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इलाहाबाद में तोड़े गये थे सौ-सौ साल पुराने मकान !!!

कुंभ व स्मार्टसिटी विकास का गोरखधंधा, बिना जोनल प्लान-अधिग्रहण के प्रयागराज में तोड़े गये थे सौ-सौ साल पुराने मकान, अब राजापुर के ध्वस्तीकरण की योजना, टेंडर मांगे गये।

वरिष्ठ पत्रकार जे.पी.सिंह की कलम से

कुंभ-2019 बीत चुका है, पर प्रयागराज के नगरवासी भूमिधारी जमीनों पर बने अपने सौ-सौ साल तक पुराने पक्के मकानों के ध्वस्तीकरण का दर्द नहीं भूल सके हैं।अभी भी भवनों के ध्वंसावशेष पूरे नगर में देखे जा सकते हैं, क्योंकि उनमें रहने वाले परिवारों की इतनी हैसियत नहीं है कि वे अपने टूटे भवनों के बचे हिस्से की मरम्मत और रंग रोगन करा सकें।

दरअसल पूरा जिला प्रशासन और प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने बिना मुआवजा दिये और बिना भूमिधारी जमीन का अधिग्रहण किये ध्वस्तीकरण अभियान चलाया और प्रभावित नागरिकों को कोर्ट के आदेश के नाम पर भयादोहित किया था, जबकि इलाहाबाद हाईकोर्ट में उसकी पोल खुल चुकी है कि कोई जोनल प्लान ही नहीं है और प्रस्तावित बाइलॉज को पहले से लागू बाइलॉज के विपरीत होने के कारण अनुमोदित नहीं किया जा सकता।

कुंभ2019 की तैयारी और उसी में समाहित स्मार्ट सिटी योजना के तहत पूरे इलाहाबाद(अब प्रयागराज)में सभी पुराने मोहल्लों में सडक चौड़ीकरण के नाम पर सौ सौ साल के भूमिधरी जमीनों पर बने मकानों को कोर्ट आदेश का भय दिखाकर इलाहाबाद (अब प्रयागराज)विकास प्राधिकरण, नगर निगम और जिला प्रशासन द्वारा ध्वस्त करा दिया गया। न भूमिधरी जमीन का अधिग्रहण किया गया, न ही कोई मुआवजा दिया गया। इसमें प्रस्तावित जोनल प्लान का हवाला दिया गया जिसकी कोई वैधानिकता कानून की नजर में नहीं है।

उ0प्र0 नगर नियोजन और विकास अधिनियम 1973 की धारा 17 एवं संविधान के अनुच्छेद 300 का यह खुला उल्लंघन है।

अवैध तोड़फोड़ के विरुद्ध कई मुकदमें इलाहाबाद हाईकोर्ट में दाखिल किये गये हैं। अब प्रस्तावित जोनल प्लान की आड़ में राजापुर के म्योर रोड पर ध्वस्तीकरण अभियान चलना है और इसके चौडीकरण का ऑनलाइन टेंडर भी प्रयागराज विकास प्राधिकरण (पीडीए) ने जारी कर दिया है।

गौरतलब है कि हाईकोर्ट में पीडीए ने स्वीकार किया है कि प्रयागराज में केवल ज़ोन बी4(1)के जोनल प्लान का अनुमोदन हुआ है। प्रयागराज में कुल 7 ज़ोन हैं। ज़ोन-बी में पांच उपजोन हैं। केवल बी- 4 उप ज़ोन का जोनल प्लान ही तैयार किया गया है।

धारा-9 उत्तर प्रदेश अर्बन प्लानिंग एंड डेवलपमेंट एक्ट 1973 के अनुसार मास्टरप्लान बनने के साथ साथ या जितनी जल्दी हो सके, जोनल प्लान तैयार होना चाहिये।मास्टर प्लान की अधिसूचना वर्ष 2011में जारी हुई और 8 साल बीत गये लेकिन अबतक जोनल प्लान नहीं बने।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शहर के मास्टर प्लान व जोनल प्लान के सम्बंध में कहा है कि केवल सिविल लाइंस में ही जोनल प्लान है। 19 साल बीत गये, पूरे शहर का जोनल प्लान तैयार नहीं किया जा सका। कोर्ट ने प्रस्तावित बाइलॉज को पहले से लागू बाइलॉज के विपरीत होने के कारण अनुमोदित करने से इनकार कर दिया और कहा कि उच्चतम न्यायालय के निर्देश के अनुसार बाइलॉज तैयार किया जाये। हाईकोर्ट कोर्ट ने प्रयागराज विकास प्राधिकरण के सचिव से इस मामले में छह नवंबर को प्रगति रिपोर्ट मांगी है।

