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“अब पत्रकारिता कागज के पन्नों से बाहर निकल आयी है” : स्नेह मधुर

Senior journalist Sneh Madhur  कौन है असली पत्रकार? जागेंद्र हत्याकांड ने कई सवाल खड़े कर दिये हैं। इन सवालों में एक सवाल खुद पत्रकारों के बीच तैर रहा है कि जागेंद्र को पत्रकार माना जायेगा..। यह सही है कि हर भड़ांस निकालने वाला व्यक्ति पत्रकार नहीं हो सकता है। किसी ...

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“हिंदी पत्रकारि‍ता दिवस”: पता नहीं हिंदी के पत्रकार पढ़ने लिखने की प्रवृत्ति कब विकसित करेंगे?

वरिष्ठ पत्रकार रामधनी द्विवेदी 30 मई  हिंदी पत्रकारों का पठन पाठन आज हिंदी पत्रकारि‍ता दिवस है। लोग सोशल मीडिया पर एक दूसरे को खूब बधाइयां दे रहे हैं। लेकिन हिंदी पत्रकारिता की क्‍या स्थिति है, इसे देख कर दुख होता है। पिछले सप्‍ताह देश के प्रसिद्ध विज्ञान लेखक शुकदेव प्रसाद ...

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” और ट्रिब्यून में नहीं बन पाई बात…!”:  रामधनी द्विवेदी: कुदाल से कलम तक” : 77

“कुदाल से कलम तक”: 77 जब संगम ने बुलाया : 32  “और ट्रिब्यून में नहीं बन पाई बात…!”  वरिष्ठ पत्रकार रामधनी द्विवेदी जब अमृत प्रभात शुरू ही हुआ था तो शायद 1978 में चंडीगढ़ से हिंदी में ट्रिब्‍यून निकलने की चर्चा हुई। मुझे भी इसकी जानकारी हुई। उसका विज्ञापन किसी ...

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“अमर उजाला आठ मार्च 1998 को ज्‍वाइन कर लिया…!”:  रामधनी द्विवेदी: कुदाल से कलम तक” : 76

“कुदाल से कलम तक”: 76 जब संगम ने बुलाया : 31  “अमर उजाला आठ मार्च 1998 को ज्‍वाइन कर लिया…!”  वरिष्ठ पत्रकार रामधनी द्विवेदी इसी तरह जब केबी माथुर 1996 में अमृत प्रभात छोड़ कर लखनऊ इनकैन ग्रुप में चले गए तो वहां भी अखबार निकालने की योजना बनी। इनकैन ...

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“बस, रह गया हिंदुस्तान जाते-जाते…!”:  रामधनी द्विवेदी: कुदाल से कलम तक” : 75

“कुदाल से कलम तक”75 जब संगम ने बुलाया : 30  “बस रह गया हिंदुस्तान जाते-जाते…!”  वरिष्ठ पत्रकार रामधनी द्विवेदी अमृत प्रभात में रहते अन्‍य जगहों से भी आफर आए, लेकिन मैं कुछ होम सिकनेस और कुछ अमृत प्रभात में मिले संतोष के कारण बाहर नहीं जाना चाहता था। जब हिंदुस्‍तान ...

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“मैं अमृत प्रभात के प्रतिद्वंद्वी अखबार में काम नहीं करना चाहता…!”:  रामधनी द्विवेदी: कुदाल से कलम तक” : 74

“कुदाल से कलम तक”74 जब संगम ने बुलाया : 29  “मैं अमृत प्रभात के प्रतिद्वंद्वी अखबार में काम नहीं करना चाहता…!”  वरिष्ठ पत्रकार रामधनी द्विवेदी अमृत प्रभात में एक बार गिरिजा शंकर मिश्र ने भी पैसा लगाया था। वह नोएडा विकास प्राधिकरण में अधिकारी थे। यह 1991-1992 के आसपास की ...

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“दो-दो जगह पर एक साथ काम करने वाले लोग भी…!” रामधनी द्विवेदी: कुदाल से कलम तक” : 73

“कुदाल से कलम तक”73 जब संगम ने बुलाया : 28 “दो-दो जगह पर एक साथ काम करने वाले लोग भी…!”   वरिष्ठ पत्रकार रामधनी द्विवेदी दो बार अमृत प्रभात की बंदी के समय ऐसे अवसर भी आए जब अन्‍यत्र नौकरी के मौके मिले, लेकिन कई कारणों से मैने उसे ज्‍वाइन नहीं ...

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” कलकत्‍ता से भी अमृत प्रभात निकलने की योजना बनी थी …! “: कुदाल से कलम तक” : 72 : रामधनी द्विवेदी

“कुदाल से कलम तक”72 जब संगम ने बुलाया : 27 “कलकत्‍ता से भी अमृत प्रभात निकलने की योजना बनी थी …!”   वरिष्ठ पत्रकार रामधनी द्विवेदी बीच- बीच की बंदी के बाद अमृत प्रभात जब भी निकलता, उसकी पकड़ पाठकों पर ऐसी थी कि वह अपना सामान्‍य प्रसार पा जाता। अखबार ...

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“अमृत प्रभात –एनआइपी” को जिंदा रखने की कोशिशें …! “: कुदाल से कलम तक” : 71 : रामधनी द्विवेदी

“कुदाल से कलम तक”71 जब संगम ने बुलाया : 26 “अमृत प्रभात –एनआइपी” को जिंदा रखने की कोशिशें..!”   वरिष्ठ पत्रकार रामधनी द्विवेदी अमृत प्रभात –एनआइपी को जिंदा रखने के लिए तरह- तरह की कोशिश की गई। इलाहाबाद विवि के कुछ शिक्षकों को जोड़ा गया। कुछ लोगों की सलाह थी कि ...

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” जब लोक सेवा आयोग तिलमिला गया और उसने विज्ञापन बंद कर दिया …”: कुदाल से कलम तक” : 69 : रामधनी द्विवेदी

“कुदाल से कलम तक”69 जब संगम ने बुलाया : 24 “जब तिलमिलाकर लोक सेवा आयोग ने विज्ञापन रोक दिया..?”   रामधनी द्विवेदी इन सबके वावजूद अमृत प्रभात में पत्रकारिता में ईमानदारी होती थी और संपादक पर किसी का दबाव नहीं चलता था। किसी खबर के लिए मालिकों का भी कभी कोई ...

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