जाने-माने लेखक अमीश त्रिपाठी ने रामनवमी के मौके पर ‘हिन्दुस्तान’ के पाठकों के लिए खास तौर पर नौ ऐसे सूत्र बताए हैं, जिनको आदत में शुमार कर कोरोना रूपी महिषासुर का अंत किया जा सकता है। कोरोना से विश्वव्यापी जंग और देशभर में लॉकडाउन के बीच आज रामनवमी का पर्व मनाया जा रहा है। चैत्र नवरात्र की नवमी पर इसी दिन देवी के सिद्धिदात्री रूप की पूजा होती है।
इक्ष्वाकु के वंशज, सीता मिथिला की योद्धा और, नागाओं का रहस्य जैसी धार्मिक पृष्ठभूमि के उपन्यास लिखने वाले अमीष त्रिपाठी कहते हैं कि शक्ति की अधिष्ठात्री देवी मां हमारी रक्षा के लिए युद्ध लड़ती हैं और शत्रुओं का संहार करती हैं। जब-जब भक्तों पर संकट आता है, मां दुर्गा उबारती हैं। मौजूदा परिदृश्य में देखें तो कोरोना वायरस महिषासुर के रूप में खड़ा है। इस महामारी का अंत जरूर होगा लेकिन सभी को अच्छी आदतों को अपनाना होगा। इन नौ सूत्रों का पालन करकेकोरोना रूपी महिषासुर का अंत किया जा सकता है। उम्मीद की जानी चाहिए कि हम साथ मिलकर, अनुशासित रहकर मां दुर्गा के आशीर्वाद से कोराना रूपी महिषासुर पर विजय प्राप्त करेंगे।
अगर आपको लगता है कि आप पर बीमारी का प्रकोप हो सकता है तो खुद को पृथक रखें। यह आपके परिवार और समाज के लिए बेहतर होगा।
सरकार और प्रशासन की ओर जारी की जा रही सभी सूचनाओं को ध्यान से सुनें। इन पर पूरी तरह अमल करें, क्योंकि वे बेहतरी के लिए काम कर रहे हैं।
देशभर में तमाम डॉक्टर, नर्सों और स्वास्थ्यकर्मी कोरोना से दिन रात लड़ रह हैं। उनकी मदद करें और उनके लिए प्रार्थना भी करें।
बार-बार हाथों से चेहरे को छूने से बचें, वायरस नाक-मुंह से ही प्रवेश करता है।
ऐसे लोगों की धन व भोजन से यथासंभव मदद करें, जिनको अभी जरूरत है।
स्वस्थ रहने के लिए घर में योगासन और प्राणायाम नियमित रूप से करें।
अपने हाथ लगातार साबुन और सेनेटाइजर से साफ करते रहें।
खाने में पारंपरिक भारतीय भोजन को प्राथमिकता दें, हल्दी व दूध का सेवन करें।
जहां तक संभव हो बाहर न निकलें। अपने घर के अंदर ही रहें।