जरूरतमंदों के बच्चे भी अब करेंगे पढ़ाई-लिखाई
कमिश्नरेट पुलिस द्वारा बुक बैंक खोलने की तैयारी
जनता से संवाद कर आर्थिक तंगी से गुजर लोगों को मदद दिलाएगी पुलिस
ए अहमद सौदागर
लखनऊ।
कमिश्नरेट पुलिस अब सिर्फ घटनाओं की रिपोर्ट दर्ज करके बदमाशों की धरपकड़ ही नहीं करेगी, बल्कि आर्थिक तंगी से गुजर रहे लोगों के बच्चों की पढ़ाई-लिखाई के लिए बुक बैंक भी खोलेगी, ताकि उनका भविष्य संवर जाए।
बच्चों को संभलने के निशुल्क पुस्तकें दिलाएगी।
आर्थिक तंगी से जूझ रहे लोगों को वस्त्र से लेकर उनके बच्चों को पढ़ाई-लिखाई के लिए दर-दर भटकना नहीं पड़ेगा। कमिश्नरेट पुलिस उसे सही दिशा और शिक्षा का लाभ दिलाएगी।
नागरिकों का विश्वास जीतने के लिए कमिश्नरेट पुलिस का नया जल्द सामने आने वाला है। फिलहाल आर्थिक तंगी से गुजर रहे जरूरतमंदों के बच्चों की सूची तैयार की जा रही है।
जो लोग मेहनत-मजदूरी करके परिवार का किसी तरह जीवनयापन तो कर लेते हैं, लेकिन अपने बच्चों को शिक्षा देने में असमर्थ हैं इनकी मदद और पढ़ाई-लिखाई के लिए पुलिस लाइन में पुलिस वस्त्र सेवा की तरह अब बुक बैंक भी खुलेगा।
किसी तरह परिवार का जीवन यापन करने वाले आदमी को अपने बच्चों को पढ़ाने और लिखाने को कोई रास्ता नजर नहीं आता। उसे दूसरों के आगे हाथ फैलाने पड़ते हैं। किसी से कर्ज लेने को मजबूर होना पड़ता है या फिर मायूस होकर अन्दर ही अन्दर सिसकियां भर रहे होते।
हालात का मारा शख्स किसी को अपना दुखड़ा सुनाने में झिझक जाता है।
उसे सबसे अधिक फिक्र इसकी होती है कि खुद का और बच्चों का किसी तरह पेट तो भर देता है लेकिन बच्चों की शिक्षा के लिए मायूस होकर रह जाता है।
यही नहीं जरूरतमंदों के लिए अनेक सरकारी योजनाओं का लाभ भी उसे नहीं मिल पाता।
कहावत नहीं बल्कि हकीकत है कि जिसका कोई नहीं उसका तो ख़ुदा है यारो,,, शायद इस पंक्तियों के बारे में भले न कोई सोचा होगा, कमिश्नरेट पुलिस की नजर आर्थिक तंगी से जूझ रहे लोगों पर पहुंची और उनकी मदद हाथ बढ़ाने की तैयारी शुरू कर दी है।
पुलिस आयुक्त कानून व्यवस्था नवीन अरोरा के मुताबिक जिस तरह से पुलिस लाइन में पुलिस वस्त्र सेवा खोला गया है ठीक उसी तरह जो परिवार अपने बच्चों को शिक्षा दिलाने में असमर्थ हैं उनकी पढ़ाई-लिखाई के पुलिस लाइन में बुक बैंक खोलने की तैयारी की जा रही है।
इस पहल में पुलिसकर्मी तो मददगार बनेंगे साथ ही सक्षम नागरिकों की मदद लेने के प्रयास किए जाएंगे।
संयुक्त पुलिस आयुक्त कानून व्यवस्था नवीन अरोरा ने नागरिकों का विश्वास जीतने के लिए मातहतों को आर्थिक तंगी से जूझ रहे लोगों को हरसंभव मदद दिलाने के लिए आदेश दिए हैं।
असमर्थ लोगों को राहत
संयुक्त पुलिस आयुक्त कानून व्यवस्था नवीन अरोरा ने सभी थाना प्रभारियों को आर्थिक तंगी से गुजर रहे जो लोग अपने बच्चों को शिक्षा दिलाने में असमर्थ हैं उनकी सूची तैयार करने के आदेश दिए हैं। साथ ही अपने-अपने क्षेत्रों में उन दानदाताओं से मिले जो गरीब बच्चों की पढ़ाई-लिखाई के लिए पुलिस के इस सराहनीय कार्य में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें।
बहू-बेटियो की सुरक्षा के लिए इस पहल के पहल के तहत उन्हें हिम्मत दिलाई जाएगी कि आप कमजोर नहीं हैं कमिश्नरेट पुलिस आप के साथ है। यही नहीं शोहदों और अपराधियों से निपटने के उन्हें कराटे भी सिखाया जायेगा, ताकि वे अपराधियों को कायदे से सबक सिखाने में कामयाब रहेंगी।