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“मेरी मैय्या का सज गया, दरबार मैय्या दर्शन दें.. दर्शन दे माँ.. “

प्रयागराज ।

राष्ट्रीय महिला रचनाकार मंच के तत्वावधान में नवरात्रि के पावन पर्व पर कवयित्री रचना सक्सेना के संयोजन में और वरिष्ठ रंगकर्मी और अधिवक्ता ऋतन्धरा मिश्रा की अध्यक्षता में 17 अक्टूबर से एक विशेष आयोजन का शुभारंभ किया गया जो 25 तारीख तक स्वरचित देवी गीतों और भजनों पर आधारित रहेगा।

इस अवसर पर प्रयागराज से रचना सक्सेना ऋतन्धरा मिश्रा चेतना चितेरी, मीरा सिन्हा, प्रेमाराय, संतोष मिश्रा ‘दामिनी, इंदु सिन्हा, पूर्णिमा मालवीय, कविता उपाध्याय, नीना मोहन, डॉ उपासना पांडे, इंदु बाला, सुमन दुग्गल, बहराइच से रुचि मटरेजा जौनपुर -मधु पाठक, प्रतापगढ़-आभा मिश्रा, लखनऊ -विजय कुमारी मौर्य, कानपुर -सुधा शर्मा, मुरादाबाद- डॉ रेखा सक्सेना, मेरठ -सीमा गर्ग मंजरी, ग्रेटर नोएडा- अर्वीना गहलोत गाजियाबाद – नीरजा मेहता, नई दिल्ली सरला सिंह ‘स्निग्धा’ राजस्थान – मधु वैष्णव,डॉ अनीता जैन ‘विपुला ‘, मध्य प्रदेश -कुसुम खरे ‘श्रुति’, नवनीता दुबे , मीना जैन दुष्यंत महाराष्ट्र-श्रृंखला शुक्ला, नंदिता मनीष सोनी, बिहार -अनामिका अमिताभ गौरव, ओमान- राशि,आशा जाकड़ , शिवांशी स्नेहा उपाध्याय, विनीत शुक्ला, नेहा शर्मा, निशा ‘अतुल्य ‘ नंदिनी शर्मा नित्या आदि महिला रचनाकारों ने अपने सुंदर सुंदर देवी गीतों से कार्यक्रम में चार चांद लगा दिये।

नवरात्रि के छठे दिन देवी माँ कात्यायनी के दिवस पर देश विदेश की अनेक महिला रचनाकारों ने अपनी कलम उठाकर देवी गीतों का नवसृजन करते हुऐ आयोजन को सफल बनाया। इस आयोजन का संयुक्त संचालन रुचि मटरेजा एवं चेतना सिंह जी ने किया।

इस अवसर पर प्रयागराज से प्रेमा राय जी लिखती है -जय हो जय हो हे अंबे, जगदंबे हे शेरों वाली.. भोपाल से मीना जैन दुष्यंत जी कहती हैं -जो- जो शरण में तेरी हे मात! जीव आये..प्रयागराज से इंदु सिन्हा कहती हैं- माता रानी कात्यायनी जी का सुंदर स्वरुप, जयकारा करो… अर्वीना जी लिखती हैं- मइया तेरी चूनर पे नाम लिख दूं.. प्रतापगढ़ से आभा मिश्रा कहती हैं-नवरात्रि में भवन चमकता है सारे भक्तों पर करुणा बरसता है.. मुंबई से श्रृंखला शुक्ला जी लिखती हैं-मईया चली आओ मईया.. मुरादाबाद से डॉ रेखा सक्सेना लिखती हैं-ऋषि कात्यायन की तपस्या से कात्यायनी मिलीं पुत्री रूपा.. डॉ नंदिनी शर्मा नित्या जी कहती हैं-मेरी मैय्या का सज गया, दरबार मैय्या दर्शन दें.. दर्शन दे माँ.. , मीरा सिन्हा जी लिखती हैं-हे देवी तुम शक्ति स्वरूपा हम सबके जीवन का आधार … जौनपुर से मधु पाठक जी कहती हैं-मैया का रूप सुहाना मैया ओढ़े चुनरी….प्रयागराज से संचालिका चेतना चितेरी जी लिखती हैं- हे कात्यायनी माता मै तेरी ही गुण गाऊं..।

मध्य प्रदेश मंडला से नवनीता दुबे कहती हैं -“हे माँ कात्यायिनी, तुम्हारी महिमा न जाये बखानी.. प्रयागराज से संचालिका रुचि मटरेजा लिखती है कुवांरी कन्या माता से माँगे वर.. और संयोजिका रचना सक्सेना जी लिखती हैं-लाल रंग की चुनरी ओढें माता नवरातन में आई..आदि सुंदर सुंदर देवी गीतों की प्रस्तुति दी। नई दिल्ली से स्नेहा उपाध्याय, प्रयागराज से डॉ उपासना पांडे, संतोष मिश्रा दामिनी, गाजियाबाद से नीरजा मेहता, निशा अतुल्य, लखनऊ से विजय कुमारी मौर्य, राजस्थान से मधु वैष्णव , ओमान से राशि, कानपुर से सुधा शर्मा, प्रयागराज से नीना मोहन, दिल्ली से डॉ सरला सिंह स्निग्धा’,प्रयागराज से कविता उपाध्याय, दमोह से कुसुम खरे,प्रयागराज से पूर्णिमा मालवीय, आरा बिहार से अनामिका अमिताभ गौरव आदि महिला रचनाकारों ने भी सुंदर सुंदर गीत प्रस्तुत करके आयोजन में चार चांद लगा दिये।

रचना सक्सेना

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