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हिस्ट्रीशीटर अजीत हत्याकांड: शूटरों को पकड़ने के लिए पुलिस टीम ने बिछाया जाल

हिस्ट्रीशीटर अजीत हत्याकांड,
शूटरों को पकड़ने के लिए पुलिस टीम ने बिछाया जाल
पूर्वांचल भाग सकते हैं अजीत की हत्या में शामिल शूटर
आजमगढ़ और मऊ पुलिस भी अलर्ट
ए अहमद सौदागर
लखनऊ।

मऊ जिले के मोहम्मदाबाद गोहना निवासी हिस्ट्रीशीटर व महिला पूर्व ब्लाॅक प्रमुख पति अजीत सिंह हत्याकांड में जुटी सर्विलांस सेल। क्राइम ब्रांच एवं स्थानीय पुलिस खूनी शूटरों की तह तक पहुंच चुकी है।
पुलिस की टीमें पूर्वांचल के आजमगढ़, गोरखपुर व गाजीपुर जिले में डेरा डाले हुए है।
पुलिस की टीम अजीत सिंह की हत्या कराने वाले माफिया और उनके मकसद के बारे में जानने के बाद अब शूटरों की तलाश कर रही है।
पूर्वी उत्तर प्रदेश के कई जिलों में इसकेे लिए जाल बिछा दिया गया है।
राजधानी लखनऊ के विभूतिखंड क्षेत्र स्थित अवध बस स्टेशन के बाहर गुरुवार को दो संदिग्ध खड़ी बाइक मिलने के ऐसा प्रतीत हो रहा है कि वारदात को अंजाम देने वाले शूटरों के पूर्वांचल भाग जाने की आंशका के मद्देनजर आजमगढ़ और सहित कई जिलों की पुलिस को अलर्ट कर दिया गया है।
बुधवार की देर शाम करीब साढ़े आठ बजे राजधानी लखनऊ के विभूतिखंड क्षेत्र स्थित कठौता चौराहे पर भरी भीड़ में मोहम्मदाबाद गोहना निवासी हिस्ट्रीशीटर अजीत सिंह असलहों से लैस बाइक सवार बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस दौरान साथ में रहे मोहर सिंह तथा एक डिलीवरी मैन गोली लगने से घायल हो गए थे।
अजीत हत्याकांड में जैसे ही आजमगढ़ जिले के छपरा गांव निवासी ध्रुव कुमार उर्फ कुंटू सिंह नाम सामने आया तो पुलिस सकते में आ गई।
19 जुलाई वर्ष 2013 को अमुआरी गांव निवासी पूर्व विधायक सर्वेश सिंह उर्फ सिपू सिंह की जीयनपुर कस्बा में दिनदहाड़े हत्या कर दी गई थी।
जानकार सूत्रों की मानें तो सिपू सिंह और कुंटू सिंह के बीच की रार तो बहुत पहले चली आ रही थी। बताया गया कि अजीत सिंह सिपू हत्याकांड में मुख्य गवाह था,जिसको लेकर विरोधी को खटक रही थी ॽ
लेकिन ताजा मामला अदालत में गवाही न देने की बात सामने आई है,जिसे लेकर हिस्ट्रीशीटर अजीत सिंह हत्या की गई ॽ
जेल में बंद मुख्तार अंसारी के करीबी और सिपू सिंह हत्याकांड का गवाह अजीत सिंह भी शातिर किस्म का अपराधी था।
बताया जा रहा है कि पूर्व विधायक सर्वेश सिंह उर्फ सिपू सिंह की हत्या से पहले सिपू के साथ समझौते की भी पहल की थी, लेकिन गिरफ्तारी के बाद से सिपू और कुंटू सिंह के बीच और दूरी बढ़ गई।
सूत्र बताते हैं कि जेल में बंद रहने के दौरान सिपू की हत्या की योजना बनाई और वाराणसी के निवासी गिरधारी शर्मा उर्फ डॉक्टर को लक्ष्य सौंपा ॽ
फिलहाल अजीत सिंह हत्याकांड में गिरधारी शर्मा का नाम आते ही पुलिस सक्रिय हो गई और आनन-फानन में आजमगढ़ सहित पूर्वांचल के कई जिलों में शूटरों की तलाश में जुट गई।
बताते हैं कि जब अजीत सिंह को शूटरों ने गोली मारी और वह लड़खड़ा कर सड़क पर गिरे तभी साथ में रहा मोहर सिंह शोर मचाया तो बदमाशों ने उसे भी गोली मारी।
यह कयास है कि मोहर सिंह उनमें से एक-दो शूटरों को पहचान लिया था।
शिनाख्त न हो इसलिए मोहर को भी मारा। पुलिस की टीमें वाराणसी, गाजीपुर, आजमगढ़, मऊ व गोरखपुर जिलों में अपना संजाल बिछा दिया है।
पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर का कहना है कि शूटरों की तलाश में पुलिस की पांच टीमें सरगर्मी से जुटी हुई हैं और जल्द ही पकड़ लिए जायेंगे।

