
“पुलिस प्रशासन समझे वकीलों के न पहुंच पाने से कोर्ट कार्यवाही न हो प्रभावित”: हाईकोर्ट
*ट्रैफिक पुलिस व प्रशासन को उचित कदम उठाने का निर्देश*
*बिना बाधा वकीलों की कोर्ट आने जाने के करें इंतजाम*
प्रयागराज।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रयागराज ट्रैफिक पुलिस सहित पुलिस व प्रशासन को उचित कदम उठाने का निर्देश दिया है कि अधिवक्ताओं को अदालत आने जाने में किसी प्रकार की बाधा उत्पन्न न होने पाए और कहा है कि कोर्ट को मालूम है कि महाकुंभ स्नान के लिए प्रयागराज शहर में इस समय भारी भीड़ इकट्ठा हुई है, फिर भी पुलिस प्रशासन का दायित्व है कि वकीलों को कोर्ट आने जाने में बाधा उत्पन्न न होने पाए, वे बिना अवरोध समय से कोर्ट आ सके। न्याय देने की प्रक्रिया में कोई अवरोध न आने पाये। न्यायिक कार्यवाही प्रभावित न होने पाये।
कोर्ट ने निबंधक अनुपालन को सी जे एम प्रयागराज के मार्फत आदेश की प्रति पुलिस कमिश्नर को भेजे जाने का आदेश दिया है।
यह आदेश न्यायमूर्ति जे जे मुनीर ने हरखू व दो अन्य की याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है।
कोर्ट ने कहा शहर में ट्रैफिक जाम के कारण इससे पहले वकील के उपस्थित न हो पाने के कारण दो बार सुनवाई स्थगित करनी पड़ी।
आज तीसरी बार इसी वजह से सुनवाई नहीं हो सकी है। अगली सुनवाई की तिथि 18 फरवरी नियत की गई है और पुलिस प्रशासन को उनका कर्तव्य याद दिलाते हुए वकीलों को हाईकोर्ट आने जाने में अवरोध न खड़ा हो, कदम उठाने का निर्देश दिया है।
Court No.49
Case: WRITB No. 29 of 2025
Petitioner:- Harkhu And 2 Others
Respondent:- State Of U.P. And 8 Others
Counsel for Petitioner :- Prashant Gaur, Saurabh Kumar Pandey
Counsel for Respondent:- C.S.C., R.K.Paramhans Singh, Rameshwar Prasad Shukla
Hon’ble J.J. Munir, J.
“This matter was twice posted at 10 am and had to be adjourned on account of request by learned counsel for one party or the other that they could not reach Court in time because of conditions of extreme traffic jam in the city.
While this Court understands that this is an unusual situation because of the presence of a large population visiting the Mahakumbh, it is the duty of the Police to ensure that movement of learned counsel to the Court is unhindered and does not affect the functioning of the Court. Any hindrance in the movement of learned counsel during Court hours impedes the process of dispensation of justice.
The Police Administration including the Traffic Police and the Civil Administration must understand that this is a High Court where the functioning of justice cannot be brought to a standstill because of contingencies. Special measures have to be made in this regard.
For a third time, we adjourn this matter as fresh again to 18.02.2025 at 10 am.
Let this order be communicated to the Commissioner of Police, Prayagraj through the Chief Judicial Magistrate, Allahabad by the Registrar (Compliance) today.”
