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PM मोदी ने डिफेंस एक्सपो 2020 का किया शुभारंभ

डिफेंस का डिजिटल द्वार खुला

डॉ दिलीप अग्निहोत्री

लखनऊ।

देश के प्रधानमंत्री नरेन्द मोदी ने लखनऊ में डिफेंस एक्सपो का आज शुभारंभ कर एक नयी इबारत लिख दी। एक्सपो मे 40 देशों के रक्षामंत्री, सैन्य प्रमुख व विदेश मंत्री के साथ 54 देशों के डिप्लोमेट व सैन्य डेलीगेट इस अविस्मरणीय पल के साक्षी बन रहे है। उदधाटन के इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उपस्थित थे। इसके साथ ही तीनों सेना प्रमुख भी मौजूद थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक्सपो स्थल पर युद्घ साजो-सामान की वैश्विक प्रदर्शनी का उद्घाटन कर अन्य देशों से आए विशिष्ट राजनयिकों व सैन्य प्रमुखों से भी मुलाकात करेंगे।

अमेरिका, फ्रांस, रूस, इस्राइल, ब्रिटेन, और यूरोपीय देशों की कंपनियों में भारतीय रक्षा कंपनियों के साथ मिलकर मेक इन इंडिया में आने की होड़ लगी है।
लखनऊ में डिफेंस एक्सपो रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन क्त्क्व् ने एंटी-सैटेलाइट मिसाइल सिस्टम को प्रदर्शित किया है।

सामरिक क्षेत्र में भारत की भागीदरी पिछले करीब छह वर्षों में बढ़ी है। अब कोई भी देश भारत को नजरअंदाज करने की स्थिति में नहीं है। भारत संयुक्त राष्ट्र संघ की सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य नहीं है। लेकिन अंतरराष्ट्रीय मसलों पर उंसकी भूमिका महत्वपूर्ण रहती है। नरेंद्र मोदी सरकार ने इस क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। रक्षा क्षेत्र में भारत को निर्यातक बनाने की हैसियत में पहुंचाने की दिशा में सरकार काम कर रही है। फ्रांस से राफेल डील यूपीए सरकार के समय से लंबित थी। मोदी सरकार ने इसको अंजाम तक पहुंचाया। राफेल विमान भारतीय सेना में शामिल भी हो चुका है। अमेरिका,रूस आदि प्रमुख देशों के साथ भी भारत की रक्षा साझेदारी बढ़ी है। इस संदर्भ में लखनऊ की डिफेंस एक्सपो का विशेष महत्व है। यह पिछली डिफेंस एक्सपो से भी बड़ी है। इसे विशेष अंदाज में उत्सव और हुनर का भी स्वरूप दिया गया है। लखनऊ के जल थल नभ में उत्सव जैसे रंग दिखाई दिए। डिफेंस एक्सपो के माध्यम से भारत को उभरते हुए डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में प्रतिष्ठा मिलेगी। इसी के साथ डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन ऑफ डिफेंस का विचार भी उजागर होगा। पांच से नौ फरवरी तक चलने वाले इस एक्सपो में अमेरिका यूरोपीय देश,दक्षिण अमेरिकी देशों,सहित सत्तर देश सहभागी होंगे। पिछली डिफेंस एक्सपो दो वर्ष पहले चेन्नई के निकट हुई थी। लखनऊ डिफेंस एक्सपो उसे भी पीछे छोड़ने वाली साबित होगी।

इसमें शामिल होने वालों और रक्षा प्रदर्शनी लगाने वालों की संख्या पहले के मुकाबले बहुत अधिक है। इसमें विदेशी एक्जिबिटर्स भी शामिल हैं। डिफेंस एक्सपो में सत्तर से अधिक देश भागीदरी कर रहे है। मतलब अत्यंत छोटे व सामरिक मामलों में ज्यादा दिलचस्पी न रखने वाले देशों को छोड़कर विश्व के अन्य सभी देश यहां मौजूद रहेंगे। उम्मीद है कि अनेक देश भारत में निर्मित रक्षा उपकरण खरीदेंगे। यह भारत के रक्षा उपकरण निर्यात का नया अध्याय बनेगा। थल और वायु सेना के जांबाजों ने वृंदावन आयोजन स्थल जल सेना के जवान गोमती रिवर फ्रंट पर शौर्य का प्रदर्शन कर रहे है।

