जय जय जय श्रीराम
सरयू तट पर ज्योति पुंज
हुई अयोध्या धाम
व्याकुलता मन की गई
जय जय जय श्रीराम
मर्यादा स्थापित हुई
पित्रधर्म निर्वाह
केवट सबरी वनवासी
समरसता सद्भाव
वैभवशाली लंका थी
अहंकार का नाश
रामराज्य कायम हुआ
जय जय जय श्रीराम
डॉ दिलीप अग्निहोत्री
चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मर्यादापुरुषोत्तम भगवान राम के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। चैत्र नवरात्र के 9 दिन देवी मां का व्रत रखा जाता है और अंतिम दिन को रामनवमी के रूप में देशभर में धूमधाम से मनाया जाता है। देशभर के प्रमुख धार्मिक स्थलों पर इस दिन मेला लगता है और धूमधाम से प्रभु श्रीराम का जन्मोत्सव मनाया जाता है। इस दिन देवी मां की विशिष्ट विधिविधान के साथ पूजा और हवन किया जाता है। अयोध्या में इस बार हिंदू नववर्ष पर रामलला की मूर्ति को अस्थाई भवन में शिफ्ट कर दिया गया है।