हर थानेदार बेचैन, कौन नपेगा-कौन बचेगा?
ए अहमद सौदागर
लखनऊ।
राजधानी लखनऊ में जनवरी 2020 से लेकर दिसंबर 2020 के बीच कौन-कौन थानों में अपराध रजिस्टर दुरुस्त हैं और किन थाना क्षेत्र में अपराध कम हुए हैं। पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर की अगुवाई में फिलहाल समीक्षा निरीक्षण शुरू हो गया है।
संयुक्त पुलिस आयुक्त नवीन अरोरा शनिवार को सरोजनीनगर थाने का निरीक्षण करने पहुंचे तो वहां पर हड़कंप मच गया। उन्होंने लम्बित विवेचनाएं सहित कई ज़रुरी कागजात चेक कर जल्द से जल्द निस्तारण के लिए निर्देश दिए।
राजधानी लखनऊ के सभी थानों के निरीक्षण होने की भनक लगते ही थानों पर तैनात सभी स्टेशन अफसर इसलिए चिंता से बेचैन है कि कौन बचेगा और कौन नापेगा।
अपनी कुर्सी बचाने के लिए यह थानेदार इस समय हर तरह की जुगत भिड़ाने में लगे हुए हैं।
जानकार सूत्रों की मानें तो मलाईदार कोतवाली में पर काफी दिनों से काबिज यह थानेदार सत्ताधारी दल के नेताओं चौखट नापने से लेकर आलाधिकारियों के कार्यालय में पहुंच कर सलाम बजाने में जुटे हुए हैं।
सूत्र बताते हैं कि कमोवेश इस समय लखनऊ के अधिकतर थानों का है।
पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर ने साल के आखिरी माह यानी दिसंबर 2020 में अपराध और कानून व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त हो इसे लेकर जिस प्रकार से अपने तेवर सख्त किए हैं उससे पुलिसकर्मियों को सांप सूंघ गया है।
उन्होंने ने स्पष्ट कर दिया है कि इस बात पूरी जानकारी है कि कई जिम्मेदार स्टेशन अफसर अपराध रोकने के बजाए अपनी जेब गरम करने में जुटे हुए हैं और कौन अपने कर्त्तव्यों का सही ढंग से निर्वाहन नहीं कर पा रहा है।
उन्होंने ने हाल ही में मोहनलालगंज क्षेत्र में पूर्व प्रधान व मोहनलालगंज व्यापार मंडल अध्यक्ष सुजीत पांडे की गोली मारकर हुई हत्या के मामले में अभी तक खुलासा न कर पाने पर इंस्पेक्टर मोहनलालगंज को हटा दिया।
पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर मातहतों को पेंच कहते हुए अब किसी प्रकार की ढिलाई बर्दाश्त नहीं करेंगे।
पुलिस कमिश्नर कि सख्त तेवर देख पश्चिमी, उत्तरी, दक्षिणी और पूर्वी के आलाधिकारी अपने अपने क्षेत्र के थानेदारों के पेंच कसने शुरू कर दिए हैं।
सूत्रों की मानें तो राजधानी लखनऊ के डीसीपी, एडीसीपी व एसीपी भी भयभीत हैं। फिलहाल थानों का निरीक्षण किए जाने के साथ साथ लापरवाही बरतने वाले पुलिसकर्मियों पर भी नकेल कसनी शुरू कर दी गई है।
इसकी भनक लगते ही हर थाना प्रभारी इस चिंता में परेशान हैं कि उसकी कुर्सी बचेगी या जायेगी।