अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक
स्वतंत्र न्यायपालिका के उत्तरदायित्व पर प्रस्ताव पारित।
अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में लिया गया अहम फैसला
12 एवं 13 अप्रैल को गुंटूर आंध्र प्रदेश में आयोजित हुई थी अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक
प्रयागराज।
अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की 12 एवं 13 अप्रैल को गुंटूर आंध्र प्रदेश में आयोजित हुई महत्वपूर्ण बैठक में स्वतंत्र न्यायपालिका के उत्तरदायित्व से संबंधित प्रस्ताव पारित किया गया।
अधिवक्ता परिषद काशी के महामंत्री एवं उच्च न्यायालय के अधिवक्ता नीरज सिंह ने बताया कि दस सूत्रीय प्रस्ताव के माध्यम से अपेक्षा की गई है कि उच्च न्यायालय एवं उच्चतम न्यायालय में न्यायमूर्तियों की नियुक्ति के संबंध में कानून बनाया जाए। जो न्यायिक नियुक्तियों में पारदर्शिता सुनिश्चित करे और नियुक्तियों में न्यायपालिका की अधिक भूमिका हो।
नई व्यवस्था के आने तक वर्तमान कॉलेजियम व्यवस्था के माध्यम से ही न्यायमूर्तियों का चयन किया जाए परंतु इस व्यवस्था में और पारदर्शिता सुनिश्चित की जानी चाहिए।प्रस्ताव में यह भी कहा गया है कि यदि उच्च न्यायालय के किसी न्यायमूर्ति के परिवार का कोई सदस्य उसी न्यायालय में वकालत कर रहा है तो उन्हें अन्य उच्च न्यायालय में स्थानांतरण हेतु सुझाव दिया जाए।
साथ ही यदि उच्चतम न्यायालय में किसी न्यायाधीश के पारिवारिक सदस्य वकालत करते हैं तो न्यायमूर्ति के सेवानिवृत्त होने तक परिवार के सदस्य उच्चतम न्यायालय में वकालत न करे। प्रस्ताव के माध्यम से यह भी मांग की गई है कि उच्च न्यायालय एवं उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति की आयु एक हो। उच्च न्यायालय एवं उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश एवं साथ ही साथ उनके निकटतम पारिवारिक सदस्य प्रत्येक वर्ष अपनी आय का ब्यौरा सार्वजनिक करें।
प्रस्ताव में यह भी कहा गया है कि प्रत्येक उच्च न्यायालय में एक तिहाई जजों की संख्या देश के दूसरे उच्च न्यायालय से आए न्यायाधीशों की हो। महामंत्री नीरज सिंह ने कहा कि उपरोक्त प्रस्ताव सर्वसम्मति से राष्ट्रीय कार्यकारिणी द्वारा पारित किया गया है। बता दें कि अधिवक्ता परिषद काशी एक पंजीकृत संस्था है जो अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद से संबद्ध है।
#Advocatecourt #Lawcourt #अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद 2025-04-21