राज्यपाल की प्रेरणा
डॉ दिलीप अग्निहोत्री
राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल अनेक अवसरों पर विद्यर्थियो को प्रेरणा देने का कार्य करती है। जिससे वह बेहतर नागरिक बन सके। इस संबन्ध में वह शिक्षण संस्थाओं को भी उचित निर्देश देती है। इस बार उन्होंने विद्यर्थियो को संविधान की प्रस्तावना, अधिकार व कर्तव्य की जानकारी हासिल करने का सन्देश दिया। इसके मद्देनजर उच्च शिक्षण संस्थानों को भी निर्देशित किया। यह विचार आनन्दी बेन ने राजर्षि टण्डन मुक्त विश्व विद्यालय भवन के उद्घाटन समारोह में व्यक्त किये।
अंततः राजर्षि टण्डन मुक्त विश्वविद्यालय प्रयागराज के क्षेत्रीय केन्द्र,लखनऊ को अपना भवन मिल गया। राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल ने इसके नव निर्मित भवन का लोकार्पण किया। उन्होंने निर्धन व कमजोर वर्ग के लोगों को शिक्षा प्रदान करने को अपरिहार्य और सराहनीय बताया। पुरुषोत्तम दास टण्डन स्वयं इस तरह की व्यवस्था के हिमायती थे। उनके नाम पर स्थापित यह विश्वविद्यालय इस दिशा में कार्य कर रहा है। अब इसका अपना भवन भी हो गया है। ऐसे में पहले की अपेक्षा शिक्षा का प्रसार करना अधिक सुगम हो सकेगा। राज्यपाल का ध्यान इस क्षेत्रीय कार्यालय में लगी होर्डिंग पर भी गया। इसमें संविधान की प्रस्तावना का उल्लेख किया गया था। आनन्दी बेन ने इसे प्रशंसनीय विचार बताया। कहा कि इससे राष्ट्र के सम्मान के प्रति सम्मान भाव प्रकट होता है। इसी के साथ संविधान में उल्लिखित अधिकारों एवं कर्तव्यों का भी उल्लेख भी होना चाहिए।
उन्होंने सभी राज्य विश्वविद्यालयों में संविधान की प्रस्तावना, अधिकार एवं कर्तव्यों का उल्लेख करते हुए होर्डिंग लगाने का सुझाव दिया। जिससे विद्यर्थियो को अपने अधिकारों व राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्यों की जानकारी हो सके। इससे उनको नागरिक के रूप में अपने दायित्वों का सम्यक निर्वाह करने की प्रेरणा मिलेगी।