प्रयागराज में राजापुर-म्योर रोड को एक साल में दो बार बनाने का कुचक्र
कुम्भ कार्य में लोनिवि ने बनाया 50लाख में, पीडीए बनायेगा 14 करोड़ में
वरिष्ठ पत्रकार जे.पी. सिंह की कलम से पड़तााल

क्या एक सड़क एक साल के भीतर उत्तर प्रदेश शासन के दो अलग अलग विभाग बनवा सकते हैं? आपका उत्तर होगा नहीं, लेकिन प्रयागराज में ऐसा धडल्ले से हो रहा है।
नगर के यातायात चौराहे से पश्चिम की ओर म्योर रोड़ राजापुर मलिन बस्ती से बाबा चौराहे तक नवंबर 2018 में 2019 के कुंभ मेले के कार्य के तहत लोक निर्माण विभाग द्वारा नवीनीकरण व निर्माण का कार्य रु 50.59 लाख रुपए में किया जा चुका है, जिसका प्रयागराज विकास प्राधिकरण द्वारा दिनांक 7 सितंबर 2019 को ई निविदा सूचना द्वारा एक समाचार पत्र में दिया गया, जिसमें क्रमांक संख्या 7 पर म्योर रोड के उक्त रोड का भी ई निविदा थी,जिसकी लागत रु 707. 70लाख दर्शायी गयी थी|जिसकी शिकयत पीएमओ तक होने के कारण निरस्त कर दी गयी।दोबारा निविदा मांगी गयी पर उसे भी निरस्त कर दिया गया।
प्रयागराज विकास प्राधिकरण द्वारा लोक निर्माण विभाग द्वारा बनाए गए उक्त सड़क के निर्माण के 8 महीने पश्चात ही लोक निर्माण विभाग द्वारा खर्च किए गए रकम से लगभग 14 गुना अधिक आकलन नियम विरुद्ध बनाया गया, जिससे यह स्पष्ट होता है कि प्रयागराज विकास प्राधिकरण के भ्रष्ट अधिकारियों एवं अभियंताओंआकलन विकास के लिए नहीं परंतु नागरिकों की निजी फ्रीहोल्ड भूमि को अवैध कब्जा करने एवं वित्तीय लूट के लिए बनाया गया है। क्योंकि सड़क निर्माण में जितनी सरकारी भूमि उपलब्ध है उस पर लोक निर्माण विभाग द्वारा सड़क का निर्माण किया जा चुका है|
इसके आलावा प्रयागराज विकास प्राधिकरण के अधिकारी लगातार झूठ बोलते हैं| एक ही मुद्दे पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में कोई और जानकारी देते हैं जबकि आरटीआई में उसके उलट फर्जी दावा करते हैं |
आरटीआई के जवाब में प्रयागराज विकास प्राधिकरण के जोनल अधिकारी सत शुक्ला एवं सचिव प्रयागराज विकास प्राधिकरण दयानन्द ने अपने उत्तर में कहा है कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा यातायात को सुगम बनाने हेतु सड़क का चौड़ीकरण हेतु आदेश का पालन किया जा रहा है |सत शुक्ला द्वारा दिया गया उत्तर पूर्णतया कपटपूर्ण एवं असत्य हैं|ऐसा कोई भी आदेश उच्च न्यायालय द्वारा नहीं दिया गया है|
इसके विपरीत रिट याचिका संख्या 19009/2016 मनोज कुमार (इलाहाबाद) बनाम उत्तर प्रदेश राज्य व अन्य तथा रिट याचिका संख्या 18764/2016 पूरन चंद्र (आगरा) बनाम उत्तर प्रदेश राज्य व अन्य में उच्च न्यायालय के समक्ष यह मामला लाया गया कि प्रशासन मामले में याचिकाओं के भूमि को बिना किसी समुचित योजना, प्रस्ताव व अधिग्रहण या क्रय किए एवं बिना किसी भूमि अभिलेख व बिना किसी स्थल की भौतिकी एवं स्थलीय निरीक्षण किए अधिकारियों द्वारा अवैध कब्जा किया जा रहा है | जोनल अधिकारी सत शुक्ला द्वारा मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन द्वारा शासनादेश संख्या 327/एक-13-2016/ राजस्व अनुभाग-13 लखनऊ दिनांक 12 मई 2016, जो कि नियम विरुद्ध किसी भी नागरिकों की भूमि पर अवैध कब्जा न किया जाए को, छिपाया गया है ।
