछने के तात्पर्य को समझना जरूरी है। उन्होंने विशेष रूप से कहा कि आप चैम्बर अवश्य जायें, मुकदमें के बिन्दुओं के बारे में अपने सीनियर से अवश्य पूछे, इससे कुछ न कुछ बिन्दु ऐसे सामने आयेंगें जिससे आपको उस मुकदमें में सफलता हासिल होने में सुगमता होगी। बहस के प्रारम्भ में ही सबसे पहले कम शब्दों में मुकदमें के बिन्दु न्यायालय के सामने अवश्य रखें, जो बहुत ही महत्वपूर्ण है।

उन्होंने आगे कहा कि आपको Drafting का विशेष ध्यान रखना चाहिए। Date & Events के ऊपर कम से कम दो पैराग्राफ में मुकदमें का सार अवश्य लिखना चाहिए, इससे न्यायमूर्ति को काफी सुगमता होती है और न्यायालय का समय भी अनावश्यक रूप बर्बाद नहीं होता। कभी-कभी अच्छी Drafting न होने की वजह से भी एक अच्छा आदेश आपके हाथ से चला जाता है। मेरे हिसाब वैसे प्रत्येक अधिवक्ता विद्धान होता है, इसमें किसी प्रकार का संदेह नही होना चाहिए।

कार्यक्रम के अंत में वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री राजेश खरे द्वारा माननीय मुख्य अतिथि व उपस्थित सभी सम्मानित अधिवक्तागण का आभार / धन्यवाद प्रकट करते हुए कार्यक्रम के समापन की घोषणा की।

उक्त अवसर पर सर्वश्री अग्निहोत्री कुमार त्रिपाठी, अखिलेश कुमार मिश्र, सुभाष चन्द्र यादव, नीरज त्रिपाठी, श्रीमती नीलम शुक्ला (उपाध्यक्षगण), सुमित कुमार श्रीवास्तव (संयुक्त सचिव, प्रशासन), अभिजीत कुमार पाण्डेय (संयुक्त सचिव लाइब्रेरी), पुनीत कुमार शुक्ला (संयुक्त सचिव प्रेस), ऑचल ओझा (संयुक्त सचिव, महिला), रण विजय सिंह (कोषाध्यक्ष), कु० मनीषा सिंह, अवधेश कुमार मिश्र, अभिषेक तिवारी, सच्चिदानन्द यादव, सर्वेश्वर लाल श्रीवास्तव, वेद प्रकाश ओझा (कार्यकारिणी सदस्यगण) तथा सर्वश्री राम श्याम शंकर पाण्डेय, नितेश कुमार पाण्डेय, आचार्य राजेश त्रिपाठी, उमाशंकर मिश्र, राय साहब यादव सहित बड़ी संख्या में अधिवक्तागण उपस्थित रहे।

(पुनीत कुमार शुक्ला)

Check Also

अंबेडकर नगर निवासी राजेश यादव की गिरफ्तारी पर रोक

श्री बी डी निषाद अधिवक्ता उच्च न्यायालय इलाहाबाद प्रयागराज अंबेडकर नगर निवासी राजेश यादव की ...