Order Date :- 6.2.2025

*वी आई पी फ्लीट के लिए ट्रेफिक रोकने व अधिवक्ता से दुर्व्यवहार का मामला*
*हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की जनहित याचिका पर अधिकारियों से जवाब तलब*
*अगली सुनवाई 14 फरवरी को*
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वीआईपी फ्लीट के चलते प्रयागराज में हिन्दू हॉस्टल चौराहे पर बैरिकेडिंग लगाकर वकीलों को न्यायालय आने से रोकने और उनके साथ पुलिस द्वारा बुरी तरह मारपीट की घटना को लेकर दाखिल हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की आपराधिक जनहित याचिका पर जिला व कुंभ के अधिकारियों से जवाब मांगा है।
कोर्ट ने मंडलायुक्त प्रयागराज, मेला अधिकारी , पुलिस कमिश्नर, जिलाधिकारी व पुलिस उपायुक्त यातायात प्रयागराज को जवाबी हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है।
याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल तिवारी व राज्य सरकार की तरफ से अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल व शासकीय अधिवक्ता ए के संड ने पक्ष रखा। याचिका की अगली सुनवाई 14 फरवरी को होगी।
हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की तरफ से दाखिल आपराधिक जनहित याचिका की सुनवाई न्यायमूर्ति एम सी त्रिपाठी तथा न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार की खंडपीठ ने की।
कोर्ट ने पुलिस की अनावश्यक बैरिकेडिंग पर भी आपत्ति की जिसके कारण ट्रैफिक जाम हो रहा है।
हाईकोर्ट बार के अध्यक्ष अनिल तिवारी ने मुख्य न्यायाधीश के समक्ष इस घटना को लेकर कार्यवाही करने का लिखित अनुरोध किया था।जिसपर मुख्य न्यायाधीश अरूण भंसाली ने लिखित शिकायत करने पर आपराधिक जनहित याचिका कायम कर सुनवाई हेतु पीठ नामित की थी।
मालूम हो कि मंगलवार 4 फरवरी को कार्यदिवस होने के कारण सभी अधिवक्ता, उनके स्टाफ, मुंशी आदि अपने घरों से निकले लेकिन पुलिस प्रशासन ने हिन्दू हॉस्टल चौराहे पर बैरिकेडिंग लगाकर उन्हें रोक दिया गया। पुलिस ने हाईकोर्ट आ रहे अधिवक्ता के साथ मार-पीट की। अधिवक्ता बैंड, कपड़े व फाइलें फाड़ दी। हालांकि कि ऐसे दो पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई करते हुए शासन ने उन्हें निलंबित कर दिया है। अधिवक्ताओं ने घटना की कर्नलगंज थाने में पुलिस के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई है। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। जिसमें कई पुलिसकर्मियों द्वाराठ अधिवक्ताओं से अभद्रता और मारपीट व क्रूरता दिखाई दे रही है। घटना की गम्भीरता और बार अध्यक्ष ने मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर कहा अधिवक्ताओं के आक्रोश को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने छोटे पद पर तैनात पुलिसकर्मी को निलम्बित किया है जबकि अधिवक्ताओं से मारपीट में कई उच्चाधिकारी भी मौजूद थे। उनके विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं की गई। मुख्य न्यायाधीश अरुण भंसाली ने लिखित शिकायत पर आपराधिक जनहित याचिका कायम की है।

अधिवक्ताओं के साथ दुर्व्यवहार के आरोप में सब इंस्पेक्टर निलंबित, हिंदू हास्टल चौराहे का मामला

इलाहाबाद हाईकोर्ट जा रहे अधिवक्ताओं को हिंदू हास्टल चौराहे पर पुलिस पिटाई के मामले को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति अरुण भंसाली के सामने बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल तिवारी ने अपराह्न 2 बजे रखा, सु मोटो का अनुरोध किया तब उन्हें लिखित रूप में देने को कहा गया। लिखित शिकायत मिलने पर देखने का आश्वासन दिया।
प्रयागराज महाकुंभ में मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दौरे के बीच ही पुलिस और वकीलों के बीच झड़प हो गई है। हिंदू हॉस्टल के पास मुख्यमंत्री योगी के लिए लगाए गए बैरिकेट पर एक वकील को रोकने पर विवाद शुरू हुआ। इसी दौरान चौकी प्रभारी दारोगा और सिपाहियों ने एक वकील को पीट दिया। इससे अन्य वकील आक्रोशित हो गए। कुछ देर में ही बड़ी संख्या में वकील मौके पर पहुंच गए।
वकीलों ने पास की सड़क पर खुद से बैरिकेडिंग लगाते हुए चक्काजाम की कोशिश की और धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। इसकी जानकारी मिलते ही पुलिस प्रशासन में खलबली मच गई। भारी संख्या में पुलिस फोर्स मौके पर पहुंची और वकीलों को समझाने बुझाने की कोशिश की।

वकीलों की मांग पर तत्काल नाका चौकी प्रभारी अतुल कुमार सिंह को निलंबित कर दिया गया। मामले की जांच का आदेश भी दे दिया गया है। एक्शन के बाद किसी तरह वकील शांत हुए और पुलिस प्रशासन ने राहत की सांस ली है।
Letter written by ANIL TIWARI EX President, High Court Bar Association to the Honourable Chief Justice of Allahabad High Court
माननीय मुख्य न्यायमूर्ति महोदय उच्च न्यायालय, इलाहाबाद
विषयः हिन्दू हॉस्टल चौराहे पर बैरिकेटिंग लगाकर अधिवक्ताओं को न्यायालय आने से रोके जाने और उनके साथ पुलिस द्वारा बुरी तरह से मारपीट करने के सम्बन्ध में!
