सहादतगंज में वृद्ध दंपति की हत्या
धारदार हथियार से ली गई जान, लूटपाट की आशंका
ए अहमद सौदागर
लखनऊ।
राजधानी में एक और दुस्साहसी वारदात हुई। सहादतगंज के चौपटिया में बदमाशों ने गुरुवार की रात बुजुर्ग हिलाल अहमद व उनकी पत्नी बिल्किस बानो की किसी धारदार हथियार से गोद कर हत्या कर दी।
दोनों के खून से लथपथ शव मकान के ऊपरी मंजिल पर पड़े मिले। बदमाशों ने लूटपाट के दौरान दंपति को मौत के घाट उतार दिया।
वही पुलिस का मानना है कि वारदात किसी करीबी ने है। क्यों की घटनास्थल की गहन पड़ताल के बाद यही सामने आ रहा है।
पूरे घटनाक्रम पर एक नजर
सहादतगंज के चौपटिया स्थित दबीरूददौला निवासी 68 वर्षीय हिलाल अहमद अपनी 65 वर्षीय पत्नी बिलकिस बानो के साथ मकान की ऊपरी मंजिल पर रहते थे।
मृतक के भाई मंसूर अहमद के मुताबिक रोज की तरह वह गुरुवार की देर शाम करीब 10:00 बजे अपने भाई की खैरियत लेने के लिए घर पहुंचे तो वहां का मंजर देख दंग रह गए। देखा कि भाई और भाभी का खून से लथपथ शव कमरे में पड़ा था और घर के भीतर सामान बिखरा पड़ा था।
यह देख मंसूर ने इसकी सूचना पुलिस को दी। सूचना मिलते ही एसएसपी कलानिधि नैथानी सहित कई पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और डाग स्क्वायड व फिंगरप्रिंट दस्ते के साथ छानबीन की, लेकिन यह पता नहीं चल सका कि दंपति की हत्या किसने और क्योंकि।
एसएससी का दावा है कि हत्यारों की तलाश में सीओ गोमतीनगर दीपक कुमार सिंह की अगुवाई में टीम गठित कर अलग-अलग दिशाओं में रवाना की गई है। वही जानकार सूत्रों की माने तो पुलिस ने कुछ लोगों को संदेह के आधार पर हिरासत में लेकर गहन पूछताछ कर रही है।
, यह कैसा अति सुरक्षित क्षेत्र,
अति सुरक्षित समझे जाने वाले सहादतगंज के चौपटिया में गुरुवार की रात करीब 10:00 बजे सनसनी फैल गई।
घरों में मौजूद लोग दोहरे हत्याकांड की जानकारी पाकर दंग रह गए। पति पत्नी की हत्या को लेकर तमाम तरह की चर्चा है हो रही थी। लोग घटना की जानकारी पाकर घबराए नजर आ रहे थे।
घटनास्थल पर कुछ दूरी पर सहादत गंज थाना एवं चौपटिया पर पुलिस पिकेट है जहां हर समय पुलिस बल तैनात रहती है। यही नहीं इस इलाके में हर दिन विशेष पुलिस बल के अलावा स्थानीय पुलिस भी भारी संख्या में तैनात रहती है, लेकिन इसके बावजूद भी घनी आबादी और पुलिस मुस्तैदी के बीच घटना को अंजाम देकर कातिल मौके से भाग निकले और पुलिस सुरक्षा के नाम पर दावा करती रह गई।
हालांकि अपराधियों के लिए कुछ समय से सुरक्षित हो गए सहादतगंज में यह पहली घटनाएं नहीं है। इससे पूर्व भी कई सनसनीखेज घटनाओं ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा कर दिए हैं।
राजधानी में सुरक्षित नहीं बुजुर्ग
राजधानी में बुजुर्ग महफूज नहीं है। पुलिस बुजुर्गों की सुरक्षा की कवायद तो कई बार शुरू की, लेकिन चंद दिनों बाद योजनाएं फाइलों में दबकर रह गई। यही कारण है कि उनके साथ एक के बाद एक हो रही घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही।
सहादतगंज के चौपटिया मैं बुजुर्ग हिलाल अहमद व उनकी पत्नी बिल्किस बानो की हत्या ने एक बार फिर बुजुर्गों की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
पुलिस हत्याकांड के पीछे किसी करीबी का हाथ मान रही है। दोहरा हत्याकांड ने एक बार फिर साबित कर दिया कि लखनऊ में अपने घरों में अकेले रहने वाले बुजुर्ग महफूज नहीं है।
पुलिस ने बुजुर्गों की सुरक्षा के लिए कई बार कवायद शुरू की।
गौर करें तो इसकी शुरुआत वर्ष 2005 में तत्कालीन एसएसपी नवनीत सिकेरा के बाद से पुलिस के कई अधिकारियों ने बुजुर्गों की सुरक्षा के लिए खाका तैयार किया, लेकिन सारी कवायद थानेदारों के साथ होने वाली बैठक तक ही सिमट कर रह गई। हाल में वर्तमान एसएसपी कलानिधि नैथानी ने भी बुजुर्गों की सुरक्षा के लिए अभियान चलाया, लेकिन सहादतगंज में हुई घटना ने साबित कर दिया की पुलिस की तमाम कवायदें फिलहाल जुबानी जंग साबित हो रही है।
वैसे तो गौर करें तो बीते दिनों हुई वारदातों से सांप है कि बुजुर्गों को सबसे ज्यादा खतरा अपने उन करीबियों से है जिन पर वे सबसे अधिक भरोसा करते हैं। फिलहाल पुलिस की तमाम कवायद ओं के बाद भी राजधानी लखनऊ में अपराधों का सिलसिला बरकरार है चौथम नहीं रहा है।