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वृंदावन के विकास के लिए रूपरेखा तय

श्रीकृष्ण लीला ग्राम व तीर्थाटन विकास


डॉ दिलीप अग्निहोत्री


यह सन्योग है कि विश्व में हिंदुओं की आस्था के तीन प्रमुख स्थल काशी,अयोध्या व वृंदावन वर्तमान उत्तर प्रदेश में है। इन तीनों स्थानों को विश्व स्तरीय तीर्थाटन व पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने की आवश्यता थी। लेकिन पिछली सरकारों ने इस पर यथोचित ध्यान नहीं दिया।

लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन तीनों स्थानों पर ध्यान दिया है। काशी में अनेक सुधार किए गए। ढांचागत विकास किया गया। अयोध्या में सैकड़ो करोड़ रुपये की योजनाओं पर कार्य चल रहा है। इससे भी एक कदम आगे बढ़ कर योगी आदित्यनाथ ने प्राचीन भव्यता के अनुरूप विकसित करने की कार्ययोजना बनाई है। इसी प्रकार उन्होंने ब्रज विकास प्राधिकरण का गठन किया था। इसको इस तीर्थ क्षेत्र के विकास की जिम्मेदारी दी गई थी।

सी विकास यात्रा के पड़ाव रूप में वृन्दावन बैठक का आयोजन किया जाएगा। इकतालीस दिन तक चलने वाली इस बैठक में भगवान श्रीकृष्ण के प्रसंग व चर्चा का क्रम चलेगा।

योगी आदित्यनाथ इसके लिए पर्याप्त तैयारियों पर स्वयं ध्यान दे रहे है। उन्होंने यहां कृष्ण-लीला ग्राम स्थापित करने का निर्देश दिया। श्री कृष्ण की लीलाओं पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम भी यहां चलते रहेंगे।

वृंदावन बैठक सोलह फरवरी दो हजार इक्कीस से अट्ठाइस मार्च, दो हजार इक्कीस तक चलेगी। यहां आने वाले श्रद्धालुओं और साधु सन्तों के स्नान के लिए यमुना जी में स्वच्छ व प्रचुर जल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने यमुना की जाएगी। जल की स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए दिल्ली सरकार से यमुना नदी में गिरने वाले दूषित जल और अपशिष्टों को रोकने के लिए वार्ता की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने चालीस हेक्टेयर क्षेत्र में अभी से सभी तैयारियां करने का निर्देश दिया है। इस वृंदावन बैठक को लेकर भारत ही नहीं विश्व के अन्य क्षेत्रों में रहने वाले श्रीकृष्ण भक्तों में जिज्ञाषा है। विकास के अनेक काम स्थायी भी होंगे। इस बैठक में श्रीकृष्ण का सन्देश ही नहीं गूंजेगा, बल्कि इस पूरे क्षेत्र के विकास का माहौल भी बनेगा।

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