भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विजयादशमी के दिन मंगलवार को दिल्ली की द्वारका में रावण दहन कार्यक्रम में शामिल हुए। प्रधानमंत्री मोदी ने तीर चला कर यहां पर 107 फीट के रावण के पुतले का दहन किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष मनोज तिवारी और पश्चिमी दिल्ली के सांसद प्रवेश वर्मा मौजूद रहे । रावण दहन से पहले मोदी ने कार्यक्रम में मौजूद लोगों को संबोधित किया और देश के लिए संकल्प लेने के साथ दीपावली पर लक्ष्मी पूजन के रूप में महिलाओं का सम्मान करने का आवाहन भी किया।
नरेन्द्र मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत जय श्रीराम के नारे से की। उन्होंने कहा कि शायद ही 365 दिन में कोई एक दिन हो जहां भारत में कोई उत्सव न मनाया जाता हो। उत्सव हमें जोड़ते हैं और उमंग भरते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश मे उत्सव ही संस्कार, शिक्षा और सामूहिक जीवन का प्रशिक्षण देते हैं। कला, साधना ने उत्सवों को जीवंत किया तभी हमारे यहां रोबोट नहीं मानव पैदा होते हैं।
नरेंद्र मोदी ने कहा कि शक्ति की साधना, उपासना और आराधना का पर्व नवरात्रि है। नवरात्रि आंतरिक शक्ति को संचित करने और कमज़ोरियों को दूर करने की साधना है। हर मां बेटी का सम्मान, गर्व और गरिमा को बनाए रखना हर नागरिक की ज़िम्मेदारी है।
उन्होंने कहा कि हम चुनौती देने वाले भी और समयानुसार खुद को बदलने वाले भी। हम खुद ही बुराइयों के खिलाफ खड़े होते हैं. बुराइयों के खिलाफ़ खड़े होने वाले ही संत होते हैं।