केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा, No Extra Chance!!!
नई दिल्ली।
यूपीएससी की वर्षों से तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों को केंद्र सरकार ने गहरा झटका दिया है। उन्हें कोई नया चांस नहीं मिलेगा। उनका आखिरी चांस जो Corona की वजह से निकल गया तो निकल गया। 25 जनवरी को होगी अगली सुनवाई।
सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों को वर्ष 2021 की सिविल सेवा परीक्षा में अतिरिक्त मौका पाने की उम्मीद थी।
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में आज कहा कि वह पिछले साल कोविड-19 महामारी के कारण संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा में शामिल नहीं होने से अपना आखिरी मौका गंवा देने वाले अभ्यर्थियों को एक और अवसर देने के पक्ष में नहीं है। न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर के नेतृत्व वाली पीठ ने कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) की तरफ से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू के निवेदन का संज्ञान लिया कि सरकार कोविड-19 महामारी के कारण 2020 में सिविल सेवा अभ्यर्थियों को एक और अवसर देने को तैयार नहीं है।
अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ”हम एक और अवसर देने को तैयार नहीं है। मुझे हलफनामा दाखिल करने का समय दीजिए। कल (बृहस्पतिवार) रात मुझे निर्देश मिला है कि हम इस पर तैयार नहीं हैं।”
Bench में न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी भी थे। पीठ ने सिविल सेवा की अभ्यर्थी रचना की याचिका को 25 जनवरी के लिए सूचीबद्ध किया है और केंद्र से एक हलफनामा दाखिल करने को कहा है।
इसके पूर्व सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ को बताया था कि सिविल सर्विसेज के कोविड-19 प्रभावित उम्मीदवारों को सरकार एक और मौका देने पर विचार कर रही है। लेकिन आज सरकार की मंशा बताते हुए कहा कि सरकार का ऐसा कोई इरादा नहीं है।