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लखनऊ की सात घटनाएं पुलिस के लिए बनी पहेली

पुलिस कमिश्नर की तैनाती के बाद मृतक के परिजनों की जागी हैं उम्मीदें
हसनगंज, विकासनगर व गोमती नगर की घटनाओं का मामला

ए अहमद सौदागर

लखनऊ।

27 फरवरी 2015 को हसनगंज में एचडीएफसी बैंक की एटीएम के बाहर तीन लोगों की गोली मारकर हत्या।
पांच मार्च 2016 को गोमतीनगर में युवक की गोली मारकर हत्या।
पांच मार्च 2016 की देर शाम विकास नगर में बागपत जेल में मारे गए मुन्ना बजरंगी के साले पुष्पजीत सिंह व उसके साथी संजय मिश्र की गोलियों से छलनी कर हत्या।
एक दिसंबर 2017 को गोमतीनगर में मुन्ना बजरंगी के सहयोगी तारिक सरेराह गोली मारकर हत्या।
राजधानी में बीते दिनों हुई ये सात घटनाएं ऐसी हुई है, जिनका पुलिस आज तक राजफाश करना तो दूर पुलिस कत्ल करने वाले कातिलों की हवा तक नहीं पहुंच सकी।
हत्यारों तक पहुंचने के लिए पुलिस अफसरों ने कई तरह की योजनाएं तैयार की, लेकिन पुलिस की कवायदें फिलहाल नाकाम साबित हुई।

यह तो बात रही एसएसपी के दौर की, लेकिन अब राजधानी लखनऊ किसी एसएसपी के हाथ में नहीं, बल्कि पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडे के हाथ में है।
बताया जा रहा है कि जैसे ही लखनऊ पुलिस कमिश्नर बना तो मानव मृतक के परिजनों में एक खुशी की लहर दौड़ पड़ी की शायद अब उन्हें इंसाफ मिल जाएगा।
हालांकि पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडे की निगाहें भी उन घटनाओं तक नहीं पहुंच पा रही है, जो कई साल और कई महीने से रहस्य के कोहरे में गोते लगा रही है।
इनमें से एक ऐसा मामला है, जो युवक सिर्फ वाहन के बोनट पर हाथ रख दिया और बदमाशों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर मौत की नींद सुला दिया था।
वही सूत्रों की माने तो काफी दिनों से पहेली बनी घटनाओं को लेकर पुलिस कमिश्नर ने थानों से फाइलें तलब कर उनकी पड़ताल शुरू कर दी है।

पूरे घटनाक्रम पर एक नजर

हसनगंज थाना क्षेत्र के बाबूगंज स्थित एचडीएफसी बैंक की एटीएम के बाहर असलहों से लैस बाइक सवार बदमाशों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर एक कस्टोडियन सहित तीनों की गोली मारकर हत्या कर दी और नोटों से भरा बॉक्स लूट कर भाग निकले।
एक साथ 3 लोगों की हुई हत्या को लेकर राजधानी लखनऊ में सनसनी फैल गई और देखते ही देखते घटनास्थल पर डीजीपी सहित तमाम आला अधिकारी मौके पर पहुंचकर छानबीन की, लेकिन आज तक कातिल हाथ नहीं लग सके।
विकासनगर में बागपत जेल में मारे गए माफिया मुन्ना बजरंगी के साले पुष्प जीत सिंह व उसके साथी संजय मिश्र की गोली मारकर हत्या कर दी गई और हत्यारे वारदात को अंजाम देकर आराम से भाग निकले।
इस मामले में पुलिस ने विधायक कृष्णानंद राय के परिवार वालों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज करने के साथ अन्य खूंखार सूत्रों की तलाश में जुटी रही, लेकिन इस दोहरे हत्याकांड मे भी पुलिस के हाथ आज भी खाली है।
पुलिस की नाकामी पर गौर करें तो गोमती नगर थाना से करीब 500 मीटर की दूरी पर स्थित मिठाई वाला चौराहा पर इंदिरानगर निवासी रितेश अवस्थी के सीने में गोलियों की बौछार कर बदमाशों ने मौत के घाट उतार दिया था।
दिनदहाड़े हुई घटना को लेकर स्थानीय पुलिस से लेकर क्राइम ब्रांच की टीमों ने तरह-तरह के हथकंडे अपनाकर कातिलों की तलाश में जुटी, लेकिन आज तक कातिल मिलना तो दूर पुलिस उनकी हवा तक नहीं पहुंच सकी।
अब चलें उस घटना की ओर जब राजधानी लखनऊ छावनी में तब्दील की थी। 1 दिसंबर 2017 को नगर निकाय चुनाव की मतगणना हो रही थी और राजधानी में जगह-जगह भारी मात्रा में पुलिस बल तैनात था, लेकिन इन्हीं खाकर वालों के बीच गोमती नगर के ग्वारी गांव के पास बागपत जेल में मारे गए मुन्ना बजरंगी के सहयोगी मोहम्मद तारिक की गोली मारकर हत्या कर दी गई।
हालांकि पुलिस की लापरवाही का मामला यह कोई पहला मामला नहीं है इससे पहले भी राजधानी लखनऊ में बदमाशों ने कई बार कई संगीन वारदातों को अंजाम देकर पुलिस को खुली चुनौती दे दे चुके हैं।
इन मामलों में जब भी किसी जिम्मेदार पुलिस अफसरों से सवाल किया गया तो बस उनका एक ही रटर हटाया जवाब मिला की पुलिस टीम होमवर्क कर रही है और जल्द ही कातिल सलाखों के पीछे होंगे।

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