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Tag Archives: Jaunpur

SDM शाहगंज (जौनपुर) के रवैये से हाई कोर्ट नाराज

Advocate Giridhary Lal Choudhary दस साल बाद भी महिला को शौचालय पर नहीं मिला कब्जा  हाई कोर्ट हुआ नाराज “DM करें SDM की भूमिका की जांच” प्रयागराज। निर्मल ग्राम योजना के तहत 2013 में जौनपुर की एक वृद्धा को शौचालय का लाभ मिला। आरोप है कि शौचालय बना तो दबंगों ...

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“दोपहर 12 बजे की लू में भी भरा पूरा बाजार दिखा”: RAMDHANI DWIVEDI

   रामधनी द्विवेदी “दोपहर 12 बजे की लू में भी भरा पूरा बाजार दिखा” RAMDHANI DWIVEDI “मेरी सांसों में बसा मेरा गांव” जब मैं जौनपुर-बनारस मार्ग पर जलालपुर चौमुहानी पर पहुंचा तो वह पहचान में ही नहीं आई। मैं तीन साल बाद गांव जा रहा था और चौमुहानी की पहचान ...

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“अब गांवों में भी पानी का संकट”: रामधनी द्विवेदी

RAMDHANI DWIVEDI अब गांवों में भी पानी का संकट ! साल गर्मी के महीने आते ही हम एक कुएं पर पानी लेने के लिए लगी भीड़ और रस्‍सी से पानी ऊपर खींचते लोग, मीलों दूर से पानी सिर पर ढो कर लाती महिलाएं, कुंओं पर ताला लगाने, जमीन खोद कर ...

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पत्रकारिता की शुरुआत: 2: “कुदाल से कलम तक”: रामधनी द्विवेदी :30:

रामधनी द्विवेदी आज जीवन के 71 वें वर्ष में जब कभी रुक कर थोड़ा पीछे की तरफ झांकता हूं तो सब कुछ सपना सा लगता है। सपना जो सोच कर नहीं देखा जाता। जिसमें आदमी कहां से शुरू हो कर कहां पहुंच जाता है? पता नहीं क्‍या-क्‍या घटित होता है? ...

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“कुदाल से कलम तक”: रामधनी द्विवेदी :27: “अलगौझी “

रामधनी द्विवेदी आज जीवन के 71 वें वर्ष में जब कभी रुक कर थोड़ा पीछे की तरफ झांकता हूं तो सब कुछ सपना सा लगता है। सपना जो सोच कर नहीं देखा जाता। जिसमें आदमी कहां से शुरू हो कर कहां पहुंच जाता है? पता नहीं क्‍या-क्‍या घटित होता है? ...

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“कुदाल से कलम तक”: रामधनी द्विवेदी :25: “प्रैक्टिकल “

रामधनी द्विवेदी आज जीवन के 71 वें वर्ष में जब कभी रुक कर थोड़ा पीछे की तरफ झांकता हूं तो सब कुछ सपना सा लगता है। सपना जो सोच कर नहीं देखा जाता। जिसमें आदमी कहां से शुरू हो कर कहां पहुंच जाता है? पता नहीं क्‍या-क्‍या घटित होता है? ...

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“कुदाल से कलम तक”: रामधनी द्विवेदी :24: ” जासूसी उपन्‍यास “

रामधनी द्विवेदी आज जीवन के 71 वें वर्ष में जब कभी रुक कर थोड़ा पीछे की तरफ झांकता हूं तो सब कुछ सपना सा लगता है। सपना जो सोच कर नहीं देखा जाता। जिसमें आदमी कहां से शुरू हो कर कहां पहुंच जाता है? पता नहीं क्‍या-क्‍या घटित होता है? ...

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“कुदाल से कलम तक”: रामधनी द्विवेदी :23: “डीबीएस कालेज “

रामधनी द्विवेदी आज जीवन के 71 वें वर्ष में जब कभी रुक कर थोड़ा पीछे की तरफ झांकता हूं तो सब कुछ सपना सा लगता है। सपना जो सोच कर नहीं देखा जाता। जिसमें आदमी कहां से शुरू हो कर कहां पहुंच जाता है? पता नहीं क्‍या-क्‍या घटित होता है? ...

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“कुदाल से कलम तक”: रामधनी द्विवेदी :22: ” जैबलिन थ्रो “

रामधनी द्विवेदी आज जीवन के 71 वें वर्ष में जब कभी रुक कर थोड़ा पीछे की तरफ झांकता हूं तो सब कुछ सपना सा लगता है। सपना जो सोच कर नहीं देखा जाता। जिसमें आदमी कहां से शुरू हो कर कहां पहुंच जाता है? पता नहीं क्‍या-क्‍या घटित होता है? ...

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“कुदाल से कलम तक”: रामधनी द्विवेदी :21: “पास हो गया !”

रामधनी द्विवेदी आज जीवन के 71 वें वर्ष में जब कभी रुक कर थोड़ा पीछे की तरफ झांकता हूं तो सब कुछ सपना सा लगता है। सपना जो सोच कर नहीं देखा जाता। जिसमें आदमी कहां से शुरू हो कर कहां पहुंच जाता है? पता नहीं क्‍या-क्‍या घटित होता है? ...

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