जोनल अधिकारी सत शुक्ला द्वारा लिखा गया कि नगर नियोजन और विकास अधिनियम 1973 में दिए गए प्रावधानों के अंतर्गत ही सड़कों का चौड़ीकरण कराया गया है परंतु नगर नियोजन और विकास अधिनियम 1973 में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि नागरिकों की निजी भूमि ,फ्री होल्ड भूमि एवं निजी भवन व निजी दुकान को बलपूर्वक व प्रशासनिक दबंगई से बंदूक की नोक पर बलपूर्वक अवैध कब्जा करलिया जाए।इस तरह का कार्य तो असामाजिक तत्व, भू माफिया करते हैं।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन से उक्त संबंध में 17 मई 2016 को शपथ पत्र भी लिया गया है। उक्त तथ्य को जोनल अधिकारी सत शुक्ला द्वारा कपट पूर्वक छिपाया गया जबकि म्योर रोड राजापुर पुराना निर्मित क्षेत्र घोषित है उक्त 900 मीटर के क्षेत्र में लगभग 1000 परिवार के पुराने मकान भवन लगभग 80 से 90 वर्षों पूर्व से निर्मित है। इस क्षेत्र में किसी के द्वारा कोई भी अतिक्रमण नहीं किया गया है। म्योर रोड एवं राजापुर क्षेत्र स्मार्ट सिटी के योजना के अंतर्गत भी नहीं आता है। जोनल अधिकारी सत शुक्ला वजिलाधिकारी प्रयागराज द्वारा दिए गए उत्तर में खुला झूठ बोला गया है।
जोनल अधिकारी सत शुक्ला ने अपने उत्तर में कहा है कि उक्त क्षेत्र का जोनल डेवलपमेंट प्लान बना हुआ है और 18दिसम्बर 2011 से प्रभावी है। जबकि उक्त क्षेत्र राजापुर उत्तरी में जोनल प्लान उपजोन जोन बी(5) में आता है जोन बी(5) का कोई भी जोन प्लान नहीं बना है जिसका शपथ पत्र प्रयागराज विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष द्वारा दिनांक 24 जून 2019 को उच्च न्यायालय के समक्ष रिट याचिका संख्या 37797/2018 (शिव वाटिका बरात घर एवं अन्य बनाम स्टेट ऑफ यूपी आदि) में दिया गया है। अतः इससे यह सिद्ध होता है कि अक्षम जोनल अधिकारी सत शुक्ला एवं प्रयागराज विकास प्राधिकरण के भ्रष्ट अधिकारी भी सम्मिलित है।
इसी प्रकार म्योर रोड राजापुर क्षेत्र में दक्षिण ओर उपजोन बी(4)जो प्रयागराज विकास प्राधिकरण के मनगढ़ंत हिसाब से भू-माफ़ियाओं व बड़े बिल्डरों को लाभ पहुँचाने हेतु बनाया गया है प्रयागराज विकास प्राधिकरण और नियोजन विभाग के पास जब उक्त राजापुर म्योर रोड का राजस्व भूमि का भूमि अभिलेख उपलब्ध नहीं है तो प्रयागराज विकास प्राधिकरण द्वारा 24 मी.