धमकी दी थी कुख्यात ने
दर्जनों मुकदमा वाला अजीत ने की थी धमकी की अनदेखी

जरायम की दुनिया में कदम रखने वाला भले ही खुद को ताकतवर और बहादुर समझे, लेकिन कड़वा सच यही है कि अक्सर गोली चलाने वाला शख्स गोली का शिकार बनता है।
हमेशा लाव-लश्कर से चलने वाले हिस्ट्रीशीटर अजीत सिंह पूर्व ब्लॉक प्रमुख था और पूर्व विधायक सर्वेश सिंह उर्फ सिपू सिंह की हत्या के मामले में गवाह था।
हिस्ट्रीशीटर अजीत सिंह की हत्या के में जरायम की दुनिया में तरह-तरह के सवाल उछलने लगे हैं।
कोई इसे सियासी बिसात, सिपू हत्याकांड में गवाही पर शह की मात का खेल बता रहा है तो कोई इसे राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता से जोड़कर देख रहा है।
पूर्वांचल में भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या, पूर्व विधायक बीजू पटनायक की हत्या या पूर्व विधायक सर्वेश सिंह उर्फ सिपू की हत्या, कहीं न कहीं इसके पीछे वर्चस्व की लड़ाई रही।
पूर्व ब्लॉक प्रमुख व हिस्ट्रीशीटर अजीत सिंह की हत्या के तार पूर्वांचल के कुख्यात शूटरों से जुड़े हैं।
इसके लिए थोड़ा पीछे जाना होगा।
सूत्रों की मानें तो पूर्व कैबिनेट मंत्री रामप्यारे सिंह के बेटे सर्वेश की हत्या के मामले में गवाह बने अजीत सिंह जोर-शोर से सिपू हत्याकांड में गवाही देने के तैयार था कि इसी दौरान अजीत के पास एक माफिया का फरमान पहुंचा की वह सिपू हत्याकांड में गवाही न दे, लेकिन हिस्ट्रीशीटर अजीत ने इसे अनसुना कर दिया था।
सूत्र बताते हैं कि अनसुना का ही नतीजा है कि बुधवार की देर शाम विभूतिखंड में बदमाशों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर अजीत को मौत के घाट उतार दिया।
पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर के मुताबिक घायल मोहर सिंह की तहरीर पर तीन लोगों ध्रुव कुमार सिंह उर्फ कुंटू सिंह, अखंड प्रताप सिंह व वाराणसी निवासी कन्हैया विश्वकर्मा उर्फ गिरधारी उर्फ डॉक्टर के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई है।
उन्होंने ने बताया कि मामले की छानबीन की जा रही है।

