
भाजपाइयों, तुम एहसान फरामोश कब से हो गए?

रामकृपाल सिंह
तुम कहते हो कि नरेंद्र मोदी अद्भुत प्रधानमंत्री है, देश का गौरव है, भारत के लिए वरदान है- सब ठीक है लेकिन मेरा मानना है कि वह इन सबसे ऊपर एक अद्भुत व्यक्ति है। लेकिन उसे एक प्रदेश के सामान्य मुख्यमंत्री से देश के शीर्ष तक पहुंचाया किसने? निश्चय ही भा.ज.पा. ने नहीं। कम से कम भाजपा के नेतृत्व ने तो नहीं ही पहुंचाया।
याद कीजिए 2013-14 का वह समय जब मोदी को प्रचार अभियान का अध्यक्ष बनाने की बात आई थी तो पार्टी के तत्कालीन शीर्ष नेता जिनकी मुट्ठी में सारी भाजपा का शीर्ष नेतृत्व था (पार्टी अध्यक्ष को छोड़कर) उन्होंने बैठक का बहिष्कार किया था और मीटिंग छोड़ कर चले गए थे। सिर्फ पार्टी के तत्कालीन अध्यक्ष ही मोदी के पक्ष में थे जिन्होंने 2013 में ही कह दिया था कि मोदी देश के अगले प्रधानमंत्री बनेंगे।
मोदी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के विरोध के बावजूद भी देश के सबसे महबूब और लोकप्रिय नेता बन गए– कैसे? मोदी के रूप में अनमोल उपहार देश को भाजपा ने नहीं बल्कि कांग्रेस ने दिया है।

याद करिए, उस समय मोदी को फंसाने, अपमानित करने, यहां तक कि अपराधी साबित करने वाला कांग्रेसका अभियान। उनके ऊपर चौतरफा हमले, उनके ऊपर तमाम आपराधिक मुकदमे और उनको जेल भेजने की हर कोशिश। तब कांग्रेस के शीर्ष नेता ने उन्हें मौत का सौदागर तक कहा था। यहां तक कि कांग्रेस सरकार के दबाव में अमेरिका सहित बहुत से देशों ने मोदी को अपने देश में घुसने पर प्रतिबंध लगा दिया था।
दूसरी तरफ कांग्रेस की तत्कालीन सरकार अपने कारनामों से दिन प्रतिदिन लोगों की निगाह से बहुत तेजी से गिर रही थी और बदनाम हो रही थी। मनोवैज्ञानिक सच यह है कि लोगों की निगाह से गिरा व्यक्ति अगर किसी को गालियां देता है तो वह उसकी गालियों के कारण ही हीरो बन जाता है और यही मोदी के साथ हुआ। कांग्रेस गालियां देती गई और मोदी का कद बढ़ता गया। यानी मोदी को देश में शीर्ष नायक का दर्जा भाजपा के कारण नहीं बल्कि कांग्रेस के कारण मिला है। भाजपा के शीर्ष नेतृत्व का प्रभावशाली गुट तो उनका विरोध कर रहा था।

कांग्रेस कुर्बान हो गई लेकिन जाते-जाते देश को मोदी जैसा उपहार दे गई। वैसे ही जैसे महर्षि दधीचि स्वयं समाप्त हो गए लेकिन उनकी हड्डियों के बने बज्र से देवताओं ने दानवों पर विजय प्राप्त की।
अगर दधीचि प्रणाम के पात्र हैं तो देश को कांग्रेस के प्रति भी कृतज्ञ होना ही चाहिए।
इन कांग्रेसी नेताओं को, जिन्होंने भाजपा ही नहीं बल्कि देश को मोदी जैसा उपहार दिया, उन्हें यही भाजपाई आज जेल भेजने की कामना कर रहे हैं–यह एहसान फरामोशी नहीं तो और क्या है?
पुनश्च — एक बात और। उसी कांग्रेस के एक शीर्ष नेता जिसका एक- एक शब्द न केवल देश की जनता का मनोरंजन करता है बल्कि भाजपा का वोट भी बढ़ाता है और आज उसे ही ये भाजपाई जेल भेजने की कामना कर रहे हैं।
इसी को कहते हैं अपने पांव पर कुल्हाड़ी मारना ।
ईश्वर इन्हें सद्बुद्धि दे।
Ram Kripal Singh
परिचय- राम कृपाल सिंह
छात्र जीवन में कम्युनिस्ट पार्टी से प्रारंभ करने के बाद 1971 में कांग्रेस के मुखपत्र ‘नया भारत ‘ के संपादक नियुक्त हुए जो 1977 तक रहे। बीच में 1972 से 1974 तक राष्ट्रीय साप्ताहिक करंट के भी संवाददाता रहे। 1989 में उत्तर प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं प्रवक्ता रहे। 1991 से 1994 तक पुनः इन्हीं पदों पर रहे। 1996 में भाजपा के मीडिया सलाहकार रहे और सन 2000 से स्वास्थ्य कारणों से सक्रिय गतिविधियों से दूर हो गए। तदुपरांत अध्ययन एवं यदा-कदा लेखन।
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