रोड प्रस्तावित दिखाकर रोड की चौड़ाई तय करना नगर नियोजन और नगर विकास अधिनियम की धारा 17 ,संविधान के अनुच्छेद 300A एवं भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 के विरुद्ध है। उक्त क्षेत्र में कोई भी खाली जमीन या खेत नहीं है, पुराने घनी निर्मित आबादी है। उच्च न्यायालय इलाहाबाद द्वारा रिट याचना सं0 4633/2019 राजेंद्र प्रसाद अरोड़ व 2अन्य बनाम स्टेट ऑफ़ उत्तर प्रदेशव2अन्य दिनांक 16 नवम्बर2019 को प्रयागराज विकास प्राधिकरण द्वारा बनाये गया जोनल प्लान उपजोन बी(4)अवैध घोषित करके निरस्तकर दिया गयाऔर निर्देश दिया गया है कि उत्तर प्रदेश नगर नियोजन एवं विकास अधिनियम 1973 में दिए गए नियमों के अनुसार पुनः बनाया जाए ।
जोनल अधिकारी सत शुक्ला के जवाब में कहा गया है कि यातायात चौराहे से पूर्व की ओर आनंद हॉस्पिटल तक म्योर रोड की चौड़ीकरण किया जा चुका है, जबकि यह चौड़ीकरण मनमोहन पार्क म्योर रोड कटरा चौराहा तक नियमविरुद्ध किया गया है। यह चौड़ीकरण पुलिस एवं प्रशासन द्वारा बलपूर्वक नागरिकों की नजूल भूमि वफ्रीहोल्ड भूमि पर अवैध कब्जा करके किया गया। विरोध होने पर आनंद अस्पताल से पूर्व की ओर म्योर रोड कमला नेहरू रोड मनमोहन पार्क चौराहे से पश्चिम की ओर म्योर रोड पर स्थित दोनों ओर पुराने भवनों को भू-राजस्व अभिलेख के अनुसार यथावत छोड़ दिया गया जबकि यह क्षेत्र नजूल भूमि वफ्रीहोल्ड भूमि में बसा हुआ है उक्त क्षेत्र का कोई भी जोनल प्लान नहीं है।
अवैध वसूली और कछार में अवैध निर्माणों से इलाके का आधारभूत ढांचा ध्वस्त
घूमताआइना|प्रयागराज विकास प्राधिकरण के सचिव दयानन्द प्रसाद ने एक आरटीआई के जवाब में कहा गया है कि राजापुर म्योर रोड में ट्राफिक जाम की समस्या रहती है, जिस कारण रोड का चौड़ीकरण होना अनिवार्य है परन्तु सचिव ने यह नहीं बताया कि ऐसा क्यों हो रहा है |दरअसल ट्राफिक जाम का मूल कारण प्राधिकरण एवं नगर निगम के अधिकारियों की अवैध वसूली है| म्योर रोड राजापुर, हनुमान मंदिर से पूर्व की तरफ लगभग 300 मीटर तक प्रयागराज विकास प्राधिकरण एवं नगर निगम प्रयागराज के घूसखोर व कमीशनखोर कर्मचारी द्वारा साप्ताहिक वसूली की जाती है, जिसमें लगभग साप्ताहिक 25,000-30,000 तक 250-300 ठेले वालों से वसूला जाता है, तथा राजापुर व्यापार मण्डल द्वारा एवं जनहित संघर्ष समिति (रजिस्टर्ड) द्वारा नगर आयुक्त(प्रयागराज), महापौर (प्रयागराज), जिलाधिकारी(प्रयागराज) एवं मण्डलायुक्त को कई प्रत्यावेदन वेंडर जोन बनाने के लिए दिया जा चुका है, जिसपर आजतक प्रयागराज प्रशासन एवं प्रयागराज विकास प्राधिकरण द्वारा घूस एवं कमीशन खाने के लिए आजतक उस पर प्रत्यावेदन पर विचार नहीं किया गया|
प्रयागराज विकास प्राधिकरण एवं नगर निगम द्वारा राजापुर, गंगानगर, बेली, मऊसरैया, द्रौपदी-घाट इत्यादि प्रयागराज के गंगा तटीय, कछारी एवं मूल बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में भू-माफ़ियाओं से साठ-गांठ करके लगभग एक लाख मकान राजस्व भूमि पर अवैध बनवाये गए हैं, जिससे इस इलाके का सारा आधारभूत ढांचा ध्वस्त हो गया है| जिसके दोषी केवल प्राधिकरण एवं नगर निगम से सम्बंधित प्रशासनिक अधिकारी हैं|अगर जनहित में इसकी निष्पक्ष जांच कराई जाए तो सत शुक्ला, आलोक पांडे व दयानंद प्रसाद(सचिव) एवं पूर्व उपाध्यक्ष/वर्तमान जिलाधिकारी श्री भानु चंद्र गोस्वामी के विरुद्ध कार्यवाही किए जाने योग्य एवं नागरिकों को क्षति पहुंचा कर उनके जमीनों पर अवैध कब्जा करने के संबंध में गंभीर मामला बनता है। यह सब अधिकारीगण उत्तर प्रदेश नगर नियोजन और विकास अधिनियम 1973 के धारा 26घ के दोषी हैं|
