डॉ दिलीप अग्निहोत्री
लखनऊ।
डिफेंस एक्सपो में निवेश के प्रस्तावों पर अमल सुनिश्चित हुआ। अनेक महत्वपूर्ण देशों ने स्वीकार किया कि भारत में अपार संभावना है,अवसरों की उपलब्धता है।
एक्सपो परिसर में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने आर्टलरी गन,शारंग तोप सहित तेरहआधुनिक हथियार लांच किये।
इससे संबंधित इकहत्तर एमओयू पर हुए हस्ताक्षर किये गए। पनडुब्बी बनाने में स्पेन व रूस की कंपनियों से महत्वपूर्ण सम्झैते हुए। इसके अलावा अनेक सेमिनार व लाइव प्रदर्शन भी सम्पन्न हुए। रक्षा उपकरण बनाने वालीं एक सौ बहत्तर विदेशी और आठ सौ सत्तावन स्वदेशी कंपनियां ने गहरी दिलचस्पी दिखाई। इन सबका मानना था कि भारत डिफेंस हब के रूप में विकसित हो रहा है। यहां बंधन समारोह का विशेष महत्व रहा। इसके तहत ही एमओयू सम्पन्न हुए। इकहत्तर कंपिनयों के साथ करार हुए।
रूस व स्पेन के साथ मुंबई स्थित मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड का करार हुआ है। ये कंपनी पनडुब्बी का निर्माण करेगी जिसमें रूस और स्पेन मदद करेगा। बाद में ये पनडुब्बियां नौसेना को सौंपी जाएगी। सौ से अधिक बंधन किए गए हैं। इसे विश्वास का बंधन कहा गया। इसके पहले भी सौ से अधिक बंधन हो चुके हैं।डीआरडीओ यूपीडा डिफेंस कॉरिडोर के लिए सहयोग करेगा। उड़ान योजना के तहत उत्तर प्रदेश के कई जिलों को जोड़ा जाएगा। निजी क्षेत्र भी डिफेंस सेक्टर में योगदान कर रहे है।ये एमओयू इनोवेशन व टेक्नोलॉजी एक्सचेंज की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। रक्षा नीति के सकारात्मक परिणाम मिलने लगे है। भारत का डिफेंस निर्यात सात गुना बढ़ा है। अगले चार वर्षों में पांच बिलियन का लक्ष्य हासिल कर लिया जाएगा। उत्तर प्रदेश भी निवेश की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश के साथ तेईस करार हुए है। इससे पचास हजार करोड़ रुपये से निवेश से खुलेंगे। रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। भारत को रक्षा उत्पादन के साथ ही शोध और उसके विकास के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में जो प्रयास शुरू हुआ है, वह आज नई ऊंचाइयों को प्राप्त कर रहा है। एमओयू को बंधन का नाम देकर भावनात्मक जुड़ाव दिया गया है। ढाई से तीन लाख युवाओं को रोजगार मिलेगा।उत्तर प्रदेश में डिफेंस व एयरोस्पेस की पॉलिसी की तैयार की है। ढाई साल के दौरान ढाई लाख करोड़ से ज्यादा निवेश कराने में सफलता मिली है।
डिफेंस कॉरिडोर के लिए झांसी, अलीगढ़ में लैंड बुक हो चुका है। जेवर में एशिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट, पूर्वांचल, बुंदेलखंड व गंगा एक्सप्रेस वे के जरिए इन्फ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाया जा रहा है। मेक इन इंडिया अभियान के तहत बनी अंतरराष्ट्रीय स्तर की शारंग तोप सहित अत्याधुनिक हथियार सेना को सौंपी जाएगी। अंतरराष्ट्रीय मानकों के तहत इसे आयुध निर्माणी बोर्ड द्वारा बनाया गया है। जेवीपीसी अल्फा कार्बाइन, बेल्टफेड एलएमजी, अमोघ तीन वरुणास्त्र, नाविक रिसीवर, डोमिनेटर ड्रोन, फाइबर ऑप्टिक गैरो बेस्ड आइएनएस सिस्टम, स्कॉर्पियन क्लास की पी पचहत्तर आई पनडुब्बी आदि को लांच करना भी डिफेंस एक्सपो की उपलब्धि में शामिल हुआ। एमडीएल के द्वारा डिजिटल ट्रांसफार्मेशन इन डिजाइन एंड कंसट्रक्शन इन शिप बिल्डिंग सेमिनार,भारत व कोरिया के बीच डिफेंस एक्पोर्टस सेमिनार।
कंप्यूटर विजन और एयर इंडिया व डिफेंस एप्लीकेशंस पर सेमिनार
एचएएल एफआईसीसीआई और डीजीक्यूए की ओर से सेमिनार आदि भी बहुत उपयोगी साबित हुई। कानपुर की एक कंपनी एयरक्राफ्ट अरेस्टर बैरियर का निर्माण करती है। इसके साथ अमेरिकी कम्पनी सहयोग करेगी।