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#MahaKumbh: महाकुंभ के वैविध्य पर व्याख्यान

“महाकुंभ में नदियां हैं, कथाएं हैं, मिथक हैं, अनुष्ठान हैं, संस्कार हैं और सरोकार हैं”

प्रयागराज

कुंभ हमारी रगों में बहती उस सामाजिक, सांस्कृतिक, अनुष्ठानिक चेतनाओं का पर्याय है, जो हमें निरंतर बनाने और मांजने का काम करती हैं। सच तो यह भी है कि हम इन्हीं चेतनाओं के सहारे अपने जीवन प्रवाह को निरंतरता देने में सफल हो पाते हैं। यह अनायास नहीं है कि हमारी सभ्यता के मूल मंत्र ‘वसुधैव कुटुंबकम’ को चरितार्थ करने वाला कुंभ मेला हर बार ढेर सारी स्मृतियां देकर जाता है। हम इन्हीं स्मृतियों के सहारे अगले बारह बरस निभाते हैं।

यह बात वरिष्ठ मीडिया विशेषज्ञ और भारत में कुंभ पुस्तक के लेखक डॉ. धनंजय चोपड़ा ने कही। डॉ. चोपड़ा इंडियन वाटर वर्क्स एसोसिएशन, इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स, कम्प्यूटर सोसायटी ऑफ इंडिया और इलाहाबाद मैनेजमेंट एसोसिएशन की प्रयागराज इकाइयों द्वारा मोतीलाल नेहरू नेशनल इंस्टीट्यूट ऑइ टेक्नोलॉजी में आयोजित सेमिनार में महाकुंभ के वैविध्य पर व्याख्यान दे रहे थे।

डॉ. चोपड़ा ने कहा कि कुंभ मेले सदियों से अनवरत चली आ रही उस सांस्कृतिक यात्रा के पड़ाव हैं, जिसमें नदियां हैं, कथाएं हैं, मिथक हैं, अनुष्ठान हैं, संस्कार हैं, सरोकार हैं और शामिल हैं हमारी अनगिनत आध्यात्मिक और सामाजिक चेतनाएं, जिनके बलबूते हम अपनी परंपराओं को बखूबी निभाते हुए अपनी बनावट और मंजावट करते आए हैं।

उन्होंने कहा कि आज जब हम आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स और चिप कम्युनिकेशन जैसी तकनीकियों की गिरफ्त में आते जा रहे हैं, तब अपनी प्रकृति, अपनी संस्कृति, अपनी परंपराओं और अपनों के साथ नातेदारी बनाने को प्रेरित करते कुंभ मेले बहुत जरूरी जान पड़ते हैं। डॉ. चोपड़ा ने कुंभ से जुड़ी स्मृतियों को आंखों देखे हाल की तर्ज पर सुनाया। उन्होंने कहा कि बतौर पत्रकार मैंने 1989 से लेकर अब तक सभी अर्ध कुंभ, जिसे अब कुंभ कहते हैं और पूर्ण कुंभ, जिसे अब महाकुंभ कहते हैं, की कवरेज की है। इसी लिए मैं पूरे विश्वास के साथ कहता हूं कि कुंभ मेरी रगों में बहता है।

प्रारंभ में महाकुंभ में बीएसएनएल द्वारा की गई व्यवस्थाओं और उपभोक्ताओं को मिल रही फोन सुविधाओं के संबंध में बीएसएनएल यूपी ईस्ट के महाप्रबंधक इंजीनियर विनीत वर्मा ने बहुत ही विस्तार से बताया। उन्होंने कश्मीर में जी20 समिट और अयोध्या में राम मंदिर की स्थापना के समय की गई व्यवस्थाओं का संदर्भ लेते हुए बताया कि यह पहली बार हो रहा है कि बीएसएनएल इतने बड़े क्षेत्र में बेहतर फोन सुविधा उपलब्ध करा रहा है। उन्होंने संचार सुविधाओं को उपलब्ध कराने में शामिल होने वाली तकनीकियों को बहुत ही सहजता से समझाने का प्रयास किया। प्रश्न उत्तर सत्र में लोगों के पूछे प्रश्नों का सटीक जवाब विशेषज्ञों ने दिया ।

इस अवसर पर सभी आयोजक संस्थाओं के पदाधिकारी और सदस्य उपस्थित थे। इनमें प्रमुख रूप से डॉ. अवनीश कुमार दुबे, ओपी गोयल, डॉ राजीव मंगर , रत्नेश दीक्षित, ज्ञानू जी श्रीवास्तव, राजीव माहेश्वरी प्रमुख हैं। कार्यक्रम का संचालन इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन के सचिन इअपूर्व आगा ने तथा आभार ज्ञापन उपाध्यक्ष डॉ. शान्ति चौधरी ने किया। व्याख्यान में बड़ी संख्या में एमएनआईटी के प्रोफेसर एवं विद्यार्थी भी उपस्थित थे।


*खाना बनाते समय छोटे सिलेंडर से लगी आग*
*तीन सिलेंडरों ने सबकुछ किया खाक, सौ से अधिक कॉटेज राख*
*करोड़ से अधिक की संपत्ति जल का राख*
प्रयागराज।

महाकुंभ में मेले के सातवें दिन रविवार की शाम लगभग सवा चार बजे सेक्टर नंबर 19 में गीता प्रेस के शिविर में खाना बनाते समय छोटे सिलेंडर में रिसाव के बाद आग लगी। इसके बाद एक-एक कर तीन सिलेंडरों में ब्लॉस्ट से आग ने विकराल रूप लिया और कल्पवासियों के पूस के बने सौ से अधिक कॉटेज जलकर राख हो गए। फायर ब्रिगेड व एनडीआरएफ की टीम लगभग एक घंटे तक अथक प्रयास कर आग बुझाने में सफल हुईं। आग से कल्पवासियों का सारा सामान भी जलकर पूरी तरह नष्ट हो गया। आग लगने से लगभक एक करोड़ से अधिक की संपत्ति के नुकसान का अनुमान लगाया गया है। मेला क्षेत्र में रविवार को स्नानार्थियों की भीड़ अधिक होने की वजह से फायर ब्रिगेड की गाड़ियां जाम में फंसने की वजह से देर से पहुंच सकी। राहत की बात यही है कि आग से को हताहत नहीं हुआ है।
मेला क्षेत्र के सेक्टर नंबर 19 रेलवे ब्रिज के नीचे गंगा किनारे गीता प्रेस का शिविर लगा था। इसमें लगभग एक सौ से अधिक कॉटेज में कल्पवासी ठहरते हुए थे। रविवार शाम लगभग सवा चार बजे एक कॉटेज में खाना बनाते समय गैस सिलेंडर लीकेज होने से आग लग गई। कॉटेज से अचानक आग की लपटें व धुंआ निकला देख खलबली मच गई। कॉटेज में ठहरे लोग भाग खड़े हुए। सूचना पर जब तक फायर ब्रिगेड पहुंचती, तब तक आग विकराल होकर पूरे शिविर में लग चुकी थी।
इसके बाद अंदर रखे गैस के सिलेंडर तेज आवाज के साथ एक के बाद एक फटने लगे। कुल तीन सिलेंडरों के फटने की आवाजें सुनी गईं। लगभग 40 से अधिक दमकल की गाड़ियों के साथ फायर ब्रिगेड व एनडीआरएफ की टीम आग बुझाने में जुट गई। करीब एक घंटे की कोशिश की बाद आग पर काबू पा लिया गया लेकिन आग बुझने के बाद भी घंटों धुंआ उठता रहा। राहत टीमें देर शाम तक रेस्क्यू में जुटी रहीं।

*भय और दहशत का रहा माहौल, लोग कैंपों से लेकर भागे सिलेंडर*

मेला क्षेत्र में रविवार शाम लगभग सवा चार बजे हुए अग्निकांड के बाद भय और दहशत दिखाई दी। जैसे ही सिलेंडर फटा दूसरे शिविर से लोग रसोई गैस सिलेंडर और गृहस्थी का सामान लेकर बाहर भागते दिखे। हर चेहरे पर ऐसी दहशत दिखी मानों अभी न निकले तो जान चली जाएगी। इसी बीच एक के बाद एक तीन सिलेंडर में विस्फोट हुआ तो दहशत के साथ चीख पुकार और अधिक सुनाई देने लगी।

गीता प्रेस के शिविर में लगी आग चंद मिनटों में आगे बढ़ने लगी। एक के बाद दूसरे शिविर में आग पहुंची तो तुलसी मार्ग पर हाहाकार मचने लगा।

निर्मल आश्रम प्रयागराज, विवेकानंद सेवा समिति शिविर में आग तेजी से फैलने लगी। अंदर मौजूद श्रद्धालुओं ने सबसे पहले सिलेंडर उठाया और सामने तुलसी मार्ग पर फेंकने लगे। मौके पर भीड़ लगी तो नागा साधुओं ने उन्हें हटाने का काम शुरू किया। इस बीच आग इतनी तेजी से फैली कि उसकी तपिश सड़क पर खड़े लोग महसूस करने लगे। सड़क बहुत चौड़ी नहीं थी, ऐसे में तमाम लोग भागते हुए एक-दूसरे पर गिर जा रहे थे।

किसी प्रकार से राहगीरों ने उन्हें खींचा और बाहर निकाला। एक के बाद एक कई फायर ब्रिगेड की गाड़ियां आईं, लेकिन भीड़ के कारण उन्हें भी आने में परेशानी हो रही थी। इसी बीच मौजूद पुलिस बल ने सभी को पीछे किया। फायर कर्मियों, बीएसएफ जवानों, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम पहुंची। आग पीछे के शिविर में थी। अंदर टिन घेरा होने के कारण दूसरी ओर जाना संभव नहीं था। इसी बीच राहत कर्मियों ने टिन घेरे को गिरा दिया जिससे अग्निशमन उपकरण दूसरी ओर ले गए और आग को काबू किया जा सका।

*मुख्यमंत्री ने घटनास्थल पहुंचकर लिया जायजा*

मेला क्षेत्र में आग लगने की सूचना पर मुख्यमंत्री भी काफिले के साथ घटनास्थल पर पहुंच गए। उन्होंने मेला व पुलिस प्रशासन के अलावा फायर ब्रिगेड के अधिकारियों से घटना की जानकारी ली। साथ ही त्वरित राहत कार्य करने का निर्देश दिया।
उन्होंने मेला क्षेत्र में आग व आपदा से बचाव के हर इंतजाम करने का आदेश दिया। ताकि सुरक्षित महाकुम्भ में श्रद्धालुओं को किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़े। इस मौके पर डीआईजी वैभव कृष्ण, मेलाधिकारी विजय किरण, एसएसपी राजेश द्विवेदी, फायर डिप्टी डायरेक्टर अमन शर्मा, ओएसडी आकांक्षा राणा आदि मौजूद रहे।

*गीता प्रेस के ट्रस्टी ने कहा- बगल के कैंप से आई चिंगारी*

गीता प्रेस के ट्रस्टी कृष्ण कुमार खेमका ने बताया कि लगभग 180 कॉटेज बने हुए थे। हमने बहुत सावधानी से बनाया। सभी को मना किया गया कि किसी प्रकार का अग्नि का कोई काम ना करें। जहां हमने सीमा बनाई उसके पार सर्कुलेटिव एरिया घोषित की गई थी। पता नहीं प्रशासन ने वे जगह किसे दी… उस तरफ से अग्नि की कोई चीज हमारे तरफ आई और आग फैल गई। हमारा कुछ नहीं बचा सब खत्म हो गया। हमारी रसोई टीन शेड की थी, पक्की थी।

*150 महिलाएं बनीं नागा संन्यासिनी*
*जूना अखाड़ा में लिया विधि-विधान से संन्यास*
*सफेद वस्त्र धारण करवाकर गंगा स्नान कराया*

घर-परिवार का त्याग करके लगभग 150 महिलाओं ने संन्यास का मार्ग पकड़ लिया है। श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा से जुड़कर विधि-विधान से संन्यास की प्रक्रिया पूर्ण की।
श्री दशनामी संन्यासिनी जूना अखाड़ा में रविवार की भोर में स्नान किया। इसके बाद उनका मुंडन हुआ। मुंडन के बाद सफेद वस्त्र धारण करवाकर गंगा स्नान कराया। फिर पिंडदान किया। पिंडदान के बाद सबको संस्कारित करके नया नाम दिया गया।
अखाड़ों में महिलाओं को संन्यास देने की प्रक्रिया अत्यंत कठिन है।
ऐसा नहीं है कि कोई सीधे आकर संन्यासी बन जाए। अखाड़ा में संपर्क करने पर संबंधित महिला के घर-परिवार, पढ़ाई, काम- काज व चारित्र की जांच कराई जाती है। जांच अखाड़े के पंच परमेश्वर के निर्देश पर गुप्त रूप से किया जाता है। हर पक्ष में खरा उतरने पर अखाड़े के महिला आश्रम में रखा जाता है।
वहीं, कुछ को उन मंदिरों में रखा जाता है जिसकी महंत महिला होती हैं। वहां रहकर भजन- पूजन में लीन रहती हैं। पुरुषों की तरह महिलाओं को पहले नागा बनाया जाता है। नागा बनने वाली महिलाओं ने सुबह मंत्रोच्चार के बीच गंगा में 108 बार बिना रुके गंगा में डुबकी लगायी। फिर पिंडदान करके पूर्व के समस्त रिश्ते-नातों से संबंध समाप्त कर लिया। अखाड़े के धर्मध्वजा के नीचे विजया हवन किया। फिर नागा बनने की विधिवत दीक्षा ली।
अब नाम के अलावा उन्हें माई, अवधूतानी, संन्यासिनी अथवा साध्वी कहा जाएगा। पुरुषों की तरह जो महिला नागा दिगंबर (निर्वस्त्र) रहती हैं, उन्हें समाज से दूर रखा जाता है। ऐसी संन्यासिनी गुफाओं व कंदराओं में सिर्फ महिलाओं के साथ रहती हैं। वहीं, अधिकतर संन्यासिनी शरीर में बिना सिला सिर्फ एक वस्त्र धारण करती हैं, जिसे गंती कहते हैं। उसका रंग भगवा अथवा सफेद होता है।

 

*कड़ाके की ठंड के बावजूद श्रद्धालुओं, स्नानार्थियों के जोश और उत्साह में नहीं दिख रही कोई कमी*

16 जनवरी, महाकुम्भ नगर।

मां गंगा, मां यमुना और अदृश्य मां सरस्वती के पवित्र संगम में श्रद्धा और आस्था से ओत-प्रोत साधु-संतो, श्रद्धालुओं, कल्पवासियों, स्नानार्थियों और गृहस्थों का स्नान नए रिकॉर्ड स्थापित कर रहा है। 11 जनवरी से 16 जनवरी के बीच महज 6 दिनों के अंदर अब तक 7 करोड़ से ज्यादा लोगों ने संगम त्रिवेणी में आस्था की डुबकी लगा ली है। गुरुवार को ही 30 लाख से ज्यादा लोगों ने संगम में पवित्र स्नान कर पुण्य फल की प्राप्ति की। उल्लेखनीय है कि योगी सरकार का अनुमान है कि इस बार महाकुम्भ में 45 करोड़ लोगों से ज्यादा लोग आने वाले हैं। महाकुम्भ की शुरुआत में ही 7 करोड़ स्नानार्थियों की संख्या इसी ओर इशारा कर रही है।

*महाकुम्भ में देखने को मिल रही विविध संस्कृतियों की झलक*

प्रयागराज में कड़ाके की ठंड के बावजूद श्रद्धालुओं / स्नानार्थियों के जोश और उत्साह में कोई कमी नहीं दिख रही है। पूरे देश और दुनिया से पवित्र त्रिवेणी में श्रद्धा और आस्था के साथ डुबकी लगाकर पुण्य प्राप्त करने के लिए श्रद्धालु प्रतिदिन लाखों की संख्या में प्रयागराज पहुंच रहे हैं। गुरुवार को ही शाम 6 बजे तक प्राप्त जानकारी के अनुसार 30 लाख से ज्यादा लोगों ने त्रिवेणी संगम में स्नान कर लिया। इसमें 10 लाख कल्पवासियों के साथ-साथ देश विदेश से आए श्रद्धालु एवं साधु-संत शामिल रहे। पूरे महाकुम्भ मेला क्षेत्र में भक्तों का तांता लगा रहा। देश के विभिन्न प्रान्तो से आए स्नानार्थियों, श्रद्धालुओं और विश्व के अनेक देशों से आए श्रद्धालुओं ने पवित्र संगम में स्नान किया। पूरे देश की विविध संस्कृतियों की झलक महाकुम्भनगर में देखने को मिल रही है।

*11 जनवरी से 16 जनवरी तक बना स्नानार्थियों का रिकॉर्ड*

यदि अब तक के कुल स्नानार्थियों की संख्या का विश्लेषण करें तो 11 जनवरी से लेकर 16 जनवरी तक अब तक 7 करोड़ से ज्यादा लोग संगम में आस्था की डुबकी लगा चुके हैं। महाकुम्भ से पहले 11 जनवरी को लगभग 45 लाख लोगों ने स्नान किया तो वहीं 12 जनवरी को 65 लाख लोगों के स्नान करने का रिकॉर्ड दर्ज हुआ। इस तरह महाकुम्भ से दो दिन पहले ही एक करोड़ से ज्यादा लोगों ने स्नान का रिकॉर्ड दर्ज कर लिया। वहीं महाकुम्भ के पहले दिन पौष पूर्णिमा के स्नान पर्व पर 1.70 करोड़ लोगों ने स्नान कर रिकॉर्ड बनाया तो अगले दिन 14 जनवरी को मकर संक्रांति अमृत स्नान के अवसर पर 3.50 करोड़ लोगों ने संगम में श्रद्धा के साथ डुबकी लगाई। इस तरह, महाकुम्भ के पहले दो दिनों में 5.20 करोड़ से ज्यादा लोगों ने आस्था की डुबकी लगाई। इसके अलावा, 15 जनवरी को महाकुम्भ के तीसरे दिन 40 लाख और 16 जनवरी को शाम 6 बजे तक 30 लाख लोगों ने संगम स्नान किया। इस तरह, स्नानार्थियों की संख्या ने 7 करोड़ की संख्या को पार कर लिया।

महाकुंभ के अंतर्गत आज मकर संक्रांति की शुभ तिथि को त्रिवेणी संगम तट पर पवित्र स्नान करने पहुंचा अपार जनसमूह

Pratham Amrit Snan began: A Divine Beginning

The Pratham Amrit Snan, the sacred royal bath marking the commencement of the world’s largest spiritual gathering, begins with the grand arrival of the Naga Sadhus and saints of Shree Panchayati Akhada Mahanirvani and Atal Akhada. Their majestic royal procession sets the tone for the spiritual spectacle.

महाकुंभ पहुंची मुस्लिम महिला!

मुस्लिम बहुल देश तुर्की की महिला ने महाकुंभ में किया स्नान

महाकुंभ 2025 की शुरुआत आज से हो गई है, विदेश से भी लोग प्रयागराज पहुंच रहे हैं।

इस बार तुर्की की निवासी पिनार ने भी महाकुंभ में हिस्सा लिया और भारतीय संस्कृति तथा परंपराओं से खुद को परिचित किया।

पिनार ने संगम में स्नान किया, तिलक लगाया।

पिनार ने बताया कि उन्होंने महाकुंभ के बारे में अपने दोस्तों से सुना था और भारत आकर इसे देखने की इच्छा काफी समय से थी, उन्होंने इसे दिव्य और भव्य बताया।

 

*मकर संक्रांति पर महाकुम्भ में उमड़ा आस्था का जनसैलाब, तड़के करोड़ों श्रद्धालुओं ने संगम में लगाई अमृत डुबकी*

*महाकुम्भ के पहले अमृत स्नान में दिखा आस्था का प्रचंड वेग, साधुओं के दर्शन के साथ पवित्र डुबकी लगाकर प्राप्त किया पुण्य*

*हाड़ कंपा देने वाली ठंड में उजाले की पहली किरण निकलने से पहले ही करोड़ों श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी*

*12 किलोमीटर लंबे घाट क्षेत्र में गूंजते रहे हर-हर महादेव और जय श्री राम के जयघोष*

*नागा साधुओं की राजसी शोभायात्रा ने खींचा ध्यान, श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए चप्पे-चप्पे पर कड़े प्रबंध*

*महाकुम्भ नगर, 14 जनवरी।*

तीर्थराज प्रयागराज में जब उजाले की एक किरण तक नहीं निकली थी, हाड़ कंपा देने वाली ठंड के बीच मकर संक्रांति के पावन पर्व पर महाकुम्भ नगर में श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा। अमृत स्नान के लिए देश-विदेश से करोड़ों लोग गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम पर पहुंचे। पवित्र स्नान का यह दृश्य भारतीय संस्कृति और परंपरा की गहराई को दर्शाता नजर आ रहा था। ब्रह्म मुहूर्त में ही लोगों ने पतित पावनी गंगा और संगम तट पर आस्था की डुबकी लगाकर सुख, स्वास्थ्य और समृद्धि की कामना की।

*नागा साधुओं की भव्य शोभायात्रा देखने उमड़े श्रद्धालु*
पंचायती निर्वाणी अखाड़े के नागा साधुओं ने भाला, त्रिशूल और तलवारों के साथ अपने शाही स्वरूप में अमृत स्नान किया। साधु-संत घोड़े और रथों पर सवार होकर शोभायात्रा में शामिल हुए, जिससे पूरे क्षेत्र में भक्ति और आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार हो गया। उनके साथ चल रही भजन मंडलियों और श्रद्धालुओं के जयघोष ने माहौल को और दिव्य बना दिया।

*सिर पर गठरी, बगल में झोला लेकर आधी रात से ही गंगा की तरफ दौड़ रहे थे श्रद्धालु*

नागवासुकी मंदिर और संगम क्षेत्र में तड़के से ही श्रद्धालुओं का तांता लग गया। बुजुर्ग, महिलाएं और युवा, सभी अपने सिर पर गठरी लादे आस्था से भरे हुए संगम की ओर बढ़ते दिखे। स्नान के लिए श्रद्धा ऐसी थी कि लोग रात से ही गंगा के पवित्र जल में डुबकी लगाना शुरू कर चुके थे।

*चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा के कड़े प्रबंध, घुड़सवार पुलिस ने किया मार्च*

महाकुम्भ नगर में श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए प्रशासन ने पुख्ता इंतजाम किए। हर मार्ग पर बैरिकेडिंग लगाकर वाहनों की गहन जांच की गई। चप्पे-चप्पे पर पुलिस और सुरक्षा बलों की तैनाती से पूरा आयोजन शांतिपूर्ण और व्यवस्थित रहा। डीआईजी कुम्भ मेला वैभव कृष्ण, एसएसपी राजेश द्विवेदी समेत पुलिस टीम ने घोड़े के साथ मेला क्षेत्र में पैदल मार्च किया और अमृत स्नान जा रहे अखाड़ा साधुओं का मार्ग प्रशस्त किया।

*घाटों पर गूंजे हर हर महादेव और जय श्री राम के जयघोष*

12 किलोमीटर क्षेत्र में फैले स्नान घाटों पर हर हर महादेव और जय श्री राम के जयघोष सुनाई दिए। साधुओं के अमृत स्नान के साथ ही आम श्रद्धालुओं ने भी अपनी आस्था की डुबकी लगाई। संगम के आसपास गंगा स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ चारों ओर से देखी गई। इस दौरान सभी ने हर हर महादेव और जय श्री राम के नारों से संगम क्षेत्र को गुंजायमान कर दिया।

 

 

 

 

प्रयागराज में 1 करोड़ 65 लाख लोगों ने पहले दिन किया अमृत स्नान पौष पूर्णिमा पर

श्रद्धालुओं ने 44 घाटों पर डुबकी लगाई

हेलिकॉप्टर से फूल बरसाए गए

NSG कमांडो भी रहे आकर्षण का केंद्र

144 साल के दुर्लभ खगोलीय संयोग में हो रहा है महाकुंभ

कहते हैं कि यह वही संयोग है, जो समुद्र मंथन के दौरान बना था  

हर घाट पर स्नान देर रात  तक जारी है 

लेटे हनुमान जी मंदिर पर दर्शन हेतु दो किलोमीटर की लाइन लगातार बनी हुई है 

हेलीकॉप्टर से श्रद्धालुओं पर पुष्प वर्षा आज का महत्वपूर्ण आकर्षण था

वरिष्ठ पत्रकार स्नेह मधुर संगम नोज़ पर

मुख्यमंत्री ने मकर संक्रांति और खिचड़ी पर्व पर 

प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दीं

देश के विभिन्न क्षेत्रों में मकर संक्रांति को 

विशिष्ट पर्व के रूप में मनाया जाता : मुख्यमंत्री

यह पर्व हमारे देश की समृद्ध विरासत एवं सांस्कृतिक एकता का प्रतीक

इस वर्ष मकर संक्रांति पर महाकुम्भ प्रयागराज-2025

का प्रथम अमृत स्नान सम्पन्न होने जा रहा

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने मकर संक्रांति और खिचड़ी पर्व पर प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी हैं।

आज यहां जारी एक शुभकामना संदेश में मुख्यमंत्री जी ने कहा कि देश के विभिन्न भागों में मकर संक्रांति का विशिष्ट पर्व विभिन्न रूपों में मनाया जाता है। यह पर्व हमारे देश की समृद्ध विरासत एवं सांस्कृतिक एकता का प्रतीक है। इस वर्ष मकर संक्रांति इसलिए भी अत्यन्त महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस पर्व पर महाकुम्भ प्रयागराज-2025 का प्रथम अमृत स्नान सम्पन्न होने जा रहा है।

ज्ञातव्य है कि सम्पूर्ण भारत में मकर संक्रांति विभिन्न रूपों में मनायी जाती है। उत्तर प्रदेश और बिहार सहित विभिन्न राज्यों में इसे खिचड़ी पर्व के रूप में मनाया जाता है। इस दिन सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करते हैं और उत्तरायण हो जाते हैं। उत्तरायण को सकारात्मकता का प्रतीक माना गया है।

मकर संक्रांति पर सूर्यदेव की राशि में हुआ परिवर्तन अंधकार से प्रकाश की ओर अग्रसर होने का द्योतक है। यह सर्वविदित है कि प्रकाश अधिक होने से प्राणियों की चेतना एवं कार्यशक्ति में वृद्धि होती है। इसलिए पूरे भारतवर्ष में इस अवसर पर लोग विविध रूपों में सूर्यदेव की उपासना करते हैं। मकर संक्रांति के अवसर पर पवित्र नदियों एवं सरोवरों में स्नान, पूजा-अर्चना तथा दान का विशेष महत्व है।