प्रयागराज के राजापुर म्योर रोड.में स्टैनली रोड-म्योर रोड ट्रैफिक चौराहे से पश्चिम की ओर राजापुर मलिन बस्ती से क्लाइव रोड म्योर रोड हनुमान मंदिर चौराहे तक सड़क के दोनों ओर अंग्रेजों के समय से राजस्व अभिलेख 1320 फसली वर्ष के अंतिम बंदोबस्त सन 1913 के तहत सड़क के दोनों ओर निजी फ्रीहोल्ड भूमि पर पुराने भवन एवं दुकानें निर्मित है। इन पर नियम विरुद्ध अवैध कब्जा करने हेतु प्रयागराज विकास प्राधिकरण के भ्रष्ट व कमीशन खोर अधिकारियों एवं अभियंताओं द्वारा 2 से 3 मीटर तक अवैध ढंग से लाल निशान लगाने व उक्त क्षेत्र के नागरिकों पर पुलिस बल के साथ नागरिकों में दहशत फैलाकर कि अपना भवन एवं दुकान खुद से तोड़कर अपनी निजी फ्रीहोल्ड भूमि को प्रयागराज विकास प्राधिकरण को सुपुर्द करने के लिए प्रशासनिक व् पुलिसिया दबाव बनाकर मजबूर किया जा रहा है।
इस क्षेत्र में महायोजना 2021 में म्योर रोड को यथावत रखने का आदेश मानचित्र न.9 में पारित किया गया है एवं उक्त क्षेत्र के म्योर रोड के दोनों और बाजार स्ट्रीट घोषित किया गया हैं।इस क्षेत्र को पुराने निर्माण क्षेत्र की श्रेणी में महायोजना 2021 में घोषित किया जा चुका है तथा इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश रिट याचिका सं0 14473 ऑफ 2019 दिनांक 09 मई2019 में दिए गए आदेश कि अवमानना करते हुए नागरिकों एवं निजी भूमि पर अवैध कब्ज़ा करने पर प्रयागराज विकास प्राधिकरण के अधिकारी उतारू हैं |
म्योर रोड राजापुर क्षेत्र की चौड़ाई ट्रैफिक चौराहे से पश्चिम ओर हनुमान मंदिर क्लाइव रोड म्योर रोड चौराहे तक फ़सली वर्ष सन1320 के अंतिम बंदोबस्त के अनुसार सन 1913 में राजस्व के भू अभिलेखों के अनुसार 7 मीटर – 9.5मीटर तक पूर्ण सड़क(सड़क व पटरी) है। फसली वर्ष सन 1320 के अंतिम बंदोबस्त सन 1913 के रोड की खाता संख्या123 का प्लाट संख्या 374, फसली खसरा व खेवट के अनुसार सड़क की कुल पैमाइश 5 बीघा 6 बिस्वा है जिसमें आज तक कोई परिवर्तन नहीं किया गया और ना ही किया जा सकता हैं। उक्त न्यू रोड को विगत 50 वर्षों से लोक निर्माण विभाग द्वारा बनाया जाता है प्रयागराज विकास प्राधिकरण के पास उक्त रोड का कोई भी भूमि राजस्व अभिलेख नहीं है।
