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“मां शब्द में संपूर्ण ब्रह्मांड समाहित हो जाता है”: आचार्य श्री अमिताभ

परम पूज्य संत आचार्य श्री अमिताभ जी महाराज कहते हैं कि मां शब्द इतना व्यापक है कि उसमें संपूर्ण ब्रह्मांड समाहित हो जाता है।

जब बालक अपनी मां की कोमल उंगलियों को अपने छोटे-छोटे हाथों से पकड़ लेता है तब वह स्वयं को विश्व के सर्वाधिक शक्तिशाली व्यक्ति के रूप में अनुभूत करने की सामर्थ्य प्राप्त कर लेता है।  

पिता का स्नेह भी है किंतु माता अपने रक्त के संचित स्वरूप दुग्ध के रूप में ,संस्कार के रूप में , अपनी कृपा के रूप में, अपने आशीर्वाद के रूप में अपनी संतान को इतना कुछ प्रदान करती है कि कि यह संबंध और प्रगाढ़ हो जाता है।

 मां का सदैव सम्मान किया जाना चाहिए। उसके चरणों में ही समस्त तीर्थ समाहित है।

महाराज श्री कहते हैं मदर्स डे या मातृ दिवस एक पाश्चात्य संकल्पना है, जहां सभी लोग पृथक रहते हैं तथा वर्ष में एक दिन अपनी मां के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने के लिए दिन का निर्धारण किया गया है।

भारतवर्ष एक भिन्न देश है हमारे लिए प्रत्येक दिवस ही मातृ दिवस है। अतः अपनी मां का सम्मान करो निरंतरता में, जीवन धन्य हो जाएगा।

ll शुभम भवतु कल्याणम ll

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