आदरणीय महोदय,
महाकुम्भ के कारण और सम्भावित आवागमन समस्याओं को लेकर कार्यकारिणी के प्रस्ताव दिनांक 10.01.2025 के द्वारा मा० मुख्य न्यायमूर्ति महोदय को यह अवगत कराया गया कि प्रशासन की व्यवस्था के अनुसार प्रत्येक स्नान पर्व के एक दिन पूर्व व एक दिन पश्चात् शहर में आवागमन पर प्रतिबन्ध है जिस कारण से संगम क्षेत्र के आस-पास तथा शहर के बाहरी क्षेत्रों में रहने वाले अधिवक्तागण आदि का न्यायालय तक पहुँचना कठिन हो गया है। इसलिए प्रत्येक पर्व के एक दिन पूर्व व एक दिन पश्चात् न्यायालय में अवकाश घोषित करना समुचित होगा।
कुम्भ मेला की शुरूआत दिनांक 13.01.2025 को हुई थी जिस दिन पहला पर्व था परन्तु वी०आई०पी० आवागमन को देखते हुए प्रशासन ने दिनांक 10.01.2025 को ही रोका गया जिससे अधिवक्ता, उनके स्टाफ व मुंशियों को न्यायालय पहुँचने में परेशानी होने लगी। इन परिस्थितियों में बार एसोसिएशन ने अपने पत्र दिनांक 10.01. 2025 के माध्यम से मा० महोदय से यह आग्रह किया कि वह “No Adverse Order” का आदेश पारित करने की कृपा करें जिससे वकीलों की अनुपस्थिति में उनके मुकदमों में कोई विपरीत आदेश न पारित हो। इन परिस्थितियों में उच्च न्यायालय प्रशासन द्वारा सहयोग प्रदान किया गया और प्रशासन को इस स्थिति से अवगत कराया गया। मा० मुख्य न्यायमूर्ति महोदय ने हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के प्रस्ताव पर सहृदयता से विचार किया और उनके प्रयास के कारण प्रशासन ने एक आदेश कर न्यायालय में आने वाले अधिवक्ताओं को न रोकने का आदेश पारित किया। इसके लिए बार एसोसिएशन मुख्य न्यायमूर्ति महोदय का आभार व्यक्त करता है। पुलिस प्रशासन द्वारा दिनांक 13.01.2025 को यह व्यवस्था की गई कि अधिवक्ता को न्यायालय आने से न रोका जाय। उपरोक्त आदेश दिनांक 13.01.2025 की प्रति इस पत्र के साथ संलग्नक संख्या-1 के रूप में संलग्न है।
उपरोक्त व्यवस्था के अनुसार दिनांक 12, 13 एवं 14 जनवरी 2025 को शहर में पूरी तरह से यातायात रोका गया था। इन तारीखों में कुम्भ मेला के कारण पहले से ही अवकाश घोषित था।
उपरोक्त परिस्थिति के बावजूद दिनांक 15.01.2025 को मा० मुख्यमंत्री महोदय के शहर में उपस्थिति के कारण पुनः एक संकट पैदा हो गया और इस कारण से बिना कार्यकारिणी की सहमति प्राप्त किए अध्यक्ष महोदय ने स्वविवेक से निर्णय लेते हुए मुख्य न्यायमूर्ति से “No Adverse” का आदेश पारित करने का आग्रह किया। मुख्य न्यायमूर्ति महोदय ने अपने स्वाभाविक उदारता एवं स्वाभाविक न्यायप्रियता के चलते उस आग्रह को भी स्वीकार किया और दिनांक 15.01.2025 को “No Adverse” का आदेश पारित करने की कृपा की। पत्र दिनांक 15.01.2025 की प्रति इस पत्र के साथ संलग्नक संख्या-2 के रूप में संलग्न है।
