सिंगापुर पुलिस को पहला व शारजाह पुलिस को दूसरा स्थान मिला। अमेरिका, आस्ट्रेलिया जैसे बड़े बड़े देश पिछड़ गए।
यूपी पुलिस को दुबई में मिला आपात पुलिसिंग में विश्व में तीसरा स्थान
स्नेह मधुर
लखनऊ।
हर कोई अपनी उंगली को दांतों के नीचे दबा लेगा यह सुनकर कि उत्तर प्रदेश की पुलिस अंतरराष्ट्रीय मानकों को पूरा करने में पूरे विश्व में तीसरे पायदान तक पहुंच गई है। है न हैरान कर देने वाली खबर कि जिस पुलिस की हर वक्त आलोचना करना हमारी संस्कृति का हिस्सा बन चुका है, वह विदेशी और आदर्श समाज के लोगों के बीच अपनी कैसी अच्छी पहचान रखती है, यह निश्चित रूप से आश्चर्यचकित कर देने वाली ही बात मानी जायेगी। यानी हमारा नजरिया अभी तक का वहीं है कि घर का जोगी जोगना, आन गांव का सिद्ध!
मानो तो सच है, न मानो तो आपकी मर्जी! लेकिन सच्चाई यही है और यह खबर विदेश से आयी है इसलिए सच ही होगी क्योंकि हमारा मानना है कि विदेश की हर चीज स्टैंडर्ड पर खरी उतरती है। हमारी भी कभी हनक हुआ करती थी लेकिन शताब्दियों पूर्व जिसकी जानकारी सिर्फ़ किताबों में ही मिलती है।
यह खबर गर्व से सीना चौड़ा कर देनी वाली ही खबर है कि दुनिया भर के पांच सौ प्रतिभागियों के बीच यूपी पुलिस ने यह मेडल हासिल किया है। इसके लिए यूपी पुलिस के मुखिया ओपी सिंह को निश्चित रूप से श्रेय तो जाता ही है कि उन्होंने क्या जादू कर दिया है इस महकमे में जो हमें नहीं दिखाई दे रहा है लेकिन इसे पूरी दुनिया न सिर्फ देख रही है, बल्कि सर्टिफिकेट भी से रही है।
अब यह सोचने वाली बात जरूर हो गई है पुलिस के अंदर ऐसा क्या चलाया जा रहा है जिससे बदलाव दिखने लगा है। एक तरफ ऐतिहासिक रूप से दीपावली शांतिपूर्ण ढंग से मना ली गई। बिना किसी पुलिसिया डंडे के अयोध्या का अत्यन्त शांतिपूर्ण फैसला गुजर गया, बारावफात निकल गया और 112 की आपात सेवा में भी विश्व स्तर पर बाजी मार ली। ओपी सिंह का इसे आखिरी छक्का माना जाए या फिर उम्मीद की जाए कि उनके तरकश से इसी तरह के कुछ और भी तीर निकलेंगें!
खबर के अनुसार दुबई में आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में यूपी 112 आपात सेवा को तीसरा स्थान प्राप्त हुआ है। सिंगापुर पुलिस को पहला व शारजाह पुलिस को दूसरा स्थान मिला। उत्तर प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह ने पुरस्कार मिलने पर प्रसन्नता व्यक्ति करते हुए कहा कि यह पुरस्कार हमें नागरिक सुविधाओं में और सुधार करने के लिए प्रोत्साहित करता है। वह कहते हैं कि इस पुरस्कार से हमारी पुलिस फोर्स का भी मनोबल बढ़ेगा, साथ में हम अन्य प्रतिभागियों से भी सीख लेकर अपनी पुलिस को विश्व में सर्वोत्कृष्ट बनाने की दिशा में अग्रसर होंगे।
अंतरराष्ट्रीय स्तर की इस प्रतियोगिता में पुलिस श्रेणी में विश्व भर से 500 से अधिक पुलिस संस्थाओं (अमेरिका-911, आस्ट्रेलिया 102 और यूरोप 112 आदि) ने प्रतिभाग कर अपना नामांकन कराया था। इसमें 20 संस्थाओं का मूल्यांकन कर्ताओं के विशेषज्ञ पैनल ने अंतिम रूप से चयन किया। बाद में दुबई सरकार, दुबई पुलिस और अवाया के संयुक्त तत्वावधान में पहली बार आयोजित इंटरनेशनल कॉल सेंटर अवार्ड का आयोजन किया गया।
दुबई पुलिस के ब्रिगेडियर जनरल डॉ. अब्दुल्ला अब्दुल रहमान यूसुफ बिन सुल्तान ने यूपी पुलिस को यह पुरस्कार प्रदान किया
पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने कहा कि नवीनतम टेक्नालॉजी और परिष्कृत प्रक्रिया द्वारा कानून का राज स्थापित करने के लिए और भी कोशिशें की जायेगी । उन्होंने बताया कि आपात सेवा 112 की प्रक्रिया शुरू करने के बाद से अब वैज्ञानिक आधार पर गश्त, हर कॉल पर पूर्ण कानूनी कार्रवाई और नागरिकों के पंजीकरण जैसी कई नई चीजें जोड़ी जायेगी। इस वजह से नागरिक सेवाएं और बेहतर होगी।
निश्चित रूप से विश्व स्तर पर यह पुरस्कार पाना उत्तर प्रदेश पुलिस के लिए अत्यंत गर्व का विषय है। इसका श्रेय 112 में कार्य कर रहे हजारों कर्मचारियों को जाता है, जिनकी दिन-रात की मेहनत की वजह से बेहतर रिस्पांस टाइम और नागरिक सुविधाएं मिल पा रही हैं।
इस उपलब्धि के लिए पुलिस की प्रशंसा करने के साथ ही अब वक्त आ गया है कि एक बार हम भी पुलिस के प्रति अपना नजरिया बदल कर देखें। उनमें खामियां देखने के साथ ही उनकी खूबियों पर ताली भी बजाएं। वैसे ही जैसे गांधी जी ने कहा था कि कोई एक गाल पर झापड़ मारे तो दूसरा गाल उसके सामने कर दो, शायद उसमें बदलाव आ जाए!!!