प्रयागराज में श्रद्धालुओं का संगम तट पर पहुंचना देर रात भी जारी है

उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने आज बताया कि महाकुम्भ-2025 में हेलीकाप्टर जॉयराइड के लिए पूर्व निर्धारित 3000 रूपये प्रति व्यक्ति किराये के स्थान पर अब जॉय राइड करने वालों को 1296 रूपये प्रति व्यक्ति किराया देना होगा।

प्रयागराज महाकुंभ 2025 

आज 13 जनवरी को पौष पूर्णिमा का स्नान 

पूर्णिमा तिथि की शुरुआत सुबह 5.03 बजे से होगी,,

पहला अमृत / शाही स्नान मकर संक्रांति के अवसर पर होगा,,

अमृत स्नान का ब्रह्म मुहूर्त सुबह 5.27 से शुरू होगा

सुबह 5.27 बजे से 6.21 बजे तक रहेगा ब्रह्म मुहूर्त,,

विजय मुहूर्त दोपहर 2.15 बजे से 2.57 बजे तक होगा,,

गोधूलि मुहूर्त शाम 5.42 बजे से 6.09 बजे तक होगा,,,

महाकुंभ में 144 साल बाद बनेगा दुर्लभ शुभ संयोग*

महाकुंभनगरी से वरिष्ठ पत्रकार स्नेह मधुर


महाकुंभ मेले के अंतर्गत त्रिवेणी संगम स्थित बोट क्लब पर लेजर शो का आयोजन किया गया। इस शो में गंगा, यमुना और सरस्वती के पौराणिक महत्व के साथ महाकुंभ की सांस्कृतिक और धार्मिक परंपराओं को दर्शाया गया। श्रद्धालुओं और पर्यटकों ने इस अद्वितीय शो का भरपूर आनंद लिया।

आज से पांच दिनों तक मेले में वाहनों के प्रवेश पर रोक

महाकुंभनगरी में वाहनों के प्रवेश पर रोक शुरू

रात्रि 10:00 बजे से रूट डायवर्ट कर दिया गया है,, 15 जनवरी तक जारी रहेगा*

सीएमपी डॉट के पुल से वाहनों की आवाजाही रोकी गई, उसके बाद वहां से महाकुंभ क्षेत्र में पैदल ही आना जाना शुरू हो गय

मेला क्षेत्र में यातायात व्यवस्था के मद्देनजर वातायात प्रतिबंध रविवार से लागू हो गए। इसके तहत वाहनों के प्रवेश पर अगले पांच दिनों तक रोक रहेगी। रविवार रात आठ बजे से यह व्यवस्था लागू होगी और 15 जनवरी की रात आठ बजे तक प्रभावी रहेगी। इस दौरान केवल चिकित्सा व प्रशासनिक वाहन ही क्षेत्र में प्रवेश कर सकेंगे। हालांकि यह रोक रविवार की सुबह से ही लागू कर दी गई।

इसके अलावा अलग-अलग जिलों से आने वाले सात प्रमुख मार्गों पर भी अंतरजनपदीय पार्किंग व्यवस्था रविवार रात से ही लागू कर दी जाएगी। इसके तहत अलग- अलग मार्गी पर भारी व हल्के वाहनों के लिए अलग पार्किंग स्थल बनाए गए हैं।

भारी वाहनों जैसे बस और टैवलर आदि से आने वाले श्रद्धालु शटल बस से हल्के वाहनों के लिए बनाई गई पार्किंग स्थल तक आएंगे। इसके बाद हल्के वाहनों से आने वाले श्रद्धालुओं की तरह ही वह पैदल ही उसी दिशा के निकटतम बाटों पर पहुंचकर स्नान करेंगे। वहीं, मुख्य स्नान पर्व के दिनों में अक्षयवट दर्शन बंद रखने का निर्णय लिया गया है।

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बाहरी जिलों से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए पार्किंग की व्यवस्या निम्नवत है

जौनपुर मार्ग

1. चीनी मिल पार्किंग 2. पूरे सूरदास पार्किंग गारापुर रोड 3. समयामाई मंदिर कछार पार्किंग 4. बदरा सौनौटी रहीमापुर मार्ग उत्तरी/दक्षिणी पार्किंग निर्देश: श्रद्धालु उपरोक्त पार्किंग में वाहनों को खड़ा करके पैदल ओल्ड जीटी मार्ग से मेला में प्रवेश करेंगे।

वाराणसी मार्ग

1. महुआ बाग थाना झुंसी पार्किंग (अखाड़ा पार्किंग) 2. सरस्वती पार्किंग झुंसी रेलवे स्टेशन 3. नागेश्वर मंदिर पार्किंग 4. ज्ञान गंगा घाट छतनाग पार्किंग 5. शिव मंदिर उस्तापुर महमूदाबाद पार्किंग

निर्देश: श्रद्धालु उपरोक्त पार्किंग में वाहनों को खड़ा करके पैदल छतनाग मार्ग से मेला क्षेत्र में प्रवेश करेंगे।

मिर्जापुर मार्ग

1. देवरख उपरहार पार्किंग उत्तरी दक्षिणी 2. टेंट सिटी पार्किंग मदनुआ/मवाईया/देवरख 3. ओमेक्स सिटी पार्किंग 4. गजिया पार्किंग उत्तरी दक्षिणी।

निर्देश: मिर्जापुर की तरफ से आने वाले श्रद्धालू  उपरोक्त पार्किंग में अपने वाहनों को खड़ा करके पैदाव अरैल बांध रोड से मेला क्षेत्र में प्रवेश कार सकेंगे।

रीवा-बांदा-चित्रकूट मार्ग

1. नवप्रयागम पार्किंग पूर्वी पश्चिमी/विस्तार 2 एग्रीकल्चर इंस्टीट्यूट पार्किंग यमुना पट्टी 3. महेवा पूरब पश्चिम पार्किंग 4. मोरखपुर कछार पार्किंग

निर्देश: श्रद्धालु उपरोक्त पार्किंग में वाहनों को खड़ा करके पैदल ओल्ड रीवा मार्ग व न्यू रीवा मार्ग होकर अरैल बांध से मेला क्षेत्र में जा सकेंगे।

कानपुर-कौशाम्बी मार्ग

1. काली एक्सटेंशन प्लाट नंबर-17 पार्किंग 2. इलाहाबाद डिग्री कॉलेज मैदान 3. दधिकांडों मैदान पार्किंग निर्देश: श्रद्धालु उपरोक्त पार्किंग में अपने वाहनों को खड़ा करके पैदल जीटी जवाहर चौराहा होते हुए काली मार्ग से मेला में प्रवेश कर सकेंगे।

अयोध्या-प्रतापगढ़ से

1. शिव बाबा पार्किंग

निर्देश: अयोध्या प्रतापगढ़ की तरफ से आने वाले श्रद्धालु यहां पार्किंग में वाहन को खड़ा करके संख्य लोवर मार्ग से पैदल प्रवेश कर सकेंगे।

लखनऊ-प्रतापगढ़ से

1. गंगेश्वर महादेव कछार पार्किंग 2. नागवामुकि पार्किंग 3. बक्शी बांध कछार पार्किंग 4. बड़ा वसाड़ा पार्किंग 01, 02, 03 5. आईईआरटी पार्किंग उत्तरी दक्षिनों पार्किंग

निर्देश: लखनऊ-प्रतापगढ़ की तरफ से आने वाले श्रद्धालू उपरोक्त पार्किंग में वाहनों को खड़ा करके पैदल नवास की मार्ग से प्रवेश कर सकेंगे।

काली सड़क से प्रवेश त्रिवेणी मार्ग से वापसी

• संगम आने का पैदल मार्ग : ब्रद्धालु बीटी जवाहर से प्रवेश कर कालो सड़क होते हुए काली रैंप से संगम अपर मार्ग से संगम जा सकेंगे।

• वापसी का पैदल मार्ग: श्रद्धालु संगम क्षेत्र से अक्षयवट मार्ग होते हुए इंटरलॉकिंग कापसी मार्ग त्रिवेणी मार्ग होते हुए सा सकेंगे। मेला क्षेत्र में जाने के लिए प्रवेश मार्ग जवाहरलाल नेहरू मार्ग काली सड़क से एवं निकास मार्ग त्रिवेणी मार्ग प्रस्तावित है।

प्रयागराज संगम स्टेशन पर आज से चार दिन यात्रियों के प्रवेश पर पाबंदी

प्रयागराज जंक्शन, छिवकी, प्रयाग, फाफामऊ में एक साइड से प्रवेश तो दूसरी ओर से होगी निकासी

महाकुंभ, के पहले स्तान पर्व पौष पूर्णिमा को लेकर शहर के रेलवे स्टेशनों पर रविवार से ही कई तरह की पाबंदियां लग जाएंगी। दारागंज स्थित प्रयागराज संगम स्टेशन पर 12 से 15 जनवरी तक यात्रियों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा।

यहां से चलने वाली ट्रेनों में बैठने के लिए प्रयाग स्टेशन जाना होगा। इसके अलावा प्रयागराज जंक्शन पर भी सिर्फ सिटी साइड से इंट्री दी जाएगी। जबकि, यहां ट्रेनों से उतरने गंज वाले यात्रियों की निकासी सिविल लाइंस साइड से होगी।

प्रयागराज जंक्शन की तरह ही प्रयागराज छिवकी, नैनी जंक्शन, प्रयाग जंक्शन, फाफामऊ और सूबेदारगंज रेलवे स्टेशन पर भी रविवार से यात्रियों को एक ओर से प्रवेश दिया जाएगा। जबकि, यहां ट्रेनों से उतरने वाले यात्रियों की निकासी संबंधित स्टेशन के द्वितीय प्रवेश द्वार से होगी।

यह पहला मौका है, जब प्रयागराज जंक्शन के अलावा शहर के सभी स्टेशनों पर आने व जाने का यस्ता अलग-अलग किया जा रहा है। ताकि किसी भी स्टेशन पर यात्रियों का क्रास मूवमेंट न हो। इस दौरान स्टेशनों पर बनाए गए यात्री आश्रयस्थल से ही यात्रियों को प्रवेश दिया जाएगा।

उत्तर मध्य रेलवे के स्टेशनों की बात करें तो जंक्शन, प्रयागराज छिवकी एवं नैनी स्टेशन पर अलग- अलग दिशाओं में जाने वाले यात्रियों के लिए कलर थीम पर आश्रयस्थल बनाए गए हैं। उन्हीं के माध्यम से स्टेशनों पर यात्रियों को प्रवेश दिया जाएगा। खास बात यह है कि जिस रंग का यात्री आश्रयस्थल रहेगा, उसी रंग के टिकट भी यात्रियों को दिए जाएंगे। उदाहरण के लिए अगर किसी को प्रयागराज जंक्शन से कानपुर की ओर जाना है तो उसे हरे रंग के यात्री आश्रयस्थल संख्या चार में प्रवेश करना होगा। वहां से मिलने वाला जनरल टिकट भी हरे रंग की पट्टी, वाले मार्ग में लगे संकेतक भी हरे रंग के ही होंगे।

प्रयागराज छिवकी पर रहेगी यह व्यवस्था

नोट… आरक्षित टिकट वाले यात्रियों का प्रवेश गेट संख्या 02 से होगा

महाकुंभ मेल के दौरान मुख्य स्नान पर्वों पर उत्तर मध्य रेलवे स्टेशनों पर व्यवस्था

महाकुम्भ -2025 के दौरान आने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर यात्री सुविधा प्रदान करने को ध्यान में रखते हुए प्रयागराज जंक्शन, सूबेदारगंज , प्रयागराज छिवकी, नैनी स्टेशनों पर मुख्य स्नान पर्व- पौष पूर्णिमा (13.01.2025), मकर संक्रांति (14.01.2025), मौनी अमावस्या (29.01.2025), बसंत पंचमी (03.02.2025), माघी पूर्णिमा (12.02.2025) एवं महाशिवरात्रि (26.02.2025) पर विशेष व्यवस्था की गई है ।

मुख्य स्नान पर्वों पर स्टेशनों पर व्यवस्था इस प्रकार हैं

कुंभ मेले के दौरान यात्रियों की सुरक्षा और उनकी सुगम निकासी के लिए रेलवे स्टेशनों पर कुछ प्रतिबंध लगाए जाएंगे। प्रतिबंध मुख्य स्नान दिवस के एक दिन पहले से मुख्य स्नान दिवस के दो दिन बाद तक लागू रहेगा।

प्रयागराज जंक्शन

* प्रवेश केवल सिटी साइड (प्लेटफ़ॉर्म नं.-1 की ओर) से दिया जाएगा।

* निकास केवल सिविल लाइंस साइड की ओर से दिया जाएगा।

* अनारक्षित यात्रियों कों दिशावार यात्री आश्रय के माध्यम से प्रवेश दिया जाएगा।

* टिकट की व्यवस्था यात्री आश्रयों में अनारक्षित टिकट काउंटर, ए.टी.वी.एम और मोबाइल टिकटिंग के रूप में रहेगी।

* आरक्षित यात्रियों को सिटी साइड से गेट नंबर 5 के माध्यम से अलग से प्रवेश दिया जाएगा।

नैनी जंक्शन

* प्रवेश केवल स्टेशन रोड से दिया जाएगा।

* निकास केवल मालगोदाम की ओर (द्वितीय प्रवेश द्वार) से दिया जाएगा।

* अनारक्षित यात्रियों कों दिशावार यात्री आश्रय के माध्यम से प्रवेश दिया जाएगा।

* आरक्षित यात्रियों को गेट नंबर 2 से प्रवेश दिया जाएगा।

* टिकट की व्यवस्था यात्री आश्रयों में अनारक्षित टिकट काउंटर, ए.टी.वी. एम और मोबाइल टिकटिंग के रूप में रहेगी।

प्रयागराज छिवकी स्टेशन

* प्रवेश केवल प्रयागराज-मिर्जापुर राजमार्ग को जोड़ने वाले सीओडी मार्ग से दिया जाएगा।

* निकास केवल जी.ई. सी नैनी रोड (प्रथम प्रवेश) की ओर से दिया जाएगा।

* अनारक्षित यात्रियों कों दिशावार यात्री आश्रय के माध्यम से प्रवेश दिया जाएगा।

* आरक्षित यात्रियों को गेट नंबर 2 से प्रवेश दिया जाएगा।

* टिकट की व्यवस्था यात्री आश्रयों में अनारक्षित टिकट काउंटर, ए.टी.वी.एम और मोबाइल टिकटिंग के रूप में रहेगी।

सूबेदारगंज स्टेशन

* प्रवेश केवल झलवा (कौशाम्बी रोड) की ओर से दिया जाएगा।

* निकास केवल जी.टी. रोड की ओर दिया जाएगा।

* अनारक्षित यात्रियों के लिए यात्री आश्रय की व्यवस्था रहेगी।

* आरक्षित यात्रियों को गेट नंबर 3 से प्रवेश दिया जाएगा।

* टिकट की व्यवस्था यात्री आश्रयों में अनारक्षित टिकट काउंटर, ए.टी.वी.एम और मोबाइल टिकटिंग के रूप में रहेगी।

 महा कुंभ 2025: रेलवे की विशेष तैयारियों का शुभारंभ

केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने महा कुंभ 2025 के लिए प्रयागराज क्षेत्र में रेलवे की तैयारियों को एक नया आयाम देते हुए कई प्रमुख परियोजनाओं और सुविधाओं का शुभारंभ किया।

मुख्य घोषणाएँ और उद्घाटन:

1. कुंभ वार रूम का उद्घाटन:

• रेलवे बोर्ड में कुंभ वार रूम का शुभारंभ।

• यह वार रूम 24×7 कार्य करेगा, जिसमें ऑपरेटिंग, कमर्शियल, आरपीएफ, मैकेनिकल, इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल जैसे विभिन्न विभागों के अधिकारी तैनात रहेंगे।

• 1,176 सीसीटीवी कैमरों से प्राप्त लाइव फीड की मॉनिटरिंग प्लेटफॉर्म स्तर से लेकर रेलवे बोर्ड स्तर तक की जाएगी।

• मॉनिटरिंग संरचना:

• प्लेटफॉर्म → स्टेशन → मंडल → जिला → जोनल → रेलवे बोर्ड।

• इस वार रूम के माध्यम से जिला प्रशासन और रेलवे के बीच समन्वय को मजबूत किया जाएगा, जिससे यात्रियों को तत्काल सहायता और सुविधाएँ उपलब्ध कराई जा सकें।

2. घोषणा प्रणाली और यात्री पुस्तिका का विमोचन:

• 12 भाषाओं में उद्घोषणा प्रणाली की शुरुआत प्रयागराज, नैनी, छिवकी और सुबेदारगंज स्टेशनों पर।

• यात्रियों को उपयोगी जानकारी उपलब्ध कराने के लिए 22 भाषाओं में तैयार की गई विशेष पुस्तिका का विमोचन।

प्रयागराज क्षेत्र में यात्री सुविधाएँ:

1. रेलवे नेटवर्क में विस्तार और सुधार:

• कुल 13,000 ट्रेनों का संचालन:

• 10,000 नियमित ट्रेनें।

• 3,134 विशेष ट्रेनें (पिछले कुंभ से 4.5 गुना अधिक):

• 1,869 शॉर्ट डिस्टेंस ट्रेनें।

• 706 लॉन्ग डिस्टेंस ट्रेनें।

• 559 रिंग ट्रेनें।

• मालगाड़ियों को डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (DFC) पर डायवर्ट किया गया।

• महा कुंभ के लिए बीते 3 वर्षों में ₹5,000 करोड़ का निवेश।

2. यात्री सुविधाओं का विस्तार:

• 48 प्लेटफॉर्म, 21 फुट ओवर ब्रिज (FoBs)।

• 23 स्थायी होल्डिंग एरिया, जिनकी क्षमता 1 लाख से अधिक।

• 554 टिकटिंग काउंटर, जिनमें 151 मोबाइल UTS काउंटर शामिल।

• सड़कों और रेलवे की सुगम आवाजाही के लिए 21 ROBs/RUBs का निर्माण।

• सभी 9 स्टेशनों पर 12 भाषाओं में उद्घोषणा प्रणाली।

3. प्रमुख आधारभूत परियोजनाएँ:

• ₹3,700 करोड़ की लागत से परियोजनाएँ:

• बनारस-प्रयागराज डबलिंग (गंगा ब्रिज सहित)।

• फाफामऊ-जंघई डबलिंग।

कुंभ में श्रद्धालुओं की संख्या और तैयारियाँ:

• 40 करोड़ श्रद्धालु महा कुंभ में भाग लेंगे।

• मौनी अमावस्या के दिन 5 करोड़ श्रद्धालुओं की उपस्थिति।

• कुंभ के दौरान भीड़ प्रबंधन के लिए:

• 1,176 सीसीटीवी कैमरों से लाइव मॉनिटरिंग।

• 23 होल्डिंग एरिया, जिनकी क्षमता 1 लाख से अधिक।

• यात्रियों की सुविधाओं के लिए विशेष रंग-कोडेड टिकट और बारकोडेड UTS प्रणाली का संचालन।

इन प्रयासों से महा कुंभ 2025 के दौरान श्रद्धालुओं को सुरक्षित, सुविधाजनक और तकनीकी रूप से उन्नत यात्रा अनुभव प्राप्त होगा।

 उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने आज बताया कि महाकुम्भ-2025 में हेलीकाप्टर जॉयराइड के लिए पूर्व निर्धारित 3000 रूपये प्रति व्यक्ति किराये के स्थान पर अब जॉय राइड करने वालों को 1296 रूपये प्रति व्यक्ति किराया देना होगा।

प्रयागराज कुम्भ महापर्व है। 13 जनवरी 2025 से 26 फरवरी 2025* तक चलेगा

👉 प्रयागराज कुम्भ महापर्व में *स्नान की मुख्य तिथियॉं -*

1. *पूर्णिमा स्नान:* पौष शुक्ल पूर्णिमा सोमवार दिनांक 13 जनवरी 2025.

2. *मकर संक्रान्ति स्नान:* माघ कृष्ण प्रतिपदा मङ्गलवार दिनांक 14 जनवरी 2025.

3. *षट्तिला एकादशी स्नान:* माघ कृष्ण एकादशी शनिवार दिनांक 25 जनवरी 2025.

4. *प्रदोष एवं मासिक शिवरात्रि स्नान*: माघ कृष्ण त्रयोदशी सोमवार दिनांक 27 जनवरी 2025.

5. *मौनी अमावस्या स्नान:* माघ कृष्ण अमावस्या बुधवार दिनांक 29 जनवरी 2025. 

6. *बसंत पञ्चमी स्नान:* माघ शुक्ल पञ्चमी सोमवार दिनांक 3 फरवरी 2025.

7. *जया एकादशी स्नान:* माघ शुक्ल एकादशी शनिवार दिनांक 8 फरवरी 2025. 

8. *माघी पूर्णिमा स्नान:* माघ शुक्ल पूर्णिमा बुधवार दिनांक 12 फरवरी 2025.

9. *महाशिवरात्रि पर्व:* फाल्गुन कृष्ण त्रयोदशी बुधवार दिनांक 26 फरवरी 2025.

👉 *मुख्य स्नान तिथि:* मकर संक्रान्ति *14 जनवरी 2025;* मौनी अमावस्या *29 जनवरी 2025* और बसंत पञ्चमी *3 फरवरी 2025* है।

 

एप्पल के को फाउंडर स्टीव जॉब्स की पत्नी को महाकुंभ स्नान से पहले मिला हिंदू नाम कमला

एप्पल के फाउंडर स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल जॉब्स अपनी 60 सदस्यीय टीम के साथ रविवार को महाकुंभ व कल्पवास के लिए प्रयागराज आएंगी। निरंजनी पीठाधीश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि ने उन्हें कमला नाम और अपना गोत्र दिया है। ‘कमला’ (लॉरेन पॉवेल जॉब्स) महाकुंभ में दो शाही स्नानों (मकर संक्रांति और मौनी अमावस्या) में शामिल होंगी।

 

 

Apple co-founder Steve Jobs’s wife Laurene Powell, renamed Kamala to visit Prayagraj

Mahakumbh 2025, Prayagraj:

In India Bharat, Uttar Pradesh’s Prayagraj is filled with spirits of joy and devotion as Mahakumbh is set to begin tomorrow, January 13 2025. Lakhs of devotees are set to take dip at Triveni ghat on Sunday and Monday on Paush Poornima ahead of the religious event.

Mahakumbh 2025 LIVE Updates: Sadhus of Shri Panchayati Nirmal Akhada during the royal entry procession or ‘Chavni Pravesh’ for the Mahakumbh 2025, in Prayagraj, Saturday, Jan. 11, 2025. (PTI Photo) (PTI01_11_2025_000324B)

Mahakumbh 2025 LIVE Updates: Sadhus of Shri Panchayati Nirmal Akhada during the royal entry procession or ‘Chavni Pravesh’ for the Mahakumbh 2025, in Prayagraj, Saturday, Jan. 11, 2025. (PTI Photo) (PTI01_11_2025_000324B)

Mahakumbh 2025 LIVE Updates: Preparations are in full swing in Prayagraj, as the Uttar Pradesh city is set to host the world’s biggest religious event from January 13. Devotees on Sunday took a holy dip at Triveni Sangam in Prayagraj ahead of Maha Kumbh 2025.

 

Meanwhile, Uttar Pradesh Chief Minister Yogi Adityanath inaugurated a 45-minute laser show ahead of Maha Kumbh 2025. Security has been heightened to maintain law and order during the event. 

When will Mahakumbh begin?

Mahakumbh Mela will start in Prayagraj from January 13 to February 26, 2025. The religious event is likely to attract millions of pilgrims seeking spiritual purification.

When will Mahakumbh 2025 end?

After beginning in January, Mahakumbhj Mela 2025 will conclude on February 26.

Why is Mahakumbh 2025 is so special?

Kumbh Mela occurs in every three years in four different locations. However, Mahakumbh is organised only in Prayagraj after every twelve years. Additionally, Mahakumbh 2025 is more special because of the rare celestial alignment occurring only once in 144 years.

Mahakumbh helpline number

In case a tourist needs any help or want any information related to Mahakumbh Mela, he or she can contact the Ministry of Tourism to a dedicated toll-free Tourist infoline number, ie 1800111363 or 1363.

The toll-free tourist infoline will operate in Hindi, English, and other national and international languages.

