उत्तर प्रदेश में विधान सभा के 37 घंटे के विशेष सत्र के विशेष नायक बने तीन विधायक, सदन के बाहर भी 37 घंटों के दौरान कहीं बैठे नहीं तीनों युवा विधायक।
लखनऊ।
उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती को प्रदेश के विकास की अमरगाथा को 36 घंटे तक अनवरत चलने वाला विधानसभा व विधान परिषद का विशेष सत्र आयोजित कर, इतिहास के स्वर्णिम पन्नों में दर्ज करा दिया है। वास्तव में केन्द्र समेत पूरे देश के समस्त प्रांतों में चर्चा का विषय बना हुआ है।
इस विशेष सत्र में 403 विधायकों के सदन में भले ही लगभग पूरे विपक्ष ने बहिष्कार किया हो और पक्ष के विधायक व मंत्री गण दो दिनों में आते जाते रहें हों, लेकिन तीन युवा विधायकों ने मुख्यमंत्री के संकल्प को अपनी दृढ़ शक्ति बनाकर पूरे 37 घंटे का सत्र में निरंतर उपस्थिति रहकर विशेष सत्र के विशेष नायक हो गये हैं।
इन तीन विधायकों ने बुधवार सुबह 10.30 बजे सदन शुरू होने के पहले जो अपनी-अपनी सीट संभाली, दूसरे दिन गुरुवार रात 11.40 तक सदन खत्म हो जाने तक नहीं छोड़ी।
सदन में निरंतर उपस्थित रहने वाले तीन विधायकों में एक हैं गोंडा के युवा विधायक प्रतीक भूषण सिंह, दूसरे हैं मिल्कीपुर विधानसभा के विधायक बाबा गोरखनाथ और तीसरे विधायक हैं रवि सोनकर। तीनों ने विधानसभा के अंदर केवल मूक दर्शक ही नहीं, वरन् अपने क्षेत्र की समस्याओं और उनके निराकरण का अपना विजन देकर मुख्यमंत्री समेत अन्य वरिष्ठ विधायकों का ध्यान आकर्षित किया।
सदन में 36 घंटे बैठे रहने की प्रेरणा मिलने के सवाल पर प्रतीक भूषण का कहना है कि हमारे मुख्यमंत्री ने विशेष सत्र विशेष अवसर पर बुलाया था, यह ऐतिहासिक सत्र था, हमने भी देखा कि मुख्यमंत्री का संकल्प है, मुख्यमंत्री का संकल्प हमारा अपना लक्ष्य है जिसे उन्होंने पूरा करने का प्रयास किया है। मिल्कीपुर विधायक गोरखनाथ बाबा ने बताया कि इन 37 घंटों के दौरान वो लोग दैनिक क्रियाओं के निष्पादन के लिए और भोजन के लिए क्रमवार सदन से बाहर गये मगर वहां पर किसी भी कुर्सी या बिस्तर पर बैठे नहीं। सदन की कुर्सी पर ही बैठने का संकल्प बनाया। रवि सोनकर कहना है कि मुख्यमंत्री उन्हें जो भी लक्ष्य देंगे, उन्हें पूरा करना उनका कर्तव्य है। यहीं मेरा उद्देश्य है।