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पौष मास की सफला एकादशी का व्रत आज 26 दिसंबर 2024 को

सफला एकादशी आज
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हिन्दू धर्म में जिस प्रकार त्रयोदशी तिथि भगवान शिव को समर्पित होती है। ठीक उसी प्रकार एकादशी तिथि जगत के पालनहार भगवान विष्णु को समर्पित मानी गई है। साल में कुल २४ एकादशी तिथि पड़ती हैं। धर्म शास्त्रों में एकादशी तिथि का विशेष उल्लेख मिलता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, एकादशी के दिन सच्चे मन से श्रीहरि विष्णु संग मां लक्ष्मी की उपासना करने से हर कार्य में सफलता प्राप्ति होती है और व्यक्ति तरक्की करता है। एकादशी के दिन अन्न-धन का दान करने से जातक को जीवन में कभी भी अन्न और धन की कमी का सामना नहीं करना पड़ता है। हर साल पौष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को सफला एकादशी मनाई जाती है।

पौष मास की पहली एकादशी कब है?
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वैदिक पंचांग के अनुसार, पौष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि २५ दिसंबर को रात १० बजकर २९ मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इस एकादशी तिथि का समापन २७ दिसंबर की तड़के रात १२ बजकर ४३ मिनट पर होगा। ऐसे में २६ दिसंबर को सफला एकादशी व्रत रखा जाएगा। पौष माह की पहली एकादशी यानी सफला एकादशी साल २०२४ की आखिरी एकादशी होगी।

सफला एकादशी व्रत का पारण कब है?
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सफला एकादशी व्रत का पारण २७ दिसंबर को सुबह ०७ बजकर १२ मिनट से लेकर ०९ बजकर १६ मिनट के बीच कर सकते हैं। द्वादशी तिथि का समापन २८ दिसंबर को तड़के रात ०२ बजकर २६ मिनट पर होगा।

सफला एकादशी का व्रत रखने से क्या होता है?
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सफला एकादशी व्रत को करने से सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होती है।
सफला एकादशी के दिन भगवान विष्णु और लक्ष्मी जी की पूजा का विधान है।
सफला एकादशी का व्रत करने से लंबी आयु का वरदान प्राप्त होता है।

सफला एकादशी का व्रत करने से आय और सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है। सफला एकादशी का व्रत रख सच्चे मन से पूजा करने से मनोकामना पूरी होती है।
सफला एकादशी का व्रत करने से जीवन के दुख और संकट दूर होते हैं।

सफला एकादशी का व्रत करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। सफला एकादशी के दिन दान करने से आर्थिक तंगी से छुटकारा मिलता है।

सफला एकादशी का महत्‍व
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सफला एकादशी पर तुलसी का पौधा लगाना बहुत शुभ माना जाता है। इस दिन तुलसी लगाने से धन-समृद्धि बढ़ती है। घर के उत्तर, पूर्व या उत्तर-पूर्व दिशा में तुलसी का पौधा लगाएं। अगर व्रत नहीं रख सकते, तो भी साल की अंतिम एकादशी होने की वजह से इस दिन विधि-विधान से पूजा करें और दान पुण्‍य जरूर करें। ऐसा करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं। सफला एकादशी पर भगवान विष्णु को खीर का भोग लगाएं। खीर में तुलसी दल जरूर डालें। तुलसी का पौधा घर में सकारात्मक ऊर्जा लाता है। इसलिए सफला एकादशी पर तुलसी जरूर लगाएं। तुलसी को लक्ष्मी का रूप माना जाता है। इसलिए तुलसी की पूजा करने से धन की प्राप्ति होती है। सफला एकादशी पर व्रत रखने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। अगर व्रत संभव न हो, तो पूजा-पाठ करके प्रसाद ग्रहण करें। इससे भी पुण्य मिलता है।

केले का भोग
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धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान विष्णु को पीला रंग बेहद प्रिय है, ऐसे में सफला एकादशी के दिन उन्हें केले का भोग लगाएं। मान्यता है कि केले का भोग लगाने से वह प्रसन्न होते हैं और साधक की सभी समस्याएं दूर करते हैं।

*पौष कृष्ण पक्ष/सफला एकादशी*
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पद्म पुराण में पौष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी के विषय में युधिष्ठिर के पूछने पर भगवान श्रीकृष्ण बोले – बडे-बडे यज्ञों से भी मुझे उतना संतोष नहीं होता, जितना एकादशी व्रत के अनुष्ठान से होता है। इसलिए एकादशी-व्रत अवश्य करना चाहिए।

पौष मास के कृष्ण पक्ष में सफला नाम की एकादशी को भगवान नारायण की विधिपूर्वक पूजा करनी चाहिए। यह एकादशी कल्याण करने वाली है। एकादशी समस्त व्रतों में श्रेष्ठ है।

इस एकादशी के प्रताप से ही पापाचारी लुम्भकभव-बन्धन से मुक्त हुआ। सफला एकादशी के दिन भगवान विष्णु को ऋतुफल निवेदित करें। जो व्यक्ति भक्ति-भाव से एकादशी-व्रत करता है, वह निश्चय ही श्रीहरि का कृपापात्र बन जाता है। एकादशी के माहात्म्य को सुनने से राजसूय यज्ञ का फल प्राप्त होता है।

भगवान श्री कृष्ण इस व्रत की बड़ी महिमा बताते हैं। इस एकादशी के व्रत से व्यक्तित को जीवन में उत्तम फल की प्राप्ति होती है और वह जीवन का सुख भोगकर मृत्यु पश्चात विष्णु लोक को प्राप्त होता है (ब्रम्हवैवर्त पुराण, पद्म पुराण). यह व्रत अति मंगलकारी और पुण्यदायी है। (ब्रम्हवैवर्त पुराण, पद्म पुराण)

*पनपा “गोरखपुरी”*

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