अजीत की हत्या का बदला लेने को सक्रिय होंगे गैंग

राजधानी लखनऊ के विभूतिखंड क्षेत्र के कठौता चौराहे के पास बुधवार की देर शाम मऊ जिले के मोहम्मदाबाद गोहना निवासी हिस्ट्रीशीटर अजीत सिंह की सरेशाम हुई हत्या के बाद लखनऊ से लेकर पूर्वांचल तक गैंगवार खतरा जताने जाने लगा है।
माना जा रहा है कि अजीत की हत्या का बदला लेने के लिए अपराध की दुनिया के खिलाड़ी सक्रिय होंगे।
पूर्वांचल में कई गैंगों में हिस्ट्रीशीटर अजीत सिंह की खासी पकड़ थी।
पूर्वांचल के गैंग सक्रिय हैं। इन गैंगों के आपसी गठजोड़ का कई बार खुलासा हो चुका है।
बुधवार देर शाम कठौता चौराहे पर जिस तरह से पूर्व ब्लॉक प्रमुख व हिस्ट्रीशीटर अजीत सिंह को गोलियों से भूना गया, उससे अपराधियों से लेकर पुलिस तक सकते में है।
क्योंकि जिस तरह शूटरों ने 30-35 फायरिंग कर मौत के घाट उतारा, इससे एक बार फिर साफ़ हो गया कि बदमाशों को पुलिस का खौफ नहीं रहा।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक अजीत की हत्या की साज़िश आजमगढ़ जिले के एक गांव में रची गई। शार्प शूटरों ने दो-तीन दिन पहले से राजधानी लखनऊ में डेरा डाला था।

गैंग छोड़ने और गवाही देने के चक्कर में मारा गया अजीत
पहले दोस्ती, दुश्मनी में गई जान
जिला बदर होने के बाद ठहरा हुआ था लखनऊ में

कहते हैं कि अपराध की दुनिया में आने का रास्ता तो है लेकिन जाने का नहीं। मऊ जिले का हिस्ट्रीशीटर अजीत सिंह की हत्या को पुलिस इसी नज़र से देख रही है।
कुछ साल पहले से ही उसने जनपद मऊ से लेकर यूपी के कई जिलों तक नाम कमा लिया, लेकिन दस साल पहले से पूर्व विधायक सर्वेश सिंह की हत्या में गवाही देने के लिए अड़ा रहा नतीजतन उसे अपनी जान गंवानी पड़ी।
चर्चा यह भी है कि विरोधी गैंग का मुखिया अजीत सिंह को सिपू हत्याकांड में गवाही न देने के लिए मोटी रकम देने के लिए प्रस्ताव दिया, लेकिन अजीत गवाही देने से माना नहीं।
अजीत द्वारा विरोधी गैंग की बात न मानना सिपू सिंह के विरोधी को नागवार गुजरा।
कई दिनों की तलाश के बाद पूर्व ब्लॉक प्रमुख अजीत सिंह को ढूंढकर मौत के घाट उतार दिया गया।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक हत्याकांड से जुड़ी अहम जानकारियां मिल गई है।
सिर्फ कुछ कड़ियां बाकी है, जिन्हें जोड़कर इस सनसनीखेज वारदात का खुलासा किया जायेगा।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक अजीत की हत्या एक गैंग की बात न मानने पर ही की गई है, क्यों कि अबतक की जांच-पड़ताल में यही बात सामने आ रही है।
खास बात यह है कि किसी समय में अजीत और धुव्र सिंह उर्फ कुंटू सिंह का करीबी माना जाता था लेकिन सिपू सिंह हत्याकांड के बाद ऐसी एक दूसरे में दरार पैदा हुई कि एक दूसरे के दुश्मन बन गए।
सूत्र बताते हैं कि अजीत नामजद गैंग मुखिया के इशारे पर बड़ी बड़ी घटनाओं को को अंजाम दे चुका था। सवाल है कि जो शख्स हमेशा अपने साथ असलहा रखकर चलता था, बुधवार को वह अपने वाहन में असलहा छोड़कर क्यों गया ॽ किसके कहने पर अजीत पैदल सड़क पार किया ॽ आखिर किस शख्स इतना भरोसा किया ॽ इससे साफ है कि कहीं न कहीं किसी भरोसे पर छेद ही छेद है।

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