Home / Tag Archives: Ram Janay Chaudhary

Tag Archives: Ram Janay Chaudhary

“मेरे बाबू जी की अद्भुत जीवन यात्रा”: राम जनय चौधरी

राम जनय चौधरी मेरे बाबू जी की अद्भुत जीवन यात्रा भावनाओं की नीरनिधि को शब्दों में अंकित करना कितना ही दुष्कर है शब्द निधि से चुने हुए शब्द इन्हें सजीव रूप से व्यक्त करने में अक्षम जान पड़ते हैं उफ़! हमारा अज्ञान! क्या हम इस ह्रदय में घुमड़ती वेदनाओं और भावों को कभी प्रकट कर पाएंगे या यूँ ही यह उद्विग्नता मुझे अंतर्मन के विथावान वीथियों में कुंठित करती रहेगी! इनका प्रकटीकरण, निकास मेरे स्वतंत्र बोध व चेतन मन के लिए अति आवश्यक है। क्या करूँ, किससे कहूँ, क्या लिखूं ? ऐसा कुछ भी करना या शब्दों में विन्यासित करना, इन असीमित भावनाओं को सीमांकित करने सा होगा।अतःमैं अनुताप से कहीं अधिक अग्रताप से व्यथित हूं, पश्चाताप तो इसका नैसर्गिक पर्यवसान है।संभवतः यह अग्रताप फलित अनुताप ही मुझे मेरे भीतर घुमड़ते भावों से निवृत कर मुझे परिष्कृत करेंगे।नियति से मैं वो श्रेष्ठ पथिक नहीं हूँ जिन्हें अपने यात्रा में अपने जनक के वृद्धावस्था में सेवा करने का उचित अवसर मिल पाया हो, क्योंकि स्वभाव से वह यायावर थे; स्थिर व निष्क्रिय रहना उनके प्रकृति  में नहीं था।वह तो स्पंदित करने वाली बयार की तरह थे जो अपने साथ सदैव ही भावस्निग्धिता को पल्लवित करते अविरलप्रवाहित यात्रा पर रहते थे, कोइ एक ठौर नहीं था। उसी यात्रा पर मेरे जनक श्री महेश नारायण चौधरी जी बढ़ते हुए क्षितिज के पार व्योम में ज्ञान रश्मि बिखेरने  विदेह मुक्त चल पड़े है। वह एक ज्ञान दूत थे। बहुआयामी व्यक्तित्व उनकी विशिष्टता थी।  किसी एक विशिष्ट क्षेत्र में उनके कार्यों व योगदान को सीमित नहीं किया जा सकता, क्योंकि वह जहां एक तरफकिसान थे, वहीँ मिथिला क्षेत्र में अपने समय के प्रसिद्ध गायक थे; जहां वह पत्रकारिता के द्वारा समाज सेवा में लगे रहे, वहीँ आयुर्वैदिक पद्धति से गरीबों व जरूरतमंदों का इलाज करते थे; जहाँ उनको किसी भी विषय को जानने के लिए किसी जिज्ञासु अध्येता सा उत्कंठा थी, वहीँ वह एक कुशल शिक्षक थे।  विरले ही ऐसे उदाहरण होंगे जब विविध गुणों से परिपूर्ण जीवन रचना उपलब्ध हों । उनकी जीवन यात्रा अद्भुत उदाहरणों से भरी ...

Read More »