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लखनऊ बनती जा रही है अपराधियों की शरण स्थली

श्रीप्रकाश शुक्ला या फिर रमेश कालिया जैसे शूटरों के खात्मे के बाद एक बार फिर लखनऊ में इसी तरह की जघन्य वारदात करने वाले बदमाश पनपने लगे हैं।
ए अहमद सौदागर

लखनऊ।

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ खूंखार अपराधियों की पनाहगाह बन चुकी है। अपराध की दुनिया में दखल रखने वाले श्री प्रकाश शुक्ला या फिर रमेश कालिया जैसे शूटरों के खात्मे के बाद एक बार फिर लखनऊ में इसी तरह की जघन्य वारदात करने वाले बदमाश पनपने लगे हैं। चार पांच दिन के भीतर एक मासूम बच्ची व प्रॉपर्टी डीलर अशोक यादव की हत्या इसकी गवाह है।

अपनी हवस पूरी करने के लिए एक दरिंदे ने मासूम बच्ची को मौत के घाट उतार दिया। यह सनसनीखेज वारदात को लेकर चर्चा चल ही रही थी कि असलाहो से लैस बदमाशों ने सोमवार की रात मोहनलालगंज थाना क्षेत्र में प्रॉपर्टी डीलर पूर्व सैनिक अशोक कुमार यादव के सीने में गोलियों की बौछार कर पूरी तरह से जख्मी कर दिया। घायल अशोक को ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान मंगलवार को दम तोड़ दिया।

प्रॉपर्टी डीलर की हत्या
चंद रुपयों के लिए बेधड़क होकर किसी को भी मौत के घाट उतारने वाले बदमाश भले ही गैर जिलो के रहने वाले हो, लेकिन शहर में उनकी पैठ गहरी है। प्रॉपर्टी डीलर हत्याकांड के बाद यही सवाल अब अधिकारियों को बेचैन कर रहा है, लेकिन अभी तक पुलिस शूटरों को शरण देने वाले और दिनदहाड़े करने वाले बदमाशों तक पहुंचने में नाकाम है।

बेखौफ बदमाशों की नकेल कसने में नाकाम पुलिस 
लखनऊ के सहादतगंज थाना क्षेत्र में 15 सितंबर 2019 को एक दरिंदे ने 6 वर्षीय मासूम बच्ची की निर्मम हत्या कर दी। इस मामले को लेकर लोगों में चर्चा चल ही रही थी कि मोहनलालगंज थाना क्षेत्र में प्रॉपर्टी डीलर अशोक यादव के सीने में गोलियों की बौछार कर बदमाशों ने पुलिस को खुली चुनौती दे डाली। प्रॉपर्टी डीलर के कातिलों की तलाश में पुलिस टीमें लगातार छानबीन शुरू की, लेकिन अभी तक हत्यारे पुलिस के हाथ नहीं लग सके।

अब महज सर्विलांस का सहारा
पुलिस कुछ दशक पहले हर जिले के शातिर अपराधियों पर नजर रखती थी। बीट के सिपाही व दरोगा इनके लापता होने पर इसकी सूचना आस-पास के जिलो की पुलिस को भी देते थे, लेकिन समय के साथ-साथ यह व्यवस्था भी चरमरा चुकी है।
दरअसल पिछले कुछ सालों में पुलिस का पूरा नेटवर्क सर्विलांस पर टिक गया है। अब किसी भी जघन्य वारदात के बारे में बदमाशों तक पहुंचने के लिए पुलिस को महज इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस पर निर्भर होता है।

इस सवाल पर एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि सर्विलांस के बारे में अब अपराधी भी काफी जानकारी रखते हैं। ऐसे में जरूरी नहीं है कि वारदात के दौरान बदमाश अपने मोबाइल फोन का प्रयोग करें।

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