प्रबोध राज चंदोल ‘चलते-फिरते कोरोना वायरस हो गए हैं लोग’ जिस गांव में मेरा जन्म हुआ था, उसमें मात्र 5वीं कक्षा तक का स्कूल था। उसके बाद गांव से कई किलोमीटर दूर एक कस्बा था, वहां इंटर कॉलेज में जाना होता था। पिताजी दिल्ली में नौकरी करते थे और हम ...
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