वाहन पार्किंग की व्यवस्था 

महाकुम्भ नगरी में श्री पंचायती निर्मल अखाड़ा का छावनी प्रवेश

 श्री पंचायती निर्मल अखाड़े की पेशवाई आज शनिवार को पत्थरचट्टी रामलीला मैदान से निकलकर प्रयाग संगीत समिति के रास्ते विवेकानंद मार्ग, जॉनसेनगंज चौराहा, घंटाघर चौराहा, ओल्ड जीटी रोड के बाएं राम भवन चौराहा के दाहिने मुड़कर आर्य कन्या चौराहा से भार्गव मार्ग होकर यमुना नये पुल मनकामेश्वर के पहले फोर्ड रोड चौराहा के रास्ते त्रिवेणी मार्ग मध्य पाण्टून पुल होते हुये अपने अखाड़ा शिविर में प्रवेश करके संपन्न हुआ |

 13 अखाडो के साधु-संतों का महाकुम्भ की नगरी में प्रवेश अब अपने अंतिम चरण में है। इस दौरान आज 12वे अखाड़े श्री पंचायती निर्मल अखाड़े का छावनी प्रवेश हजारों साधु-संतों-महात्माओं के साथ हाथी-घोड़े और रथो पर सवार होकर अपने इष्ट देव के साथ अस्त्र-शस्त्र से युद्ध कौशल का करतब दिखाते हुए कुम्भनगरी में आगे बढ़ा |

छावनी प्रवेश में साधु-संतो-महात्माओं को देखने के लिए जगह-जगह पर शहर के स्थानीय लोगों का व मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ पड़ा |

अखाड़े का छावनी प्रवेश के दौरान महाकुम्भ मेला क्षेत्र में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक महाकुम्भ के द्वारा साधु-संत-महात्माओं पर पुष्पों की पहनाकर कुम्भनगरी में सबका स्वागत किया गया, साधु-संत-महात्माओं ने पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था से प्रसन्न होकर पुलिस के अधिकारियों को पुष्पों की माला भेंट करते हुए सराहना की |

महाकुंभ मेले में लगेगा सितारों का मेला, अमिताभ-एश्वर्य और रणबीर कपूर समेत ये हस्तियां संगम में लगाएंगी डुबकी*

* इस बार साल 2025 में कुंभ मेला लगने वाला है। यह 13 जनवरी 2025 से शुरू होगा और 25 फरवरी 2025 तक चलेगा। महाकुंभ मेला 45 दिनों तक चलता है।

* महाकुंभ में सितारों की महफिल भी स्नान करेगी। इसमें अमिताभ बच्चन से लेकर रणबीर कपूर तक और साऊथ की बड़ी हस्तियां भी संगम में डुबकी लगाएंगी।

*अभिषेक बच्चन, श्वेता नंदा, ऐश्वर्या राय, आलिया भट्ट, रणबीर कपूर, राखी सावंत, विवेक ओबरॉय, राजपाल यादव, रवि किशन, आशुतोष राणा, रेणुका शहाणे, मनोज तिवारी, दिनेश लाल निरहुआ, अनूप जलोटा, शंकर महादेवन, मालिनी अवस्थी, कैलाश खेर, सोनू निगम, मैथिली ठाकुर, कविता पौडवाल, जुबिन नौटियाल, श्रेया घोषाल और Apple की उत्तराधिकारी लॉरेन पॉवेल जॉब्स संगम नगरी में आएंग।*

*महाकुंभ में साध्वी बनकर 2 सप्ताह का तप करेंगी स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल जॉब्स

एप्पल के सह-संस्थापक दिवंगत स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल जॉब्स 13 जनवरी से महाकुंभ में हिस्सा लेने के लिए प्रयागराज पहुंचेंगी,,महाकुंभ हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक धार्मिक आयोजन है, जो हर बारह साल में आयोजित किया जाता है।*

अडानी ग्रुप भी इस महाआयोजन में अपनी सेवाएं देने के लिए तैयार

प्रयागराज में महाकुंभ (Maha Kumbh 2025) की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं और ये 13 जनवरी से शुरू होने जा रहा है, जो 26 फरवरी तक चलेगा और इसमें करीब 40 करोड़ श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही है। भारतीय अरबपति गौतम अडानी (Gautam Adani) के नेतृत्व वाला अडानी ग्रुप भी इस महाआयोजन में अपनी सेवाएं देने के लिए तैयार है और इसके लिए इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस (ISKCON) के साथ हाथ मिलाया है,,रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसके जरिए हर दिन करीब 1 लाख श्रद्धालुओं को महाप्रसाद सेवा दी जाएगी.

महाकुंभ 2025

स्थाई जिले में जलवा बिखेरेगा अस्थाई शहर..।
संगम तट पर सज कर तैयार हुई तंबुओं की नगरी, 13 जनवरी से हो रही है महाकुंभ की शुरुआत..।
45 दिनों के इस अस्थाई शहर में है मूलभूत की सभी सुविधाएं..।
महाकुंभ नगर में साधू संत और श्रद्धालु लगाते हैं आस्था की डुबकी।

*हिन्दू धर्म में कुंभ मेला हर 12 साल में चार पवित्र स्थलों प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक पर आयोजित किया जाता है!*

*महाकुंभ का आयोजन 14 जनवरी 2025 को प्रयागराज के त्रिवेणी संगम में शाही स्नान से शुरू होगा और यह 26 फरवरी 2025 तक चलेगा!*

*महाकुंभ का विशेष महत्व है क्योंकि यह हर 144 वर्षों में एक बार होता है और इसे ज्योतिषीय घटनाओं के आधार पर निर्धारित किया जाता है!*

*महाकुंभ में स्नान करने से कई गुना अधिक पुण्य की प्राप्ति होती है और यह मोक्ष प्राप्ति का अवसर माना जाता है!*

*महाकुंभ का समय साधु-संतों, ऋषियों और योगियों के लिए ध्यान और साधना का विशेष काल होता है, जिसमें लाखों श्रद्धालु शामिल होते हैं!*

*144 साल के बाद लग रहा महाकुंभ, जानिये कुम्भ और महाकुम्भ में क्या है अंतर••••*

*हिन्दू धर्म में कुंभ मेला हर 12 साल में चार पवित्र स्थलों प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक पर बारी-बारी से आयोजित किया जाता है। लेकिन इस बार साल 2025 में कुम्भ मेला नहीं बल्कि महाकुम्भ लग रहा जो 12 साल बाद नहीं बल्कि 144 साल बाद लग रहा है। ये महाकुम्भ इसलिए भी ख़ास है क्योंकि 144 साल के बाद महाकुंभ का उल्लेख विशेष ज्योतिषीय या खगोलीय घटना की ओर संकेत करता है। 14 जनवरी 2025 को शाही स्नान कर करोड़ों यात्री प्रयागराज के पवित्र त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाकर अपने पापों से मुक्त होंगे! साल 2025 में यह महाकुम्भ मेला 13 जनवरी से शुरू होकर ये मेला 26 फरवरी तक चलेगा और इस मेले में 40 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं के भाग लेने उम्मीद है!*

*महाकुंभ 2025: क्या आप जानते हैं महाकुंभ और संगम का पवित्र कनेक्शन?*

*महाकुंभ 2025: इस मेले में आयोजित होने वाला शाही स्नान क्या है? जानिये इस साल किन तिथियों पर किया जाएगा ये शाही स्नान••••*

*अगर महाकुंभ जाना संभव नहीं, तो महाकुंभ की पवित्रता घर पर कैसे करें अनुभव••••*

*मकर संक्रांति पर दान करने से होती है अक्षय पुण्य की प्राप्ति, जानें इस दिन विशेष रूप से तिल का दान किया जाता है!*

*महाकुंभ और कुम्भ का अंतर कुंभ मेले का आयोजन ग्रहों और नक्षत्रों की विशिष्ट स्थिति के आधार पर किया जाता है। कुंभ मेला तब आयोजित होता है जब सूर्य, चंद्रमा और बृहस्पति एक विशिष्ट स्थिति में होते हैं लेकिन जब बृहस्पति मकर राशि में और सूर्य व चंद्रमा अन्य शुभ स्थानों पर होते हैं, तब महाकुंभ का समय बनता है और यह संयोग हर 144 वर्षों में एक बार आता है। इस संयोग को विशेष रूप से शुभ और दिव्य माना जाता है। हर 144 साल में एक दुर्लभ खगोलीय घटना होती है, जो कुंभ मेले को विशिष्ट बनाकर महाकुम्भ बना देती है! हिंदू ज्योतिषीय गणनाओं में 12 और 144 वर्षों के चक्र का महत्व बताया गया है। 12 साल के चक्र को एक सामान्य कुंभ मेला कहा जाता है और 12 कुंभ मेलों के बाद (12×12=144 साल) “महाकाल कुंभ” या “विशेष महाकुंभ” आता है!*

*शास्त्रों में कहा गया है कि महाकुंभ में स्नान और पूजा करने से कई गुना अधिक पुण्य की प्राप्ति होती है। इसे देवताओं और ऋषियों द्वारा भी अत्यधिक पवित्र माना गया है। पौराणिक कथाओं में अमृत मंथन की कथा में कुंभ मेले का उल्लेख मिलता है। यह माना जाता है कि हर 144 साल में अमृत कलश से विशेष ऊर्जा या दिव्यता पृथ्वी पर उतरती है, जिससे यह मेला और अधिक पवित्र हो जाता है!*

*महाकुंभ और पुण्य फलकुंभ मेला और महाकुंभ को मोक्ष प्राप्ति का अवसर माना जाता है। मान्यता है कि इस समय गंगा, यमुना, सरस्वती और अन्य नदियों में स्नान करने से पापों का नाश होता है और पुण्य की प्राप्ति होती है। साधारण कुंभ मेला हर 12 साल में होता है, लेकिन “महाकुंभ” में विशेष पुण्य फल की प्राप्ति होती है। यह काल खगोलीय दृष्टि से अत्यंत पवित्र और दुर्लभ माना गया है। महाकुंभ का समय साधु-संतों, ऋषि-मुनियों और योगियों के लिए ध्यान, साधना और धर्म प्रचार का विशेष काल माना जाता है। यह पूरे समाज के लिए आध्यात्मिक उन्नति का अवसर प्रदान करता है। महाकुंभ में लाखों श्रद्धालु, संत, महात्मा और अखाड़े शामिल होते हैं!!*

*श्री अविमुक्तेश्वनंद सरस्वती 1008 की पेशवाई*
*प्रवेश मंगलम*

प्रयागराज।

पथरचट्टी रामबाग से पेशवाई निकाली गई, हाथी घोड़े ऊट, डीजे बैंड पार्टी पंजाबी भांगड़ा डांस, दर्जनों चौकिया शामिल थी। डीजे पर भक्ति गीत गया जा रहा था श्रद्धालु गीतों पर डांस कर रहे थे, गंगा में जब तक की पानी रहे मेरे सजना तेरी जिंदगानी रहे।

इस गाने पर महिलाएं यह का नृत्य कर रही थीं और डांस कर रही थी। चौकिया अपने प्रदर्शन दिखा रहे थे जो श्रद्धालुओं को भाव विभोर कर रही थीं। त्रिशूल तलवार लाठी डंडे का, युद्ध कला का प्रदर्शन दिखाया जा रहा था। साधु संत और संन्यासी रथऔर बग्घी पर सवार होकर चल रहे थे। श्रद्धालुओं को आशीर्वाद दे रहे थे। पूरे रास्ते साधु संतों पर पुष्प वर्षा होती रही। चौक घंटा घर पर प्रयाग व्यापार मंडल के सदस्यों ने साधु संतों का स्वागत किया गया। उन्हें फूलों का माला पहनकर मिठाईयां खिलाकर अभिनंदन किया गया।

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प्रयागराज में संगम का जीवंत दृश्य दूर दूर से आए साइबेरियन पक्षियों के साथ

https://youtu.be/C6–lKc0snE?si=6RUD7wVspBUWrSBf

 *महाकुंभ नगरी प्रयागराज के संगम तट का जीवंत दृश्य साइबेरियन पक्षियों के बीच वरिष्ठ पत्रकार स्नेह मधुर, लोकप्रिय भजन नरेश मनोज गुप्ता और दूरदर्शन के प्रस्तोता वीरेंद्र मिश्र के साथ: तीन नदियों का संगम और तीन विशिष्ट व्यक्तित्वों का भी संगम.. अभूतपूर्व!!!*

महाकुम्भ 2025

‘कुम्भ’ मूल शब्द ‘कुम्भक’ (अमृत का पवित्र घड़ा) से आया है। ऋग्वेद में ‘कुम्भ’ और उससे जुड़े स्नान अनुष्ठान का उल्लेख है। इसमें इस अवधि के दौरान संगम में स्नान करने से लाभ, नकारात्मक प्रभावों के उन्मूलन तथा मन और आत्मा के कायाकल्प की बात कही गई है। अथर्ववेद और यजुर्वेद में भी ‘कुम्भ’ के लिए प्रार्थना लिखी गई है। इसमें बताया गया है कि कैसे देवताओं और राक्षसों के बीच समुद्र मंथन से निकले अमृत के पवित्र घड़े (कुम्भ) को लेकर युद्ध हुआ। ऐसा माना जाता है कि भगवान विष्णु ने ‘‘मोहिनी’’ का रूप धारण कर कुम्भ को लालची राक्षसों के चंगुल से छुड़ाया था। जब वह इसे स्वर्ग की ओर लेकर भागे तो अमृत की कुछ बूंदें चार पवित्र स्थलों पर गिरीं जिन्हें हम आज हरिद्वार, उज्जैन, नासिक और प्रयाग के नाम से जानते हैं। इन्हीं चार स्थलों पर प्रत्येक तीन वर्ष पर बारी-बारी से कुम्भ मेले का आयोजन किया जाता है।
कुम्भ मेला दुनिया में कहीं भी होने वाला सबसे बड़ा सार्वजनिक समागम और आस्था का सामूहिक आयोजन है। लगभग 45 दिनों तक चलने वाले इस मेले में लाखों श्रद्धालु गंगा, यमुना और रहस्यमयी सरस्वती के पवित्र संगम पर स्नान करने के लिए आते हैं। मुख्य रूप से इस समागम में तपस्वी, संत, साधु, साध्वियाँ, कल्पवासी और सभी क्षेत्रों के तीर्थयात्री शामिल होते हैं।

मुख्य स्नान दिवस
(मुख्य स्नान दिवस)
दिनांक
पौष पूर्णिमा
13.01.2025
मकर संक्रांति
14.01.2025
मौनी अमावस्या
29.01.2025
बसंत पंचमी
03.02.2025
माघी पूर्णिमा
12.02.2025
महाशिवरात्रि
26.02.2025

प्रयागराज शहर

600 ईसा पूर्व में एक राज्य था जिसका हिस्सा वर्तमान प्रयागराज जिला था ।  उस राज्य को ‘वत्स’ के नाम से जाना जाता था और उसकी राजधानी ‘कौशाम्बी’ थी, जिसके अवशेष आज भी प्रयागराज के दक्षिण-पश्चिम में स्थित हैं। गौतम बुद्ध ने भी अपनी तीन यात्राओं से इस शहर को सम्मानित किया था। इसके बाद, यह क्षेत्र मौर्य शासन के अधीन आ गया और कौशाम्बी को ‘अशोक’ के एक प्रांत का मुख्यालय बनाया गया। उनके निर्देश पर कौशाम्बी में दो अखंड स्तंभ बनाए गए जिनमें से एक को बाद में प्रयागराज में स्थानांतरित कर दिया गया। प्रयागराज राजनीति और शिक्षा का केंद्र रहा है। इलाहाबाद विश्वविद्यालय को पूरब का ऑक्सफोर्ड कहा जाता था। इस शहर ने देश को तीन प्रधानमंत्रियों सहित कई राजनीतिक हस्तियाँ दी हैं। यह शहर साहित्य और कला के साथ-साथ भारत के स्वतंत्रता आंदोलन का केंद्र भी रहा है।
प्रयागराज में पर्यटक स्थल:-
Ø संगम

Ø शंकर विमान मंडपम                                     
Ø ललिता देवी मंदिर
Ø आनंद भवन
Ø वेणी माधव का मंदिर
Ø प्रयाग संगीत समिति
Ø संकटमोचन हनुमान मंदिर
Ø इलाहाबाद विश्वविद्यालय
Ø मनकामेश्वर मंदिर
Ø सार्वजनिक पुस्तकालय
Ø भारद्वाज आश्रम
Ø गंगा पुस्तकालय
Ø विक्टोरिया मेमोरियल
Ø श्री अखिलेश्वर महादेव मंदिर
Ø तक्षकेश्वर नाथ मंदिर
Ø अक्षयवट
Ø शिवकुटी
Ø नारायण आश्रम
Ø पत्थर गिरिजाघर
Ø प्रयागराज का किला
Ø दशाश्वमेध मंदिर
Ø नागवासुकी मंदिर
Ø अलोपी देवी मंदिर
Ø खुसरोबाग
Ø मिंटो पार्क

निकटवर्ती आकर्षण:-
Ø विंध्याचल
Ø वाराणसी
Ø चित्रकूट
Ø श्रंगवेरपुर
Ø  अयोध्या

रेलवे स्टेशनों पर उपलब्ध सुविधाएं
1. वेटिंग रूम और वेटिंग हॉल
2. स्लीपिंग पॉड्स
3. रिटायरिंग रूम/डॉरमेट्री
4. एग्जीक्यूटिव लाउंज
5. बुजुर्गों/दिव्यांगों के लिए प्लेटफॉर्म पर आवागमन हेतु बैटरी चालित कारें
6. व्हील चेयर
7. रेलवे स्टेशन के बाहर सार्वजनिक परिवहन
8. खानपान सुविधा
9. प्राथमिक चिकित्सा बूथ
10. पर्यटक बूथ
11. प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र
12. बहुभाषी घोषणा का प्रावधान
13. क्लॉक रूम
नोट:- मुख्य स्नान दिवसों पर आवागमन प्रतिबंध के कारण इनमें से कुछ सुविधाएं उपलब्ध नहीं भी हो सकती हैं|

दिशावार स्टेशन

प्रयागराज शहर में 9 रेलवे स्टेशन हैं जहाँ से विभिन्न दिशाओं के यात्री मुख्य स्नान दिवसों पर अपनी दिशा के अनुसार गाड़ी पकड़ सकते हैं:-
ज़ोन
रेलवे स्टेशन
दिशा की ओर
उत्तर मध्य रेलवे
प्रयागराज जंक्शन (PRYJ)
कानपुर (CNB)
पं. दीन दयाल उपाध्याय (DDU)
सतना (STA)
झांसी (VGLJ)
नैनी जंक्शन (NYN)
सतना (STA)
झांसी (VGLJ)
पं. दीन दयाल उपाध्याय (DDU)
प्रयागराज छिवकी स्टेशन (PCOI)
सतना (STA)
झांसी (VGLJ)
पं. दीन दयाल उपाध्याय (DDU)
सूबेदारगंज स्टेशन (SFG)
कानपुर (CNB)
उत्तर रेलवे
प्रयागराज संगम स्टेशन (PYGS)
(मुख्य स्नान दिवसों को छोड़कर)
अयोध्या (AY)
जौनपुर (JNU)
लखनऊ (LKO)

प्रयाग जंक्शन. (PRG)
अयोध्या (AY)
जौनपुर (JNU)
लखनऊ (LKO)

फाफामऊ स्टेशन (PFM)
पूर्वोत्तर रेलवे
प्रयागराज रामबाग स्टेशन (PRRB)
वाराणसी (BSB)
गोरखपुर (GKP)
मऊ (MAU)
झूसी स्टेशन (JI)

मुख्य स्नान दिवसों पर प्रतिबंध
कुंभ मेले के दौरान यात्रियों की सुरक्षा और उनकी सुगम निकासी के लिए रेलवे स्टेशनों पर कुछ प्रतिबंध लगाए जाएंगे। प्रतिबंध मुख्य स्नान दिवस के एक दिन पहले से मुख्य स्नान दिवस के दो दिन बाद तक लागू रहेगा ।
डी-डे (मुख्य स्नान दिवस)
दिनांक
प्रतिबंध अवधि
पौष पूर्णिमा
13.01.2025
12.01.2025(00:00 hrs.) to 16.01.2025 (24:00 hrs.)
मकर संक्रांति
14.01.2025
मौनी अमावस्या
29.01.2025
28.01.2025(00:00 hrs.) to 31.01.2025 (24:00 hrs.)
बसंत पंचमी
03.02.2025
02.02.2025(00:00 hrs.) to 05.02.2025 (24:00 hrs.)
माघ पूर्णिमा
12.02.2025
11.02.2025(00:00 hrs.) to 14.02.2025 (24:00 hrs.)
महाशिवरात्री
26.02.2025
25.02.2025(00:00 hrs.) to 28.02.2025 (24:00 hrs.)
प्रतिबंध अवधि के दौरान:-
प्रयागराज जंक्शन:-
Ø प्रवेश केवल सिटी साइड (प्लेटफोर्म नं.–1 की ओर) से दिया जाएगा।
Ø निकास केवल सिविल लाइंस साइड की ओर दिया जाएगा।
Ø अनारक्षित यात्रियों कों दिशावार यात्री आश्रय के माध्यम से प्रवेश दिया जाएगा।
Ø टिकट की व्यवस्था यात्री आश्रयों में अनारक्षित टिकट काउंटर, ए.टी.वी.एम और मोबाइल टिकटिंग के रूप में रहेगी।
Ø आरक्षित यात्रियों को सिटी साइड से गेट नंबर 5 के माध्यम से अलग से प्रवेश दिया जाएगा।
Ø आरक्षित यात्रियों को उनकी ट्रेन आने के 30 मिनट पहले ही प्लेटफॉर्म पर जाने की अनुमति दी जाएगी।
नैनी जंक्शन:-

*छावनी क्षेत्र में हुआ श्री पंचायती अखाड़ा महा निर्वाणी का भव्य प्रवेश*

सिंहासन पर सवार दर्जनों महामंडलेश्वर हुए शामिल*
महाकुम्भ क्षेत्र में सनातन धर्म के ध्वज वाहक अखाड़ों के प्रवेश का सिलसिला जारी है। इसी क्रम में श्री पंचायती अखाड़ा महा निर्वाणी ने राजसी वैभव के साथ छावनी क्षेत्र में प्रवेश किया। शहर में जगह जगह पुष्प वर्षा कर संतों का भव्य स्वागत किया गया। कुम्भ मेला प्रशासन की तरफ से भी अखाड़े के महात्माओं का स्वागत किया गया।
सनातन धर्म के 13 अखाड़ों में सबसे धनवान कहे जाने वाले श्री पंचायती अखाड़ा महा निर्वाणी ने छावनी क्षेत्र में प्रवेश किया। अलोपी बाग के निकट स्थित महा निर्वाणी अखाड़े की स्थानीय छावनी से अखाड़े का भव्य जुलूस उठा। सबसे पहले महा मंडलेश्वर पद का सृजन करने वाले इस अखाड़े में इस समय 67 महा मंडलेश्वर हैं। अखाड़े की छावनी प्रवेश यात्रा में भी इसकी झलक देखने को मिली। अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी विशोकानंद जी की अगुवाई में यह छावनी प्रवेश यात्रा शुरू हुई जिसमें आगे आगे अखाड़े के इष्ट भगवान कपिल जी का रथ चल रहा था, जिसके बाद आचार्य महामंडलेश्वर का भव्य रथ श्रद्धालुओं को दर्शन दे रहा था।

*अखाड़े में दिखी नारी शक्ति की झलक*

नारी शक्ति को महा निर्वाणी अखाड़ा ने हमेशा विशिष्ट स्थान दिया है। अखाड़ों में मातृ शक्ति को स्थान भी सबसे पहले महा निर्वाणी अखाड़ा ने दिया। अखाड़ा के सचिव महंत जमुना पुरी बताते है कि साध्वी गीता भारती को अखाड़ों की पहली महा मंडलेश्वर होने का स्थान प्राप्त है जो उन्हें 1962 में प्रदान किया गया था। निर्वाणी अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी हरि हरानंद जी की शिष्या संतोष पुरी तीन साल की उम्र में अखाड़े में शामिल हुई और उन्हें ही यह उपलब्धि हासिल है। दस साल की उम्र में वह गीता का प्रवचन करती थी जिसके कारण राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद ने उन्हें गीता भारती का नाम दिया और संतोष पुरी अब संतोष पुरी से गीता भारती बन गई। छावनी प्रवेश यात्रा में भी इसकी झलक देखने को मिली जिसमें चार महिला मंडलेश्वर भी शामिल हुई। यात्रा में वीरांगना वाहिनी सोजत की झांकी में भी इसकी झलक देखने को मिली। छावनी यात्रा में पर्यावरण संरक्षण के कई प्रतीक भी साथ चल रहे थे। पांच किमी लंबा सफर तय करके शाम को अखाड़े ने छावनी में प्रवेश किया।

*200 सड़कों का हुआ निर्माण और विकास*
*3 लाख से अधिक पौधरोपण*
*नई, चौड़ी और चमचमाती सड़कें श्रद्धालुओं के अनुभव को बनाएंगी यादगार*
*श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए पर्मानेंट इंफ्रास्ट्रक्चर पर योगी सरकार का फोकस*

महाकुम्भ नगर।

कभी संकरी और खस्ताहाल सड़कों के लिए पहचाने जाने वाले प्रयागराज का आज कायाकल्प हो चुका है। पहले कुम्भ 2019 और अब महाकुम्भ 2025 को देखते हुए योगी सरकार ने यहां की सूरत ही बदल दी है। 2019 कुम्भ के दृष्टिगत जो विकास कार्य हुए, उसे 2025 महाकुम्भ में और विस्तार देते हुए स्थाई कार्यों पर जोर दिया गया है। सनातन आस्था के सबसे बड़े समागम महाकुम्भ के लिए बड़े पैमाने पर इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार किया गया है। आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं को आवागमन में किसी तरह की परेशानी न हो, इसको देखते हुए इस बार 200 सड़कों का निर्माण और विकास किया गया है। इन सड़कों को 3 लाख पौधों और एक लाख हॉर्टीकल्चर सैंपलिंग से सजाया गया है। कुल मिलाकर महाकुम्भ के दौरान जब बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां आएंगे तो यहां की सड़कों और उनके सौंदर्यीकरण की मनमोहक छवि के साथ यादगार अनुभव लेकर वापस जाएंगे।
प्रयागराज में महाकुम्भ के महाआयोजन को देखते हुए कुल 200 ऐसी सड़कें हैं, जिनका उन्नयन किया गया है। इसमें नई सड़कों का भी निर्माण हुआ है, जबकि सड़कों का चौड़ीकरण और सुदृढ़ीकरण भी किया गया है। सड़कों के निर्माण और विकास में तीनों विभागों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसमें सबसे ज्यादा काम प्रयागराज नगर निगम की ओर से किया गया है, जिसने कुल 78 सड़कों का नव निर्माण, चौड़ीकरण और सुदृढ़ीकरण करने में सफलता प्राप्त की है। इसके बाद लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने 74 और प्रयागराज विकास प्राधिकरण (पीडीए) ने कुल 48 सड़कों का विकास किया है। इसके साथ ही सड़कों का सौंदर्यीकरण भी किया गया है। खासतौर पर विभिन्न तरह के पौधों को यहां सजाया गया है, जबकि हॉर्टीकल्चर सैंपलिंग्स भी की गई हैं। इन 200 सड़कों पर कुल मिलाकर 3 लाख पौधों को रोपित किया गया है, जबकि एक लाख हॉर्टीकल्चर सैंपलिंग्स को प्लांट किया गया है। इन्हीं सड़कों के माध्यम से श्रद्धालुओं का संगम तक आवागमन सुगम हो सकेगा और उन्हें दिव्य आनंद की अनुभूति प्राप्त होगी।

*कई चुनौतियों का भी करना पड़ा सामना*
प्रयागराज की इन सड़कों का निर्माण तीनों विभागों के लिए कतई आसान नहीं रहा है। इसके लिए इन्हें कई तरह की चुनौतियों का भी सामना करना पड़ा है। उदाहरण के तौर पर निर्माण के दौरान कई ऐसे स्थल थे, जहां पर एंक्रोचमेंट था जिन्हें हटाया गया है। श्रद्धालुओं के साथ ही प्रयागराज वासियों की सुविधा के लिए निर्मित इन सड़कों के विकास के लिए कुल मिलाकर 4426 एंक्रोचमेंट को ध्वस्त किया गया है। इसी तरह, कई स्थलों पर निर्माण को लेकर कोर्ट केस का भी सामना करना पड़ा है। कुल मिलाकर 82 कोर्ट केसेज को रिजॉल्व किया गया है। वहीं, निर्माण के दौरान 4893 इलेक्ट्रिक पोल्स को भी यहां से शिफ्ट करने में सफलता प्राप्त हुई है। इतना ही नहीं, सड़कों के निर्माण के साथ-साथ 170 किमी. लंबी अंडरग्राउंड केबलिंग भी की गई है।

