श्री वीरेंद्र मिश्र, वरिष्ठ पत्रकार और प्रसिद्ध वृत्तचित्र निर्माता द्वारा दिल्ली, प्रेस क्लब आफ़ इंडिया में आयोजित “अभिनंदन समारोह” अपने आप में एक अनूठा समारोह साबित हुआ।
5 अगस्त 2023 को आयोजित इस समारोह में इसके नाम की तरह ना सिर्फ़ कला और साहित्य के दिग्गजो का अभिनंदन हुआ बल्कि मीडिया, विज्ञान और फ़िल्म जगत के कलाकारों की शिरकत से एक बेहतरीन समावेश की प्रस्तुति की गयी।
लेखकों, साहित्यकारों के सम्मान में आयोजित यह समारोह कई मायनों में बहुत महत्त्वपूर्ण इसलिए भी रहा क्योंकि उसी दिन पद्म भूषण शिव मंगल सिंह सुमन जी का जन्मदिन भी था और वहां पुरानी और नई पीढ़ी के लेखकों का अद्भुत संगम भी दिखाई पड़ रहा था l
सुप्रसिद्ध लेखिका पद्मश्री शीला झुंझुनबाला ने इस अवसर पर कहा, “आज के कठिन समय मे अपने-अपने कार्य क्षेत्र मे व्यस्त होने के कारण लेखन कठिन और दुरूह होता जा रहा है फिर भी आज की पीढ़ी साहित्य के विभिन्न क्षेत्रों मे चाहे वह कविता हो, कहानी हो या उपन्यास या गंभीर लेखन जिस सक्रियता के साथ जुड़ी है वह अभिनंदनीय है l”
Facebook, What’s up, Twitter के इस युग मे लेखन के क्षेत्र मे अनेक बदलाव आए हैं l कई बार इसमें आज का युवा लेखक उलझ भी जाता है और भ्रमित भी हो जाता है, इसलिए बदलाव के इस युग मे कई बार हल्कापन भी दिखाई देता है। इस सबके बावजूद हमारे पौराणिक ग्रंथों के कालखंडों पर भी बखूबी लिखा जा रहा है और इनमे समाहित ज्ञान को आधुनिक प्रसंग में भी देखा जा रहा है, यह एक बड़ी बात है। रामायण का पठन-पाठन सर्वाधिक बढ़ा है। उनके विविध आयामो और प्रसंगों को फिर चाहे वह प्रेरक हनुमान हो या फिर रामानुजं जी का अद्भुत जीवन वृत्त ‘विनम्र विद्रोही’, अंग्रेजी, हिंदी दोनो भाषाओँ में इन्हें महत्त्वपूर्ण स्थान मिल रहा है। इस समारोह में सम्मानित होने वाले साहित्यकारों का अनुसंधान और लेखन मर्म विदेशों में भी लोकप्रियता के शिखर पर पहुँच रहा है और प्रसंशनीय है।
आजादी के अमृत महोत्सव काल में भारत के युवा लेखक और लेखिकाएं भारत और भारत के बाहर अपने लेखन की जिस तरह पहचान बना रहे हैं और अपने लेखन के द्वारा भारतीय संस्कृति का परचम देश और विदेश मे लहराते रहे हैं वह ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ की धारणा को चरितार्थ कर रहे हैं और इसे फलीभूत होते देख कर बड़ी प्रसन्नता होती है l
श्री वीरेंद्र मिश्र जी ने साहित्य, कला, फ़िल्म और मीडिया जगत के विभिन्न दिग्गजों : पद्मश्री शीला झुनझुनवाला, प्रसिद्ध लेखिका और समाज सेविका, आनंद वेलयुधन इंडिया चीफ़, आई टी॰ वी, USA, अमित जेमिनी सी॰टी॰ओ॰, प्रेस ट्रस्ट ओफ़ इंडिया, उस्ताद कमाल साबरी प्रख्यात अंतर्राष्ट्रिय सारंगी वादक, डॉ. ओ पी शर्मा महानिदेशक, महर्षि महेश योगी रामायण विश्व विद्यालय, पद्मश्री नलिनी – कमिलिनी विश्व प्रसिद्ध कथक नृत्यांगना, डॉक्टर रीता जयरथ लेखिका और विश्व प्रसिद्ध बॉडी बिल्डर, डI. मृणाल कांत पांडेय, अध्यक्ष – प्रवासी भारतीय संघ, श्री आनंद मिश्र लेखक-अधिवक्ता, भारतीय सर्वोच्च न्यायालय, योगेन्द्र टिक्कू कवि और प्रसिद्ध फ़िल्म अभिनेता, डI. ऋचा अग्रवाल लेखिका और शोधकर्ता, डा. मेहेर वान लेखक, वेज्ञानिक- लेखक विनम्र विद्रोह, संतोष शेखर लेखिका- प्रेरक हनुमान, वंदिता नैन लेखक – अधिवक्ता एवं डॉक्टर वीना शर्मा, आयुर्वेदिक सर्जन को मंच पर एकत्रित कर, इस सामूहिक आयोजन के माध्यम से एक नयी चेतना जगाई है।
