मातृका विवेक साहित्यिक मंच पर भक्ति रस से सराबोर खूब बही भक्ति की गंगा*
दिल्ली।
मातृका विवेक साहित्यिक मंच दिल्ली (रजि०) ने नौ दिनों तक मंच पर मां जगदंबा की नौ रूपों का बहुत सुंदर वर्णन रचनाकारों ने अपनी लेखनी के माध्यम से भक्ति की शक्ति पर कविता भजन आरती मां के भोग प्रसाद उपासना का महत्व नवरात्र का उद्देश्य विभिन्न आयामों पर लेखनी के माध्यम से सृजन किया। बहुत सुंदर काव्य गोष्ठी हुई। महाअष्टमी पर एक शाम माता के नाम भजन संध्या का आयोजन किया गया।
मातृका विवेक साहित्यिक मंच की सभी इकाइयों के रचनाकार मनोरमा पंत जी, पद्माक्षी शुक्ल, कविता उपाध्याय, नीना मोहन, रेनू मिश्रा, ललिता पाठक नारायणी जी, चंदेल साहिब प्रीति डिमरी अलका अरोरा जी, माधुरी शर्मा जी, नीरू मित्तल नीर,कमल नारायण, अनुपमा पाराशर, मुस्कान बच्चानी,वीना आडवाणी, अपर्णा दुबे, गायत्री ठाकुर सक्षम, गीता पांडे, सीता राम कृष्ण तिवारी, रामेश्वरम गुप्ता, अर्चना दुबे रीत, लता शर्मा जांजगीर, पुष्पा गजपाल पीहू, अनुज मेरठी, कल्पना सेठी कला, डॉ शरद नारायण खरे आदि सभी रचनाकारों ने अपनी भक्ति रस से ओतप्रोत भक्ति गीत भक्ति की शक्ति की गंगा में गोता लगाते हुए मातृका विवेक साहित्यक मंच को अभिभूत किया।
भजन, जन गीत, पचरा, आरती, स्वागत गीत मां से अरदास लगाएं अपनी मन के भाव को बखूबी
प्रस्तुति दी सुनकर सभी मंत्रमुग्ध हो गए खूब बही भक्ति की गंगा और सभी बहुत आनंदित हुए।
इसी तरह से सभी इकाइयों में आयोजन को एक साथ आयोजित करके कार्यक्रम को सफल बनाने में सभी रचनाकारों ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई कलमकारों की कलम ने नौ दिनों तक खूब सृजन किया।
लगभग २०० साहित्यिक रचनाकारों ने सहभागिता की बहुत ही सुंदर भजन प्रस्तुति दिया सभी भक्ति के रंग में रंग गए अंत में सभी ने खूब मां के जयकारे लगाए। विजयदशमी के लिए मंगल शुभकामनाएं एवं बधाइयां दी।
मंच की अध्यक्ष प्रीति हर्ष जी ने आभार ज्ञापित किया। उपाध्यक्ष द्वारा उद्बोधन किया गया मार्गदर्शक के रुप में मनोरमा पंत जी, कविता उपाध्याय जी,
गायत्री ठाकुर, सक्षम जी की गरिमामयी उपस्थिति रही सभी ने बहुत ही बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। अंत में मां जगदंबा की आरती के साथ समापन किया गया।
मीडिया प्रभारी – प्रोफेसर (डॉ०) शरद नारायण खरे – मंडला , मध्य प्रदेश
अध्यक्ष: प्रीति हर्ष
उपाध्यक्ष: आरती तिवारी सनत