Home / Slider / अजीत हत्याकांड के बाद पुलिस अधिकारी एक्शन में, किरायेदारों के सत्यापन की प्रक्रिया शुरू

अजीत हत्याकांड के बाद पुलिस अधिकारी एक्शन में, किरायेदारों के सत्यापन की प्रक्रिया शुरू

पुलिस कमिश्नर ने दिए निर्देश, किराएदारों का सत्यापन ज़रुरी
मकान मालिकों से की अपील
ए अहमद सौदागर
लखनऊ।

अपराध और अपराधियो पर नकेल कसने तथा उनकी धरपकड़ करने के लिए पुलिस कई फार्मूले अपना चुकी है। दुकान, मकान व अपने घरों में अकेले रहने वाले बुजुर्गो की सुरक्षा और किरायेदारों के सत्यापन के लिए वर्ष 2005 में तत्कालीन एसएसपी नवनीत सिकेरा से लेकर अब तक कई अफसरों ने मुहिम छेड़ी, लेकिन परवान कोई भी नहीं चढ़े।
दरअसल राजधानी लखनऊ पुलिस की कमान बदलने के बाद आने वाले नए अधिकारी अपने नजरिए से कुछ नया करने की कोशिश करते हैं। ऐसे में अपनी सोच और वर्किंग के आधार पर वह मातहतों को दिशा-निर्देश देते हैं। ऐसे ही कई योजनाएं और फार्मूले हकीकत के धरातल पर खरे नहीं उतरे।
राजधानी लखनऊ में कमिश्नर प्रणाली लागू होने के बाद 2020 में आईपीएस अधिकारी सुजीत पांडेय पुलिस कमिश्नर बने। कुर्सी संभालने के बाद उन्होंने ने शहर की बिगड़ी यातायात, महिलाओं के साथ होने वाले अपराध पर अंकुश लगाने की कार्ययोजना तैयार की। श्री पांडेय द्वारा चलाई गई योजना कुछ हद तक कारगर साबित हुई। और भी वे कुछ नई रणनीति बनाने की कोशिश में लगे थे कि उनका तबादला हो गया।
इसके बाद राजधानी के पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर बने। बीती छह जनवरी 2021 को विभूतिखंड क्षेत्र स्थित कठौता चौराहे पर जनपद मऊ निवासी पूर्व ब्लॉक प्रमुख अजीत सिंह हत्याकांड मामले में की जांच-पड़ताल और कातिलों की धरपकड़ शुरू हुई तो पता चला कि अजीत के हत्यारे गोमतीनगर विस्तार स्थित आलीशान अपार्टमेंट में किराए पर रहते थे।
यह माजरा देख पुलिस आयुक्त डीके ठाकुर किरायदारों के सत्यापन के लिए योजना चलाने के लिए मुहिम छेड़ दिया है।
उन्होंने ने मकान मालिकों और दुकानदारों से अपील करते हुए कहा कि जो शख्स किसी किरायेदार को किराए पर रखे उसका सत्यापन जरुर कराएं।
वहीं उन्होंने ने बुजुर्गों और बहू-बेटियो की सुरक्षा के लिए भी जोर दिया।
पुलिस कमिश्नरेट से पूर्व राजधानी में किराएदार व नौकर सत्यापन से लेकर अकेले रहने वाले बुजुर्गो के लिए शुरू की गई योजनाएं, नागरिकों के बीच संवाद व चर्चा का विषय रही।
थानों पर घंटा बजवाने, हर सप्ताह पुलिस लाइन में थानों की पुलिस की परेड, थाने पर आगुंतक को बताशा खिलाकर स्वागत व शहर से लेकर गांवों तक पुलिस की सीटी गूंजने जैसे कई फार्मूले शहरवासियों और गांव वालों के सामने आए।
एक पूर्व एसएसपी ने किराएदार सत्यापन के लिए मुनादी भी करवाई थी।
यही नहीं सूदखोरों व भू- माफियाओं के खिलाफ अभियान, पुलिस की बीट वार डायरेक्टरी , सिपाहियों द्वारा क्षेत्र के अपराधियों के नाम-पते की जानकारी, मार्निंग पुलिसिंग से लेकर कई फंडे समय के साथ पुलिस आफिस की फाइलों में कैद होते चले गए।
हकीकत में ऐसी योजनाओं का मकसद आतंक का पर्याय बने अपराधियों पर अंकुश लगाने के साथ पुलिस की कार्यशैली को दुरुस्त करना रहा, लेकिन उनके हटते ही नए पुलिस अधिकारी ने ऐसी योजनाओं पर तवज्जो नहीं दी।
नतीजतन सभी कवायद और मेहनत व्यर्थ चली गई और पुलिस को उसके अहम परिणाम नहीं मिल सके।
राजधानी में अब पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर एक बार फिर किराएदारों और नौकरों-चाकरों के सत्यापन कराने के लिए मुहिम छेड़ दिया है।

क्या कहते हैं पुलिस कमिश्नर

पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर के मुताबिक शहरी क्षेत्र से लेकर ग्रामीण इलाकों में जो भी शख्स अपने मकान या फिर दुकान पर किराएदार रखें उसका सत्यापन जरुर कराने के निर्देश दिए गए हैं।
उन्होंने ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि सत्यापन कराने से डरें नहीं क्यों कि इससे खुद को भी सुरक्षित महसूस करेंगे।
पुलिस कमिश्नर ने साफ तौर पर कहा है कि पुलिस से बचने के लिए लोग-बाग थानों पर नहीं जातें हैं, लिहाजा लापरवाही बरतने से दुकान मालिक और मकान मालिक के साथ भी कोई घटना घटित हो सकती है।
उन्होंने ने लोगों से अपील करते हुए कहा है कि मकान या फिर दुकानों पर किराएदार रखने से पहले उनका नाम-पता और आईडी प्रूफ जरुर ले और इसकी सूचना स्थानीय पुलिस को अवश्य दें, ताकि किसी भी घटनाओं के अनावरण करने में पुलिस को मदद मिल सके।

Check Also

कुंभ में हिंदी कवि सम्मेलन का आयोजन 

साहित्य अकादेमी द्वारा कुंभ में हिंदी कवि सम्मेलन का आयोजन  बुद्धिनाथ मिश्र की अध्यक्षता में ...