इसके पश्चात् दिनांक 22.01.2025 को जो स्नान पर्व के आस-पास का दिन नहीं था, को सुबह 9 बजे से 10 बजे के बीच में न्यायालय की तरफ आने वाले अधिकतम मार्ग श्रद्धालुओं से भरे थे जिस कारण सुदूर क्षेत्रों से आने वाले अधिवक्ताओं और उनके स्टाफ का समय पर न्यायालय आना असम्भव हो गया। इस तथ्य के साक्षी स्वयं महासचिव श्री विक्रान्त पाण्डेय जी रहे और बार 3 एसोसिएशन में होने वाले रक्तदान शिविर में उद्घाटन में नहीं पहुँच सके। इस स्थिति से भी मा० मुख्य न्यायमूर्ति महोदय को तत्काल अवगत कराया गया जिस पर मा० मुख्य न्यायमूर्ति महोदय के आदेश के अनुक्रम में दिनांक 23.01.2025 को ● महानिबन्धक के कक्ष में उनकी उपस्थिति में एक बैठक आहूत की गई जिसमें पुलिस आयुक्त, प्रयागराज और जिलाधिकारी के साथ मेला से जुड़े हुए अन्य पदाधिकारी भी उपस्थित हुए। बार एसोसिएशन की तरफ से अध्यक्ष, महासचिव एवं उपाध्यक्ष श्री अखिलेश कुमार मिश्र उपस्थित रहे। समस्या पर विचार हुआ। प्रशासन के सभी अधिकारियों ने एकमत से यह बताया कि उनके द्वारा सभी सम्भव प्रयास व सुविधाएँ स्थापित की जा चुकी हैं परन्तु अप्रत्याशित संख्या में श्रद्धालुओं की उपस्थिति के कारण दिनांक 27 जनवरी 2025 से लेकर 4 फरवरी 2025 तक शहर में आवागमन अत्यन्त कठिन हो गया है। इसके साथ उन्होंने यह भी बताया कि दिनांक 25.01.2025 के बाद दिनांक 31.01.2025 तक पूरा संगम क्षेत्र “No Vehicle Zone” हो जाएगा। इसलिए शहर के बाहरी क्षेत्र यथा झूसी, फाफामऊ, नैनी सहित दारागंज, कीडगंज, अलोपीबाग, अल्लापुर, बघाड़ा इत्यादि से आवागमन पूरी तरह बन्ह हो जाएगा। जिलाधिकारी श्री रविन्द्र कुमार माँदड़ महोदय ने महानिबन्धक से यह आग्रह किया कि कम से कम दिनांक 27 जनवरी 2025 से 31 जनवरी 2025 • तक उच्च न्यायालय में अवकाश घोषित करने की कृपा करें जिससे समस्या से निजात पाई जा सके। बैठक में कोई निर्णय नहीं हुआ।
इन परिस्थितियों में बार एसोसिएशन की आकस्मिक बैठक दिनांक 26.01.2025 को आहूत की गई जिसमें यह प्रस्ताव पारित हुआ जिसमें 27, 28, 30, 31 जनवरी और दिनांक 4 फरवरी 2025 को अवकाश घोषित करने के पक्ष में सभी सहमत हुए। कार्यकारिणी ने यह भी संज्ञान लिया कि दिनांक 27.01.2025 को मा० उच्च न्यायालय में न्यायमूर्ति श्री पी०के० गिरि का शपथग्रहण समारोह होना है, इसलिए 3 सर्वसम्मति से यह निर्णय हुआः-
1. दिनांक 27.01.2025 को “No Adverse” का आदेश पारित करें जिससे न्यायालय के भापथग्रहण समारोह में कोई अवरोध उत्पन्न न हो और अधिवक्ता नए न्यायमूर्ति का स्वागत कर सकें और उनको बधाई दे सकें।
2. दिनांक 28, 30, 31 जनवरी और 4 फरवरी 2025 को अवकाश घोषित करें और इन 4 दिनों के अवकाश को आने वाले अन्य दिनों में समायोजित किया जाय।
उपरोक्त प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया गया जिसकी सूचना मा० मुख्य • न्यायमूर्ति को महासचिव महोदय द्वारा आज ही तत्काल प्रेषित किए जाने का निर्णय लिया गया।
उक्त प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए मा० उच्च न्यायालय में अवकाश घोषित किया गया।
