स्वयं से प्रेम, परिवार से प्रेम, पड़ोसी से प्रेम, समाज से प्रेम, पूरे देश और विश्व से प्रेम। कृष्ण मोहन अग्रवाल “प्रेम बिना सब सूना” ईश्वर (प्रकृति) की हमें सबसे बड़ी देन तो प्रेम ही है। प्रेम के बिना क्या हम जिंदा रह सकते हैं ? स्वयं से प्रेम, ...
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