Home / Slider / नकवी की दो टूक: सच्चाई है तो हो कार्रवाई

नकवी की दो टूक: सच्चाई है तो हो कार्रवाई

 

मेरठ एसपी सिटी के वायरल वीडियो पर बोले केंद्रीय मंत्री नकवी:”अगर सच्चाई है तो तत्काल कार्रवाई हो”

मेरठ के एसपी सिटी ए एन सिंह के वायरल वीडियो पर अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने दो टूक कहा है कि यदि मेरठ के एसपी सिटी के कथित वायरल वीडियो में दिया गया बयान सच पाया जाता है तो उन पर तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए।

रविवार को अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने ट्वीट कर कहा, ‘अगर यह सच है कि उन्होंने वीडियो में ऐसा कहा है, तो यह निंदनीय है। उसके खिलाफ तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए।’

केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा है कि ‘किसी भी स्तर पर हिंसा, चाहे वह पुलिस द्वारा हो या भीड़ द्वारा, अस्वीकार्य है। हिंसा लोकतांत्रिक देश का हिस्सा नहीं हो सकती। पुलिस को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि जो निर्दोष हैं, वे पीड़ित न हों।’

नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के विरोध में प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा के दौरान मेरठ के एसपी सिटी अखिलेश नारायण का एक वीडियो आजकल वायरल हो रहा है। इसमें उन्‍हें कथित तौर पर उपद्रवियों से यह कहते हुए देखा जा रहा है कि ‘काला फीता बांधना हो तो पाकिस्तान चले जाओ’। एसपी सिटी ने इस पर सफाई देते हुए कहा, ‘युवक पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाते हुए गली में भाग रहे थे।’

इसके उलट मेरठ जोन के एडीजी प्रशांत कुमार ने इस शिकायत पर उनका एस पी सिटी का बचाव किया है। उन्होंने इस पर सफाई देते हुए कहा है, ‘जिस समय का यह वीडियो है, उस समय देश विरोधी नारे लगाए जा रहे थे। एसपी सिटी ने तनाव के समय किसी तरह स्थिति को नियंत्रित किया। एसपी सिटी आगजनी, तोड़फोड़ और फायरिंग के बीच घिरे हुए थे। एसपी सिटी ने जांबाजी के साथ हालात को कंट्रोल किया।’

 

एक तरफ एडीजी मेरठ एस पी सिटी को सही ठहरा रहे हैं और दूसरी तरफ मीडिया एस पी सिटी के अंदाज़ को गलत ठहरा रही है और केंद्रीय मंत्री का भी मानना है कि संयम दोनों तरफ से बरता जाना चाहिए। ऐसे में गेंद मुख्यमंत्री योगी के पाले में जा पहुंचती हैं कि जिस आग से उत्तर प्रदेश को बचाया गया है क्या वह आग सुलगती रहनी चाहिए?

पता चला है कि जब उपद्रव के दौरान लखनऊ में लाठी लेकर जब पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह खुद जंग के मैदान में उतरे थे, उस समय उन्होंने किसी भी हालात में अपनी फोर्स को फायरिंग करने से रोका था। उन्होंने कहा था कि अगर उन्हें भी गोली लगा जाती है तो भी फायरिंग न की जाए। ऐसे में क्या मुंह से इस तरह के शब्दों का प्रयोग उचित माना जाएगा? सबकी नजर मुख्यमंत्री योगी की तरफ लगी हुई है। मुख्यमंत्री जिस तरह से फैसला लेगें, वह एक नजीर बन जाएगा।

Check Also

“एक पेड़ मां और पिता के नाम ”: भारत विकास परिषद की पहल

“एक पेड़ मां और पिता के नाम ” भारत विकास परिषद का पौधरोपण अभियान प्रधानमंत्री ...