लेखक: हरिकान्त त्रिपाठी सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी हैं संस्मरण: योग और तीसरी कसम ************************************** वर्ष १९८२ में जब मेरा सेलेक्शन पी सी एस में हुआ तो लोगों की नज़रें इस कदर प्यार भरी हो गयीं कि मानो मुझे नया अवतार मिल गया हो । घर वाले , रिश्तेदार , अड़ोस-पड़ोस, कहने का मतलब जहाँ ...
Read More »