सत्तर देशों की रक्षा प्रदर्शनी के साथ ही भारत की डीआरडीओ और एचएएल के रक्षा उत्पाद प्रदर्शित किये जा रहे है। इसके अलावा मध्यम व छोटे कलपुर्जे बनाने वाली कम्पनियां भी यहाँ पहुंची है। भारत के स्वदेशी उपकरणों खरीद के लिए एमओयू होने की प्रबल सँभावना है। पिछले डिफेंस एक्सपो में सैंतीस सौ करोड़ का निवेश आया था। इस बार इसके बढ़ने की पूरी सँभावना है। टैंक,विमान समेत सेना के तमाम हथियार,उपकरण का सजीव प्रदर्शन शुरू हो चुका है। शुरुआती तीन दिन बिजनेस कॉन्फ्रेंस के लिए निर्धारित है।

सेना ने सोल्जर मॉडल, स्माल आर्म्स, जम्प विद बैक ड्रॉप,टी नब्बे टैंक व बीएमपी,हेलिकॉप्टर मॉडल, पैट्रोलिंग बोट मॉडल, सेल बोट, आर्मी डॉग, बंकर के नाम से कुल बारह सेल्फी पॉइंट बनाए हैं। इसके अलावा जेली सूट और सियाचीन सूट में भी लोग सेल्फी ले सकेंगे। आर्मी का टी नब्बे,टैंक, सर्फेस माइन क्लियरिंग सिस्टम, ब्रिज लेयर टैंक, बोफोर्स तोप,एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल लॉन्चर, चीता हेलिकॉप्टर,आर्म्ड रिकवरी वीइकल,आकाश मिसाइल, वज्र, अल्ट्रालाइट होवित्जर तोप, पिनाका व इंदिरा रेडार, हाई मोबिलिटी वीईकल और अडवांस्ड हेलिकॉप्टर ध्रुव अनेक हथियारो का प्रदर्शन रोचक है। डीआरडीओ निर्मित अर्जुन टैंक,मॉड्यूलर ब्रिजिजिंग सिस्टम, आर्म्ड प्लैटफॉर्म, रिमोटली ऑपरेटेड सिस्टम रेडार, अडवांस्ड रोड आर्टिलरी गन सिस्टर्न और रोबोट भी बिजनेस डे में शामिल है। वायु सेना की ओर से एमआई सेवेंटी, तेजस व एएलएच हेलीकॉप्टर के हैरतअंगेज करतब चल रहे है। रिवर फ्रंट पर रोजाना सिम्फनी बैंड, गतका, खुखरी और कुमाउनी डांस के साथ डॉग शो भी रोचक व आकर्षक है। यहां पर शाम को नौसेना और कोस्ट गार्ड के जवान गोमती नदी में करतब भी दिखाएंगे।अरमेनिया, बहरीन, तुर्केमेनिस्तान, यूएई, युगांडा, यूनाइटेड किंगडम, यूक्रेन, उज्बेकिस्तान, वियतनाम, जिम्बावे,अफगानिस्तान, अंगोला, अर्मेनिया, ओमान, कतर, रूस, रवाडा, सऊदी अरब, सर्विया, सेचेलीज, श्रीलंका, तजाकिस्तान, थाइलैंड, जमैका, मालदीव और नाइजर। इनके अलावा कई देशों की तीनों सेनाओं के प्रमुख और उनकी सिक्यॉरिटी विंग के इंटरनल अफसर, फील्ड अफसर और इंटरनल कोऑपरेशन विंग के सदस्य भी शामिल होंगे।

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