*महाकुम्भ -2025 में यात्रियों की सेवा एवं सुरक्षा के लिए रेलवे की तैयारियां*  

 प्रयागराज।

आगामी महाकुम्भ-2025 की सुरक्षा व्यवस्था की तैयारियों को देखने के लिए महानिरीक्षक/रेलवे सुरक्षा बल/उत्तर मध्य रेलवे, अमिय नन्दन सिन्हा ने प्रयागराज जंक्शन का निरीक्षण किया गया। 

महानिरीक्षक/रेलवे सुरक्षा बल ने प्रयागराज स्टेशन पर बने सभी यात्री आश्रय, फुट ओवर ब्रिज, प्लेटफार्म, सिटी साइड व सिविल लाइन साइड से क्रमशः यात्रियों के प्रवेश व निकास इत्यादि की व्यवस्थाओं को गहनता से निरीक्षण किया गया । स्टेशन पर सभी प्रवेश द्वारों सुरक्षा व्यवस्था हेतु डोर फ्रेम मेटल डिटेक्टर, हैण्ड हेंड मेटल डिटेक्टर, वैगेज स्कैनर व डॉग स्क्वाड के माध्यम से सघन चेकिंग कराने हेतु दिशा-निर्देशित किया ताकि इस महा आयोजन के दौरान किसी भी अप्रिय घटना एवं अनाधिकृत व्ययक्तियों का स्टेशन पर प्रवेश न कर सके। प्रयागराज स्टेशन पर रेलवे सुरक्षा बल के कोरस कमाण्डो की 01 कम्पनी को भी विशेष रूप से सुरक्षा व्यवस्था व किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैनात किया गया है। 

महानिरीक्षक/रेलवे सुरक्षा बल ने स्टेशन के इन्टरनल व एक्सटरनल मूवमेन्ट प्लान का भी जायजा लिया तथा महाकुम्भ-2025 के स्नान पर्वों पर भीड़ के दौरान स्टेशन के इन्टरनल व एक्सटरनल मूवमेन्ट प्लान को सही से लागू करने हेतु दिशा-निर्देश दिये । निरीक्षण के दौरान वरिष्ठ मण्डल सुरक्षा आयुक्त/ रेलवे सुरक्षा बल, श्री विजय प्रकाश पंडित एवं रेलवे सुरक्षा बल के अन्य अधिकारियों व निरीक्षकों को महाकुम्भ-2025 के सम्बन्ध में महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिये गये । सुरक्षा के मद्देनजर रेल द्वारा आने वाले श्रद्वालुओं की सुरक्षा के साथ-साथ रेलवे स्टेशनों व रेलवे टैªªक की सुरक्षा हेतु रेलवे सुरक्षा बल/उत्तर मध्य रेलवे के द्वारा व्यापक स्तर पर तैयारिया की गयी है। प्रयागराज जंक्शन पर लगभग 1100 बल सदस्यों को महाकुम्भ-2025 में सर्तकता व पूर्ण मुश्तैदी के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने के साथ-साथ मेले में आये सभी श्रद्वालुओं के साथ मधुर व्यवहार एवं सेवा भाव से सहायता करने हेतु दिशा-निर्देशित किया गया तथा रेल सुरक्षा बल के सभी स्टाफ को यात्रियों की सहायता में सेवा भाव से सदैव तत्पर रहने का संकल्प भी दिलाया गया।

प्रयागराज

प्रयागराज के बमरौली एयरपोर्ट की तरफ जाने वाले मार्ग पर लगाई गई मां गंगा की नयनाभिराम प्रतिमा*

Mahakumbh Nagar

प्रयागराज Cyber Crime Police की अपील*

*प्रयागराज में हो रहे महाकुंभ 2025 पर होटल और टेंट सिटी के नाम पर किए जा रहे साइबर फ्रॉड से सतर्क रहें।*

प्रयागराज में हो रहे महाकुंभ में इस बार होंगे कुल 6 शाही स्नान

प्रयागराज में 13 जनवरी-26 फरवरी 2025 तक महाकुंभ में 6 शाही स्नान होंगे जिसमें 13 जनवरी को पौष पूर्णिमा पर पहला शाही स्नान होगा। 14 जनवरी का मकर संक्रांति पर दूसरा, 29 जनवरी को मौनी अमावस्या पर तीसरा, 3 फरवरी को बसंत पंचमी पर चौथा, 12 फरवरी को पांचवां और 26 फरवरी को महाशिवरात्रि पर आखिरी शाही स्नान होगा।

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में अगले साल लगने वाले महाकुंभ के लिए रेलवे ने बड़ा फैसला लिया है। रेलवे का प्रयास है कि महाकुंभ के लिए 3000 विशेष ट्रेनें चलाई जाएं। इसी कड़ी में रेलवे ने 20 मेला स्पेशल ट्रेनों की लिस्ट जारी की है। समय सारिणी जारी कर दी गई है। मैसूर से दानापुर, साबरमती से बनारस आदि शहरों के लिए लिस्ट जारी की गई है। ये ट्रेनें अलग-अलग तारीखों पर अलग-अलग शहरों से चलेंगी। रेलवे के सूत्रों के अनुसार दूसरी ट्रेनों की समय सारिणी जारी करने पर भी विचार चल रहा है।

कोतवाली के दफ्तर में मंगलवार को एक बैठक हुई थी। जिसमें सिविल डिफेंस से जुड़े प्रतिनिधि, पार्टियों के नेता और स्थानीय प्रतिनिधि मौजूद थे। बैठक में फैसला लिया गया कि स्नान सरोवरों के पास 10-10 और 5-5 की संख्या में मेला मित्रों की तैनाती की जाएगी। जिन लोगों की ड्यूटी लगेगी, वे अपनी यूनिफॉर्म डालकर आएंगे। महाकुंभ में विशेष निगरानी के लिए समिति का भी गठन किया जाएगा। इसके अलावा कई और योजनाओं पर काम होगा। मौके पर मौजूद प्रतिनिधियों ने आम लोगों से भी सुझाव मांगे हैं।

उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता ने महाकुंभ को लेकर हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय को भी न्योता दिया है। न्योता देने वे हरियाणा की राजधानी चंडीगढ़ स्थित राजभवन पहुंचे। इस दौरान एक भव्य रोड शो का आयोजन भी किया गया। नंदी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सरकार लगातार विकास के लिए काम कर रही है। महाकुंभ 2025 ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना को सशक्त बनाएगा। हरियाणा की सहभागिता से ये आयोजन और भी गौरवशाली होगा।

ये विशेष ट्रेनें चलेंगी

• 05611/05612 कामाख्या-टूंडला-कामाख्या कुंभ स्पेशल

• 06207/06208 मैसूर-दानापुर-मैसूर एक्सप्रेस स्पेशल ट्रेन

• 06207/06208 मैसूर-दानापुर-मैसूर एक्सप्रेस स्पेशल ट्रेन

• 04153/04154 कानपुर सेंट्रल-भागलपुर कुंभ मेला स्पेशल (साप्ताहिक)

• 08057/08058 टाटानगर-टूंडला-टाटानगर कुंभ स्पेशल ट्रेन

• 05811/05812 नाहरलगुन-टूंडला-नाहरलगुन कुंभ स्पेशल ट्रेन

• 03219/03220 पटना-प्रयागराज-पटना कुंभ स्पेशल ट्रेन

• 08067/08068 रांची-टूंडला-रांची कुंभ स्पेशल ट्रेन

• 08067/08068 रांची-टूंडला-रांची कुंभ स्पेशल ट्रेन

• 09031/09032 उधना-गाजीपुर सिटी-उधना कुंभ स्पेशल ट्रेन

• 03689/03690 गया-प्रयागराज-गया कुंभ स्पेशल ट्रेन

• 09019/09020 वलसाड-दानापुर-वलसाड कुंभ स्पेशल ट्रेन

• 09029/09030 विश्वामित्री-बलिया- विश्वामित्री कुंभ स्पेशल ट्रेन

• 09413/09414 साबरमती-बनारस-साबरमती कुंभ स्पेशल ट्रेन

• 09017/09018 वापी-गया-वापी कुंभ स्पेशल ट्रेन

• 09421/09422 साबरमती-बनारस-साबरमती (गांधीनगर के रास्ते) कुंभ स्पेशल ट्रेन

• 09555/09556 भावनगर टर्मिनल-बनारस- भावनगर टर्मिनल कुंभ स्पेशल ट्रेन

कुभ स्पशल ट्रेन

• 09017/09018 वापी-गया-वापी कुंभ स्पेशल ट्रेन

• 09421/09422 साबरमती-बनारस-साबरमती (गांधीनगर के रास्ते) कुंभ स्पेशल ट्रेन

• 09555/09556 भावनगर टर्मिनल-बनारस- भावनगर टर्मिनल कुंभ स्पेशल ट्रेन

• 09537/09538 राजकोट-बनारस-राजकोट कुंभ स्पेशल ट्रेन

• 09403/09404 अहमदाबाद-जंघई- अहमदाबाद कुंभ स्पेशल ट्रेन

• 09591/09592 वेरावल-बनारस-वेरावल कुंभ स्पेशल ट्रेन

 

*जनसम्पर्क विभाग, पूर्वोत्तर रेलवे, वाराणसी*

प्रेस विज्ञप्ति संख्या-01

वाराणसी, 24 दिसम्बर, 2024: रेलवे प्रशासन द्वारा प्रयागराज में लगने वाले महाकुम्भ मेला के अवसर पर श्रद्धालु यात्रियों की सुविधा हेतु 06003/06004 कन्याकुमारी-बनारस-कन्याकुमारी कुम्भ मेला साप्ताहिक विशेष गाड़ी का संचलन 17 फरवरी, 2025 को कन्याकुमारी से तथा 20 फरवरी, 2025 को बनारस से 01 फेरे के लिये किया जायेगा। 

 06003 कन्याकुमारी-बनारस कुम्भ मेला साप्ताहिक विशेष गाड़ी 17 फरवरी, 2025 को कन्याकुमारी से 20.30 बजे प्रस्थान कर नागरकोविल जं. से 20.55 बजे, तिरुनेलवेली जं. से 22.15 बजे, कोविलपट्टि से 23.15 बजे, दूसरे दिन विरुदुनगर जं. से 23.58 बजे, दूसरे दिन मदुरै जं. से 01.20 बजे, दिंडुक्कल जं. से 02.15 बजे, तिरुच्चिराप्पल्लि जं. से 03.25 बजे, वृ़द्धाचलम से 05.02 बजे, विल्लुपुरम से 06.15 बजे, मेलमरूवतूर से 07.05 बजे, चेंगलपट्टु से 07.40 बजे, ताम्बरम से 08.20 बजे, चेन्नई एग्मोर से 09.20 बजे, गूडूर से 12.25 बजे, नेल्लूर से 13.00 बजे, ओंगोल से 14.30 बजे, चीराल से 15.20 बजे, तेनाली से 16.10 बजे, विजयवाड़ा जं. से 17.00 बजे, खम्मम से 18.30 बजे, वरंगल से 20.00 बजे, सिरपुर कागजनगर से 22.45 बजे, तीसरे दिन बल्हारशाह से 01.00 बजे, गोंदिया से 06.00 बजे, बालाघाट से 06.45 बजे, नैनपुर से 08.10 बजे, जबलपुर जं. से 10.50 बजे, कटनी जं. से 12.05 बजे, मैहर 12.40 बजे, सतना से 13.15 बजे, मानिकपुर से 15.12 बजे, प्रयागराज छिवकी से 17.05 बजे, मिर्जापुर से 19.05 बजे तथा चुनार से 20.00 बजे छूटकर बनारस 21.35 बजे पहुँचेगी।

     06004 बनारस-कन्याकुमारी कुम्भ मेला साप्ताहिक विशेष गाड़ी 20 फरवरी, 2025 को बनारस से 18.05 बजे प्रस्थान कर चुनार से 19.30 बजे, मिर्जापुर से 20.02 बजे, प्रयागराज छिवकी से 21.35 बजे, दूसरे दिन मानिकपुर जं. से 00.15 बजे, सतना से 01.30 बजे, मैहर से 02.00 बजे, कटनी जं. से 02.55 बजे, जबलपुर जं. से 04.15 बजे, नैनपुर से 06.45 बजे, बालाघाट से 08.00 बजे, गोंदिया से 09.00 बजे, बल्हारशाह से 16.00 बजे, सिगरपुर कागजनगर से 17.15 बजे, वरंगल से 19.10 बजे, खम्मम से 20.30 बजे, विजयवाड़ा जं. से 23.40 बजे, तीसरे दिन तेनाली से 00.10 बजे, चीराल से 00.50 बजे, ओंगोल से 01.40 बजे, नेल्लूर से 03.15 बजे, गूडूर से 04.30 बजे, चेन्नई एग्मोर से 08.05 बजे, ताम्बरम से 08.35 बजे, चेंगलपटटू से 09.05 बजे, मेलमरूवतूर से 09.30 बजे, विलुप्पुरम से 11.00 बजे, वृ़द्धाचलम से 11.40 बजे, तिरुच्चिराप्पल्लि जं. से 13.25 बजे, दिंडुक्कल जं. से 14.25 बजे, मदुरै जं. से 15.25 बजे, विरुदुनगर जं. से 16.00 बजे, कोविलपट्टि से 16.45 बजे, तिरुनेलवेली जं. से 18.30 बजे तथा नागरकोविल जं. से 20.35 बजे छूटकर कन्याकुमारी 21.00 बजे पहुंचेगी।

 इस गाड़ी में वातानुकूलित तृतीय श्रेणी के 06, वातानुकूलित तृतीय इकोनामी श्रेणी का 01, शयनयान श्रेणी के 06, जनरेटर सह लगेजयान का 01 तथा एल.एस.एल.आर.डी के 01 कोच सहित कुल 15 कोच लगाये जायेंगे।

*अशोक कुमार*

जनसम्पर्क अधिकारी,वाराणसी

 *प्रयागराज के लिए आतिथ्य सेवा का अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत करने का अवसर है महाकुम्भः सीएम योगी*

*मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज में समीक्षा बैठक के बाद पत्रकार वार्ता में सभी से सहयोग का किया आह्वान*

*सीएम बोले- प्रयागराज के लोगों के पास महाकुम्भ को सक्सेस स्टोरी बनाने और सिटी की ब्रांडिंग का अमूल्य अवसर*

*सीएम ने महाकुम्भ के लिए चल रहे विकास कार्यों पर जताया संतोष, कहा- युद्ध स्तर पर चल रहीं सभी तैयारियां*

*20 हजार से अधिक संतों और संगठनों के साथ ही अन्य संस्थाओं को रजिस्ट्रेशन कर भूमि आवंटन किया गयाः सीएम*

*अन्य संस्थाओं के साथ ही सभी नई संस्थाओं को 5 जनवरी तक भूमि आवंटन किए जाने का प्रयासः मुख्यमंत्री*

*महाकुम्भनगर, 23 दिसंबर।* मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज में महाकुम्भ 2025 की तैयारियों की समीक्षा के दौरान पत्रकारों से भी वार्ता की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि महाकुम्भ की तैयारियां युद्धस्तर पर चल रही हैं। केंद्र और राज्य सरकार के विभागों के साथ ही राज्य सरकार के अलग-अलग विभागों के बीच बेहतरीन कोऑर्डिनेशन के साथ महाकुम्भ पर्व की तैयारी आगे बढ़ रही है। यहां हर संस्था का सहयोग लिया जा रहा है। सीएम योगी ने कहा कि महाकुम्भ एक महापर्व के साथ-साथ प्रयागराज के लिए एक अवसर भी है कि वह अपने आतिथ्य सेवा का एक अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत करे। सीएम योगी ने प्रयागराज के लोगों से इस अवसर को एक सक्सेस स्टोरी में बदलने और प्रयागराज की ब्रांडिंग के लिए सहयोग का भी आह्वान किया।

पत्रकारों से वार्ता करते हुए सीएम योगी ने कहा कि सनातन गौरव के सबसे बड़े समागम महाकुम्भ की तैयारी युद्धस्तर पर चल रही है। अब तक 20 हजार से अधिक संतों और संगठनों के साथ ही अन्य संस्थाओं को यहां पर रजिस्ट्रेशन करते हुए भूमि आवंटन के साथ जोड़ा गया है। इसमें सभी 13 अखाड़े, दंडीवाड़ा, आचार्य वाड़ा के साथ-साथ प्रयागवाल सभा और खाक चौक आदि को भूमि आवंटन की कार्रवाई की जा चुकी है। शेष अन्य लोगों को भी भूमि आवंटन की प्रक्रिया से जोड़ा जा रहा है। अन्य संस्थाओं के साथ ही नई संस्थाएं भी हैं, जिनको 5 जनवरी तक भूमि आवंटन किए जाने का प्रयास किया जा रहा है। भूमि और अन्य प्रकार की सुविधाओं के लिए पर्याप्त व्यवस्था डबल इंजन की सरकार द्वारा की जा रही है।

*कार्यों की प्रगति पर जताया संतोष*
उन्होंने कहा कि पहली बार महाकुम्भ में पांटून ब्रिज 22 से बढ़कर के 30 हो रहे हैं, जिसमें 20 अब तक तैयार हो चुके हैं और हर हाल में प्रयास है कि 30 तक सब सभी 30 के 30 पांटून ब्रिज बनकर तैयार हो जाएं। चेकर्ड प्लेट यहां पर कुल 651 किलोमीटर की बिछनी थी, जिसमें 330 किलोमीटर की चेकर्ड प्लेट्स अब तक बिछाई जा चुकी हैं। इसका कार्य भी युद्धस्तर पर चल रहा है और यह भी समयबद्ध तरीके से आगे बढ़ेगा। साइनेजेस लगाने का कार्य भी युद्ध स्तर पर चल रहा है। अब तक मेला क्षेत्र में 250 साइनेजेस लगाए जा चुके हैं, जबकि सिटी के अंदर भी 661 स्थानों पर साइनेजेज लगाने का कार्य किया जा चुका है। उत्तर प्रदेश जल निगम के द्वारा भी यहां पर व्यापक कार्य किए जा रहे हैं। खासतौर पर यह प्रयास है कि सिंचाई विभाग के द्वारा अविरल और निर्मल गंगा के दर्शन हों, पर्याप्त मात्रा में संगम पर जल उपलब्ध होता रहे। आप देख रहे होंगे कि अन्य वर्षों की तुलना में इस बार मां गंगा और मां यमुना ने बड़ी कृपा की है और काफी पर्याप्त मात्रा में जल मौजूद है। यही नहीं, जल शुद्ध है और स्नान व आचमन करने योग्य भी है। कहीं भी कोई सीवर, इंडस्ट्री का एफ्लुएंट, या कोई ड्रेनेज नदी में ना गिरने पाए, इसके लिए जगह-जगह एसटीपी तो फंक्शनल हैं ही, बायोरेमेडिशन की पद्धति के माध्यम से, जिओ ट्यूब के माध्यम से उनके शुद्धिकरण के कार्यक्रम को भी यहां पर सुनिश्चित किया गया है।

*30 दिसंबर तक तैयार हो जाएंगे रिवर फ्रंट और घाट*
सीएम योगी ने कहा कि यहां पर पावर कारपोरेशन के द्वारा 24 घंटे विद्युत आपूर्ति के लिए 400 केवीए के 85 सब स्टेशन स्थापित किए जा रहे हैं, जिसमें से 77 स्थापित हो चुके हैं। ढाई सौ केवीए के 14 सबस्टेशनों में से 12 स्थापित किए जा चुके हैं। 100 केवीए के 128 सब स्टेशनों में से 94 स्थापित हो चुके हैं। एलटी लाइन 1160 किलोमीटर, एचटी लाइन 160 किलोमीटर और एलइडी स्ट्रीट लाइट अब तक लगभग 48000 स्थापित की जा चुकी हैं। यहां पर पहली बार मां गंगा का रिवर फ्रंट लोगों को देखने को मिलेगा। प्रयागराज में पहली बार रिवर फ्रंट और पक्के घाट बने हैं। ऐसे ही अरैल में भी एक घाट बन रहा है और प्रयास है कि 30 दिसंबर तक हर हाल में वह घाट बनाकर तैयार हो जाए। सीएम ने कहा कि जितने भी स्थाई और अस्थाई कार्य होने थे, इन पर युद्ध स्तर पर कार्य चल रहा है। जेटी के निर्माण का कार्य का युद्ध स्तर पर चल रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने भी 100 बेड का एक अस्थाई अस्पताल स्थापित कर दिया है। इसके अलावा 25 बेड के हॉस्पिटल अलग-अलग स्थानों पर स्वास्थ्य विभाग के द्वारा बनाए जा रहे हैं। फर्स्ट एड बॉक्स की सुविधा यहां पर प्रदान की जा रही है।

*कॉरिडोर दिखाएंगे श्रद्धालुओं को प्रयागराज की झांकी*
उन्होंने कहा कि महाकुम्भ के दौरान पहली बार प्रयागराज आने वाले श्रद्धालु जनों को कॉरिडोर के माध्यम से भी प्रयागराज की झांकी देखने को मिलेगी। अक्षय वट कॉरिडोर का प्रधानमंत्री जी के कर कमल से उद्घाटन हो चुका है। बड़े हनुमान जी यानी लेटे हुए हनुमान जी कॉरिडोर भी श्रद्धालु जनों को देखने का अवसर प्राप्त होगा। इसके साथ ही सरस्वती कूप कॉरिडोर, पातालपुरी कॉरिडोर, महर्षि भारद्वाज कॉरिडोर के अलावा श्रृंगवेरपुर में भगवान राम और निषाद राज कॉरिडोर तो विकसित हुए ही हैं, साथ ही द्वादश ज्योतिर्लिंग, नागवासुकि मंदिर और अन्य महत्वपूर्ण तीर्थ स्थलों के सुंदरीकरण और फसाड लाइटिंग के कार्य भी पूर्ण हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि नगर निगम ने यहां पर द्वादश ज्योतिर्लिंग की बहुत अच्छी रेप्लिका बनाई है। साथ ही, त्रिवेणी पुष्प जो पूर्व राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी जी की परिकल्पना थी, आज उसका एक भव्य रूप उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग और परमार्थ आश्रम मिलकर तैयार कर रहे हैं। इसके अलावा टेंट सिटी के निर्माण का कार्य भी युद्ध स्तर पर चल रहा है। 20,000 श्रद्धालुओं के लिए प्रयागराज मेला प्राधिकरण के द्वारा टेंट सिटी स्थापित की जा रही है। इसके अलावा अन्य विशिष्ट जनों के लिए भी लगभग 5 से 6 हजार क्षमता वाले टेंटेज अलग-अलग स्थान पर बनाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रयागराज मेले में सुरक्षा की भी पुख्ता व्यवस्था की गई है। पहली बार आपदा मित्रों की तैनाती हुई है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के साथ आपदा मित्र भी इस पूरे मेले में श्रद्धालु जनों के सहयोग के लिए अपनी सेवा प्रदान करते दिखाई देंगे।

सीएम योगी ने एयरपोर्ट पर भी तैयारियों का लिया जायजा*

*मुख्यमंत्री ने एयरपोर्ट का किया दौरा, जनवरी के प्रथम सप्ताह तक कार्य पूरा करने के दिए निर्देश*

*सीएम ने प्रोजेक्ट साइट पर जाकर देखा लेआउट प्लान, यात्रियों की सुविधाओं और व्यवस्थाओं के बारे में ली जानकारी*

*पुरानी बिल्डिंग और पार्किंग के विस्तार के साथ ही नई बिल्डिंग के विकास कार्य का भी किया अवलोकन*

*महाकुम्भनगर, 23 दिसंबर।*

प्रयागराज में महाकुम्भ की तैयारियों की समीक्षा करने आए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सूबेदारगंज फ्लाई ओवर के निरीक्षण के बीच प्रयागराज एयरपोर्ट में भी यात्रियों के लिए की जा रही व्यवस्थाओं और सुविधाओं के विस्तार का जायजा लिया। अपने निर्धारित समय के बीच उन्होंने एयरपोर्ट में जाकर पूरी साइट का मुआयना किया और एयरपोर्ट के अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। उन्होंने एयरपोर्ट में चल रहे समस्त कार्यों पर संतोष जताया और जनवरी के प्रथम सप्ताह में सभी कार्यों को पूर्ण कर लेने का निर्देश दिया। उल्लेखनीय है कि महाकुम्भ के दौरान बड़ी संख्या में लोग एयरपोर्ट के माध्यम से भी प्रयागराज आएंगे। इसके लिए सीएम योगी के निर्देश पर प्रयागराज एयरपोर्ट में भी यात्री सुविधाओं को लेकर व्यापक पैमाने पर कार्य किया जा रहा है।

*युद्धस्तर पर जारी हैं तैयारियां*
प्रयागराज एयरपोर्ट के डायरेक्टर मुकेश उपाध्याय ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने तय कार्यक्रम के बीच में समय निकालकर एयरपोर्ट पर महाकुम्भ की तैयारियों का जायजा लेने पहुंचे। इस दौरान उन्होंने उन सभी तैयारियों को देखा जो खासकर महाकुम्भ के दृष्टिगत की जा रही हैं। पुरानी बिल्डिंग और पार्किंग में जो विस्तार किया गया है वो उससे पूरी तरह संतुष्ट नजर आए। वहीं, नई बिल्डिंग में जो नया विस्तार किया जा रहा है, उन्होंने उसका भी अवलोकन किया। वह सभी तैयारियों से संतुष्ट रहे। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिया कि चूंकि महाकुम्भ 13 जनवरी से प्रारंभ हो रहा है ऐसे में यात्रियों का आवागमन बढ़ेगा, ऐसे में एयरपोर्ट पर सभी तैयारियां जनवरी के प्रथम सप्ताह में पूरी कर ली जाएं। मुकेश उपाध्याय ने बताया कि मुख्यमंत्री ने एयरपोर्ट पर तीन से चार मिनट तक तैयारियों का अवलोकन किया। उन्होंने इस दौरान प्रोजेक्ट साइट पर पूरा ले आउट प्लान भी देखा। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री जी की मंशा के अनुरूप एयरपोर्ट पर तैयारियां उसी दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही हैं और हमारे समस्त कार्य 31 दिसंबर तक पूर्ण किए जाने का लक्ष्य निर्धारित है। उन्होंने बताया कि एयरपोर्ट पर महाकुम्भ को लेकर युद्धस्तर पर तैयारियां की जा रही हैं और हम दिन के साथ-साथ रात में भी फ्लाइट लैंडिंग के लिए तैयार हैं।

