आध्यात्मिक ऊर्जा का पर्व
डॉक्टर दिलीप अग्निहोत्री
नवरात्रि शक्ति आराधना का आध्यात्मिक पर्व है। मां दुर्गा के इस पावन पर्व में रंगो का बहुत अधिक महत्व होता है। नवरात्रि में नौ दिन दुर्गा मां के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है।
नवदुर्गाओं में प्रथम दुर्गा शैलपुत्री माता हैं। यह पर्वतराज हिमालय के घर में जन्मी थी। जिसके कारण इनका नाम शैलपुत्री पड़ा। शैलपुत्री माता की पूजा के दौरान पीले रंग वस्त्रों का महत्व है।
नवदुर्गाओं में दूसरी माता ब्रह्माचारिणी हैं। ब्रह्माचारिणी माता की पूजा नवरात्रि के दूसरे दिन की जाती है। इस दिन हरे रंग के वस्त्र ठीक रहते है।
मां दुर्गा की तीसरी शक्ति चंद्रघंटा है। नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है। चंद्रघंटा माता की पूजा के दौरान स्लेटी रंग का विधान है।
मां दुर्गा की चौथी शक्ति कुष्मांडा माता हैं। कुष्मांडा माता के आठ भुजाएं हैं। नवरात्रि के चौथे दिन कुष्मांडा मां की पूजा की जाती है। इस दिन नारंगी रंग के वस्त्र धारण करना शुभ होता है। मान्यता है कि मां कुष्मांडा को नारंगी रंग प्रिय है।
पांचवी शक्ति स्कंदमाता माता है। स्कंदमाता अपने भक्तो को इच्छाओं की पूर्ति करती हैं। इस दिन सफेद रंग के वस्त्र शुभ होते है।
माता कात्यायनी को अमरकोष में पार्वती का दूसरा नाम बताया गया है। नवरात्रि के छठे दिन कात्यायनी माता की पूजा की जाती है। कात्यायनी और दुर्गा माता दोनों को लाल रंग काफी प्रिय है।
कालरात्रि माता दुर्गा माता की सांतवी शक्ति है। कालरात्रि माता को काली, महाकाली, भद्रकाली, भैरवी, रुद्रानी, चामुंडा, चंडी और दुर्गा के कई विनाशकारी रूपों में से एक माना जाता है। देवी के इन रुपों से सभी राक्षस भूत,प्रेत,पिसाच और नकारात्मक ऊर्जाओं का नाश होता है। इनकी पूजा के समय नीले वस्त्र धारण करने चाहिए।
महागौरी मां दुर्गा की आठवी शक्ति है। नवरात्रि के आठवे दिन महागौरी माता की पूजा की जाती है। इनको गुलाबी रंग प्रिय है।
सिद्धिदात्रत्री माता मां दुर्गा की नौवी और अंतिम शक्ति है। नवरात्रि के आखिरी दिन सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। इस दिन बैंगनी वस्त्रों को शुभ माना जाता है।
Purpose of this festival is to overcome the nine types of darkness
Navratri is the celebration, which symbolizes the transformation of darkness into great light of divinity.
In the word Navratri, Nav means nine and Ratri means night which symbolizes darkness. As such, the purpose of this festival is to overcome the nine types of darkness – lust, anger, attachment, aversion, greed, illusion, pride, ignorance guided by habit & ego.
As one overcomes these types of darkness, one realizes that God alone exists.
It is God who is manifesting in both visible and invisible form !!
Let’s love and respect his creations !!