राजापुर के उत्तरी क्षेत्र में अति लोलैंड क्षेत्र पर पुरानी बस्ती बसी हुई है और इसके 300 मीटर के बाद उत्तरी क्षेत्र में गंगा का कछारी क्षेत्र पड़ता है। उत्तर क्षेत्र में कोई अधिग्रहण व पूर्नग्रहण नहीं किया जा सकताहैं। उत्तरी क्षेत्र में समस्त भूमि फ्री होल्ड निजी भूमि पर पुरानी निर्मित घनी बस्ती है। इसी प्रकार म्योर रोड राजापुर के दक्षिणी क्षेत्र में अंग्रेजों के ढाई सौ वर्ष पुराने कब्रिस्तान व दक्षिण म्योर रोड के बीच में नागरिकों की निजी फ्रीहोल्ड भूमि स्थित है इस फ्रीहोल्ड भूमि पर नागरिकों के पुराने भवन व दुकान स्थित हैं दक्षिण में प्राधिकरण के व्यवसाय केंद्र संस्थान , जल निगम कॉलोनी एवं नगर महापालिका/ नगर निगम का ट्यूबवेल व पाक निर्मित है एवं सन 1932 का हिंदू हॉस्टल का मूलभूत स्वरूप एवं पुराने दीवारों सहित स्थित है।
दरअसल प्रयागराज विकास प्राधिकरण द्वारा षड्यंत्र करके नागरिकों में दहशत फैलाकर राज्य सरकार एवं केंद्र सरकार को गुमराह करके विकास के नाम पर कमीशन खोरी हेतु नागरिकों के निजी फ्रीहोल्ड भूमि पर बने भवन व दुकान को बलपूर्वक अवैध कब्जा करने का षड्यंत्र किया जा रहा है| इसी प्रकार प्रयागराज विकास प्राधिकरण के प्रशासनिक अधिकारियों एवं अभियंताओं द्वारा प्रयागराज के अन्य क्षेत्रों में नागरिकों के पुराने निर्मित क्षेत्रों में अवैध कब्जा किया गया।
पीएमओ को भेजी गयी शिकायत में आरोपलगाया गया है कि मृतक आश्रित कोटा में नियुक्त ओएसदी सत शुक्ला व आलोक पांडे द्वारा प्रयागराज नगर के गंगा यमुना एवं ससुर खदेरी नदी के तटीय व कछारी एवं मूल बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में राजस्व भूमि व कृषि उपयोग भूमि पर लगभग 400 एकड़ राजस्व भूमि पर अतिक्रमण करा कर अवैध कब्जा करा कर एवं भू माफियाओं से मिलकर रु10 व रु100 के स्टांप पेपर पर इकरारनामा के द्वारा अवैध प्लाटिंग करा कर अवैध बहुमंजिला निर्माण बनवाकर लाखों भवनों एवं स्कूल कॉलेजों व लॉज इत्यादि का निर्माण कराया गया। उक्त भूमि पर लगभग 12 हजार करोड़ का राजस्व भूमि घोटाला किया गया है।इसके दोषी यह दोनों अक्षम एवं अवैध तथाकथित नियम विरुद्ध नियुक्त अधिकारी व पूर्व-उपाध्यक्ष/वर्तमान जिलाधिकारी श्री भानु चंद्र गोस्वामी ,सचिव, अपर सचिव, अभियंताओ एवं कर्मचारीगण मंडलायुक्त/अध्यक्ष प्रयागराज विकास प्राधिकरण इत्यादि पूर्णतया दोषी हैं। इन लोगों ने अवैध ढंग से अरबों रुपए की चल-अचल नामी-बेनामी संपत्ति अर्जित की किया है एवं आज तक किसी भी अधिकारियों एवं अभियंताओं या कर्मचारियों के विरुद्ध नगर नियोजन एवं विकास अधिनियम 1973 की धारा 26(ध) के अंतर्गत ना कोई कार्यवाही किया गया और ना ही दंड दिया गया जबकि उक्त घारा में दोषी अधिकारी अभियंताओं एवं कर्मचारियों के विरुद्ध कारावास एवं अर्थदंड का प्रावधान है।
पीएमओ से पुरे प्रकरण की निष्पक्ष जाँच कराकर दोषियों को दंडित करने का अनुरोध किया गया है और यद् दिलाया गया है कि उक्त विषयों एवं इंगित साक्ष्यों के दृष्टिगत एवं नागरिकों द्वारा दिनांक 26जुलाई2019, 16अगस्त2019, 5सितंबर2019, 13सितंबर2019 एवं 9अक्टूबर2019 को पीएमओ को प्रत्यावेदन भेजे गये हैं जिनपर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गयी है ।