प्रयागराज।
राष्ट्रीय महिला रचनाकार मंच के तत्वावधान में हिन्दी पखवाड़े के अंतर्गत 2 सितम्बर से हिन्दी भाषा के सम्मान मे एक विशेष आयोजन का शुभारंभ किया गया है जो 14 सितंबर तक लगातार हिन्दी साहित्य के किसी न किसी पुरोधा कवि लेखकों के व्यक्तित्व पर आधारित रहेगा।
दो सितम्बर से चल रहे इस आयोजन के अन्तर्गत हरिवंश राय बच्चन, सुभद्रा कुमारी चौहान, सूर्यकांत निराला के व्यक्तित्व पर काव्य सृजन कर रही देश विदेश की महिलाओं ने आज 5 सितम्बर को राष्ट्र कवि मैथिली शरण गुप्त जी के व्यक्तित्व पर काव्य सृजन करते हुऐ इस आयोजन को सफल बनाया। जिसका *संयोजन कवयित्री रचना सक्सेना ने किया और अध्यक्षता वरिष्ठ अधिवक्ता एवं रंगकर्मी ऋतन्धरा मिश्रा* जी ने की। बहराइच से रुचि मटरेजा एवं प्रयागराज की चेतना सिंह ने इस आयोजन मे संयुक्त संचालन द्वारा कार्यक्रम में चार चांद लगा दिये। । इस अवसर पर देश विदेश की अनेक कवयित्री बहनों ने अपनी सुंदर सुंदर रचनाओं की प्रस्तुतियां दी। इस आयोजन में तेलंगाना से डा. अर्चना पांडे लिखती हैं रच दिए कई काव्य मन में छा गई यशोधरा, विलासपुर से रश्मि लता मिश्रा कहती हैं दिया संदेश यही जन को नर हो न निराश करो मन को, प्रयागराज से मीरा सिन्हा जी कहती हैं- द्वापर युग की झांकी भी हम सबको दिखला दिया, प्रयागराज से पूर्णिमा मालवीय कहती हैं दी हमें जो राष्ट्रभक्ति, सदा गुणगान करती हूं मैं, प्रयागराज से संतोष मिश्रा ‘ दामिनी’ कहती हैं हे राष्ट्रकवि तेरा वंदन.., प्रयागराज से इंदू सिन्हा लिखती हैं -संपूर्ण देश में राष्ट्र का प्रेम का भाव भर सोए हुए को भी जगा दिया, मीना विवेक जैन लिखती हैं जिनकी कलम ने रच दिए महाकाव्य.., दिल्ली से डॉ सरला स्निग्धा कहती हैं -स्वालंबन की शिक्षा देते… बिहार से अनामिका अमिताभ कहती हैं हिंदी के महत्व को समझा और हिंदी में बहुत कुछ कर गए, जोधपुर से दीपा परिहार लिखती हैं स्वदेश प्रेम की बातें कविताओं में … नागपुर से नंदिता मनीष सोनी कहती हैं नारी के प्रति करुणा को दर्शाया.., प्रयागराज से रचना सक्सेना जी कहती हैं-हो यशोधरा या पंचवटी
साकेत हो या जयद्रथ वध
पाठ नैतिकता पढ़ा रही
श्रोत प्रेरणा तेरी रही कलम लखीमपुर खीरी से सुरेंद्र संदीपका चड्ढा लिखती हैं-कवि दिवस मनाते सब तीनअगस्त, कबीर दास के थे आप अटूट भक्त, भोपाल से मीना जैन दुष्यंत कहती हैं देदीप्यमान व्यक्तित्व तुम्हारा मैथिली जी को नमन हमारा.., इंदौर से अंकिता यादव कहती हैं-चिरगांव जिला झांसी में जनमे, राष्ट्र कवि के नाम से विख्यात हुए.. जौनपुर से मधु पाठक कहती हैं-
हे दिव्य ज्योति! हे चिर नवीन
साहित्य जगत में अति प्रवीण…
प्रयागराज से उर्वशी उपाध्याय लिखती हैं – लेखनी के द्वंद सारे, तुमने कागज पर उतारे, राष्ट्रप्रेम का तराना, नीतियों के स्वर तुम्हारे दमोह से कुसुम खरे कहती हैं देश का भविष्य लिखा, नारी का अस्तित्व लिखा.., प्रयागराज से चेतना चितेरी लिखती हैं – राष्ट्रप्रेम जन अंतर्मन में जगाया, उर्मिला का त्याग समर्पण , साकेत जैसा महाकाव्य लिखकर बतलाया , भोपाल से ऊषा सक्सेना लिखती हैं सखि वो मुझसे कहकर जाते, यशोधरा की पीड़ा समझी..।
रचना सक्सेना