*स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल की नई ओपीडी का सीएम ने किया निरीक्षण, दिए निर्देश*

*अस्पताल में भर्ती मरीज के तीमारदारों के लिए एक और रैन बसेरा बनाने का दिया आदेश*

*बर्न वार्ड यूनिट का निरीक्षण कर सीएम ने डाक्टरों से ली जानकारी*

*महाकुम्भ नगर, 23 दिसम्बर।* महाकुम्भ की तैयारियों की समीक्षा करने के लिए प्रयागराज पहुंचे सीएम योगी ने महा कुम्भ क्षेत्र के बाहर भी जन सुविधाओं की जानकारी ली। इसी क्रम में सीएम शहर के स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल पहुंचे और यहां उन्होंने तैयारियों की जानकारी ली। साथ ही आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए।

*नया रैन बसेरा बनाने का निर्देश*
मुख्य मंत्री ने अस्पताल में निर्मित नई ओपीडी का निरीक्षण किया। इस ओपीडी की क्षमता अब 4000 मरीजों की हो जाएगी। इस नई ओपीडी का निर्माण 5.5 करोड़ की लागत से किया गया है। मुख्यमंत्री ने मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज की प्रिंसिपल डॉक्टर वत्सला मिश्रा से पूछा कि अस्पताल में मरीजों के परिजनों के लिए क्या इंतजाम हैं। डॉक्टर मिश्रा ने बताया कि अभी 100 बेड की क्षमता का एक रैन बसेरा उनके पास है। इसके बाद मुख्यमंत्री ने 50 बेड का एक नया रैन बसेरा भी मरीज के तीमारदारों के लिए बनवाने के निर्देश दिए।

*बर्न वार्ड में बड़ी बेड की संख्या*
इसके बाद सीएम ने अस्पताल के निर्माणधीन बर्न वार्ड का भी निरीक्षण किया। 20 बेड वाले इस वार्ड को उ०प्र० प्रोजेक्ट कारपोरेशन लि. 235.83 लाख की लागत से तैयार कर रहा है। इसमें पूर्व में बर्न वार्ड में बेडों की संख्या 26 थी और अब इसकी कुल क्षमता 46 हो जाएगी। यह मण्डल का एक मात्र बर्न यूनिट सेन्टर है। वर्तमान में बेड की संख्या बढ़ जाने के कारण बर्न के अधिक मरीजों को एक साथ बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध होगी। सीएम ने डाक्टरों से पूछा कि यह कब से खुल जाएगा तो डाक्टरों का कहना था कि मंगलवार से इसमें मरीज भर्ती हो सकते हैं।

*महाकुम्भ में सुरक्षा से खिलवाड़ नहीं, इंटेलिजेंस बढाएं, माफिया के गुर्गों पर भी कार्रवाई तेज करें: मुख्यमंत्री*

*महाकुंभ से पहले प्रयागराज में टैक्सी, ऑटो, ई-रिक्शा चालकों का होगा पुलिस सत्यापन*

*भारत सरकार की सुरक्षा एजेंसियों के साथ बनाये रखें बेहतर तालमेल*

*प्रयागराज की ओर आने वाला हर मार्ग हो अतिक्रमण मुक्त, 05 जनवरी तक पूरा कर लें सड़क नवनिर्माण/सुदृढ़ीकरण के कार्य: मुख्यमंत्री*

*पुलिस बल को मुख्यमंत्री का निर्देश, पेट्रोलिंग बढाएं, जाम की समस्या के लिए बेहतर कार्ययोजना तैयार हो: मुख्यमंत्री*

*31 दिसंबर तक पूरा कर लें धार्मिक संस्थाओं और साधु संतों को भूमि आवंटन: मुख्यमंत्री*

*पराम्परागत संस्थाओं को स्थान आवंटन में दें प्राथमिकता, नए आवेदकों का सत्यापन जरूर कराएं*

*स्मार्ट प्रयागराज में सुगम आवागमन की पहचान बनेगा सूबेदारगंज सेतु: मुख्यमंत्री*

*नवनिर्मित सूबेदारगंज सेतु से होकर गुजरा मुख्यमंत्री का काफिला, एक तरफ से शुरू हो गया आवागमन*

*प्रयागराज में मुख्यमंत्री ने की महाकुम्भ से जुड़ी तैयारियों की समीक्षा, तय टाइमलाइन पर काम पूरा करने पर जोर*

*मुख्यमंत्री का निर्देश, सुरक्षा के दृष्टिगत एक्टिव करें एंटी ड्रोन सिस्टम*

*पूरे मेला क्षेत्र में होगी 24×7 पेयजलापूर्ति, 30 दिसंबर तक बिछ जाएंगी पाइपलाइनें*

*क्रियाशील हो गए हैं महाकुम्भ की पारंपरिक पहचान 22 पांटून पुल*

*कल्पवासी हों, स्नानार्थी हों या पर्यटक, सबकी सुरक्षा-सुविधा का रखें ध्यान, पुलिस का व्यवहार हो सहयोगात्मक: मुख्यमंत्री*

*लखनऊ, 23 दिसंबर:-* मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि महाकुंभ से पहले प्रयागराज में चल रहे सभी टैक्सी, ऑटो, ई-रिक्शा चालकों का पुलिस सत्यापन कराया जाए। यूपी पुलिस को इंटेलिजेंस को और बेहतर करने तथा भारत सरकार की सुरक्षा एजेंसियों के साथ लगातार संवाद-समन्वय बनाये रखने के निर्देश देते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल के समय में प्रयागराज के आस-पास माफियाओं पर बड़ी कार्रवाई हुई है, यह सुनिश्चित किया जाए कि महाकुम्भ से पहले उनके गुर्गों पर आवश्यकतानुसार कार्रवाई तेज की जाए।

सोमवार को प्रयागराज में महाकुम्भ की तैयारियों की समीक्षा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री जी ने ‘सुरक्षित महाकुम्भ’ की परिकल्पना की है। इसके दृष्टिगत सभी आवश्यक प्रबंध किए जाएं। सुरक्षा बलों की तैनाती के बारे में जानकारी लेते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अब तक जिन 20 हजार पुलिसकार्मिकों की तैनाती हुई है, उन सभी का प्रशिक्षण जरूर करा लिया जाए। मुख्यमंत्री ने महाकुम्भ में फायर सेफ्टी, घाट सुरक्षा, चिकित्सा सहायता आदि के संबंध में किये जा रहे व्यवस्थाओं को पुख्ता बनाने के भी निर्देश दिए। सुरक्षा के दृष्टिगत एंटी ड्रोन सिस्टम की उपलब्धता भी की जाए। प्रयागराज नगर में जाम के समाधान के लिए पुख्ता कार्ययोजना तैयार करने पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि फुट पेट्रोलिंग बढाए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने निर्देश दिए कि यह सुनिश्चित किया जाए कि मेला क्षेत्र में निराश्रित पशुओं का आवागमन न हो।

समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने महाकुम्भ प्रयागराज की ओर आने वाले सभी मार्गों के नवनिर्माण/सुदृढ़ीकरण के कार्यों के लिए 05 जनवरी अंतिम तारीख तय की है। उन्होंने कहा है कि महाकुम्भ में सर्वाधिक श्रद्धालु सड़क मार्ग से होकर आएंगे। अयोध्या, वाराणसी, लखनऊ और मीरजापुर की ओर से बड़ी संख्या में लोगों का आगमन होगा। इसलिए शीर्ष प्राथमिकता के साथ प्रयागराज आने वाले सभी मार्गों के नवनिर्माण/सुदृढ़ीकरण के कार्यों को पूरा कर लिया जाए। इसमें किसी प्रकार की कोताही नहीं होनी चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए हैं कि इन मार्गों पर यदि कहीं भी अतिक्रमण किया गया हो, तो कठोरतापूर्वक कार्यवाही करते हुए उसे हटाया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह संतोषजनक है सेतु निगम के 14 में से 12 सेतुओं का कार्य पूर्ण हो गया है, शेष दो का कार्य 05 जनवरी तक पूरा कर लिया जाए। उन्होंने कहा कि संगम नोज पर ड्रेजिंग के कार्य में और तेजी की अपेक्षा है। 30 दिसंबर तक यह कार्य पूरा कर लिया जाए। उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि मेला क्षेत्र में जल आपूर्ति के लिए पाइपलाइन बिछाने के कार्य को प्रत्येक दशा में 30 दिसंबर तक पूरा कर लिया जाए। हर सेक्टर में 24×7 शुद्ध जल की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। उन्होंने यह भी कहा कि सड़कों की मरम्मत, डिवाइडर की साज-सज्जा आदि का कार्य इसी माह के अंत तक पूरा कर लें। अब तक 22 पांटून पुल क्रियाशील हो गए हैं, शेष को भी एक सप्ताह में तैयार करा लिया जाए। मुख्यमंत्री के इस एक दिवसीय दौरे के साथ ही प्रयागराज नगर में सूबेदारगंज सेतु पर एक तरफ से आवागमन भी प्रारंभ हो गया। पुल का निरीक्षण करते हुए मुख्यमंत्री का काफिला सिविल एयरपोर्ट के लिए प्रस्थान किया। तय समय-सीमा के अनुसार, पुल की एक लेन को 31 दिसंबर और दूसरी लेन को मकर संक्रांति से पहले पूरा किया जाना था। लेकिन, यह काम एक सप्ताह पहले ही पूरा कर दिया गया। सुबेदारगंज पुल के निर्माण में 350 करोड़ रुपये से अधिक खर्च हुए हैं।

जनप्रतिनिधियों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ आइसीसीसी सभागार में बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने अखाड़ों, धार्मिक संस्थाओं और साधु-संतों को भूमि आवंटन की अद्यतन स्थिति के बारे में भी जानकारी ली। मेलाधिकारी ने बताया कि सभी अखाड़ों को भूमि आवंटित कर दी गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नियमानुसार सभी को आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध करा दी जाएं। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि विभिन्न राज्यों की ओर से महाकुम्भ में अपने शिविर स्थापित करने के अनुरोध मिल रहे हैं, इस संबंध में यथोचित निर्णय तत्काल हो जाए। नई संस्थाओं को आवंटन करने से पूर्व उनका सत्यापन भी कराया जाए।

उन्होंने कहा कि महाकुम्भ विश्व को सनातन भारतीय संस्कृति से साक्षात्कार कराने का सुअवसर है। यह स्वच्छता, सुरक्षा और सुविधा का मानक भी होगा। बैठक में ‘स्वच्छ महाकुम्भ’ की अवधारणा पर बल देते हुए मुख्यमंत्री ने जनप्रतिनिधियों को प्रयागराज की स्वच्छता के लिए आगे बढ़कर काम करने के लिए प्रेरित किया। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि महाकुम्भ को देखते हुए 7000 से अधिक बसें लगाई जाएंगी। यहां डेढ़ लाख से अधिक शौचालय स्थापित किए जाएंगे। स्वच्छता पर जोर देते हुए सीएम ने निर्देश दिया कि 10 हजार कर्मचारियों की तैनाती कर यहां की सफाई व्यवस्था को सुदृढ़ बनाए रखा जाए।

प्रयागराज संगम नगरी में प्रधानमंत्री मोदी

 *वैदिक मंत्रों के बीच पीएम मोदी ने किया संगम अभिषेक*

*त्रिवेणी संगम में अक्षत, चंदन, रोली, पुष्प और वस्त्र अर्पित कर पीएम मोदी ने की महाकुम्भ के सफल आयोजन की कामना*

*संगम नोज पर पीएम मोदी और सीएम योगी ने किया पूजन-अर्चन, उतारी त्रिवेणी की आरती*

*संगम नोज पर पूजा अर्चना से पहले पीएम मोदी ने प्रमुख साधु संतों से लिया आशीर्वाद*

*निषादराज क्रूज पर सवार होकर संगम नोज पर पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी*

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को प्रयागराज पहुंचकर महाकुंभ मेला-2025 के लिए विकास कार्यों का जायज़ा लिया। इस दौरान प्रधानमंत्री ने करीब ₹5,500 करोड़ की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन-शिलान्यास किया। इन परियोजनाओं में 10 नए आरओबी फ्लाईओवर, स्थाई घाट व रिवरफ्रंट सड़कें आदि शामिल हैं। PM ने प्रयागराज में अक्षय वट वृक्ष स्थल, हनुमान मंदिर और सरस्वती कूप में भी पूजा-अर्चना की।

*ये महाकुम्भ बनेगा एकता का महायज्ञः पीएम मोदी* 

*प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रयागराज में महाकुम्भ से पहले 5500 करोड़ की 167 परियोजनाओं का किया लोकार्पण* 

*रिमोट का बटन दबाकर पीएम मोदी ने बहुभाषिनी एआई चैटबॉट ‘कुम्भ सहायक’ का भी किया शुभारंभ*

*पीएम बोले- प्रयागराज की पावन धरा पर महाकुम्भ का आयोजन देश की सांस्कृतिक, आध्यात्मिक पहचान को नए शिखर पर करेगा स्थापित* 

*करोड़ों श्रद्धालुओं के स्वागत और सेवा की तैयारी, एक नया नगर बसाने का महा अभियान, प्रयागराज में रचा जा रहा एक नया इतिहासः पीएम* 

*महाकुम्भ का वर्णन एक वाक्य में करना हो तो कहूंगा यह एकता का ऐसा महायज्ञ होगा जिसकी चर्चा पूरी दुनिया में होगीः मोदी* 

*महाकुम्भ हजारों वर्ष पहले से चली आ रही हमारे देश की सांस्कृतिक, आध्यात्मिक यात्रा का पुण्य और जीवंत प्रतीकः पीएम मोदी* 

*पीएम ने कहा- प्रयागराज केवल एक भौगोलिक भूखंड नहीं है, यह एक आध्यात्मिक अनुभव क्षेत्र है*

*बोले- यहां जातियों का भेद खत्म हो जाता है, संप्रदायों का टकराव मिट जाता है, करोड़ों लोग एक ध्येय, एक विचार से जुड़ जाते हैं*

*संगम में डुबकी लगाने वाला हर भारतीय एक भारत, श्रेष्ठ भारत की अद्भुत तस्वीर प्रस्तुत करता हैः पीएम मोदी*   

प्रधानमंत्री नरेंद्री मोदी ने शुक्रवार को तीर्थराज प्रयागराज में 5500 करोड़ की 167 परियोजनाओं का लोकार्पण किया। इस अवसर पर पीएम ने बहुभाषिनी एआई चैटबॉट ‘कुम्भ सहायक’ का भी शुभारंभ किया। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि प्रयागराज की पावन धरा पर अगले साल महाकुम्भ का आयोजन देश की सांस्कृतिक, आध्यात्मिक पहचान को नए शिखर पर स्थापित करेगा। उन्होंने कहा कि विश्व का इतना बड़ा आयोजन, हर रोज लाखों श्रद्धालुओं के स्वागत और सेवा की तैयारी, लगातार 45 दिनों तक चलने वाला महायज्ञ, एक नया नगर बसाने का महा अभियान, प्रयागराज की इस धरती पर एक नया इतिहास रचा जा रहा है। उन्होंने कहा कि विश्वास और श्रद्धा के साथ कहता हूं कि अगर इस महाकुम्भ का वर्णन एक वाक्य में करना हो तो मैं कहूंगा यह एकता का ऐसा महायज्ञ होगा जिसकी चर्चा पूरी दुनिया में होगी। इससे पूर्व पीएम मोदी ने रिमोट का बटन दबाकर महाकुम्भ से संबंधित परियोजनाओं का लोकार्पण किया। इस दौरान, पीएम ने महाकुम्भ 2025 पर आधारित एक लघु फिल्म का भी अवलोकन किया।

*यह है हमारा तीर्थराज प्रयाग* 

पीएम ने अपने उद्बोधन में कहा कि हमारा भारत पवित्र स्थलों और तीर्थों का देश है। यह गंगा, यमुना, सरस्वती, कावेरी, नर्मदा जैसी अनगिनत पवित्र नदियों का देश है। इन नदियों के प्रवाह की जो पवित्रता है, इन अनेकानेक तीर्थों का जो महत्व है उनका संगम, उनका समुच्चय, उनका योग, उनका सहयोग, उनका प्रभाव, उनका प्रताप, यह प्रयाग है। यह केवल तीन पवित्र नदियों का ही संगम नहीं है, प्रयाग के बारे में कहा गया है कि माघ मकरगत रवि जब होई, तीरथ पतिहिं आव सब कोई…अर्थात जब सूर्य मकर में प्रवेश करते हैं, सभी दैवीय शक्तियां, सभी तीर्थ, सभी ऋषि, महर्षि, मनीषी प्रयाग में आ जाते हैं। यह वह स्थान है जिसके प्रभाव के बिना पुराण पूरे नहीं होते। प्रयागराज वह स्थान है, जिसकी प्रशंसा वेद की ऋचाओं ने की है। प्रयाग वह है जहां पग-पग पर पवित्र स्थान है, जहां पग पग पर पुण्य क्षेत्र हैं। त्रिवेणीं माघवं सोमं भरद्वाजं च वासुकिम्, वंदेऽक्षयवटं शेषं प्रयागं तीर्थनायकम्…अर्थात त्रिवेणी का त्रिकाल प्रभाव, वेणी माधव की महिमा, सोमेश्वर के आशीर्वाद, ऋषि भारद्वाज की तपोभूमि, नागराज वासुकि का विशेष स्थान, अक्षय वट की अमरता और शेष की अशेष कृपा, यह है हमारा तीर्थराज प्रयाग। तीर्थराज प्रयाग यानी चारी पदारथ भरा भंडारू, पुष्ण प्रदेश देश अतिचारू…अर्थात जहां धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष चारों पदार्थ सुलभ हैं, वह प्रयाग है।

*जो व्यक्ति प्रयाग में स्नान करता है, वह हर पाप से मुक्त हो जाता है*

पीएम बोले, महाकुम्भ हजारों वर्ष पहले से चली आ रही हमारे देश की सांस्कृतिक, आध्यात्मिक यात्रा का पुण्य और जीवंत प्रतीक है। एक ऐसा आयोजन जहां हर बार धर्म, ज्ञान, भक्ति और कला का दिव्य समागम होता है। संगम में स्नान से करोड़ तीर्थ के बराबर पुण्य मिल जाता है। जो व्यक्ति प्रयाग में स्नान करता है, वह हर पाप से मुक्त हो जाता है। राजा महाराजाओं का दौर हो या फिर सैकड़ो वर्षों की गुलामी का कालखंड, आस्था का यह प्रवाह कभी नहीं रुका। इसकी एक बड़ी वजह यह रही है की कुम्भ का कारक कोई बाहरी शक्ति नहीं है, किसी बाहरी व्यवस्था के बजाय कुम्भ मनुष्य के अंतर्मन की चेतना का नाम है। यह चेतना स्वतः जागृत होती है। यही चेतना भारत के कोने-कोने से लोगों को संगम के तट तक खींच लाती है। गांव, कस्बों, शहरों से लोग प्रयागराज की ओर निकल पड़ते हैं। पीएम मोदी ने कहा कि प्रयागराज केवल एक भौगोलिक भूखंड नहीं है, यह एक आध्यात्मिक अनुभव क्षेत्र है।

*महाकुम्भ में खत्म हो जाते हैं जाति और पंथ के भेद* 

महाकुम्भ के महत्व के बारे में पीएम मोदी ने कहा कि महाकुम्भ जैसी सामूहिकता की शक्ति, समागम शायद ही कहीं और देखने को मिले। यहां आकर संत, महंत, ऋषि, मुनि, ज्ञानी, विद्वान, सामान्य मानवीय सब एक हो जाते हैं। सब एक साथ त्रिवेणी में डुबकी लगाते हैं। यहां जातियों का भेद खत्म हो जाता है, संप्रदायों का टकराव मिट जाता है, करोड़ों लोग एक ध्येय, एक विचार से जुड़ जाते हैं। इस बार भी महाकुम्भ के दौरान यहां अलग-अलग राज्यों से करोड़ों लोग जुटेंगे, उनकी भाषा अलग होगी, जातियां अलग होंगी, मान्यताएं अलग होंगी, लेकिन संगम नगरी में आकर वह सब एक हो जाएंगे। इसीलिए कहता हूं कि यह महाकुम्भ एकता का महायज्ञ है, जिसमें हर तरह के भेदभाव की आहुति दी जाती है। यहां संगम में डुबकी लगाने वाला हर भारतीय एक भारत, श्रेष्ठ भारत की अद्भुत तस्वीर प्रस्तुत करता है।

*देश को दिशा दिखाते हैं कुम्भ जैसे आयोजन* 

पीएम मोदी ने कहा कि महाकुम्भ की परंपरा का सबसे अहम पहलू यह है कि इस दौरान देश को दिशा मिलती है। कुम्भ के दौरान संतो के वाद में, संवाद में, शास्त्रार्थ में, शास्त्रार्थ के अंदर देश के सामने मौजूद विषयों पर, देश के सामने मौजूद चुनौतियों पर व्यापक चर्चा होती है और फिर संत जन मिलकर राष्ट्र के विचारों को एक नई ऊर्जा देते हैं, नई राह भी दिखाते हैं। संत महात्माओं ने देश से जुड़े कई महत्वपूर्ण निर्णय कुम्भ जैसे आयोजन स्थल पर ही लिए हैं। जब संचार के आधुनिक माध्यम नहीं थे, तब कुम्भ जैसे आयोजनों ने बड़े सामाजिक परिवर्तन का आधार तैयार किया था। कुम्भ में संत और ज्ञानी लोग मिलकर समाज के सुख-दुख की चर्चा करते हैं, वर्तमान और भविष्य को लेकर चिंतन करते हैं। ऐसे आयोजनों से देश के कोने-कोने में समाज में सकारात्मक संदेश जाता है, राष्ट्र चिंतन की यह धारा निरंतर प्रवाहित होती है। इस आयोजन के नाम अलग-अलग होते हैं, पड़ाव अलग-अलग होते हैं, मार्ग अलग-अलग होते हैं, लेकिन यात्री एक होते हैं, मकसद एक होता है।

*श्रद्धालुओं के लिए सुविधाएं जुटाना डबल इंजन सरकार का दायित्व* 

पीएम मोदी ने कहा कि कुम्भ और धार्मिक यात्राओं का इतना महत्व होने के बावजूद पहले की सरकारों के समय इन पर ध्यान नहीं दिया गया। श्रद्धालु ऐसे आयोजनों में कष्ट उठाते रहे, लेकिन तब की सरकारों को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता था। इसकी वजह थी भारतीय संस्कृति से भारत की आस्था से उनका लगाव नहीं था, लेकिन आज केंद्र और राज्य में भारत के प्रति आस्था, भारतीय संस्कृति को मान देने वाली सरकार है। इसलिए कुम्भ में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए सुविधाएं जुटाना डबल इंजन की सरकार अपना दायित्व समझती है। इसलिए यहां केंद्र और राज्य सरकार ने मिलकर हजारों करोड़ों की योजनाएं शुरू की हैं। सरकार के अलग-अलग विभाग जिस तरह महाकुम्भ की तैयारी में जुटे हैं, वह बहुत ही सराहनीय है। देश-दुनिया के किसी कोने से कुम्भ तक पहुंचने में कोई दिक्कत ना हो, इसके लिए यहां की कनेक्टिविटी पर विशेष फोकस किया गया है।

*विकास के साथ विरासत को समृद्ध बनाने पर फोकस* 

पीएम मोदी ने कहा, हमारी सरकार ने विकास के साथ-साथ विरासत को भी समृद्ध बनाने पर फोकस किया है। आज देश के कई हिस्सों में अलग-अलग टूरिस्ट सर्किट विकसित किए जा रहे हैं। रामायण सर्किट, श्री कृष्ण सर्किट, बुद्धिस्ट सर्किट… इनके माध्यम से हम देश के उन स्थानों को महत्व दे रहे हैं जिन पर पहले फोकस नहीं था। प्रदेश दर्शन योजना हो या प्रसाद योजना हो, इनके माध्यम से तीर्थ स्थलों पर सुविधाओं का विकास किया जा रहा है। अयोध्या के भव्य राम मंदिर ने पूरे शहर को कैसे भव्य बना दिया है, हम सब इसके साक्षी हैं। विश्वनाथ धाम, महाकाल महालोक की चर्चा आज पूरे विश्व में है। यह अक्षय वट कॉरिडोर, हनुमान मंदिर कॉरिडोर, भारद्वाज ऋषि आश्रम भी इसी विजन का प्रतिबिंब है। श्रद्धालुओं के लिए सरस्वती कूप, पातालपुरी, नाग वासुकि मंदिर, द्वादश माधव मंदिर का कायाकल्प किया जा रहा है।

*आने वाली पीढ़ियों को समता और समरसता का संदेश देगी भगवान राम और निषाद राज की प्रतिमा*

पीएम मोदी ने भगवान राम और निषादराज की मित्रता के प्रतीक श्रग्वेरपुर धाम के लोकार्पण पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि हमारा यह प्रयागराज निषादराज की भी भूमि है। भगवान राम के मर्यादा पुरुषोत्तम बनने की यात्रा में एक महत्वपूर्ण पड़ाव श्रग्वेरपुर का भी है। भगवान राम और केवट का प्रसंग आज भी हमें प्रेरित करता है। केवट ने अपने प्रभु को सामने पाकर उनके पैर धोए थे, उन्हें अपनी नाव से नदी पार कराई थी। इस प्रसंग में श्रद्धा का अनन्य भाव है। इसमें भगवान और भक्त की मित्रता का अध्याय है। इस घटना का यह संदेश है कि भगवान भी अपने भक्त की मदद ले सकते हैं। प्रभु श्री राम और निषाद राज की इसी मित्रता के प्रतीक के रूप में श्रंग्वेरपुर धाम का विकास किया जा रहा है। भगवान राम और निषाद राज की प्रतिमा भी आने वाली पीढियों को समता और समरसता का संदेश देती रहेगी।

