एक सितम्बर से बेपरवाह तरीके से सड़कों पर वाहन चलाने वालों के लिए बुरे दिन आने वाले हैं. क़ानून का उलंघन करने पर अब इतना ज्यादा जुर्माना लगने वाला है जिससे लोग हिल जायेंगें. खूब झगडे होंगें, आरोप-प्रत्यारोप लगेगें, मान-मनोव्वल होगी. अगर लोगों ने नये क़ानून को मान लिया तो सड़कों पर से आराजकता का खात्मा ही हो जायेगा.
1 सितंबर 2019 से प्रभावी जुर्माने की दर
हेलमेट न लगाना–500 (जुर्माना पहले)–1000 (जुर्माना अब)
ड्राइविंग के समय मोबाइल पर बातचीत–1000(जुर्माना पहले)–5000(जुर्माना अब)
डीएल न होने पर–500 (जुर्माना पहले)–5000 (जुर्माना अब)
परमिट बगैर ड्राइविंग–5000 (जुर्माना पहले)–10,000 (जुर्माना अब)
शराब पीकर वाहन चलाने पर–2000 (जुर्माना पहले)–10,000 (जुर्माना अब)
निरस्त डीएल लेकर चलने पर–500(जुर्माना पहले)–10,000 (जुर्माना अब)
केंद्रीय मोटर यान संशोधन अधिनियम 2019 एक सितंबर से उत्तर प्रदेश में लागू हो जायेगा। केन्द्रीय परिवहन मंत्रालय ने 28 अगस्त को इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है। संशोधन अधिनियम में यातायात नियमों का उल्लंघन करने पर वाहन चालकों को अब पहले से बहुत ज्यादा जुर्माना देना होगा। नये संशोधित अधिनियम में नाबालिग के वाहन चलाते पकड़े जाने पर 25 हजार रुपये का जुर्माना और गाड़ी मालिक को तीन साल तक की सजा का प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही वाहन का पंजीयन भी निरस्त होगा। ये नये कानून निश्चित रूप से सडकों पर कुछ दिनों तक अव्यवस्था के कारण बनेंगें लेकिन जल्दी ही लोग इसे स्वीकार कर लेंगें और सड़क अनुशासन की एक नयी संस्कृति का नज़ारा भी देखने को मिलेगा।
अभी तक की व्यवस्था के अनुसार नाबालिग के वाहन चलाने पर कोई जुर्माना नहीं था। इसी तरह इमरजेंसी वाहन (एंबुलेंस आदि) को रास्ता न देने पर अब तक कोई जुर्माना नहीं था। लेकिन पुराने दिन गये। परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का लक्ष्य हर साल सड़क हादसों में मारे जाने वाले पांच लाख की संख्या को कम करना था। एम्बुलेंस को रास्ता न देने पर सीधे 10 हजार रुपये का जुर्माना भरना होगा। बिना हेलमेट वाहन चलाने पर पर अब 500 रुपये की जगह 1000 रुपये जुर्माना देना होगा।
बिना हेलमेट वाहन चलाने पर पर अब 500 रुपये की जगह 1000 रुपये जुर्माना वसूलने के साथ ही तीन माह के लिए ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) भी निलंबित होगा।
परिवहन विभाग से जुड़े अफसरों का मानना है कि ज्यादा जुर्माने की वजह से लोग ट्रैफिक नियमों का पालन पहले के मुकाबले ज्यादा करेंगे। इससे सड़क दुर्घटनाओं में भी पक्का कमी आयेगी।एक तरह सेः सरकार का यह ऐतिहासिक कदम्माना जायेगा जो जन असंतोष का कारण भी बनेगा लेकिन कडाई से इसका पालन कराये जाने पर लोगों की लापरवाही भरी सोच में भी बदलाव लायेगा।
1 सितंबर से
- ड्राइविंग लाइसेंस के बगैर वाहन चलाने पर 5 हजार रुपए का जुर्माना होगा।
- शराब पी कर वाहन चलाने पर 10 हजार रुपए का जुर्माना होगा।
- एम्बुलेन्स को रास्ता न देने पर 10 हजार रुपए का जुर्माना होगा।
- हेल्मेट के बगैर दुपहिया वाहन चलाने पर एक हजार रुपए का जुर्माना होगा।
- सीट बेल्ट न बांधने पर 1 हजार रुपए का जुर्माना होगा।
- ड्राइविंग के दौरान मोबाइल पर बात करने पर 1 हजार रुपए का जुर्माना होगा।
- ओवर स्पीडिंग पर 1 हजार रुपए का जुर्माना।
- खतरनाक तरीके से वाहन चलाने पर ५ हजार रुपए जुर्माना।
- तेज रफ्तार या रेस लगाने पर 5 हजार रुपए जुर्माना।
- ड्राइविंग लाइसेंस और वाहन रजिस्ट्रेशन के लिए आधार को अनिवार्य किया गया है।
- हिट एंड रन केस में सरकार प्रभावित पक्ष के परिवार को 2 लाख रुपए तक की सहायता देगी।
- यदि कोई किशोर ट्रैफिक नियम तोड़ता है तो वाहन मालिक जिम्मेदार होगा। २५ हजार रुपए का जुर्माना और तीन साल तक की कैद होगी।
- वाहन मालिक अगर यह साबित कर लेता है कि किशोर के ट्रैफिक नियम तोडऩे की घटना के बारे में उसे नहीं पता था तब उसकी जिम्मेदारी नहीं मानी जाएगी। इस केस में वाहन का रजिस्ट्रेशन कैंसिल होगा। किशोर पर जूवेनाइल जस्टिस एक्ट में केस चलेगा।
- किसी दुर्घटना में घायल लोगों की मदद करने वालों को संरक्षण दिया जाएगा। पुलिस उनकी मंशा पर ही पहचान जाहिर कर पाएगी।
- नए नियमों के तहत राज्य सरकारें किसी व्यक्ति या एजेंसी को ओवरलोड वाहन की जांच व जुर्माना लगाने के लिए अधिकृत कर सकती हैं।