इलाहाबाद विश्वविद्यालय परिसर में राष्ट्रीय सेवा योजना द्वारा चलाये जा रहे स्वच्छता पखवाड़ा के क्रम में आज पूर्वान्ह कला संकाय परिसर में स्वयंसेवकों को स्वच्छता शपथ दिलाते हुए इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कुलानुशासक डॉ. राकेश सिंह ने कहा कि हमें न तो स्वयं गंदगी करनी चाहिए और न हीं दूसरे को करने देना चाहिए। स्वच्छता की दिशा में हमारा एक कदम हमारे देश को स्वच्छ बनाने में मदद करेगा।
इस अवसर पर उपस्थित सी.बी.सी.एस. की समन्वयक प्रो. भूमिका रस्तोगी कर ने कहा कि दुनिया के जो देश साफ-सुथरे दिखते हैं वह इसलिए साफ सुथरे हैं कि वहां के नागरिक न तो गंदगी करते हैं और न करने देते हैं।
वहीं अपरान्ह में विज्ञान संकाय परिसर में स्वयंसेवकों को स्वच्छता शपथ दिलाते हुए इलाहाबाद विश्वविद्यालय की अधिष्ठाता, विद्यार्थी कल्याण, प्रो. शांथी सुंदरम ने कहा की हमें प्रयास करना चाहिए कि हम अपने आसपास के लोगों को भी स्वच्छता के लिए तैयार कर सकें। स्वच्छता में योगदान के लिए तैयार कर सकें। हमें स्वच्छता की मुहिम अपने परिवार, इलाके, गांव और कार्यस्थल से शुरू करनी चाहिए। इस अवसर पर बोलते हुए अधिष्ठाता, शोध एवं विकास प्रो. एस. आई रिजवी ने कहा कि हम जब समावेशी विकास की बात करते हैं तो स्वच्छता उसकी आवश्यक शर्त है। कूड़ा-कचरा इधर-उधर फेंकना गर्व का नहीं पश्चाताप का विषय होना चाहिए। सारे काम सरकार के भरोसे नहीं छोड़े जा सकते। इस अवसर पर बोलते हुए विश्वविद्यालय के संयुक्त कुलसचिव मेजर हर्ष कुमार ने कहा कि सभी कामों की सिद्धि के लिए टीम भावना जरूरी होती है। अगर हम टीम भावना से स्वच्छता के लिए काम करेंगे तो इसके लक्ष्यों को बहुत जल्द पूरा कर लेंगे। आज भारत की पहचान दुनिया में बढ़ी है।
कार्यक्रम समन्वयक, राष्ट्रीय सेवा योजना इलाहाबाद विश्वविद्यालय, डॉ. राजेश कुमार गर्ग ने कहा कि हमें स्वच्छ भारत का संकल्प संदेश गांव-गांव, कस्बे- कस्बे और नगर-नगर में प्रचारित प्रसारित करना चाहिए। स्वच्छता संकल्प और शपथ के अवसर पर राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी डॉ. शिवकुमार यादव, डॉ. अवनीश कुमार चतुर्वेदी, डॉ रवीन्द्र प्रताप सिंह, डॉ. प्रमोद कटरा, डॉ. अभय प्रताप पांडेय, डॉक्टर ज्ञान चंद्र सिंह यादव आदि उपस्थित थे।