*सफाई कर्मियों के पैर धोना मेरे जीवन का यादगार अनुभव*

स्वच्छ महाकुम्भ को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि कुम्भ जैसे भव्य और दिव्य आयोजन को सफल बनाने में स्वच्छता की बहुत बड़ी भूमिका है। महाकुम्भ की तैयारी के लिए नमामि गंगे कार्यक्रम को तेजी से आगे बढ़ाया गया है। प्रयागराज शहर के सैनिटेशन और वेस्ट मैनेजमेंट पर फोकस किया गया है। लोगों को जागरूक करने के लिए गंगा दूत, गंगा प्रहरी और गंगा मित्रों की नियुक्ति की गई है। इस बार कुम्भ में 15000 से ज्यादा मेरे सफाई कर्मी भाई बहन स्वच्छता की बागडोर संभालने वाले हैं। कुम्भ की तैयारी में जुटे हुए अपने सफाई कर्मी भाई बहनों का अग्रिम आभार भी व्यक्त करूंगा। करोड़ों लोग यहां पर जिस पवित्रता, स्वच्छता, आध्यात्मिकता के साक्षी बनेंगे, वह आपके योगदान से ही संभव होगा। इस नाते यहां हर श्रद्धालु के पुण्य में आप भी भागीदार बनेंगे। जैसे भगवान कृष्ण ने जूठे पत्तल उठाकर संदेश दिया था कि हर काम का महत्व है, वैसे ही आप भी अपने कार्य से इस आयोजन की महानता को और बड़ा करेंगे। 2019 में भी कुम्भ आयोजन के समय यहां की स्वच्छता की बहुत प्रशंसा हुई थी। इसलिए आपके पैर धुलकर मैंने अपनी कृतज्ञता दिखाई थी। हमारे स्वच्छता कर्मियों के पैर धोने से मुझे जो संतोष मिला, वह मेरे लिए जीवन भर का यादगार अनुभव बन गया है।

*आर्थिक सशक्तिकरण का माध्यम बनेगा महाकुम्भ* 

पीएम मोदी ने महाकुम्भ में आर्थिक प्रगति को लेकर भी बात की। उन्होंने कहा कि हम सभी देख रहे हैं कि कैसे कुम्भ से पहले इस क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियों में तेजी आ रही है। यहां हर रोज लाखों की संख्या में लोग आएंगे, पूरी व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रयागराज में बड़ी संख्या में लोगों की जरूरत पड़ेगी। 6000 से ज्यादा हमारे नाविक साथी, हजारों दुकानदार साथी, पूजा पाठ और स्नान ध्यान करने में मदद करने वाले सभी का काम बहुत बढ़ेगा। यानी यहां बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर तैयार होंगे। सप्लाई चेन को बनाए रखने के लिए व्यापारियों को दूसरे शहरों से सामान मंगाना पड़ेगा। प्रयागराज कुम्भ का प्रभाव आसपास के जिलों पर भी पड़ेगा। देश के दूसरे राज्यों से आने वाले श्रद्धालु ट्रेन या विमान की सेवाएं लेंगे, इससे भी अर्थव्यवस्था में तेजी आएगी। यानी महाकुंभ से सामाजिक मजबूती तो मिलेगी ही लोगों को आर्थिक सशक्तिकरण भी होगा।

*ज्यादा से ज्यादा लोगों को डाटा और टेक्नोलॉजी के इस संगम में जोड़ा जाए*

पीएम मोदी ने डिजिटल कुम्भ को लेकर कहा कि पहली बार कुम्भ में एआई का प्रयोग होगा। एआई चैटबॉट 11 भारतीय भाषाओं में संवाद करने में सक्षम है। मेरा यह भी सुझाव है कि डाटा और टेक्नोलॉजी के इस संगम में ज्यादा से ज्यादा लोगों को जोड़ा जाए, जैसे महाकुम्भ से जुड़े फोटोग्राफी कंपटीशन का आयोजन किया जा सकता है। महाकुम्भ को एकता के महाकुम्भ के तौर पर दिखाने वाली फोटोग्राफी की प्रतियोगिता भी रखी जा सकती है। इस पहल से युवाओं में कुम्भ का आकर्षण बढ़ेगा। कुम्भ में आने वाले ज्यादा से ज्यादा श्रद्धालु इसमें हिस्सा लेंगे। अध्यात्म और प्रकृति से जुड़ी प्रतियोगिता का आयोजन कर सकते हैं। पीएम ने कहा कि आज देश एक साथ विकसित भारत के संकल्प की तरफ तेजी से बढ़ रहा है। पूरा विश्वास है कि इस महाकुम्भ से निकली आध्यात्मिक और सामूहिक शक्ति हमारे संकल्प को और मजबूत बनाएगी। महाकुम्भ स्नान ऐतिहासिक हो, अविस्मरणीय हो, मां गंगा, मां यमुना और मां सरस्वती की त्रिवेणी से मानवता का कल्याण हो, हम सबकी यही कामना है।

11 भाषाओं में श्रद्धालुओं के लिए मददगार होगा एआई चैटबॉट* 

*सीएम योगी के विरासत और विकास के विजन को साकार करेगा कुम्भ सहायक*

*नेवीगेशन, पार्किंग व रुकने के स्थान समेत हर जानकारी देगा एआई जेनरेटिव चैटबॉट*

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डिजिटल महाकुम्भ की संकल्पना को साकार करते हुए शुक्रवार को चैट बॉट कुम्भ सहायक लॉन्च कर दिया है। इस चैट बॉट का उद्देश्य महाकुम्भ में देश विदेश से आने वाले 45 करोड़ श्रद्धालुओं की यात्रा को सरल और सुविधाजनक बनाना है। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस बार महाकुम्भ को पहले की तुलना में अधिक दिव्य और भव्य बनाना चाहते हैं। इसी के साथ उन्होंने अफसरों को डिजिटल महाकुम्भ को प्राथमिकता के साथ आगे बढ़ाने का निर्देश दिया है। इसी क्रम में शुक्रवार को महाकुम्भ से पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चैट बॉट कुम्भ सहायक का शुभारंभ किया।

*11 भाषाओं को श्रद्धालुओं को देगा मदद*

चैट बॉट कुम्भ सहायक देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को महाकुम्भ से जुड़ी सभी जानकारियां पलक झपकते उपलब्ध करा देगा। यह कुम्भ सहायक 11 भाषाओं में श्रद्धालुओं का मददगार साबित होगा। यह श्रद्धालुओं को नेवीगेशन, पार्किंग व रुकने के स्थान समेत हर जानकारी सेकेंडों में उपलब्ध कराने में सक्षम है। इसे आसानी से अपने मोबाइल में डाउनलोड किया जा सकता है। इससे बोलकर या लिखकर अपने सवाल पूछ सकते हैं। साथ ही जवाबों को अपनी भाषा में सुन भी सकते हैं।

इन 11 भाषाओं में देगा श्रद्धालुओं के सवालों का जवाब*

हिंदी, अंग्रेजी, तमिल, तेलुगु, कन्नड़, मलयालम, गुजराती, मराठी, पंजाबी, बंगाली, उर्दू

*प्रमुख विशेषताएं* 

1. व्यक्तिगत कुम्भ तस्वीर को बना सकते हैं यादगारः श्रद्धालु अपनी तस्वीर अपलोड करके महाकुम्भ की पृष्ठभूमि के साथ एक व्यक्तिगत तस्वीर प्राप्त कर सकते हैं। जिसे वे कुम्भ मेले के यादगार के रूप में सहेज एवं शेयर सकते हैं।

2. आध्यात्मिक गुरुओं से जुड़ी विस्तृत जानकारी ले सकते हैंः श्रद्धालु महाकुम्भ का ऐतिहासिक, सांस्कृतिक व धार्मिक महत्व, प्रमुख तिथियां भी इसकी मदद से जान सकते हैं। साथ ही आध्यात्मिक गुरुओं से जुड़ी विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।

3. *बड़े हनुमान जी के श्रीचरणों में नतमस्तक पीएम मोदी ने ‘भक्ति की शक्ति’ का किया आह्वान*

*पीएम मोदी ने बड़े हनुमान मंदिर में किया विधिवत पूजन-अर्चन, ज्ञान-भक्ति, शक्ति व सर्व सिद्धि प्रदाता प्रभु हनुमान के समक्ष झुकाया शीश*

*‘अगाध आस्था के अमृतकाल’ में सनातन शक्ति के जागरण, सनातन मूल्यों की स्थापना व सकल विश्व में सनातन हितों की रक्षा का किया आह्वान*

*महाकुम्भ-2025 को सफल बनाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने जल आचमन, सिंदूर-लाल चंदन, नैवेद्य व माला अर्पण कर की बड़े हनुमान की अराधना*

*पीएम ने लेटे हनुमान मंदिर के कॉरीडोर का किया निरीक्षण, 3डी मॉडल देखकर कॉरीडोर के लेआउट संबंधी विभिन्न पहलुओं के बारे में ली जानकारी*

उत्तर प्रदेश में महाकुम्भ-2025 के सफल आयोजन के लिए बतौर प्रमुख यजमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को तीर्थराज प्रयागराज स्थित बड़े हनुमान मंदिर में जाकर प्रभु हनुमान के श्रीविग्रह के आगे शीश झुकाकर विधिवत पूजन-अर्चन किया। ज्ञान-भक्ति, शक्ति व सर्व सिद्धि प्रदाता चिरंजीवी प्रभु हनुमान के समक्ष महाकुम्भ-2025 को सफल बनाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने जलाचमन, सिंदूर-लाल चंदन, नैवेद्य व माला अर्पण कर सनातन शक्ति के जागरण का आह्वान किया। उन्होंने धूप-दीप अर्पण के साथ ही रुद्राक्ष की माला भी प्रभु बड़े हनुमान के श्रीचरणों में अर्पित की। यह सर्व विदित है कि प्रत्येक वर्ष प्रभु हनुमान के इस चमत्कारी विग्रह का स्वयं मां गंगा स्नान करती हैं। ऐसे में, महाकुम्भ-2025 के सफल आयोजन को लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने भक्ति की शक्ति को जागृत करने का कार्य तीर्थराज प्रयागराज में पूजन-अर्चन के जरिए किया।

*’अगाध आस्था के अमृतकाल’ में सनातन शक्ति जागरण का माध्यम बना पूजन*

प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को बड़े हनुमान मंदिर में सनातन संस्कृति के प्राण प्रभु श्रीराम की शाश्वत भक्ति के प्रतिमान हनुमान के समक्ष प्रार्थना की। ‘अगाध आस्था के अमृतकाल’ में सनातन शक्ति के जागरण, सनातन मूल्यों की स्थापना व सकल विश्व में सनातन हितों की रक्षा के उद्देश्य को लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने प्रार्थना की। बड़े हनुमान मंदिर में प्रभु हनुमान के श्रीचरणों में बैठकर बतौर प्रमुख अर्चक प्रधानमंत्री मोदी ने विधिवत तरीके से पूजन-अराधना पूर्ण की। इस दौरान बड़े हनुमान मंदिर के महंत तथा श्रीमठ बाघंबरी पीठाधीश्वर बलबीर गिरि जी महाराज ने प्रधानमंत्री मोदी की अराधना प्रक्रिया को पूर्ण कराया। इस दौरान उन्होंने बड़े हनुमान को यज्ञोपवीत भी अर्पित किया और आरती उतारी। मंदिर की ओर से मोदी को प्रभु हनुमान के आशीर्वाद स्वरूप रुद्राक्ष की माला और अंगवस्त्र प्रदान किया गया।

*मकरध्वज के भी होते हैं श्रीविग्रह में दर्शन*

बड़े हनुमान मंदिर में स्थापित हनुमान जी की प्रतिमा कई मायनों में विशिष्ट है। इस मूर्ति के दाहिने हाथ में गदा है। इससे काम, क्रोध, लोभ, मोह, मद, मात्सर्य आदि विकारों को नष्ट करने का भाव लिया जाता है। मूर्ति के बाएं कंधे पर राम-लक्ष्मण हैं, जिससे हृदय में उनकी दृढ़ धारणा का भाव लिया जाता है। मूर्ति के दोनों नेत्र विशेष रूप से खुले हुए हैं जो जागृत होने और अधोगामी विचारों व प्रवृत्तियों से दूर रहने के भाव को प्रदर्शित करते हैं। दाएं पैर के पास उनके पुत्र मकरध्वज की मूर्ति है, जिन्हें अधोपाताल लोक का रक्षक बताया गया है। मकरध्वज के दर्शन एवं धारणा से अधोगामी विचारों से रक्षा होती है। बड़े हनुमान जी का बायां पैर उठा हुआ है जिसे अहिरावण वध तथा अधोलोक से ऊर्ध्व लोक में जाने और अधोगामी विचारों के शमन अथवा दमन की प्रेरणा से जोड़कर देखा जाता है।

*पीएम ने कॉरीडोर का किया निरीक्षण, विभिन्न पहलुओं की ली जानकारी*

 प्रधानमंत्री मोदी ने बड़े हनुमान मंदिर के नवनिर्मित कॉरीडोर का भी निरीक्षण किया। इस कॉरीडोर में 38.19 करोड़ की लागत से पहले फेज का कार्य पूरा हो गया है। ऐसे में, उन्होंने 3डी मॉडल देखकर कॉरीडोर के लेआउट संबंधी विभिन्न पहलुओं की जानकारी ली। उन्होंने विशेषतौर पर महाकुम्भ के अवसर पर यहां दर्शन करने आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं को सुगम दर्शन कराने को लेकर हुए प्रयासों की जानकारी ली और समस्त प्रक्रियाओं की विवेचना की। इस दौरान प्रयागराज विकास प्राधिकरण के वीसी अमित पाल शर्मा ने प्रधानमंत्री मोदी को ब्रीफ किया। बड़े हनुमान मंदिर पर पीएम मोदी के साथ ही पूजन-अर्चन प्रक्रिया में सीएम योगी आदित्यनाथ, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल तथा डिप्टी सीएम केशव मौर्य व ब्रजेश पाठक उपस्थित रहे।

*प्रधानमंत्री मोदी ने संगम नोज में कुम्भ कलश का किया कुम्भाभिषेक*

*रत्न जड़ित, अष्ट धातु से बना विशिष्ट कुम्भ कलश*

*संत बोले पीएम और सीएम खुद संतो का आशीष लेने महाकुम्भ आए, महाकुम्भ दिव्य और भव्य होना तय*

प्रयागराज महाकुम्भ के आयोजन से पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को त्रिवेणी संगम में पूजा अर्चना कर 13 जनवरी से शुरू हो रहे महाकुम्भ के सफल आयोजन की कामना की। इस दौरान पीएम मोदी ने कुम्भ कलश का भी कुम्भाभिषेक किया। यह कुम्भ कलश रत्नजड़ित है और अष्टधातु का बना हुआ है।

*पीएम के पास भेजा जाएगा कुम्भ कलश* 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को महाकुम्भ नगर पहुंचे। इस दौरान त्रिवेणी पूजन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुम्भ कलश का कुम्भाभिषेक भी किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस कुम्भ कलश की पूजा की, वह रत्न जड़ित है। गंगा पूजन कराने आए तीर्थ पुरोहित दीपू तिवारी ने बताया कि प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने मोतियों से सजे इस अष्ठधातु से निर्मित इस कुम्भ कलश को अमृत रूपी कलश बनाने के लिए इसमें आम का पत्ता और नारियल भी रखा है। इसके साथ ही इसमें गऊशाला, तीर्थस्थलों की मिट्टी रखी गई। इसमें गंगाजल, पंचरत्न, दुर्बा, सुपारी, हल्दी रखी भी रखी गई। पीएम के पास इस कुम्भ कलश को भेजा जा रहा है।

*संतों ने दिया आशीर्वाद, बोले- महाकुंभ दिव्य और भव्य होगा* 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने त्रिवेणी पूजन से पहले साधु संतो से भी मुलाकात की। सभी 13 अखाड़ों से दो-दो प्रतिनिधि संगम नोज में आमंत्रित किए गए। इसके अलावा दंडी बाड़ा, आचार्य बाड़ा और खाक चौक व्यवस्था समिति से भी दो दो संत शामिल हुए। श्री पंचायती अखाड़ा महा निर्वाणी की तरफ से पीएम से मुलाकात के कार्यक्रम में शामिल हुए सचिव महंत जमुना पुरी का कहना है कि त्रिवेणी पूजन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी अखाड़े के साधु संतों से मुलाकात की। सबके हाल समाचार पूछे। कुशल क्षेम पूछने के बाद राष्ट्र के सर्वांगीण विकास के लिए प्रार्थना की। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने खुद ही सभी संतो का परिचय कराया।

कार्यकम में शामिल हुए श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल के सचिव आचार्य देवेंद्र सिंह शास्त्री का कहना है कि प्रधानमंत्री ने संतों से मुलाकात कर कहा कि सभी आशीर्वाद दीजिए कि मेला दिव्य और भव्य हो। संतो ने उन्हें आशीर्वाद दिया।

अक्षय वट पर शीश नवाकर पीएम मोदी ने मांगा जनकल्याण का वरदान*

*अक्षय वट पर पूजन-अर्चन के साथ ही पीएम मोदी ने की परिक्रमा, कॉरिडोर को लेकर हुए कार्यों को भी निहारा*

*तीर्थराज प्रयाग में महाकुम्भ-2025 के सफल आयोजन के लिए यजमान बने पीएम मोदी ने अक्षय वट के समक्ष सभी तीर्थों का किया आह्वान*

*अक्षय वट को माना जाता है भगवान वेणी माधव का साक्षात स्वरूप, पीएम मोदी ने संकल्प लेकर दीपक किया अर्पित*

*सर्व सिद्धि प्रदान करने वाली आध्यात्मिक शक्ति के केंद्र के तौर पर प्रसिद्ध अक्षय वट को माना जाता है तीर्थराज प्रयागराज की हृदयस्थली*

*समुद्र मंथन से प्राप्त 14 रत्नों में कल्पवृक्ष के अंश के रूप में है अक्षयवट की मान्यता, ब्रह्मा-विष्णु व महेश का माना जाता है वृक्ष में निवास*

*महाकुम्भ में आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं को अक्षय वट के दर्शन सुलभ कराने की दिशा में हुए प्रयासों का किया पीएम मोदी ने अवलोकन*

 उत्तर प्रदेश में महाकुम्भ-2025 के सफल आयोजन, वैश्विक कल्याण, विश्व शांति, भारत के अरुणोदय व तीर्थराज प्रयागराज आकर पुण्य की डुबकी लगाने वाले करोड़ों भक्तों, सनातन शक्तियों के सामर्थ्य व अक्षय पुण्य की वृद्धि के उद्देश्य से पीएम मोदी ने शुक्रवार को अक्षयवट का दर्शन कर पूजन-अर्चन किया। संगम नोज पर यजमान की भूमिका में संगम अभिषेक करने के उपरांत उन्होंने अक्षय वट के दर्शन किए। अक्षय वट पर भी महाकुम्भ-2025 के सफल आयोजन के लिए बतौर यजमान भूमिका निभाते हुए पीएम मोदी ने अक्षय वट पर शीश नवाया, संकल्प लेकर अभिषेक किया और समस्त तीर्थों का आवाहन करते हुए सकल मंगलकामनाओं की पूर्ति के लिए आस्था का दीप जलाया। इसके उपरांत उन्होंने अक्षय वट की प्रदक्षिणा की और समस्त विश्व के कल्याण की कामना की। पीएम मोदी ने न केवल इस परम पावन तीर्थ पर पूजा-अर्चना की, बल्कि कॉरीडोर को लेकर हुए कार्यों का आवलोकन भी किया। उन्होंने विशेषतौर पर महाकुम्भ के अवसर पर यहां दर्शन करने आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं को सुगम दर्शन कराने को लेकर हुए प्रयासों की जानकारी ली और समस्त प्रक्रियाओं की विवेचना की।

*अक्षय वट पर की भारत के अक्षय पुण्य की कामना*

अक्षय वट को तीर्थराज प्रयागराज के रक्षक श्रीहरि विष्णु के वेणी माधव का साक्षात स्वरूप माना जाता है। उल्लेखनीय है कि अक्षय वट को कॉरीडोर रूप में महाकुम्भ-2025 के पूर्व सुव्यवस्थित करने का कार्य पीएम मोदी के विजन और सीएम योगी के कुशल क्रियान्वयन में किया गया है। ऐसे में, शुक्रवार को पीएम मोदी ने अक्षय वट का पूजन-अर्चन करने के साथ ही भारत के अक्षय पुण्य की वृद्धि और विश्वगुरू के तौर पर उद्भव को अक्षुण्ण बनाने की कामना की।

*प्रभु श्रीराम, माता जानकी व लक्ष्मण सहित ब्रह्मा, विष्णु महेश का होता है पूजन-अर्चन*

अक्षय वट को लेकर ऐसी मान्यता है कि इसकी जड़ों में सृष्टि निर्माता ब्रह्मा, मध्य भाग में वेणी माधव स्वरूप श्रीहरि विष्णु तथा अग्र भाग में महादेव शिव-शंकर का वास है। इनकी पूजा के साथ ही समुद्र मंथन से प्राप्त 14 रत्नों में कल्पवृक्ष के अंश के रूप में भी अक्षय वट की मान्यता है। पुराणों में प्राप्त उल्लेख के अनुसार, सर्व सिद्धि प्रदान करने वाली आध्यात्मिक शक्ति के केंद्र के तौर पर प्रसिद्ध अक्षय वट ने मुगल काल व अंग्रेजों के शासन में पराभव का दंश झेला, मगर इसके बावजूद वह अक्षुण्ण बना रहा और आज सनातन धर्म के ध्वजवाहक के तौर पर सकल विश्व में अपनी पहचान को पुख्ता कर रहा है। अक्षय वट के बारे में यह भी प्रसिद्ध है कि प्रभु श्रीराम लंका विजय के उपरांत अयोध्या लौटने से पूर्व पुष्पक विमान से आते हुए अक्षय वट के दर्शन किए थे। उनके साथ माता सीता और भ्राता लक्ष्मण भी थे और अक्षय वट पर इन तीनों के ही विग्रह का पूजन होता है। पीएम मोदी के साथ ही अक्षय वट पूजन-अर्चन प्रक्रिया में सीएम योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल भी उपस्थित रहीं।

मां सरस्वती का दुग्धाभिषेक कर पीएम ने ‘निर्मल-अविरल जलधारा’ के संकल्प को किया साकार*

*प्रधानमंत्री मोदी ने सरस्वती कूप स्थित मां सरस्वती की प्रतिमा का किया पूजन-अर्चन और दुग्धाभिषेक*

*सरस्वती कूप में शहद व पुष्प भी किए अर्पित, पीएम मोदी ने सरस्वती कूप कॉरिडोर का लोकार्पण कर जनसामान्य के लिए दर्शन को बनाया सुलभ*

*सरस्वती कूप कॉरिडोर का किया अवलोकन, श्रद्धालुओं को सुलभ दर्शन उपलब्ध कराने के लिए हो रहे प्रयासों की ली जानकारी*

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को तीर्थराज प्रयागराज में संगम तट पर पूजन-अर्चन तथा अक्षय वट, बड़े हनुमान मंदिर व सरस्वती कूप में दर्शन-पूजन के साथ ही इनसे जुड़े कॉरिडोर्स का निरीक्षण व लोकार्पण किया। प्रधानमंत्री मोदी ने सरस्वती कूप आकर यहां स्थापित मां सरस्वती की प्रतिमा का जल व गो-दुग्ध से विधिवत अभिषेक किया। उन्होंने दीप अर्पित करते हुए माता सरस्वती की प्रतिमा को शहद व पुष्प अर्पित किए।

प्रधानमंत्री मोदी की प्रेरणा और योगी सरकार के कुशल क्रियान्वयन के जरिए पूर्ण हुए सरस्वती कॉरिडोर का भी अवलोकन कर इसे जनमानस के लिए लोकार्पित किया।

*स्वच्छता के प्रतिमानों के अनुरूप पवित्र जलधारा में स्नान कर सकेंगे श्रद्धालु*

यह सर्व विदित है कि तीर्थराज प्रयागराज में गंगा-यमुना व सरस्वती नदियों का पावन संगम होता है। इस संगम में धवल वर्णा गंगा तथा श्यामल-नील वर्णा यमुना का संगम तो स्पष्ट दिखता है, लेकिन सरस्वती अदृश्य रूप से इस त्रिवेणी संगम को पूर्ण करती हैं। सरस्वती नदी का स्वरूप सरस्वती कूप में विद्यमान है, जिसकी पूजा-आराधना सनातन संस्कृति का अभिन्न अंग है। तीनों ही मोक्षदायनी नदियों के पवित्र जल को स्वच्छता के प्रतिमानों के अनुरूप अविरल और महाकुम्भ में आने वाले सभी श्रद्धालुओं के लिए सुलभ बनाने की अवधारणा को प्रधानमंत्री मोदी साकार कर रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि मुगलकालीन किले के अंदर स्थित सरस्वती कूप का दर्शन काफी वर्षों से कुम्भ श्रद्धालुओं के लिए सुलभ नहीं था। वर्ष 2019 में योगी सरकार द्वारा आयोजित कुम्भ में पहली बार सरस्वती कूप का दर्शन श्रद्धालुओं के लिए सुलभ हो पाया। अब प्रधानमंत्री मोदी द्वारा सरस्वती कूप का लोकार्पण किया गया, जिसके जरिए आम जनता अब नवनिर्मित कॉरिडोर से होकर कूप के दर्शन कर सकेंगे।

*स्वच्छता एवं ज्ञान का संगम स्थल है सरस्वती कूप*

सरस्वती कूप को लेकर मान्यता है कि इसका दर्शन स्वच्छता के साथ ही जीवन में ज्ञान के बोध को विकसित करता है। अक्षयवट की तरह ही इस कूप को भी मुगलकाल में बने किले के माध्यम से अधिग्रहित कर लिया गया और अंग्रेजी शासनकाल में ऑर्डिनेंस डिपो की स्थापना के कारण इस कूप का दर्शन आम जनमानस के लिए निषिद्ध हो गया था। वर्ष 2019 में प्रयागराज में आयोजित कुम्भ में इसे आम जनता के लिए खोला गया और अब कॉरिडोर के जरिए महाकुम्भ- 2025 में आने वाले करोड़ों श्रद्धालु इस पवित्र कूप के दर्शन-पूजन का लाभ उठा सकेंगे।

आज प्रधानमंत्री मोदी महाकुंभनगर में 

साढ़े पांच हजार करोड़ रुपए की परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे मोदी

पीएम से पहले सीएम योगी ने लिया महाकुम्भ की तैयारियों का जायजा, कहा- All is well

पीएम मोदी के कार्यक्रम के लिए की जा रही तैयारियों पर जताया संतोष

दिये आवश्यक दिशा निर्देश

सीएम योगी ने संगम नोज पर पीएम मोदी के दर्शन और पूजन की तैयारियों का लिया जायजा

प्रयागराज।

पीएम नरेंद्र मोदी 13 दिसंबर को प्रयागराज आ रहे हैं। संगम तट से पीएम महाकुंभ-2025 का शंखनाद करेंगे। साथ ही महाकुंभ से जुड़े 7 हजार करोड़ के प्रोजेक्ट की सौगात भी देंगे।

इस दौरे में एक बड़ा बदलाव हुआ है। अब पीएम मोदी श्रृंगवेरपुर धाम नहीं जाएंगे। उन्हें रामायण सर्किट के इस स्पॉट से ‘अगड़ा-पिछड़ा एक’ का संदेश देना था। जो अब संगम तट से 2 लाख लोगों की मौजूदगी में दिया जाएगा।

ढाई घंटे के दौरे में पीएम श्रृंगवेरपुर धाम की 51 फीट ऊंची श्रीराम और निषादराज की प्रतिमा का अनावरण करेंगे। इस मौके पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने सभी 13 अखाड़ों के साधु-संतों को आमंत्रित किया है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुम्भ नगरन जनपद में जनवरी में शुरू होने वाले ‘महाकुम्भ-2025’ के दौरान देश-दुनिया से आने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने हेतु निर्मित केंद्रीय चिकित्सालय का स्थलीय निरीक्षण किया।

 महाकुंभ के लिए 100 बेड का अस्पताल मेला क्षेत्र में बनाया गया है. इसके ICU वॉर्ड में बेड के नाम नदियों के नाम पर रखा गया है.