आज दिनांक 04.02.2025 को न्यायालय में कार्यदिवस था जिसके कारण सभी अधिवक्तागण, उनके स्टाफ व मुंशी आदि न्यायालय में उपस्थित होने के लिए अपने-अपने घरों से निकले परन्तु पुलिस प्रशासन द्वारा हिन्दू हॉस्टल चौराहे पर बैरिकेटिंग लगाकर उनको न्यायालय आने से रोका गया और यह कहा गया कि 14 आज मा० मुख्यमंत्री महोदय का कार्यक्रम है इसलिए आप लोगों को नहीं जाने दिया जा सकता है। इस पर कुछ अधिवक्ताओं ने पुलिस प्रशासन द्वारा जारी किए गए आदेश दिनांक 13.01.2025 को पुलिसकर्मियों को दिखाया परन्तु इसके बावजूद भी उनको नहीं आने दिया गया और कहा गया कि हमारे अधिकारियों का आदेश ही हमारे लिए सर्वोपरि है तथा हमें यही निर्देश मिला है कि किसी को नहीं जाने दिया जाय।
अधिवक्ताओं को न्यायालय आने से रोकने पर काफी अधिक संख्या में अधिवक्तागण वहाँ पर एकत्र हो गए और प्रशासन का विरोध करने लगे जिस पर पुलिस प्रशासन द्वारा अधिवक्ताओं के साथ अभद्रता, भद्दी-भद्दी गाली-गलौज और बहुत बुरी तरह से मारपीट की गई तथा अधिवक्ताओं के बैंड, कपड़े व फाइलें फाड़े गए जिससे स्थिति और भी गम्भीर हो गई और इस बात को लेकर अधिवक्ताओं में काफी आक्रोश है। उपरोक्त घटना की वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है जिसमें कई पुलिसकर्मियों द्वारा अधिवक्ताओं के साथ अभद्रता और मारपीट व उनकी क्रूरता दिखाई दे रही है।
उपरोक्त घटना की गम्भीरता और अधिवक्ताओं के आक्रोश को देखते हुए पुलिस प्रशासन द्वारा मात्र एक छोटे पद पर तैनात पुलिसकर्मी को निलम्बित किया गया जबकि अधिवक्ताओं के साथ मारपीट करने में कई उच्चाधिकारी (पुलिसकर्मी) भी मौजूद थे परन्तु उनके विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं की गई।
महोदय, पुलिस प्रशासन द्वारा किया गया उपरोक्त कृत्य मानवाधिकार का उल्लंघन व न्यायिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप है जिससे न सिर्फ न्यायिक प्रक्रिया प्रभावित हुई है बल्कि कई अधिवक्तागण जख्मी हुए हैं और अधिवक्ता समाज की छवि धूमिल हुई है।
प्रार्थना
ऐसी परिस्थिति में मा० महोदय से आग्रह है कि प्रस्तुत पत्र को जनहित याचिका के रूप में स्वीकार करते हुए निम्नलिखित अनुतोष प्रदान करने की कृपा करें:-
1. घटना में दोषी सभी पुलिसकर्मियों के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही तथा उचित कानूनी कार्यवाही किए जाने का आदेश पारित करने की कृपा करें।
2. सभी दोषी पुलिसकर्मियों के विरुद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करने का आदेश पारित करने की कृपा करें।
3. इस घटना में सम्मिलित सभी दोषी पुलिसकर्मियों को चिह्नित करके उनको सेवामुक्त करने का आदेश पारित करने की कृपा करें।
4. भविष्य में किसी भी अधिवक्ता पर सीधे पुलिस का कोई भी कर्मचारी इस तरह की घटना को अंजाम न दे इसलिए पुलिस महानिदेशक को यथोचित निर्देश प्रदान करने की कृपा करें।
हाईकोर्ट बार एसोसिएशन, इलाहाबाद इसके लिए आपका आभारी रहेगा।
(अनिल तिवारी) वरिष्ठ अधिवक्ता
ANIL TIWARI EX President
High Court Bar Association