मजेदार तथ्य यह है कि प्रयागराज का राजस्व रिकार्ड वर्ष 1913 में अधिसूचित हुए 2013 फसली का है। गाँव क्षेत्रों में तो चकबंदी से राजस्व रिकार्ड अद्यतन हो रहा है, पर नगर क्षेत्रों का राजस्व रिकार्ड वर्ष 1913 के बाद अद्यतन नहीं किया गया है।एक आरटीआई सूचना में पीडीए ने कहा है कि उसके पास 2013 फसली का राजस्व मानचित्र उपलब्ध नहीं है। अब लाख टके का सवाल यह है कि किस आधार पर प्रयागराज का मास्टर प्लान और जोनल प्लान अब तक बनाया जाता रहा है।

राजापुर के नागरिकों ने प्रमुख सचिव आवास एवं शहरी नियोजन उ0प्र0 शासन, लखनऊ तथा पीडीए के उपाध्यक्ष को प्रतिवेदन देकर बिना किसी निर्णय होने के ई-निविदा सूचना दिनांक 07.09.2019 के क्रमांक-7 पर अंकित सड़क चौड़ीकरण के प्रस्तावित कार्य को निरस्त किये जाने की मांग की है।

प्रतिवेदन में कहा गया है कि राजापुर, स्टैनली रोड, म्योर रोड चौराहे से पश्चिम ओर म्योर रोड, क्लाइव रोड चौराहे तक है। म्योर रोड के दोनों ओर पुरानी निर्मित घनी, मलिन बस्ती है, जो कि अंग्रेजों के जमाने से बसी हुई है। उक्त क्षेत्र के सड़क के दोनों ओर 95 फीसद भूमि निजी भूमिधरी (फ्रीहोल्ड) है।

मास्टरप्लान 2021 में म्योर रोड, राजापुर क्षेत्र के सड़क के दोनों ओर बाजार स्ट्रीट तथा नीचे दुकान ऊपर मकान (निवास) के रूप में निर्मित दिखाया गया है। उक्त क्षेत्र मलिन एवं अति-लो लैण्ड क्षेत्र में आता है। मास्टरप्लान 2021 में म्योर रोड, राजापुर क्षेत्र की चौड़ाई गहराई महायोजना के मानचित्र नं0-9 के क्रमांक संख्या-18 पर यथावत रखा गया है। पेज नं0-56 पर उक्त क्षेत्र को निर्मित क्षेत्र घोषित किया गया है व पेज नं0-179 में सुझाव आपत्ति क्रमांक-19 पर भी उक्त क्षेत्र (सड़क को) यथावत रखने की संस्तुति प्रदान किया गया है एवं सड़क की चौड़ाई व गहराई सन् 1913 (फसली वर्ष 1320) में हुए शासकीय राजस्व की अन्तिम भूमि बन्दोबस्त में महापालिका के अभिलेखों में दी गयी व्यवस्था के अनुसार उक्त सड़क की यथावत स्थिति रखने हेतु आदेश पारित किया गया है।

राजापुर उत्तरी क्षेत्र व म्योर रोड उत्तरी क्षेत्र जोन बी- 5 के अन्तर्गत आता है। इस दक्षिण हिस्से में महायोजना-2021 के विरुद्ध जोन बी-4 प्लान बनाकर बजार स्ट्रीट मात्र दक्षिण तरफ किया गया और बाजार स्ट्रीट की गहराई व चौड़ाई प्रस्तावित 24 मीटर दर्शाया गया है। उक्त क्षेत्र में दक्षिण तरफ अंग्रेजों का कब्रिस्तान और सड़क के बीच में नागरिकों/निवासियों का निजी भूमिधरी (फ्रीहोल्ड) अंग्रेजों के जमाने से पहले से है।

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