यह प्रयागराज है- गंगा यमुना और सरस्वती का संगम••••*

*उत्तर प्रदेश पुलिस आपकी सेवा में तत्पर है•••••*

*दिव्य कुम्भ●●*

*भव्य कुम्भ●●*

*सुरक्षित कुम्भ●●*

प्रधानमंत्री के आगमन पर प्रयागराज में यातायात डायवर्जन प्लान जारी

 प्रधानमंत्री के 13 दिसंबर 2024 को जनपद प्रयागराज आगमन एवं भ्रमण कार्यक्रम के मद्देनज़र पुलिस प्रशासन ने यातायात व्यवस्था के लिए व्यापक डायवर्जन प्लान लागू किया है। यह डायवर्जन कार्यक्रम के समाप्ति तक प्रभावी रहेगा।

*डायवर्जन प्लान के मुख्य बिंदु*

1. पूरामुफ्ती: सभी कामर्शियल वाहनों का डायवर्जन पुरामुफ्ती चौराहा, मंदर मोड़, हैप्पी होम और टीपी नगर तिराहे से लागू रहेगा।

2. मामाभांजा चौराहा: बड़े और कामर्शियल वाहन लेप्रोसी की तरफ से शहर में प्रवेश नहीं कर सकेंगे (सवारी बसें छूट)।

3. रामपुर करछना: कामर्शियल और बड़े वाहन शहर की ओर प्रवेश वर्जित रहेंगे (सवारी बसें छूट)।

4. परेड क्षेत्र: तिकोनिया चौराहा, गल्ला मंडी तिराहा, दारागंज मोरी रैंप, मिंटो रोड, नया ब्रिज अंडरपास और मेला क्षेत्र की ओर वाहनों का आवागमन पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा।

5. नवप्रयागम चौराहा और डीपीएस नैनी मार्ग: इन क्षेत्रों में समस्त प्रकार के वाहनों का आवागमन प्रतिबंधित रहेगा।

6. लेप्रोसी और फाफामऊ मार्ग: इन रास्तों से कामर्शियल और बड़े वाहन प्रतिबंधित रहेंगे।

*वाहनों की पार्किंग व्यवस्था*

1. लेप्रोसी मार्ग: 17 नंबर प्लॉट संगम क्षेत्र पार्किंग।

2. मिंटो रोड: तालाब नवल राय रोड पार्किंग।

3. जीटी जवाहर मार्ग: हेलीपैड पार्किंग (परेड क्षेत्र)।

4. झूसी मार्ग: महुआ बाग पार्किंग।

5. प्रतापगढ़/लखनऊ मार्ग: बड़ा बघाड़ा पार्किंग

*एडवाइजरी*

वीआईपी मार्गों पर आम जनता से आवागमन न करने की अपील की गई है।

एंबुलेंस एवं मरीजों को अन्य वैकल्पिक मार्गों का उपयोग करने की सलाह दी गई है।

यातायात उपायुक्त ने जनता से सहयोग की अपील की है ताकि कार्यक्रम के दौरान सुचारू यातायात व्यवस्था बनाए रखी जा सके।

*पीएम से पहले सीएम योगी ने लिया महाकुम्भ की तैयारियों का जायजा, कहा- ऑल ओके* 

*पीएम मोदी के कार्यक्रम के लिए की जा रही तैयारियों पर जताया संतोष, दिए आवश्यक दिशा निर्देश* 

*सीएम योगी ने संगम नोज पर पीएम मोदी के दर्शन और पूजन की तैयारियों का लिया जायजा* 

*महाकुम्भ के दौरान घाटों पर स्नानार्थियों की सुविधा और सुरक्षा का पूरा ध्यान रखने के निर्देश*  

*अस्थाई अस्पताल में नेचुरल वेंटिलेशन पर दिया जोर, तैयारियों पर जताया संतोष* 

*अक्षय वट, सरस्वती कूप और लेटे हनुमान मंदिर में मुख्यमंत्री ने की पूजा अर्चना*

महाकुम्भ 2025 के लिए हजारों करोड़ की परियोजनाओं का लोकार्पण करने शुक्रवार को प्रयागराज आ रहे पीएम मोदी के कार्यक्रमों की तैयारियों का जायजा लेने के लिए गुरुवार को सीएम योगी प्रयागराज पहुंचे। उन्होंने महाकुम्भ नगर में चल रही तैयारियों का स्थलीय निरीक्षण किया। इस दौरान वह संगम नोज भी पहुंचे जहां पीएम मोदी शुक्रवार को पूजन अर्चन करेंगे। उन्होंने यहां पीएम मोदी के भ्रमण की पूरी रूपरेखा को समझा और बिना बाधा कार्यक्रम संपन्न कराने के लिए अधिकारियों को दिशा निर्देश प्रदान किए। यही नहीं, सीएम योगी ने मेला क्षेत्र में अस्थायी अस्पताल, अक्षय वट, सरस्वती कूप, लेटे हनुमान मंदिर पहुंचकर वहां भी तैयारियों का जायजा लिया। लेटे हनुमान मंदिर में सीएम ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच पूजन व दर्शन भी किया। उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को पीएम मोदी प्रयागराज में उपस्थित रहेंगे और संगम नोज पर गंगा आरती व पूजन के साथ ही वह यहां जनसभा को भी संबोधित करेंगे।  

*अस्थायी अस्पताल में वेंटिलेशन का दिया निर्देश* 

सीएम योगी सबसे पहले सेक्टर वन परेड में बनाए गए 100 बेड के अस्थायी अस्पताल का निरीक्षण करने पहुंचे। महाकुम्भ 2025 को देखते हुए चिकित्सा परिवार कल्याण विभाग उत्तर प्रदेश द्वारा इस अस्थायी अस्पताल का निर्माण किया गया है। मुख्यमंत्री ने यहां इमरजेंसी वार्ड, इंटेंसिव केयर यूनिट (आईसीयू), ओपीडी के साथ ही वेटिंग एरिया, मुख्य वार्ड, फीमेल वार्ड, चिल्ड्रेन वार्ड और ऑपरेशन थिएटर का गहन निरीक्षण किया। वहां मौजूद डॉक्टरों ने उन्हें अस्पताल में दी जा रही सुविधाओं के विषय में जानकारी दी। आईसीयू में एआई कैमरों के इस्तेमाल के साथ ही हाईटेक एआई मैसेजिंग फ्लो सिस्टम के बारे में उन्हें पूरे विस्तार से बताया गया। इसके साथ ही, अस्पताल में स्थापित लैबोरेट्री के विषय में भी बताया गया, जिस पर मुख्यमंत्री ने प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि महाकुम्भ के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु आएंगे। केंद्रीय अस्थायी अस्पताल के माध्यम से उन्हें हर संभव मदद मिलनी चाहिए। चिकित्सकों के साथ ही स्टाफ और दवाइयों की कोई कमी नहीं रहनी चाहिए। इसके अतिरिक्त उन्होंने अस्पताल में वेंटिलेशन के बेहतर इंतजाम किए जाने के भी निर्देश दिए। मालूम हो कि महाकुम्भ के लिए बनाए गए इस अस्थायी अस्पताल में कुल 100 बेड हैं, जिसमें 10 बेड का आईसीयू भी सम्मिलित है। इसमें कुल 381 डॉक्टर्स को तैनात किया गया है, जिसमें फिजीशियन, सर्जन, गायनेकोलॉजिस्ट, पीडियाट्रिक्स समेत अन्य शामिल हैं। 10 बेड के आईसीयू को कैंट बोर्ड संचालित करेगा, जिसमें मेदांता के डॉक्टर्स का भी सहयोग रहेगा। 

*संगम नोज का किया स्थलीय निरीक्षण* 

अस्पताल से सीएम सीधा किला घाट पहुंचे जहां उन्होंने नव निर्मित जेटी का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने अधिकारियों को घाट पर श्रद्धालुओं के स्नान व अन्य सुविधाओं को सुनिश्चित करने के साथ ही सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त रखने के निर्देश दिए। यहां से सीएम संगम नोज पहुंचे, जहां शुक्रवार को पीएम मोदी पूजन अर्चन करेंगे। उन्होंने यहां स्थलीय निरीक्षण किया। मेलाधिकारी विजय किरण आनंद ने उन्हें पीएम मोदी के क्रूज से भ्रमण को लेकर सभी तैयारियों के विषय में विस्तृत से जानकारी दी। सीएम ने सभी व्यवस्थाओं को देखा और सभी पैरामीटर्स का ध्यान रखते हुए आवश्यक दिशा निर्देश प्रदान किए। वह काफी देर यहां रुके और गंगा की निर्मल धारा को निखारते रहे।

 

*अक्षय वट के किए दर्शन*

यहां से सीएम योगी ने प्रयाग किले के अंदर स्थित अक्षय वट कॉरिडोर का स्थलीय निरीक्षण किया। सीएम ई कार्ट से अक्षय वट कॉरिडोर पहुंचे। यहां स्मार्ट सिटी के तहत किए जा रहे कार्यों को उन्होंने देखा और अक्षय वट के विषय में जानकारी ली। इसके बाद उन्होंने दर्शन कर पूर्जा अर्चना की। सीएम ने यहां चल रहे सौंदर्यीकरण खासकर श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप प्रतिमा को सराहा और फोटो शूट भी कराया। सप्तऋतियों की कलाकृतियों को देखकर भी वह भाव विभोर हो गए। यहां आर्मी के अधिकारियों ने उन्हें अक्षय वट की तस्वीर भी भेंट की।

 

*सीएम ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच हनुमान मंदिर में की पूजा*

सीएम योगी ने यहां से संगम तट पर स्थित बड़े हनुमान मंदिर कॉरिडोर का रुख किया। प्रयागराज डेवलपमेंट अथॉरिटी (पीडीए) द्वारा यहां कॉरिडोर फेज-1 का कार्य किया जा रहा है। सीएम ने तैयारियों का जायजा लिया और वैदिक मंत्रोच्चार के बीच हनुमान जी की पूजा अर्चन कर आरती उतारी। यहां दर्शन पूजन कर उन्होंने समस्त नागरिकों की सुख समृद्धि की कामना की। इस दौरान उनके साथ मंदिर के महंत और श्रीमठ बाघंबरी के पीठाधीश्वर बलबीर गिरी महाराज भी मौजूद रहे। इस अवसर पर पीडीए वीसी ने उन्हें मंदिर कॉरिडोर का ले-आउट प्लान भी दिखाया। सीएम ने समस्त कार्यों में तेजी लाते हुए समय पर कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए। यहां से सीएम सरस्वती कूप के दर्शन करने पहुंचे। यहां उन्होंने प्रांगण में स्थित सरस्वती जी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए।

 

*सीएम ने देखा जियो ट्यूब तकनीक से शोधन का कार्य*

सरस्वती कूप के दर्शन कर सीएम प्राधिकरण ऑफिस पहुंचे, जहां से सीएम ने सेक्टर 6 में एसटीपी सलोरी ड्रेन द्वारा जियो ट्यूब विधि से शोधन कार्य का निरीक्षण किया। जियो ट्यूब एक नई तकनीक है जिसके माध्यम से सीवर और नालों का पानी एसटीपी में भेजा जाता है। इन ट्यूब में ही 50 से 60 प्रतिशत बीओडी कम हो जाता है। शहर के जो 22 अनटैप्ड नाले थे, इसके माध्यम उनको ट्रीट करके नदी में छोड़ा जाएगा। इसका ट्रायल रन शुरू हो चुका है। एक जनवरी से यह पूरी क्षमता से कार्य करना शुरू कर दिया है। सीएम ने इसकी जानकारी लेने के बाद निर्देश दिए कि सीवर का पानी बिना ट्रीट किए हुए नदी में न छोड़ा जाए। मेले के दौरान एसटीपी पूरी क्षमता से कार्य करे, ताकि लोगों को किसी प्रकार की असुविधा न हो।

 

*अखाड़ों की तैयारियों को भी परखा*

सीएम योगी ने सेक्टर 20 में स्थित अखाड़ों का भी स्थलीय निरीक्षण किया। वह यहां सबसे पहले श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन पहुंचे, जहां सीएम ने अखाड़े के प्रवेश द्वार पर मौजूद संतो के साथ कुछ देर बातचीत की। संतो ने सीएम का स्वागत किया। उदासीन बड़ा के बाद श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी और आनंद अखाड़े के शिविर में भी सीएम पहुंचे और वहां की व्यवस्थाएं देखीं। आनंद अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर शंकरानन्द सरस्वती जी ने सीएम को अखाड़े के अंदर आमंत्रित किया। सीएम ने उन्हें अगली बार आने का आश्वासन दिया। सीएम अन्य अखाड़ों के बाहर तैयारियों और व्यवस्था का भौतिक निरीक्षण करने के बाद वहां से रवाना हो गए। यहां से त्रिवेणी मार्ग गंगा रिवर फ्रंट रोड झूंसी और छतनाग घाट का भी उन्होंने निरीक्षण किया। यहां उन्होंने श्रद्धालुओं के लिए सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।

 

स्थलीय निरीक्षण के दौरान सीएम योगी के साथ डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, जल शक्ति मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह, औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी, पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह और पूर्व विधायक व विधायक सिद्धार्थनाथ सिंह समेत अन्य नेतागण व अधिकारी मौजूद रहे।

सुरक्षित महाकुम्भ*

*महिलाओं की सुरक्षा के लिए संगम पर बनाई जा रहीं 12 स्पेशल यूनिटें*

*पीएम मोदी के आने से पहले सीएम योगी ने परखी महाकुम्भ की तैयारियां*

*मुख्यमंत्री के निर्देश पर संगम पर पूजा पाठ करवाने के लिए किया जा रहा विशेष इंतजाम*

*25 मीटर लंबी और 6 मीटर चौड़ी यूनिट में चेंजिंग रूम की भी होगी व्यवस्था*

*महिला श्रद्धालुओं की सुविधा के लिहाज से रहेगा इस बार विशेष इंतजाम* 

*खूबसूरत फ्लोटिंग जेटी पर श्रद्धालुओं को मिलेगा वीआईपी ट्रीटमेंट*

*संगम से पुरानी और जर्जर नाव हटाकर उनकी जगह फूलों से सजाई जा रही फ्लोटिंग जेटी* 

 महाकुम्भ को सनातन धर्म का सबसे बड़ा आयोजन बनाने के लिए प्रतिबद्ध योगी सरकार देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए तैयार है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे से पहले गुरुवार को खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ महाकुम्भनगर पहुंचे और सभी जरूरी तैयारियों का जायजा लिया।

मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद संगम पर श्रद्धालुओं को पूजा पाठ करवाने के लिए विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं। लोगों को विधिवत पूजा पाठ करने के लिए कहीं भटकना न पड़े, इसके लिए यहां पर ब्राह्मण, पुरोहित और पंडा मौजूद रहेंगे।

*चेंजिंग रूम की भी व्यवस्था*

एसडीएम महाकुम्भनगर, अभिनव पाठक ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप इस बार महिला श्रद्धालुओं की सुरक्षा का विशेष इंतजाम किया जा रहा है। संगम स्नान के दौरान देश-विदेश से आने वाली महिलाओं को किसी भी प्रकार की असुविधा न होने पाए, इसके लिहाज से संगम पर 12 स्पेशल यूनिटें बनाई जा रही हैं। इन यूनिटों की लंबाई 25 मीटर और 6 मीटर चौड़ाई होगी। इस यूनिट में चेंजिंग रूम की भी होगी व्यवस्था जिससे स्नान आदि के बाद किसी प्रकार की कोई समस्या न आने पाए।

इसके अलावा संगम से पुरानी और जर्जर नावें हटाई जा रही हैं। इनके स्थान पर फ्लोटिंग जेटी का निर्माण किया जा रहा है। साथ ही उसे आकर्षक बनाने के लिए विशेष प्रकार के फूलों से सजाया जा रहा है।

सीएम ने जनप्रतिनिधियों से की प्रधानमंत्री की जनसभा में व्यवस्था बनाने में प्रशासन का सहयोग करने की अपील*

*प्रधानमंत्री के प्रयागराज दौरे से पहले मुख्यमंत्री ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ की बैठक, दिए आवश्यक सुझाव*

*सीएम ने कहा – पीएम की जनसभा में लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में निभाएं जिम्मेदारी*

महाकुम्भ-2025 के लिए हजारों करोड़ की परियोजनाओं का लोकार्पण करने प्रयागराज आ रहे प्रधानमंत्री मोदी के कार्यक्रम की तैयारियों का स्थलीय निरीक्षण करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनप्रतिनिधियों के साथ भी बैठक की और उन्हें आवश्यक सुझाव दिए। उन्होंने बैठक में स्थानीय जनप्रतिनिधियों से कहा कि पीएम मोदी की जनसभा में बड़ी संख्या में आमजन की भागीदारी होगी, ऐसे में सभी जनप्रतिनिधियों को व्यवस्था बनाने में सहयोग करना होगा। जो लोग पीएम की जनसभा में आएं, वह कार्यक्रम की समाप्ति के उपरांत सुरक्षित अपने गंतव्य तक पहुंच जाएं, इसमें सभी लोग स्थानीय प्रशासन का सहयोग करें।

स्थानीय जनप्रतिनिधियों से संवाद करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के प्रयागराज आगमन पर ऐतिहासिक अभिनंदन होगा। प्रधानमंत्री जी की लोकप्रियता और उनके ओजस्वी वचनों को सुनने के लिए बड़ी संख्या में लोग आएंगे। हर जनप्रतिनिधि की जिम्मेदारी है कि वह प्रत्येक कार्यकर्ता और क्षेत्र की जनता को सुरक्षित जनसभा स्थल तक आने में सहयोग करें और कार्यक्रम खत्म होने के बाद उन्हें सुरक्षित उनके घर तक पहुंचाने में अपनी भूमिका का निर्वहन करें। उन्होंने कहा कि यह हम सभी के लिए महत्वपूर्ण अवसर है कि महाकुम्भ जैसे ऐतिहासिक आयोजन में हमें प्रधानमंत्री जी का आशीर्वाद मिलने जा रहा है। ऐसे में सभी जनप्रतिनिधियों का कर्तव्य है कि वो व्यवस्था बनाने में स्थानीय प्रशासन का सहयोग करें।

उन्होंने कहा कि कुम्भ 2019 ने पूरी दुनिया में प्रयागराज की अच्छी छवि बनाई है। अब एक बार फिर अवसर आया है। प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में इस बार अभूतपूर्व ‘दिव्य-भव्य-डिजिटल’ महाकुम्भ का आयोजन होने जा रहा है। जनप्रतिनिधियों को चाहिए कि वह यहां आने वाले अधिकाधिक तीर्थयात्रियों/पर्यटकों से भेंट कर उन्हें प्रयागराज की पौराणिकता, ऐतिहासिकता और आधुनिक युग में प्रयाग की महत्ता से परिचित कराएं। स्वाधीनता संग्राम में प्रयागराज की भूमिका के बारे में चर्चा करें। 2019 के कुम्भ और फिर इस बार के भव्य-दिव्य-डिजिटल महाकुम्भ की स्वच्छता, सुरक्षा और सुव्यवस्था से अवगत कराएं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज में त्रिवेणी पुष्प मंदिर का किया निरीक्षण, फीकल स्लज ट्रीटमेण्ट प्लांट, नैनी एवं एसटीपी व शिवालय पार्क, प्रयागराज का भी किया निरीक्षण

तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के स्वागत के लिए ‘स्मार्ट प्रयागराज तैयार: मुख्यमंत्री योगी

महाकुम्भ -2025 के दृष्टिगत चल रही सौंदर्यीकरण एवं अन्य परियोजनाओं का मुख्यमंत्री ने किया स्थलीय निरीक्षण

 *पूर्ण हो चुकी परियोजनाओं पर मुख्यमंत्री ने जताया संतोष, बाकी परियोजनाओं को 10 दिसंबर तक हर हाल में पूर्ण करने का दिया निर्देश* 

 *मुख्यमंत्री योगी ने अरैल बंधा रोड, त्रिवेणी पुष्प, फीकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट और शिवालय पार्क का किया स्थलीय निरीक्षण* 

 *प्रयागराज, 7 दिसंबर।*

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रस्तावित कार्यक्रम से छः दिन पूर्व शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शनिवार को प्रयागराज पहुंचे। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी ने प्रधानमंत्री मोदी के कर कमलों से उद्घाटन होने वाली और दिव्य, भव्य एवं डिजिटल महाकुम्भ -2025 के दृष्टिगत चल रही सौंदर्यीकरण एवं अन्य परियोजनाओं का भी स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होंने पूर्ण हो चुकी परियोजनाओं पर संतोष व्यक्त किया और बची हुई परियोजनाओं को गुणवत्तापूर्ण ढंग से हर हाल में 10 दिसंबर तक पूरा करने का अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिया।

मुख्यमंत्री योगी सर्किट हाउस से सीधे अरैल बंधा रोड पहुंचे, जहां उन्होंने सड़क के चौड़ीकरण एवं सौंदर्यीकरण का कार्य पूर्ण होने पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर महाकुम्भ में आने वाले तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के स्वागत के लिए ‘स्मार्ट प्रयागराज तैयार है। मुख्यमंत्री योगी ने 13 दिसंबर को प्रस्तावित प्रधानमंत्री के दौरे के दृष्टिगत महाकुम्भनगर एवं प्रयागराज को उसके प्राचीन गौरव के अनुरूप सजाने का निर्देश दिया।

वहां से मुख्यमंत्री योगी ने त्रिवेणी पुष्प का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने त्रिवेणी पुष्प में बने योग एवं सांस्कृतिक केंद्र को देखा। अधिकारियों ने मुख्यमंत्री योगी को त्रिवेणी पुष्प के कायाकल्प के कार्यों की गुणवत्ता के विषय में जानकारी दी, जिस पर उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि कार्यों की गुणवत्ता के साथ कोई समझौता न किया जाए। उन्होंने कहा कि महाकुम्भ- 2025 प्रयाग ही नहीं समूचे उत्तर प्रदेश के लिए भारत की प्राचीन आध्यात्मिक परम्परा को वैश्विक पटल पर प्रस्तुत करने का एक अवसर है।

इसके बाद मुख्यमंत्री नैनी स्थित फीकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट पहुंचे, जहां उन्होंने प्लांट की चल रही टैपिंग के कार्यों का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि कोई भी ड्रेनेज और सीवर गंगा और यमुना जी में न गिरने पाए इसका विशेष ध्यान रखा जाए। सभी नालों को टैपिंग समय पर कर लें। महाकुम्भ में आने वाले तीर्थयात्री अविरल एवं निर्मल गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम में स्नान करने के साथ आचमन कर पाएं, इसके लिए उत्तर प्रदेश की डबल इंजन की सरकार प्रतिबद्ध है। 

ट्रीटमेंट प्लांट का निरीक्षण करने बाद मुख्यमंत्री योगी ने शिवालय पार्क का स्थलीय निरीक्षण किया। 40 हजार वर्ग मीटर क्षेत्रफल में बने इस पार्क में भारत के सभी प्राचीन शिव मंदिरों को दर्शाया गया है। निरीक्षण के बाद मुख्यमंत्री योगी ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि इस पार्क में सनातन संस्कृति की आध्यात्मिक परम्परा को दर्शाया गया है, महाकुम्भ में दुनिया के कोने-कोने से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए यह पार्क आकर्षण का केंद्र बनेगा। इसके दृष्टिगत इसकी स्वच्छता और सौंदर्यीकरण पर विशेष ध्यान दिया जाए।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के साथ औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता ‘नंदी’, जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, प्रयागराज के महापौर समेत मेलाधिकारी विजय किरण आनंद और पुलिस के अधिकारी मौजूद थे।

प्रयागराज।

 मुख्यमंत्री योगी ने महाकुम्भ-2025 की तैयारियों के दृष्टिगत आज प्रयागराज में पुलिस कार्मिकों को संबोधित किया।

उत्तर प्रदेश पुलिस ने दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक समागम ‘कुम्भ-2019’ को पूरी भव्यता एवं दिव्यता के साथ आयोजित कर नए मानक गढ़े थे। हम सभी को मिलकर स्वच्छ, सुरक्षित और सुव्यवस्थित महाकुम्भ के साथ ही डिजिटल महाकुम्भ की परिकल्पना को साकार करना है।

प्रयागराज नगर निगम की ओर से बनाई जा रही है विश्व की सबसे बड़ी रंगोली*

स्कूली बच्चों समेत पहली बार सफाई मित्रों ने वॉल पेंटिंग में लिया हिस्सा* 

प्रयागराज नगर निगम की ओर से विश्व की सबसे बड़ी रंगोली बनाई जा रही है । शनिवार को यमुना क्रिश्चयन इण्टर कॉलेज में कार्यक्रम की शुरुआत वॉल पेंटिंग से हुई । करीब 150 स्कूली बच्चों और एनसीसी कैडेट्स ने दीवारों पर सुंदर कलाकृतियां उकेरीं । इनके साथ ही सफाई मित्रों ने भी पहली बार वॉल पेंटिंग में हिस्सा लिया । 72 घंटे बिना रुके यह रंगोली बनाई जाएगी, जिसमें इंदौर से आए 20 कलाकार भी हिस्सा लेंगे ।

