*🌺भारत ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने के लिए ऐतिहासिक चंद्रयान-3 चंद्रमा रोवर किया लॉन्च*
*💥चंद्रयान-3 की सुरक्षित व ऐतिहासिक लैंडिंग हेतु आज की परमार्थ निकेतन, गंगा आरती की समर्पित*
*🌸गंगा जी के जल में खडे होकर सुरक्षित लैंडिंग हेतु किया यज्ञ व प्रार्थना*
*🌼पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष श्री एस. सोमनाथ जी और पूरी टीम को दिया धन्यवाद*
*💥इस अवसर पर भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक डॉ. विक्रम साराभाई और मिसाइल मैन व पूर्व राष्ट्रपति ए॰ पी॰ जे॰ अब्दुल कलाम साहब को किया याद*
ऋषिकेश, 22 अगस्त।
परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि चंद्रयान-3 मिशन ने चंद्र कक्षा सम्मिलन (एल.ओ.आई.) के सफलतापूर्वक पूर्णता के साथ एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। लगातार तीसरी बार इसरो ने मंगल ग्रह की कक्षा में प्रवेश करने के अलावा अपने अंतरिक्ष यान को चंद्रमा की कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित किया है, यह पूरे भारत के लिये गर्व व गौरव का विषय है, यह हमारे लिये ऐतिहासिक क्षण है।
चंद्रयान-3 की चंद्रमा के दक्षिण ध्रुवीय क्षेत्र में सॉफ्ट लैंडिंग हेतु आज की परमार्थ निकेतन गंगा आरती समर्पित की गयी। पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी, परमार्थ गुरूकुल के ऋषिकुमारों व सभी श्रद्धालुओं ने माँ गंगा का अभिषेक कर चन्द्रायन -3 की सॉफ्ट एवं सुरक्षित लैंडिंग हेतु प्रार्थना की। चंद्रयान-3 मिशन अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने में सफल हो इस हेतु सभी ने यज्ञ में आहुतियाँ समर्पित की।
इस अवसर पर पूज्य स्वामी जी ने मिसाइल मैन व पूर्व राष्ट्रपति ए॰ पी॰ जे॰ अब्दुल कलाम साहब को याद कर भावभीनी श्रद्धाजंलि अर्पित की।
पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि भारत के ऊर्जावान प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में हमने वेदों से विमान तक और उपनिषद्ों से उपग्रहों तक अनेक उपलब्धियाँ हासिल की हैं। कल का दिन हम सभी भारतवासियों के लिये ऐतिहासिक दिन है। चंद्रयान-3 की सुरक्षित व ऐतिहासिक लैंडिंग सभी भारतवासियों के लिये गर्व का विषय है। भारत निरंतर ऐतिहासिक उपलब्धियों को हासिल कर रहा है। अपनी तकनीकी प्रगति के साथ, इसरो देश में विज्ञान और विज्ञान संबंधी शिक्षा में अभूतपूर्व योगदान प्रदान कर रहा है। इस हेतु इसरो की पूरी टीम का अभिनन्दन व साधुवाद।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने आज भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक डॉ. विक्रम साराभाई को याद करते हुये कहा कि उनकी यह दूरदर्शिता ही थी कि आज हम अंतरिक्ष के संसाधनों में इतना समर्थ है। भारत इसी तरह निरंतर प्रगति करता रहे, हमारे युवाओं का रूझान इसी तरह अंतरिक्ष कार्यक्रमों की ओर बढ़ता रहे।
आज की परमार्थ निकेतन गंगा आरती, प्रार्थना और यज्ञ चंद्रयान-3 की सुरक्षित व ऐतिहासिक लैंडिंग हेतु समर्पित की।
वीरेंद्र मिश्र
घूमता आईना