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कातिल के पकड़े जाने तक परिजनों ने अंतिम संस्कार करने से मना किया

परिजनों का गुस्सा, शव का अंतिम संस्कार करने से किया मना
युवक की हुई हत्या का मामला
हत्यारों की गिरफ्तारी न होने आक्रोशित थे लोग
ए अहमद सौदागर
लखनऊ।

काकोरी थाना क्षेत्र स्थित मौदा गांव निवासी 24 वर्षीय अजीत राजपूत की शनिवार की देर शाम बदमाशों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर गोलियों से छलनी कर मौत के घाट उतार दिया था। इस मामले में अजीत के चचेरे भाई अनुराग ने सलेमपुर पतौरा गांव के पूर्व प्रधान के भाई रामबक्स, आकाश, विकास समेत अन्य लोगों के खिलाफ नामजद हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई थी।

मुकदमा दर्ज कर स्थानीय पुलिस कुछ घंटों तक हिली- डुली उसके बाद हाथ पर हाथ धरे बैठ गई।

पुलिस ढीले-ढाले रवैए को देखते हुए खफा हुए और पोस्टमार्टम के बाद रविवार को जैसे ही अजीत का शव गांव की छोर पर पहुंचा कि परिजनों व करीबियों का पुलिस के प्रति गुस्सा फूट पड़ा और शव को घर की दहलीज पर रख दिया। कहा जब-तक कातिल सलाखों के पीछे नहीं होंगे, शव का अंतिम संस्कार नहीं होगा।
इसकी भनक लगते ही पुलिस अधिकारी और उनके मातहत मौके पर पहुंचे और पीड़ित परिवार पर दबाव बनाने में जुट गए।
पुलिस की कार्यशैली को देख परिजन भड़क उठे और हंगामा करने लगे।
फिलहाल पुलिस रविवार की देर रात तक मान-मनौव्वल में जुटी रही, लेकिन बात नहीं बनी।
हालांकि इतना शोर-शराबे के बाद भी अभी तक नामजद कातिल पुलिस की पकड़ से दूर हैं।

पूरे घटनाक्रम पर एक नजर 

काकोरी थाना क्षेत्र स्थित मौदा गांव निवासी 24 वर्षीय अजीत राजपूत कूरियर कंपनी में नौकरी करता था।
बताया गया कि शनिवार की देर शाम अजीत अपने कुछ दोस्तों के साथ शराब ठेके पर लगे मनीष की अंडे की दुकान पर अंडा रख रहा था कि तभी शराब की दुकान पर शराब पी रहे कुछ लोगों से अजीत की कहासुनी हो गई।
मृतक के भाई अनुराग का कहना है कि सलेमपुर पतौरा गांव के पूर्व प्रधान का भाई रामबक्स अपने साथियों के साथ मिलकर अजीत की पिटाई कर दी। अपनी जान बचाने के अजीत भागने की कोशिश की तो रामबक्स अजीत के सीने में गोलियों की बौछार कर मौत की नींद सुला दिया।
इस मामले में मृतक के भाई अनुराग की तहरीर पर पुलिस ने पतौरा गांव निवासी पूर्व प्रधान के भाई रामबक्स, आकाश, विकास व अन्य के खिलाफ नामजद हत्या की रिपोर्ट दर्ज तो कर लिया, लेकिन कातिल हाथ नहीं लग सके।

कातिलों की गिरफ्तारी से नाराज़ परिजनों ने शव को अंतिम संस्कार करने के लिए मना कर दिया।
बताया जा रहा है कि परिजनों का कहना है कि जबतक हत्यारे सलाखों के पीछे नहीं होंगे तब तक शव का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे।
वहीं इसकी सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और हत्यारों को जल्द गिरफ्तार करने का आश्वासन दिया, लेकिन परिजन अड़े रहे।
पुलिस का दावा है कि नामजद आरोपियों की तलाश में उनके संभावित ठिकानों पर दबिश दी जा रही है और जल्द ही पकड़ लिए जायेंगे।

मां-पिता बार-बार कोस रहे थे हत्यारों को

24 वर्षीय अजीत राजपूत का कफ़न में लिपटा शव पोस्टमार्टम के बाद जैसे ही काकोरी स्थित मौदा गांव पहुंचा, लोगों की आंखों में आंसू का सैलाब बह पड़ा।
मां तारा देवी, पिता गंगा सागर, भाई सुजीत, श्याम बाबू नौ वर्षीय आर्यन के अलावा करीबी रिश्तेदारों का रो-रोकर बुरा हाल था।

वह बीच-बीच में कोस रहे थे जिन्होंने मेरे लाडले का यह हाल किया है, भगवान उसे कभी माफ़ नहीं करेगा।
पोस्टमार्टम के बाद रविवार को परिवार वाले कफ़न में लिपटा अजीत का शव लेकर मौदा गांव पहुंचे। चीख-पुकार सुनकर पूरे ग्रामीण अपने-अपने घरों की दहलीज पार कर बाहर निकल आए।

छोटा भाई आर्यन भईया- भईया कहकर रो रहा था। जबकि तारा देवी पिता गंगा सागर की विलाप देख परिवार वालों के अलावा करीबी रिश्तेदार उन्हें संभाला।
गांव के हर शख्स की आंखें नम थी। अजीत का शव देख घर वाले सुन्न हो गए थे।
हर कोई ग़मजदा परिवार को समझने में लगा था। परिवार को बिलखता देख मौके पर मौजूद पुलिस अफसरों की आंखें भी छलक पड़ी।

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