55 हजार फुट बनाई जाएगी रंगोली, प्रदर्शनी का होगा आयोजन  

तीन दिवसीय इस कार्यक्रम में 50 हजार से अधिक महिलाएं, बच्चे व अन्य कलाकार हिस्सा लेंगे, जो 55 हजार फुट रंगोली का निर्माण कर प्रयागराज का नाम वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स (लंदन, यूके) में दर्ज करवाएंगे । कार्यक्रम का उद्घाटन माननीय महापौर गणेश केसरवानी जी रविवार की सुबह 11:00 बजे करेंगे । तीन दिन तक चलने वाले इस आयोजन में प्रर्दशनी भी लगाई जाएगी ।

स्वच्छ प्रयागराज, स्वच्छ महाकुम्भ के उद्देश्य से आयोजित इस कार्यक्रम में रंगोली में महाकुम्भ, स्वच्छ भारत अभियान को बढ़ावा देने वाले संदेश, नगर निगम द्वारा शहर भर में चलाए जा रहे स्वच्छता अभियान की तस्वीरें उकेरीं जाएंगी । रंगोली बनाने में बायोडिग्रेडेबल पाउडर, प्राकृतिक रंग, फूलों की पंखुड़ियों का उपयोग किया जा रहा है ।

*संत समाज से है महाकुम्भ की भव्यता-दिव्यता, सरकार और प्रशासन आयोजन के सहयोगी: मुख्यमंत्री*

*संतगणों की भावनाओं का पूरा सम्मान, हर आशा-अपेक्षा और आवश्यकता को पूरा करने का है प्रयास: मुख्यमंत्री*

*प्रधानमंत्री जी के कार्यक्रम के लिए मुख्यमंत्री ने संत-समाज को दिया आमंत्रण*

*महाकुम्भ की तैयारी में जो कुछ अच्छा है, वह पूर्वजों की कृपा, मा. प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन एवं संतों के आशीर्वाद से है: मुख्यमंत्री*

*अखाड़ों, संत परंपराओं के प्रतिनिधियों ने अपनी अपेक्षाओं से मुख्यमंत्री को अवगत कराया, व्यवस्थाओं से संतुष्ट, सुविधाओं में बढ़ोतरी का अनुरोध* 

*महाकुम्भ से पूर्व सभी अखाड़ों, विभिन्न संत परंपराओं के प्रतिनिधियों, पदाधिकारियों से मुख्यमंत्री ने किया संवाद*

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि महाकुम्भ की दिव्यता और भव्यता पूज्य संतों से ही है, सरकार और प्रशासन तो बस आयोजन की सहयोगी है। उन्होंने कहा कि आज वैश्विक पटल पर यदि सनातन संस्कृति गौरवान्वित हो रही है तो यह संतों की कृपा से ही हो पा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि महाकुम्भ की तैयारी में जो कुछ अच्छा है, वह पूर्वजों की कृपा, मा. प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन एवं संतों के आशीर्वाद से है। इसलिए इस बार भी पूज्य संतगण मेला प्रशासन के अधिकारियों को अपना मार्गदर्शन प्रदान करते रहें।

शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुम्भ मेला क्षेत्र में संत समाज के साथ संवाद किया। इस संवाद कार्यक्रम में सभी 13 अखाड़ों के प्रतिनिधि, खाक-चौक परंपरा, दण्डीबाड़ा परंपरा, आचार्यबाड़ा परंपरा तथा तीर्थ पुरोहितों के प्रतिनिधियों, पदाधिकारियों की उपस्थिति रही। प्रयागराज के एक दिनी दौरे पर आए मुख्यमंत्री ने संत समाज का आह्वान करते हुए कहा कि 13 दिसंबर को प्रधानमंत्री मोदी जी का प्रयागराज आगमन प्रस्तावित है। प्रधानमंत्री जी संगम पूजन करेंगे, साथ ही स्वच्छ-सुरक्षित और सुव्यवस्थित महाकुम्भ के लिए हजारों करोड़ की परियोजनाओं को लोकार्पित करेंगे। इस विशेष अवसर पर सभी 13 अखाड़ों के प्रतिनिधि, खाक-चौक परंपरा, दण्डीबाड़ा परंपरा, आचार्यबाड़ा परंपरा तथा तीर्थ पुरोहितों के प्रतिनिधियों, पदाधिकारियों की गौरवपूर्ण उपस्थिति प्रार्थनीय है। संत समाज ने समवेत स्वर से प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में उपस्थिति के लिए अपनी सहमति जताई। 

संतों के साथ महाकुम्भ की तैयारियों पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष गंगा जी का पानी देर से उतरने के कारण कुछ कार्य प्रभावित हुए हैं, लेकिन संत समाज की हर जिज्ञासा, हर अपेक्षा को पूरा करने के लिए राज्य सरकार हरसंभव प्रयास करेगी। उन्होंने कहा कि पावन त्रिवेणी संगम में स्नान की अभिलाषा लिए महाकुंभ आने वाले हर संत और श्रद्धालु को अविरल-निर्मल गंगा-यमुना के दर्शन होंगे। पवित्र नदियों की स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए सरकार के स्तर पर प्रयास किये जा रहे हैं, लेकिन साधु-संत समाज का सहयोग भी अपेक्षित है। मुख्यमंत्री ने कहा कि संतों के मार्गदर्शन में ही सनातन समाज का उत्कर्ष संभव है। महाकुम्भ-2025, कुंभ 2019 से भी अधिक भव्य हो, इसके लिए सभी को योगदान करना होगा। संतों की कृपा और प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में आज पूरी दुनिया अयोध्या, वाराणसी और ब्रजधाम के नए स्वरूप का दर्शन कर रही है।

संगम तट पर मुख्यमंत्री के साथ आयोजित संवाद में सभी 13 अखाड़ों और विभिन्न संत परंपराओं के साधु-संतों, आचार्यों ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सनातन धर्मध्वज के रक्षक हैं। उनके नेतृत्व में आज सनातन समाज गौरवान्वित हो रहा है। संतों ने कहा कि योगी जी पहले मुख्यमंत्री हैं, जो महाकुम्भ के विषय में साधु-संतों, आचार्यों से इस तरह से सीधे संवाद कर रहे हैं और उनकी समस्याओं/सुझावों को सुनकर लिपिबद्ध कर रहे हैं। साधु-संतों, आचार्यों के लिए यह अवसर संतोषप्रद है। संत गणों ने महा कुम्भ-2025 की तैयारियों पर संतुष्टि जताई। साथ ही कहा कि मेला क्षेत्र में चल रही तैयारियों को देखकर यह साफ हो जाता है कि महाकुम्भ-2025 प्रयागराज में पूर्व में हुए सभी कुम्भ/महाकुम्भ से भव्य एवं दिव्य होगा। संत समाज ने भूमि आवंटन, शिविर के लोकेशन, धूल, जाम, स्वच्छता, घाटों के नामकरण, सहायता राशि आदि के संबंध में अपनी-अपनी जिज्ञासाओं से मुख्यमंत्री को अवगत कराया, जिस पर मुख्यमंत्री ने यथोचित समाधान के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया। अखाड़ों और विभिन्न संत परंपराओं के प्रतिनिधियों ने एक स्वर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री योगी के नेतृत्व में आयोजित होने वाला महाकुम्भ-2025 पूरे विश्व को शांति का संदेश देने वाला होगा। समूचा संत समाज इसमें अपना योगदान करने को आतुर है।

*सीएम योगी ने श्रद्धालुओं के लिए महाकुंभ क्षेत्र में किया 25,000 बेड के सार्वजनिक आश्रय स्थल की शुरुआत*

*- आधुनिक सुविधाओं से लैस होंगे 250 बेड की क्षमता वाले सभी 100 सार्वजनिक आश्रय स्थल*

 महाकुंभ 2025 को दिव्य और भव्य बनाने के उद्देश्य से योगी सरकार तीर्थयात्रियों की सुविधाओं को प्राथमिकता देते हुए हरसंभव प्रयास कर रही है। योगी सरकार सर्दी के कठोर मौसम में श्रद्धालुओं के ठहराव और उनकी सुरक्षा के लिए का पूरा ध्यान रख रही है। इसी के मद्देनजर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को मेला क्षेत्र में 250 बेड की क्षमता वाले 100 सार्वजनिक आश्रय स्थलों का उद्घाटन किया। इसके साथ ही, इसके साथ ही, महाकुंभ मेला क्षेत्र में कंप्यूटरीकृत खोया-पाया केंद्र की भी शुरुआत की गई।

सीएम योगी ने कहा कि महाकुंभ जैसे भव्य आयोजन के दौरान तीर्थयात्रियों और आगंतुकों की भारी संख्या को देखते हुए सार्वजनिक आश्रय स्थलों की आवश्यकता महत्वपूर्ण होती है। परंपरागत रूप से तीर्थयात्री और साधु-संत खुले स्थानों या परिसंचरण क्षेत्रों में समय बिताते हैं, जिससे सर्द मौसम में उनके लिए कई समस्याएं उत्पन्न होती हैं। इस बात को ध्यान में रखते हुए, सरकार ने 25,000 बेड की कुल क्षमता वाले सार्वजनिक आश्रय स्थलों की व्यवस्था की है। इन आश्रय स्थलों का उद्देश्य तीर्थयात्रियों को न केवल आरामदायक और सुरक्षित ठहराव प्रदान करना है, बल्कि उनकी यात्रा को सुलभ और सुविधाजनक भी बनाना है।

*आधुनिक सुविधाओं से लैस हैं सभी आश्रय स्थल*

महाकुंभ के लिए तैयार किए गए सार्वजनिक आश्रय स्थलों को अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस किया गया है। इनमें प्रत्येक आश्रय स्थल पर 250 बेड की क्षमता होगी। बेड के साथ गद्दे, तकिए और साफ चादरें उपलब्ध कराई जाएंगी। पुरुष और महिलाओं के लिए अलग-अलग शौचालय और स्नानघर की व्यवस्था की गई है। इन आश्रय स्थलों में नियमित सफाई, जिसमें चादरों का परिवर्तन शामिल है, सुनिश्चित की गई है। इसके अलावा, स्वच्छ पेयजल और चौबीस घंटे (24×7) सुरक्षा के प्रबंध किए गए हैं। इन सुविधाओं का उपयोग श्रद्धालु नाममात्र शुल्क पर कर सकेंगे, जिससे महाकुंभ में सभी वर्गों के लोगों को ठहरने का विकल्प मिलेगा।

*श्रद्धालुओं के लिए बेहद सस्ता और सुलभ होगा सार्वजनिक आश्रय स्थल*

सार्वजनिक आश्रय स्थलों के उपयोग के लिए शुल्क की व्यवस्था सरल और सुलभ रखी गई है। सामान्य दिनों में, श्रद्धालुओं को पहले दिन के लिए 100 रुपये और दो दिन रुकने पर पहले दिन 100 रुपये और दूसरे दिन 200 रुपये का भुगतान करना होगा। मुख्य स्नान पर्व और उसके आसपास के दिनों में, यह शुल्क पहले दिन के लिए 200 रुपये और दो दिन के ठहराव के लिए पहले दिन 200 रुपये और दूसरे दिन 400 रुपये होगा। श्रद्धालु नकद या डिजिटल माध्यम (UPI) से भुगतान कर सकते हैं, जिसके बाद उन्हें टिकट जारी किया जाएगा।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह पहल विशेष रूप से उन तीर्थयात्रियों के लिए है, जो होटल, गेस्ट हाउस या निजी शिविर का खर्च नहीं उठा सकते। इन सार्वजनिक आश्रय स्थलों से न केवल उनकी यात्रा किफायती बनेगी, बल्कि वे सर्द मौसम में आराम और सुरक्षा का अनुभव भी कर सकेंगे।

सीएम योगी ने महाकुंभ मेला क्षेत्र में कंप्यूटरीकृत खोया-पाया केंद्र का किया उद्घाटन*

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ 2025 की तैयारियों के तहत प्रयागराज मेला क्षेत्र में कंप्यूटरीकृत खोया-पाया केंद्र का उद्घाटन किया। यह केंद्र अत्याधुनिक तकनीकों से लैस होगा, जिससे श्रद्धालुओं की गुमशुदगी संबंधी समस्याओं का तुरंत समाधान किया जा सके। इस पहल से तीर्थयात्रियों को सुरक्षित और संगठित अनुभव मिलेगा।

महाकुंभ 2025 को न केवल एक धार्मिक आयोजन के रूप में, बल्कि भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता का जीवंत प्रतीक बनाने के लिए सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह आयोजन न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे भारतवर्ष की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर को विश्व स्तर पर प्रस्तुत करेगा। यह पहल सर्दी के कठोर मौसम में आने वाले तीर्थयात्रियों को सुकूनदायक और यादगार अनुभव प्रदान करेगी।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के साथ औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता ‘नंदी’ जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, प्रयागराज के महापौर समेत, मेला अधिकारी विजय किरण आनंद एवं अन्य अधिकारी मौजूद थे।

भारतीय संस्कृति का प्रतीक है प्रयागराज का महाकुंभ मेला  

डॉ. सौरभ मालवीय

महाकुंभ मेला भारत की गौरवशाली संस्कृति का प्रतीक है। यह देश की सांस्कृतिक धरोहर है। यह मेला हमारी गौरवमयी संस्कृति का संवाहक है। यह भारत की आध्यात्मिक शक्ति एवं आस्था को दर्शाता है। यह कला-संस्कृति, गायन, नृत्य, हस्तकला को प्रोत्साहित करता है। इस मेले में संपूर्ण भारत की झलक मिलती है। इसमें प्राचीन भारत के साथ-साथ आधुनिक भारत का भी बोध होता है। मेले में सम्मिलित होने से आत्मा के अजर अमर होने की भारतीय मान्यता पर विश्वास अत्यधिक दृढ़ हो जाता है। यह मेला भारतीय दर्शन का प्रतीक है।

उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 13 जनवरी 2025 को पौष पूर्णिमा स्नान के साथ कुंभ मेले का शुभारंभ होगा तथा 26 फरवरी 2025 को महाशिवरात्रि के अंतिम स्नान के साथ इसका समापन होगा। शाही स्नान 14 जनवरी को मकर संक्रांति पर, 29 जनवरी को मौनी अमावस्या पर, 3 फरवरी को बसंत पंचमी पर, 12 फरवरी को माघी पूर्णिमा पर तथा 26 फरवरी को महाशिवरात्रि पर होगा।

सांस्कृतिक व धार्मिक महत्व

प्रयागराज हिंदुओं का अत्यंत महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है। यहां गंगा, यमुना एवं सरस्वती का अद्भुत संगम होता है जिसे अत्यंत पवित्र माना जाता है। यहां कुंभ मेले का आयोजन होता है। कुंभ मेले के अवसर पर करोड़ों श्रद्धालु प्रयाग, हरिद्वार, उज्जैन एवं नासिक में स्नान करके पुण्य अर्जित करते हैं। इनमें से प्रत्येक स्थान पर प्रति बारहवें वर्ष तथा प्रयाग में दो कुंभ पर्वों के मध्य छह वर्ष के अंतराल में अर्धकुंभ मेले का आयोजन होता है। कुंभ का शाब्दिक अर्थ घड़ा एवं मेले का अर्थ एक स्थान पर एकत्रित होना है। कुंभ मेला अमृत उत्सव के नाम से भी प्रसिद्ध है।

खगोल गणनाओं के अनुसार कुंभ मेला मकर संक्रांति के दिन प्रारंभ होता है। उस समय सूर्य एवं चंद्रमा, वृश्चिक राशि में तथा वृहस्पति, मेष राशि में प्रवेश करते हैं। इस दिवस को अति शुभ एवं मंगलकारी माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन पृथ्वी से उच्च लोकों के द्वार खुल जाते हैं। इस दिन स्नान करने से आत्मा को उच्च लोकों की प्राप्ति होती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान विष्णु अमृत से भरा हुआ कुंभ लेकर जा रहे थे तभी असुरों ने उन पर आक्रमण कर दिया। अमृत प्राप्ति के लिए देव एवं दानवों में परस्पर बारह दिन तक निरंतर युद्ध होता रहा। देवताओं के बारह दिन मनुष्यों के बारह वर्ष के समान होते हैं। इसलिए कुंभ भी बारह होते हैं। इनमें से चार कुंभ पृथ्वी पर होते हैं तथा शेष आठ कुंभ देवलोक में होते हैं। देव एवं दानवों के इस संघर्ष के दौरान भूमि पर अमृत की चार बूंदें गिर गईं। ये बूंदें प्रयाग, हरिद्वार, नासिक एवं उज्जैन में गिरीं। जहां-जहां अमृत की बूंदें गिरीं वहां पर तीर्थ स्थल का निर्माण किया गया। तीर्थ उस स्थान को कहा जाता है जहां मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस प्रकार जहां अमृत की बूंदें गिरीं, उन स्थानों पर तीन-तीन वर्ष के अंतराल पर बारी-बारी से कुंभ मेले का आयोजन किया जाता है। इन तीर्थों में प्रयाग को तीर्थराज के नाम से जाना जाता है, क्योंकि यहां तीन पवित्र नदियों गंगा, यमुना एवं सरस्वती का संगम होता है। इन नदियों में स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।

भारत में महाकुंभ धार्मिक स्तर पर अत्यंत पवित्र एवं महत्वपूर्ण आयोजन है। इसमें लाखों-करोड़ों श्रद्धालु सम्मिलित होते हैं। इस बार के महाकुंभ में लगभग 40 करोड़ तीर्थयात्रियों के सम्मिलित होने की संभावना व्यक्त की जा रही है। लगभग डेढ़ मास तक संचालित होने वाले इस आयोजन में तीर्थयात्रियों के ठहरने के लिए व्यवस्था की जाती है। उनके लिए टेंट लगाए जाते हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि एक छोटी सी नगरी अलग से बसा दी गई है। यहां तीर्थयात्रियों के लिए मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था की जाती है। यह आयोजन प्रशासन, स्थानीय प्राधिकरणों एवं पुलिस की सहायता से आयोजित किया जाता है। इस मेले में दूर-दूर से साधु-संत आते हैं। कुंभ योग की गणना कर स्नान का शुभ मुहूर्त निकाला जाता है। स्नान से पूर्व मुहूर्त में नागा साधु स्नान करते हैं। इन साधुओं के शरीर पर भभूत लिपटी रहती है। उनके बाल लंबे होते हैं तथा वे वस्त्रों के स्थान पर शरीर पर मृगचर्म धारण करते हैं। स्नान के लिए विभिन्न नागा साधुओं के अखाड़े भव्य रूप से शोभा यात्रा की भांति संगम तट पर पहुंचते हैं। ये साधु मेले का आकर्षण का केंद्र होते हैं।

उत्तर प्रदेश धर्म, संस्कृति एवं पर्यटन की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण राज्य है। महाकुंभ मेले के कारण यहां विश्वभर से तीर्थयात्रियों के साथ-साथ पर्यटक भी आएंगे। इसलिए प्रयागराज के ऐतिहासिक मंदिरों का जीर्णोद्धार एवं नवीनीकरण किया जा रहा है। पर्यटन विभाग, स्मार्ट सिटी एवं प्रयागराज विकास प्राधिकरण मिलकर यह कार्य कर रहे हैं। मेला प्रशासन श्रद्धालुओं और पर्यटकों की आस्था एवं सुविधा को प्राथमिकता दे रहा है, जिससे उन्हें स्मरणीय अनुभव प्राप्त हो सके तथा वे यहां से प्रसन्नतापूर्वक वापस जाएं। पर्यटन विभाग जिन कॉरिडोर एवं नवीनीकरण परियोजनाओं की देखरेख कर रहा है, उनमें से मुख्य रूप से भारद्वाज कॉरिडोर, मनकामेश्वर मंदिर कॉरिडोर, द्वादश माधव मंदिर, पड़िला महादेव मंदिर, अलोप शंकरी मंदिर आदि सम्मिलित हैं। स्मार्ट सिटी परियोजना के अंतर्गत अक्षयवट कॉरिडोर, सरस्वती कूप कॉरिडोर एवं पातालपुरी कॉरिडोर सम्मिलित हैं। प्रयागराज विकास प्राधिकरण नागवासुकी मंदिर का नवीनीकरण कार्य एवं हनुमान मंदिर कॉरिडोर का कार्य करवा रहा है।

पौधारोपण

महाकुंभ मेले के दृष्टिगत उत्तर प्रदेश को हरभरा बनाने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। राज्य में हरित क्षेत्र के विस्तार के लिए संपूर्ण राज्य में 2.71 लाख पौधे लगाए जा रहे हैं। इसके लिए वन विभाग, नगर निगम एवं प्रयागराज विकास प्राधिकरण मिलकर कार्य कर रहे हैं तथा संयुक्त रूप से राज्यभर में अभियान चला रहे हैं। वन विभाग द्वारा 29 करोड़ रुपये की लागत से 1.49 लाख पौधे लगाए जाएंगे। वन विभाग संपूर्ण जिले में सड़कों के किनारे पौधे लगाएगा। नगर में आने वाली मुख्य सड़कों पर सघन पौधारोपण किया जा रहा है। सड़कों के किनारे नीम, पीपल, कदंब एवं अमलतास आदि के पौधे लगाए जा रहे हैं। इस अभियान के अंतर्गत सरस्वती हाईटेक सिटी में 20 हेक्टेयर में 87 हजार पौधे लगाए जाएंगे। इसके अतिरिक्त वन विभाग नगर के कुछ क्षेत्रों में पौधे लगाएगा। नगर में हरित पट्टी बनाने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

प्राकृतिक उत्पादों को प्रोत्साहन

भारतीय जीवन शैली सदैव से प्रकृति के लिए सुखद रही है। देश के अनेक राज्यों विशेषकर दक्षिण भारत में आज भी केले के पत्तों पर भोजन परोसा जाता है। धार्मिक आयोजनों में होने वाले सामूहिक भोज में भी पत्तलों पर भोजन परोसा जाता है। महाकुंभ मेले में प्राकृतिक उत्पाद जैसे दोना, पत्तल, कुल्हड़ एवं जूट व कपड़े के थैलों के प्रयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसमें पॉलीथिन एवं सिंगल यूज्ड प्लास्टिक पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध रहेगा। पॉलीथिन एवं प्लास्टिक पर्यावरण के लिए एक गंभीर चुनौती बना हुआ है।

स्वच्छता पर बल

हमारे देश में आत्मा की शुद्धि के साथ-साथ शारारिक स्वच्छता पर भी विशेष बल दिया जाता है। महाकुंभ मेले में श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों की बड़ी संख्या में आने के दृष्टिगत क्षेत्र में लगभग डेढ़ लाख शौचालय एवं मूत्रालय स्थापित किए जा रहे हैं। इनको स्वच्छ बनाए रखने के लिए भी व्यापक तैयारी की गई है। इसमें तकनीकी का भी प्रयोग किया जा रहा है। इन सभी की निगरानी का दायित्व गंगा सेवा दूतों को सौंपा गया है। वे प्रातः एवं सायं इनकी जांच करेंगे। क्यूआर कोड से स्वच्छता की मॉनीटरिंग की जा रही है। यह ऐप बेस्ड फीडबैक देगा, जिसके माध्यम से शीघ्र से शीघ्र सफाई सुनिश्चित की जाएगी। इस बार मैनुअल शौचालय स्वच्छ करने की आवश्यकता नहीं होगी, अपितु जेट स्प्रे क्लीनिंग सिस्टम से कुछ क्षणों में पूरी तरह उन्हें स्वच्छ कर दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त सेसपूल ऑपरेशन प्लान भी तैयार किया गया है, जिसके माध्यम से मेला क्षेत्र में स्थापित शौचालयों के सेप्टिक टैंक को रिक्त किया जाएगा। सेप्टिक टैंक रिक्त करके यहां से वेस्ट को एसटीपी प्लांट या अन्य स्थान पर स्थानांतरित किया जाएगा।

यातायात सुविधा

प्रदेश में आने वाले श्रद्धालुओं की प्रत्येक सुविधा का ध्यान रखा जा रहा है। इसलिए यातावात की भी समुचित व्यवस्था की जा रही है। प्रयागराज आने वाली बसों, रेलगाड़ियों एवं वायुयान की संख्या में वृद्धि की जा रही है। महाकुंभ के लिए रेलवे द्वारा लगभग 1200 रेलगाड़ियां तथा परिवहन विभाग द्वारा सात हजार बसों का संचालन किया जाएगा।

तीर्थ यात्रियों की सुविधा के लिए योगी सरकार ने केंद्र की मोदी सरकार ने महाकुंभ के दौरान प्रयागराज में प्रवेश करने पर सात टोल प्लाजा को टैक्स फ्री करने का अनुरोध किया था, जिसे स्वीकृत कर लिया गया है। महाकुंभ के दौरान 45 दिनों तक चित्रकूट मार्ग पर उमापुर टोल प्लाजा, रीवा राजमार्ग पर गन्ने टोल प्लाजा, मिर्जापुर मार्ग पर मुंगारी टोल प्लाजा, वाराणसी मार्ग पर हंडिया टोल प्लाजा, लखनऊ राजमार्ग पर अंधियारी टोल प्लाजा, अयोध्या राजमार्ग पर मऊआइमा टोल प्लाजा नि:शुल्क रहेगा। यहां से प्रवेश करने वाले यात्रियों से कोई भी टोल नहीं लिया जाएगा। यह सुविधा 13 जनवरी से 26 फरवरी तक रहेगी। यद्यपि यह सुविधा माल वाहक व्यवसायिक वाहनों को नहीं मिलेगी। इस समयावधि में सरिया, सीमेंट, बालू एवं इलेकट्रॉनिक्स सामान से भरे वाहनों से टोल लिया जाएगा। किंतु व्यवसायिक पंजीकृत जीप एवं कार आदि से भी टोल नहीं लिया जाएगा।

माना जा रहा है कि इस बार का कुंभ मेला स्वयं में विशेष होगा।

लेखक – एसोसिएट प्रोफेसर लखनऊ विश्वविधयालय।

Dr.Sourabh Malviya

Associate Professor

Deptt. of Journalism $ Mass Communication

University of Lucknow- UP

मो. 8750820740

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