ब्रिटिश शासन काल में एक व्यवस्था थी कि कोई भी शासन की अनुमति से एक निश्चित राशि का भुगतान करके अपनी जाति बदल सकता था। इसके लिए सरकार की तरफ से एक रजिस्ट्रार नियुक्त किया जाता था। देश की जानी-मानी समाज विज्ञानी डॉक्टर इरावती कर्वे लिखती हैं कि ब्रिटिश सरकार ...
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