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तनख्वाह भरपूर, फिर भी रुपयों की लालच ने गुलशन जला दिया डीआईजी अरविंद सेन का

करोड़ों के घोटाले का मामला

अधीनस्थों को सिस्टम का पाठ पढ़ाने वाला खुद पहुंचा सलाखों के पीछे
ए अहमद सौदागर
लखनऊ।

मूल रूप से जनपद अयोध्या के इनायत नगर स्थित भिटारी गांव निवासी सपा नेता रहे मित्र सेन के बेटे अरविंद सेन वर्ष 2003 बैच के आईपीएस हैं।


एक आईपीएस अफसर को सरकार कितनी तनख्वाह देती है, यह बातें फिलहाल किसी से छिपी नहीं है। इसके बावजूद कुछ ऐसे पुलिस अधिकारी हैं, जिन्हें रुपयों की लालच ने इस कदर जकड़ लिया कि वे अपने कर्त्तव्यों को ताक पर रख दिया जैसे कि आईपीएस अरविंद सेन।
चारा घोटाले में अरविंद सेन पर नौ करोड़ 72 लाख रुपए डकारने का आरोप लगा और वे घोटालेबाज भगोड़ा घोषित कर दिए गए।

उन्होंने ने इतने बड़े गुनाह करने के बाद भी अदालत के फरमान को भी अनसुना करते रहे। घोटाले में फंसे निलंबित आईपीएस बचने के लिए कई तरह के हथकंडे अपनाए, लेकिन एक भी उनका दांव-पेंच काम नहीं आया और सलाखों के पीछे पहुंच गए।

अधीनस्थों को सिस्टम का पाठ पढ़ाने और सिखाने वाले निलंबित आईपीएस अरविंद सेन यादव को लालची बुखार इस कदर चढ़ा कि उन्हें अपराधी बना दिया।

कुछ दिन पहले तक जो पुलिस वाले उन्हें सैल्यूट करते थे वही आज उन्हें पुलिस कस्टडी में लेकर हवालात में ठूंस दिया।

आईपीएस अरविंद की नजरें झुकी हुई थी, मानों वह शर्म के मारे किसी से नज़र मिलाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे थे।

सनद रहे कि पशुपालन विभाग में करोड़ों के घोटाले के मामले में इंदौर के व्यापारी मनजीत सिंह भाटिया ने निलंबित आईपीएस अरविंद सेन के खिलाफ राजधानी लखनऊ के हजरतगंज कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया था।

इस घोटाले में शामिल आशीष राय, एके राजीव, कांस्टेबल दिल बहार सिंह यादव समेत 14 लोग गिरफ्तार होकर सलाखों के पीछे पहुंचे, लेकिन निलंबित डीआईजी अरविंद सेन यादव फरार चल रहे थे।

इनकी गिरफ्तारी के लिए अफसरों ने 50 हजार रुपए तक का इनाम घोषित किया। पुलिस तलाश कर रही थी कि 27 जनवरी 2021को अरविंद सेन ने अदालत में समर्पण कर दिया था।
अदालत ने उन्हें नौ फरवरी तक के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया था।
पुलिस और एसटीएफ की कई टीमें अरविंद की गिरफ्तारी के लिए लगीं थीं और उनके आवास पर कुर्की का नोटिस चस्पा कर डुगडुगी पिटवाई थी।
वहीं अब हजरतगंज पुलिस ने अरविंद सेन को 24 घंटे के लिए रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही है।
24 घंटे की रिमांड मिलने के बाद पुलिस अरविंद सेन को हजरतगंज कोतवाली लेकर आई तो वहां पर तैनात हर पुलिसकर्मी शाय़द सोच में पड़ गया। अरविंद सेन का सिर झुका था मानो वह शर्म के मारे किसी से नज़र मिलाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे थे।

 

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