Home / Slider / ‘अयोध्या: उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक धरोहर’ : योगी को सौंपी ट्राॅफी व प्रशस्ति पत्र

‘अयोध्या: उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक धरोहर’ : योगी को सौंपी ट्राॅफी व प्रशस्ति पत्र

सांस्कृतिक विरासत का सम्मान

डॉ दिलीप अग्निहोत्री
मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या पर विशेष ध्यान दिया। उसमें यहां विकास कार्यों के साथ ही सांस्कृतिक प्रतिष्ठा की पुनर्स्थापना के प्रयास शामिल थे। उसी समय योगी आदित्यनाथ ने पिछली सरकारों पर अयोध्या की उपेक्षा का आरोप लगाया था। उनका कहना था कि पहले सरकारें अयोध्या का नाम लेने से डरती थी। उन्हें लगता था कि ऐसा करने से उनको सेक्युलर छवि खराब होगी। जबकि वर्तमान सरकार ने बिना भेदभाव के प्रदेश को विकसित व अग्रणी बनाने का प्रयास किया।

योगी आदित्यनाथ स्वयं अयोध्या के विकास कार्यो पर ध्यान देते है। वह इसे विश्व स्तरीय पर्यटन केंद्र के रूप में स्थापित करने का प्रयास कर रहे है। इसी के अनुरूप यहॉ सुविधाओं का विकास किया जा रहा है।

प्रथम पुरष्कार का निहितार्थ

राजपथ पर निकाली गई उत्तर प्रदेश की झांकी को प्रथम पुरष्कार मिला। इसका अनुमान राजपथ पर ही मिल गया था। जब दर्शोकों ने खड़े होकर,ताली बजाकर और हाँथ जोड़कर झांकी का स्वागत किया था। यह सम्मान औपचारिक पुरष्कार से भी बहुत ऊपर था। वस्तुतः यह एक झांकी मात्र का सम्मान नहीं था। यह उन कार्यों का भी सम्मान था जो योगी सरकार के दौरान किये जा रहे है। श्री राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त होने के पहले योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या जी में भव्य दीपोत्सव का शुभरम्भ किया था। इसका व्यापक सन्देश गया। देश विदेश के लोग इस दीपोत्सव में सहभागी होने के लिए पहुंचते है। यह भारतीय विरासत का भी सम्मान है। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यहां की सांस्कृतिक विरासत अत्यन्त समृद्ध है। प्रदेश में धार्मिक पर्यटन की असीमित सम्भावनाएं मौजूद हैं। प्रदेश सरकार द्वारा राज्य में पर्यटन आधारित गतिविधियों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। राष्ट्रीय राजधानी में उत्तर प्रदेश की झांकी को प्राप्त प्रथम पुरस्कार से राज्य के सांस्कृतिक एवं धार्मिक पर्यटन को प्रोत्साहन मिलेगा।

योगी को सौंपी ट्राॅफी व प्रशस्ति पत्र

नई दिल्ली में आयोजित परेड में उत्तर प्रदेश द्वारा प्रस्तुत ‘अयोध्या: उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक धरोहर’ विषयक झांकी को राज्य केन्द्र शासित प्रदेशों की श्रेणी में प्रथम पुरस्कार प्रदान किया गया। पुरस्कार के रूप में प्राप्त ट्राॅफी और प्रशस्ति पत्र मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को आज उनके सरकारी आवास पर सौंपा गया। यह पुरस्कार अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल तथा सूचना निदेशक शिशिर ने सौंपा। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री एसपी गोयल उपस्थित थे। यह झांकी प्रदेश के सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग द्वारा प्रस्तुत की गयी थी। मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय स्तर का यह प्रतिष्ठित सम्मान प्राप्त करने पर उत्तर प्रदेश की जनता को बधाई दी। कहा कि हमारे प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत अत्यन्त समृद्ध है। प्रदेश में धार्मिक पर्यटन की असीमित सम्भावनाएं मौजूद हैं। प्रदेश सरकार द्वारा राज्य में पर्यटन आधारित गतिविधियों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। राष्ट्रीय राजधानी में उत्तर प्रदेश की झांकी को प्राप्त प्रथम पुरस्कार से राज्य के सांस्कृतिक एवं धार्मिक पर्यटन को प्रोत्साहन मिलेगा।

इससे पूर्व, केन्द्रीय युवा कार्य एवं खेल राज्यमंत्री किरण रिजिजू ने नई दिल्ली में अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल तथा सूचना निदेशक शिशिर को पुरस्कार के रूप में ट्राॅफी और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया था। नवनीत सहगल ने कहा कि झांकी को पहला स्थान मिलना हम सबके लिए हर्ष और गौरव की बात है। झांकी में प्रदेश की अत्यन्त सम्पन्न विरासत और संस्कृति की झलक दिखाई गयी है। इसमें अयोध्या में बनने वाले राम मन्दिर मॉडल के अलावा रामायण के प्रमुख दृश्य और रामायण की रचना करते हुए महर्षि वाल्मीकि की प्रतिमा भी आकर्षण का केन्द्र रही। अन्य दृश्यों और संगीत के माध्यम से सामाजिक समरसता का संदेश देने की कोशिश की गई है। सूचना निदेशक शिशिर ने उत्तर प्रदेश की झांकी की अपार सफलता का श्रेय मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन, अपर मुख्य सचिव सूचना के दिशा निर्देशन व अपनी टीम की मेहनत को देते हुए कहा कि पावन नगरी अयोध्या ही वह स्थान है,जहां प्रथम बार मानवता को समता का संदेश मिला। हमें इस बात पर गर्व है कि समता का संदेश देने वाली अयोध्या को प्रथम स्थान मिला है।

Check Also

कुंभ में हिंदी कवि सम्मेलन का आयोजन 

साहित्य अकादेमी द्वारा कुंभ में हिंदी कवि सम्मेलन का आयोजन  बुद्धिनाथ मिश्र की अध्यक्षता में ...