पत्रकार के. एम. अग्रवाल के उपन्यास ‘रूपमती की डायरी’ का लोकार्पण गत दिवस गोरखपुर के प्रेस क्लब सभागार में हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता गोरखपुर विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. अनंत मिश्र ने की, जबकि प्रो. अनिल राय मुख्य अतिथि थे। इनके साथ प्रलेस के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष ...
Read More »इलाहाबाद के “पुरनिया चाउर” का जमघट प्रयागराज के “मेला” में
इलाहाबाद एक ऐसा शहर, एक ऐसा नाम, जो मुझे आकर्षित करता है। कारण, शायद यही है कि मैंने लगभग 12 वर्षों तक (1977 से 1989) वहां रहकर पत्रकारिता की, जो मेरे पत्रकारिता के जीवन का स्वर्णिम काल था। मुझे वहां हर क्षेत्र में काफी मान- सम्मान मिला और कुछ ...
Read More »एक पत्रकार की आत्मकथा: “जो झुका नहीं: के एम अग्रवाल”
एक पत्रकार की आत्मकथा “जो झुका नहीं “ पुस्तक चर्चा वरिष्ठ पत्रकार रामधनी द्विवेदी केएम अग्रवाल ( कृष्ण मोहन अग्रवाल) मेरे मित्र हैं और इलाहाबाद (अब प्रयागराज) के अमृत प्रभात में हम लोगों ने साथ काम किया। अमृत प्रभात शुरू होने के पहले ही हम लोग वहां पहुंच गए थे। ...
Read More »महराजगंज का “हनुमानगढ़ी”! : के एम अग्रवाल
के एम अग्रवाल वैसे तो अयोध्या के हनुमानगढी को लोग अधिक जानते हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश के महराजगंज जनपद मुख्यालय पर भी एक हनुमानगढ़ी है, जो गोरखपुर जाने वाली मुख्य सड़क पर दक्षिण की ओर स्थित है। इस पर लोगों की काफी श्रद्धा है। मेरा बचपन यहीं महराजगंज में बीता है ...
Read More »“1950 के आसपास का महराजगंज कस्बा”: 6: के एम अग्रवाल
, के. एम. अग्रवाल ‘मेरा जीवन’: के.एम. अग्रवाल: 92: सालों से मन में यह बात आती थी कि कभी आत्मकथा लिखूँ। फिर सोचा कि आत्मकथा तो बड़े-बड़े लेखक, साहित्यकार, राजनेता, फिल्मकार, अन्तर्राष्ट्रीय खिलाड़ी, वैज्ञानिक, बड़े-बड़े युद्ध जीतने वाले सेनापति आदि लिखते हैं और वह अपने आप में अच्छी-खासी मोटी किताब होती है। मैं तो ...
Read More »“डा.सी.पी.सिंह “: महराजगंज की “कुछ शक्सियतें”:4: के एम अग्रवाल
, के. एम. अग्रवाल ‘मेरा जीवन’: के.एम. अग्रवाल: 90: सालों से मन में यह बात आती थी कि कभी आत्मकथा लिखूँ। फिर सोचा कि आत्मकथा तो बड़े-बड़े लेखक, साहित्यकार, राजनेता, फिल्मकार, अन्तर्राष्ट्रीय खिलाड़ी, वैज्ञानिक, बड़े-बड़े युद्ध जीतने वाले सेनापति आदि लिखते हैं और वह अपने आप में अच्छी-खासी मोटी किताब होती है। मैं तो ...
Read More »“वैशम्पायन पाण्डेय”: महराजगंज की “कुछ शक्सियतें”:3: के एम अग्रवाल
, के. एम. अग्रवाल सालों से मन में यह बात आती थी कि कभी आत्मकथा लिखूँ। फिर सोचा कि आत्मकथा तो बड़े-बड़े लेखक, साहित्यकार, राजनेता, फिल्मकार, अन्तर्राष्ट्रीय खिलाड़ी, वैज्ञानिक, बड़े-बड़े युद्ध जीतने वाले सेनापति आदि लिखते हैं और वह अपने आप में अच्छी-खासी मोटी किताब होती है। मैं तो एक साधारण, लेकिन समाज ...
Read More »“प्रो. विजय रंजन वर्मा “: महराजगंज की “कुछ शक्सियतें”:2: के एम अग्रवाल
, के.एम. अग्रवाल सालों से मन में यह बात आती थी कि कभी आत्मकथा लिखूँ। फिर सोचा कि आत्मकथा तो बड़े-बड़े लेखक, साहित्यकार, राजनेता, फिल्मकार, अन्तर्राष्ट्रीय खिलाड़ी, वैज्ञानिक, बड़े-बड़े युद्ध जीतने वाले सेनापति आदि लिखते हैं और वह अपने आप में अच्छी-खासी मोटी किताब होती है। मैं तो एक साधारण, लेकिन समाज और ...
Read More »“गांधी सिंह”: महराजगंज की “कुछ शक्सियतें”:1: के एम अग्रवाल
, के.एम. अग्रवाल सालों से मन में यह बात आती थी कि कभी आत्मकथा लिखूँ। फिर सोचा कि आत्मकथा तो बड़े-बड़े लेखक, साहित्यकार, राजनेता, फिल्मकार, अन्तर्राष्ट्रीय खिलाड़ी, वैज्ञानिक, बड़े-बड़े युद्ध जीतने वाले सेनापति आदि लिखते हैं और वह अपने आप में अच्छी-खासी मोटी किताब होती है। मैं तो एक साधारण, लेकिन समाज और ...
Read More »महराजगंज का अवरुद्ध विकास ! के एम अग्रवाल
, के.एम. अग्रवाल सालों से मन में यह बात आती थी कि कभी आत्मकथा लिखूँ। फिर सोचा कि आत्मकथा तो बड़े-बड़े लेखक, साहित्यकार, राजनेता, फिल्मकार, अन्तर्राष्ट्रीय खिलाड़ी, वैज्ञानिक, बड़े-बड़े युद्ध जीतने वाले सेनापति आदि लिखते हैं और वह अपने आप में अच्छी-खासी मोटी किताब होती है। मैं तो एक साधारण, लेकिन समाज ...
Read More »