इस पूरे आयोजन को अपने दिव्य सुरों से सजाया अंतर्राष्ट्रीय प्रसिद्धि प्राप्त उस्ताद कमाल साबरी की सारंगी और उनकी सम्मोहक बंदिशों ने। उनके द्वारा प्रस्तुत धुन और गायन से उस अभिनंदन समारोह की भव्यता और भी उभरकर सामने आयी। श्री विरेंद्र मिश्र द्वारा इस अनोठे आयोजन से कला और साहित्य जगत में एक नया जोश उत्पन्न हुआ और उपस्थित सभी महानुभावों ने इस तरह के और आयोजन निरंतर करते रहने का आग्रह श्री विरेंद्र मिश्र जी से किया। उनके प्रयासों की जितनी भी प्रसंशा की जाए कम है ।
5 अगस्त 2023 को प्रेस क्लब, दिल्ली में आयोजित अभिनंदन समारोह में जाकर बहुत अच्छा लगा l
लेखकों, साहित्यकारों के सम्मान में आयोजित यह समारोह कई मायनों में बहुत महत्त्वपूर्ण इसलिए भी रहा क्योंकि उसी दिन पद्म भूषण शिव मंगल सिंह सुमन जी का जन्मदिन भी था, वहां पुरानी और नई पीढ़ी के लेखकों का अद्भुत संगम भी दिखाई पड़ रहा था l
आज के कठिन समय मे अपने अपने कार्य क्षेत्र मे व्यस्त होने के कारण लेखन कठिन और दुरूह होता जा रहा है फिर भी आज की पीढ़ी साहित्य के विभिन्न क्षेत्रों मे चाहे वह कविता हो, कहानी हो या उपन्यास या गंभीर लेखन जिस सक्रियता के साथ जुड़ी है वह अभिनंदनीय है l
Facebook, What’s up, Twitter के इस युग मे लेखन के क्षेत्र मे अनेक बदलाव आए हैं l कई बार इसमें आज का युवा लेखक उलझ भी जाता है और भ्रमित भी हो जाता है l इसलिए बदलाव के इस युग मे कई बार हल्का पन भी दिखाई देता है l
इस सबके बावजूद हमारे पौराणिक ग्रंथों के कालखंडों पर भी बखूबी लिखा जा रहा है l यह एक बड़ी बात है l रामायण का सर्वाधिक पठन पाठन बढ़ा है l उनके विविध आयामो और प्रसंगों को फिर चाहे वह प्रेरक हनुमान हो या फिर रामानुजं जी का अद्भुत जीवन वृत्त अंग्रेजी, हिंदी दोनो भाषाओँ में इन्हें महत्त्वपूर्ण स्थान मिल रहा है।
इस समारोह में सम्मानित होने वाले साहित्यकारों का अनुसंधान और लेखन मर्म विदेशों में भी लोकप्रियता के शिखर पर पहुँच रहा है प्रसंशनीय है।
आजादी के अमृत महोत्सव काल में भारत के युवा लेखक और लेखिकाएं भारत और भारत के बाहर अपने लेखन की पहचान बना रहे हैं और अपने लेखन के द्वारा भारतीय संस्कृति का परचम देश और विदेश मे लहराते रहे हैं जानकर प्रसन्नता होती है l
वीरेंद्र मिश्र जी ने साहित्य और कला जगत के विभिन्न दिग्गजों जैसे
आनंद वेलयुधन इंडिया चीफ़, आई टी॰ वी, USA,
अमित जेमिनी सी॰टी॰ओ॰, प्रेस ट्रस्ट ओफ़ इंडिया,
उस्ताद कमाल साबरी प्रख्यात अंतर्राष्ट्रिय सारंगी वादक,
डॉ. ओ पी शर्मा महानिदेशक, महर्षि महेश योगी रामायण विश्व विद्यालय,
पद्मश्री नलिनी – कमिलिनी विश्व प्रसिद्ध कथक नृत्यांगना,
डॉक्टर रीता जयरथ लेखिका और विश्व प्रसिद्ध बॉडी बिल्डर,
डI. मृणाल कांत पांडेय, अध्यक्ष – प्रवासी भारतीय संघ
आनंद मिश्र लेखक-अधिवक्ता, सर्वोच्च न्यालय भारत,
योगेन्द्र टिक्कू कवि और प्रसिद्ध फ़िल्म अभिनेता ,
डI. ऋचा अग्रवाल लेखिका और शोधकर्ता,
डा. मेहेर वान लेखक, वेज्ञानिक- लेखक विनम्र विद्रोह,
संतोषशेखर लेखिका- प्रेरक हनुमान,
वंदिता नैन लेखक – अधिवक्ता
डॉक्टर वीना शर्मा, आयुर्वेदिक सर्जन, को मंच पर एकत्रित कर, इस सामुहिक आयोजन के माध्यम से एक नयी चेतना जगाई है। उनके प्रयास की जितनी भी प्रसंशा की जाए कम है l